आप चाहते हैं की आपके बच्चे सही से पढ़ें? उन्ही सही से खाना खिलायिए
-
0:01 - 0:02मै एक बावर्ची और
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0:02 - 0:04एक खाद्य नीति निर्माता हूँ |
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0:05 - 0:08पर मै एक शिक्षकों के खानदान से हूँ |
-
0:08 - 0:11मेरी बहन शिकागो में विशेष ज़रूरतों वाले
बच्चों को पढ़ाती है | -
0:11 - 0:16मेरे पिता ने २५ साल तक पांचवी कक्षा
को पढ़ाने के बाद हालही मे सेवानिवृति ली है| -
0:16 - 0:18मेरे चाचा व चाची प्रोफेसर हैं |
-
0:18 - 0:20मेरे भाई-बेहन सब पढ़ाते हैं |
-
0:20 - 0:24यानि मुझे छोड़ के, मेरे परिवार के
सभी लोग पढ़ाते हैं | -
0:25 - 0:30उन्होंने मुझे सिखाया की सही
जवाब जानने के लिए -
0:30 - 0:32सही सवाल पूछना ज़रूरी है |
-
0:33 - 0:35तो यह हमारे बच्चों की शिक्षा के
-
0:35 - 0:39परिणामों को सुधारने के लिए
सही सवाल कोंन से हैं? -
0:41 - 0:44ज़ाहिर बात है की महत्व क
सवाल कई सारे हैं, -
0:44 - 0:46पर हम यहाँ से शुरुवात करते हैं :
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0:47 - 0:49एक बच्चे के बढ़ते मष्तिस्क
-
0:49 - 0:53और बढ़ते शरीर के बीच क्या
-
0:53 - 0:54संबंध है?
-
0:55 - 0:58हम अपने बच्चों से क्या सीखने
की उम्मीद कर सकते है अगर -
0:58 - 1:02उनका आहार चीनी से भरा है और
ज़रूरी पोषण से रहित है ? -
1:03 - 1:05वो क्या सीख पायेंगे
-
1:05 - 1:09अगर उनके शरीर
भीतर से भूके हैं? -
1:10 - 1:14और जिस तरीके से हम विद्यालयों
के मामले मे पैसा बहाते हैं, -
1:14 - 1:16हमे ठहर कर अपने आप से पूछना चाहिए:
-
1:16 - 1:19क्या हम सचमुच अपने बच्चों को सफलता
के लिए तैयार कर पा रहे है? -
1:20 - 1:22कुछ साल पहले,
-
1:22 - 1:26मै एक खाना बनाने की प्रतियोगिता
का जज था, जिसका नाम "चौप्ड" था | -
1:27 - 1:30इस प्रतियोगिता में चार बावर्चियों को
चुनौती दी जाती है कि रहस्यमयी सामग्री -
1:30 - 1:33इस्तमाल करके सबसे
अच्छा पकवान बनाया जाए | -
1:33 - 1:37मगर यह कार्यक्रम कुछ अलग था --
कुछ खास था | -
1:37 - 1:41बजाये चार उत्तेजित बावर्चियों के जो
लोकप्रियता की दुनिया में जाना चाहते है -
1:41 - 1:43मुझे इस बारे में खास अंदाज़ा नहीं है --
-
1:43 - 1:44(हंसी)
-
1:44 - 1:47यह बावर्ची विद्यालयों में खाना बनाते थे
-
1:47 - 1:50--आप जानते ही होंगे, जिन महिलायों
को आप "लंच लेडीज" बुलाते थे, -
1:50 - 1:53जिन्हें मै "स्कूल शेफ"
(विद्यालय का बावर्ची) बुलाता हूँ. -
1:53 - 1:56ये महिलाएं -- भगवान भला
करे इनका -- -
1:56 - 2:00अपना हर दिन हज़ारों बच्चों के लिए
खाना बना कर निकलती हैं, -
2:00 - 2:04नाश्ता और दोपहर का खाना, सिर्फ $२.६८
(180) प्रति भोजन, -
2:04 - 2:07जिसमे से खाने के सामान की तरफ सिर्फ
एक $ (70) जाता है | -
2:08 - 2:10इस कार्यक्रम मे
-
2:10 - 2:13रहस्यमय सामग्री थी 'क्विन्वा' |
-
2:13 - 2:15अब, मै जानता हूँ आप सब को
-
2:15 - 2:17स्कूल का खाना खाए काफी समय
हो चूका है, और -
2:17 - 2:20हमने पोषकता के मामले मे
काफी उन्नति करली है. -
2:20 - 2:23मगर आज भी क्विन्वा स्कुलो के
कैंटीनों में लोकप्रिय नही है | -
2:23 - 2:25(हंसी)
-
2:25 - 2:26तो यह सचमुच एक चुनोती थी |
-
2:27 - 2:30पर एक पकवान जो मै कभी नहीं
भूलूंगा वह एक महिला ने बनाया था -
2:30 - 2:32जिनका नाम था शेरिल बारबरा |
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2:32 - 2:34शेरील कनेक्टिकट के हाई स्कूल
-
2:34 - 2:36में पोषण निर्देशक थी |
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2:36 - 2:38उन्होंने एक स्वादिष्ट पास्ता बनाया था |
-
2:38 - 2:39वो सचमुच स्वादिष्ट था |
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2:39 - 2:42उसमे इटालियन सॉसेज के साथ
पापरडैली पास्ता था, -
2:42 - 2:44साथ मे केल और पर्मेसन चीज़ |
-
2:44 - 2:47वह बहूत ही स्वादिष्ट था, यानि
रेस्टोरेंट मे परोसे जाने लायक स्वादिष्ट -
2:47 - 2:51मगर उन्होंने क्विन्वा को
बिना पकाए ही पास्ता में -
2:51 - 2:52दाल दिया था |
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2:53 - 2:54यह एक अनोखा चुनाव था,
-
2:54 - 2:57और यह बहुत ही कुरकुरा था |
-
2:57 - 2:59(हंसी)
-
2:59 - 3:04तोह मैंने एक दोष लगाने डाले टीवी जज की
तरह बोला और उनसे पूछा कि -
3:04 - 3:06उन्होंने ऐसा चुनाव क्यों किया.
-
3:07 - 3:10शेरील बोलीं, "पहले तोह, मुझे पता नही है
कि क्विन्वा क्या है |" -
3:10 - 3:11(हंसी)
-
3:11 - 3:15"पर मुझे यह पता है कि
आज सोमवार है, -
3:15 - 3:19और मेरे विद्यालय,
'हाई स्कूल इन द कम्युनिट' मे, -
3:19 - 3:21मै सोमवार को हमेशा
पास्ता बनती हूँ |" -
3:21 - 3:24शेरील ने समझाया कि
उनके बच्चों में से कईं के लिए, -
3:25 - 3:27शनिवार और रविवार को
खाना नही मिलता था | -
3:29 - 3:30ना शनिवार को |
-
3:32 - 3:34ना रविवार को |
-
3:35 - 3:39तोह वह पास्ता बनातीं थी क्यूंकि
वह ये सुनिश्चित करना चाहती थी कि -
3:39 - 3:43वह कुछ ऐसा बनाएं जो
बच्चे ज़रूर खाएं | -
3:45 - 3:47जिससे उनका पेट भर जाए |
-
3:49 - 3:51जिससे वह संतुष्ट हो जाएँ |
-
3:53 - 3:57जबतक सोमवार आता था,
-
3:58 - 4:01उनके बच्चों को इतनी
भूक लग रही होती थी -
4:01 - 4:03कि वो पढ़ने के बारे में
सोच भी नही सकते थे | -
4:04 - 4:08वह सिर्फ कुछ खाना चाहते थे |
-
4:11 - 4:12सिर्फ खाना|
-
4:12 - 4:15दुर्भाग्यता से, आँकड़े भी
यही कहानी सुनाते है | -
4:16 - 4:19हम इसे एक बच्चे
के संदर्भ में देखेंगे | -
4:21 - 4:22और हम अपना ध्यान केन्द्रित
-
4:22 - 4:24करेंगे दिन के सबसे महत्वपूर्ण
भोजन की ओर: नाश्ता -
4:24 - 4:26मिलिए ऐलिसन से |
-
4:26 - 4:27ऐलिसन १२ साल की है,
-
4:27 - 4:29उसका दिमाग बहुत तेज़ है
-
4:29 - 4:32और वह बड़े होकर भौतिक शास्त्री
बनना चाहती है | -
4:32 - 4:36अगर ऐलिसन ऐसे विद्यालय जाए
जहाँ सब बच्चों को एक पौष्टिक नाश्ता -
4:36 - 4:37मिलता है,
-
4:37 - 4:38हमे यह देखने
को मिलेगा | -
4:39 - 4:42उसे पौष्टिक आहार मिलने की
सम्भावना बड़ जायेगी, -
4:42 - 4:45ऐसा आहार जिसमे फल और दूध हो,
-
4:45 - 4:47और चीनी व् नमक की मात्रा कम हो |
-
4:48 - 4:51ऐलिसन के अन्य बच्चों के मुकाबले
मोटा होने के कम आसार होंगे | -
4:51 - 4:53उसको चिकित्सक के पास
कम जाना पड़ेगा | -
4:53 - 4:56उसे अवसाद (डिप्रेशन) की बिमारी
होने के आसार कम होंगे | -
4:56 - 4:58उसका व्यवहार बेहतर होगा |
-
4:58 - 5:01उसकी हाजिरी ज्यादा होगी, और
वह समय पर उपस्थित होगी | -
5:01 - 5:02क्यों?
-
5:02 - 5:05क्योंकि वहां एक पौष्टिक आहार
उसका इंतज़ार कर रहा है | -
5:06 - 5:09यानी की, ऐलिसन का स्वास्थ
एक सामान्य छात्र से -
5:09 - 5:11बेहतर होगा |
-
5:12 - 5:14पर उस बच्चे के बारे मे क्या
-
5:14 - 5:17जिसके लिए एक पौष्टिक आहार
इंतज़ार नही कर रहा ? -
5:17 - 5:18मिलिए टॉमी से |
-
5:19 - 5:21वह भी १२ साल का है |
टॉमी एक लाजवाब बच्चा है | -
5:21 - 5:22वह एक चिकित्सक
बनना चाहता है | -
5:23 - 5:25जब टॉमी बाल विहार
में आता है, -
5:25 - 5:27वह गणित में खराब प्रदर्शन
दिखाना शुरू कर चूका है | -
5:28 - 5:30जबतक वह तीसरी कक्षा में पोहोंचता है,
-
5:30 - 5:33उसे गणित के साथ साथ पढने में
भी परेशानी आ रही है | -
5:34 - 5:36११ साल की उम्र तक
-
5:36 - 5:40सम्भावना है की टॉमी एक साल
दोहरा चूका होगा | -
5:41 - 5:44शोध से पता चला है कि जिन बच्चों
को लगातार पोषण नही मिलता है, -
5:44 - 5:45खासकर के नाश्ते मे,
-
5:45 - 5:49उनकी मानसिक क्षमता कमज़ोर रहती है |
-
5:51 - 5:53तोह यह समस्या
किस पैमाने पे प्रचलित है? -
5:54 - 5:56दुर्भाग्य से, यह काफी फैली हुयी है |
-
5:57 - 5:58मै दो आंकड़े देना चाहूँगा
-
5:58 - 6:01जो एक दुसरे के विपरीत
प्रतीत होंगे, -
6:01 - 6:04पर असल में एक ही
मुद्दे के दो पहलु हैं | -
6:04 - 6:06एक तरफ,
-
6:06 - 6:09६ में से १ अमेरिकन को
पौष्टिक आहार नही मिलता, -
6:09 - 6:13यानी १ करोड़ ६० लाख बच्चों--
तक़रीबन २० प्रतिशत -- -
6:13 - 6:15को सही पोषण नही मिलता |
-
6:15 - 6:17इस शहर, न्यू यॉर्क सिटी में,
-
6:18 - 6:23१८ साल की आयु के नीचे ४,७४,००० बच्चे
हर साल भूख का सामना करते है | -
6:25 - 6:26यह पागलपन है |
-
6:26 - 6:28दूसरी और,
-
6:29 - 6:33आहार और पोषण इस देश में
मौत और बिमारी का सबसे बड़ा ऐसा स्रोत है -
6:33 - 6:34जिसे रोका जा सकता है |
-
6:35 - 6:38और आज हम जिन बच्चों की बात
कर रहे हैं, उनमे से एक तिहाई को -
6:39 - 6:41अपने जीवन में डायबिटीज का
सामना करना पढ़ सकता है | -
6:43 - 6:45अब, जो बात समझना मुश्किल है
पर ज़रूरी भी, वह है की -
6:45 - 6:48इन दोनों पहलुओं में
बच्चे एक ही हैं | -
6:49 - 6:52यह बच्चे हानिकारक और सस्ती मोटापा
बढ़ने वाली चीज़ें खाते है -
6:52 - 6:56जो उनके समुदाय में उपलब्ध है और
जिन्हें उनके परिवार खरीदने में समर्थ हैं | -
6:57 - 6:59पर फिर महीने के आखिर तक,
-
7:00 - 7:03राशन कार्ड की सीमा ख़तम हो जाती है या
काम में कुछ घंटों की कटौती हो जाती है, -
7:03 - 7:06और अब उनके पास खाने की बुनियादी
ज़रूररत के लायक पैसे नही बचते | -
7:08 - 7:11पर फिर तोह हमारे पास इस परेशानी को
सुधारने का उपाय होना चाहिए, हैना ? -
7:11 - 7:13हमे पता है की उपाय क्या हैं |
-
7:14 - 7:18वाइट हाउस में काम करते समय
हमने एक योजना बनायीं, -
7:18 - 7:22जिसमे हर ऐसा विद्यालय जिसमे ४० प्रतिशत
से अधिक कम आए वाले परिवारों के -
7:22 - 7:26बच्चे हैं, उनमे हम हर बच्चे
को नाश्ता और खाना मुफ्त मे -
7:26 - 7:27उपलब्ध कराएँगे |
-
7:28 - 7:30ये योजना बहुत ही
सफल साबित हुयी है, -
7:30 - 7:34क्योंकि इसने हमे बच्चों को
एक सेहतमंद नाश्ता प्रदान करने -
7:34 - 7:38से जुडी एक बेहद ज़रूरी
बाधा पार करने में मदद दी | -
7:38 - 7:40और वो बाधा थी कलंक की |
गरीबी का कलंक | -
7:42 - 7:46देखिये, विद्यालय नाश्ता पढाई
शुरू करने से पहले देते हैं, -
7:48 - 7:52और सिर्फ गरीब वर्ग के
बच्चों को देते हैं | -
7:53 - 7:57तोह सबको पता चल जाता था कि कौन गरीब है और
किसे सरकारी मदद की ज़रूरत है -
7:58 - 8:02अब, हर बच्चे मे, चाहे उनके माता पिता
कम कमाते हों या ज्यादा, -
8:02 - 8:04अभिमान ज़रूर होता है |
-
8:05 - 8:06तोह इस योजना से
क्या हुआ ? -
8:07 - 8:09जिन विद्यालयों ने इस योजना
को अपनाया, -
8:09 - 8:14उनमे गणित और पढ़ने के अंकों में
१७.५ प्रतिशत की बढौतरी हुयी | -
8:15 - 8:17१७.५ प्रतिशत |
-
8:17 - 8:22और शोध ये बताती है की जब बच्चों को लगातार
रूप से पौष्टिक नाश्ता मिलता है, -
8:24 - 8:28उनके विद्यालय से उत्तीर्ण होने की
सम्भावना २० प्रतिशत बढ़ जाती है | -
8:28 - 8:30२० प्रतिशत |
-
8:31 - 8:35जब हम अपने बच्चों को
ज़रूरी पोषण उपलब्ध कराते है, -
8:35 - 8:37हम उन्हें कामयाब होने का एक मौका देते हैं,
-
8:38 - 8:40कक्षा के अन्दर और बाहर भी |
-
8:41 - 8:44आपको इस मामले में मेरा
विशवास करने की ज़रूरत नही है, -
8:45 - 8:47पर आपको डॉना मार्टिन से बात करनी चाहिए |
-
8:47 - 8:49मुझे डॉना मार्टिन बेहद पसंद है |
-
8:49 - 8:53डॉना मार्टिन वाय्नेस्बोरो, जॉर्जिया की
बर्क काउंटी के विद्यालयों में -
8:53 - 8:54पोषण निर्देशक हैं |
-
8:55 - 8:58बर्क काउंटी इस देश के पांचवे
सबसे गरीब राज्य के -
8:58 - 9:00सबसे गरीब विभागों में से एक है,
-
9:01 - 9:07और डॉना के तक़रीबन १०० प्रतिशत
छात्र गरीबी की रेखा के नीचे रहते हैं | -
9:08 - 9:09कुछ साल पहले,
-
9:09 - 9:13डॉना ने निश्चय किया कि वह आने वाले
नए मापदंडों से एक कदम आगे चलेंगीं, -
9:13 - 9:15और अपने पोषण के मापदंडों
में खुद सुधार लायेंगी | -
9:16 - 9:21उन्होंने भोजन में फल, सब्जियां और
अनाज लाकर एक सुधार लाया | -
9:21 - 9:24उन्होंने अपने सारे छात्रों को
नाश्ता उपलब्ध कराया | -
9:24 - 9:26उन्होंने रात्रिभोज की
योजना भी शुरू की| -
9:26 - 9:27क्यों ?
-
9:28 - 9:31क्योंकि उनके बहुत से छात्रों को घर पे
रात को खाना नही मिलता था | -
9:32 - 9:34तोह इस योजना पे बच्चों की
कया प्रतिक्रिया थी ? -
9:34 - 9:37बच्चों ने खाना बहुत पसंद किया |
-
9:38 - 9:39उन्होंने बेहतर पोषण, और
-
9:39 - 9:41भूका न रहना भी पसंद किया |
-
9:43 - 9:46मगर डॉना के सबसे बड़े समर्थक
एक अप्रत्याशित जगह से आए | -
9:47 - 9:49उनका नाम था एरिक पार्कर,
-
9:49 - 9:53और वह बर्क काउंटी बेअर्स के
फुटबॉल कोच (प्रशिक्षक) थे | -
9:54 - 9:57कोच पार्कर सालों से मामूली टीमों
को सीखते आ रहे थे | -
9:57 - 10:00उनकी टीम 'बेअर्स' ज़्यादातर
मध्य श्रेणी में रह जाती थी -- -
10:00 - 10:03जो एक फुटबॉल के प्रति
उत्साहिक प्रदेश में -
10:03 - 10:04एक बड़ी निराशा थी |
-
10:05 - 10:09मगर जिस साल डॉना ने यह
योजना अपनाई, -
10:09 - 10:13'बेअर्स' न सिर्फ अपनी
श्रेणी में जीते, -
10:13 - 10:15उन्होंने राज्य प्रतियोगिता मे
भी जीत हासिल की, -
10:15 - 10:18जिसके लिए उन्होंने
पीच काउंटी ट्रोजन्स को -
10:18 - 10:19२८-१४ से मात दी |
-
10:19 - 10:21(हंसी)
-
10:21 - 10:23और कोच पार्कर ने
-
10:24 - 10:27इस जीत का श्रे
डॉना मार्टिन को दिया | -
10:29 - 10:32जब हम अपने बच्चों
को ज़रूरी पोषण देते हैं, -
10:32 - 10:33वह फलते-फूलते हैं |
-
10:34 - 10:37और यह सिर्फ इस दुनिया
की शेरील बार्बराओं और -
10:37 - 10:39डॉना मार्तिनों की
ज़िम्मेदारी नही है | -
10:40 - 10:41हम सब इसमें भागीदार हैं |
-
10:42 - 10:47और हमारे बच्चों को सही पोषण
देना सिर्फ एक शुरुवात है | -
10:48 - 10:49जो नमूना मैंने आज सामने
रखा है वह वर्तमान -
10:50 - 10:53के कईं एहम मुद्दों
के लिए उचित है | -
10:54 - 10:59यदि हम स्वयं को सही पोषण देने के एक
आसान लक्ष्य पर अपना ध्यान केन्द्रित करें, -
11:01 - 11:04हम एक ज्यादा स्थिर और सुरक्षित
दुनिया की ओर कदम रखेंगे; -
11:05 - 11:08हम अपनी आर्थिक
उत्पादकता को सुधार पायेंगे; -
11:09 - 11:12हम अपनी चिकित्सक प्रणाली
में अछे बदलाव ला सकेंगे और -
11:13 - 11:14हम यह सुनिश्चित कर पायेंगे
-
11:14 - 11:17की पृथ्वी आने वालीं कई पीढ़ियों से
अपने उपहार बाँट सके | -
11:18 - 11:22भोजन एक ऐसा शेत्र है
जहाँ हमारा सामोहिक प्रयास -
11:22 - 11:24सबसे बड़ा प्रभाव
ला सकता है | -
11:26 - 11:29हमे खुद से पूछना होगा:
सही सवाल क्या है? -
11:29 - 11:30क्या होगा अगर हम
-
11:30 - 11:36ज्यादा पौष्टिक और संपोषित कृषि
द्वारा उगाया हुआ खाना खाएं? -
11:37 - 11:38इसका असर क्या होगा?
-
11:39 - 11:41शेरील बारबरा,
-
11:42 - 11:44डॉना मार्टिन,
-
11:44 - 11:46कोच पार्कर और बर्क काउंटी बेअर्स --
-
11:47 - 11:48उन्हें इसका जवाब पता है |
-
11:48 - 11:50आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया |
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11:50 - 11:54(तालियाँ)
- Title:
- आप चाहते हैं की आपके बच्चे सही से पढ़ें? उन्ही सही से खाना खिलायिए
- Speaker:
- सैम कैस
- Description:
-
हम अपने बच्चों से क्या सीखने की उम्मीद कर सकते है अगर उनका आहार चीनी से भरा है और
ज़रूरी पोषण से रहित है ? वाइट हाउस के पूर्व बावर्ची और भोजन नीती निर्माता सैम कैस चर्चा करते हैं कि विद्यालय अपने बच्चों के मष्तिस्क के साथ साथ उनके शारीर को पोषित करने में कैसा योगदान निभा सकते हैं ? - Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 12:02
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