समलैंगिक, द्विलैंगिक, और परलैंगिक जीवन, दुनिया भर में ऐसा दीखता है।
-
0:00 - 0:03जब मैंने अपने माता पिता को बताया
कि मैं समलैंगिक हूँ, -
0:03 - 0:05तो जो पहली बात उन्होंने मुझसे कही,वह थी,
-
0:05 - 0:07"हम तुम्हें वापस ताइवान ला रहे हैं।"
-
0:07 - 0:09(खिलखिलाहट)
-
0:10 - 0:14उनके हिसाब से मेरी यौन प्रवृत्ति
अमेरिका की गलती थी। -
0:14 - 0:17पश्चिम ने मुझे भटके हुए विचारों से
भ्रष्ट कर दिया था, -
0:17 - 0:20और अगर मेरे माता पिता ने
ताइवान छोड़ा ही ना होता, -
0:20 - 0:23तो उनकी इकलोती बेटी बेटी के साथ
यह कभी हुआ ही नहीं होता। -
0:23 - 0:26सच कहूँ तो, आया तो मेरे दिमाग में भी था,
कि कहीं वह सही तो नहीं कह रहे थे। -
0:26 - 0:28बेशक, एशिया में भी समलैंगिक लोग हैं,
-
0:29 - 0:32बिलकुल वैसे ही जैसे विश्व के हर हिस्से में
समलैंगिक लोग होते हैं। -
0:32 - 0:35परन्तु एक "खुला" जीवन जीने का विचार,
-
0:35 - 0:38"मैं समलैंगिक हूँ, यह मेरी विवाहिता है,
और हमें अपने जीवन पर गर्व है" -
0:38 - 0:42इस विचार वाले तरीके में,
क्या केवल एक पश्चिमी विचार था? -
0:43 - 0:47अगर मैं ताइवान में पली-बड़ी होती,
या पश्चिम के सिवा किसी भी दूसरी जगह में, -
0:47 - 0:49तो क्या मुझे खुश और सम्पन्न
-
0:49 - 0:51समलैंगिक, द्विलैंगिक,
और परलैंगिक लोगों के आदर्श मिलते? -
0:51 - 0:53लीज़ा डैज़ल्स:
मेरी धारणा भी समान थी। -
0:53 - 0:56सैन फ्रैंसिस्को में
एक एचआईवी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में -
0:56 - 0:58मैं कई समलैंगिक आप्रवासियों से मिली।
-
0:58 - 1:01उन्होंने मुझे अपने देश में
समलैंगिक होने के कारण, खुद पर हुए, -
1:01 - 1:02अत्याचारों के बारे में बताया।
-
1:02 - 1:04और उन कारणों के बारे में
-
1:04 - 1:06जिनकी वजह से उन्हें भाग कर
अमेरिका आना पड़ा। -
1:06 - 1:07मैंने देखा कि वह कैसे हताश हो चुके थे।
-
1:07 - 1:0910 वर्षों तक, यह काम करने के बाद
-
1:09 - 1:12मुझे खुद के लिए बेहतर कहानी चाहिए थी।
-
1:12 - 1:14मैं जानती थी
कि यह दुनिया उत्तम होने से कोसों दूर है, -
1:14 - 1:17पर ऐसा तो नहीं हो सकता
कि हर समलैंगिक कहानी दुःखद ही हो। -
1:17 - 1:21जेनी चैंग: तो हमें एक युगल के रूप में,
आशा भरी कुछ कहानियाँ ढूँढने की ज़रूरत थी। -
1:21 - 1:25तो हमने विश्व की यात्रा करने
और ऐसे लोगों को ढूँढने का मिशन शुरू किया, -
1:25 - 1:28जिन्हें हमने आखिर,
"सुपरगेज़" (उत्तम समलैंगिक) का नाम दिया। -
1:28 - 1:31(खिलखिलाहट)
-
1:32 - 1:34यह ऐसे समलैंगिक,
द्विलैंगिक, और परलैंगिक लोग होते -
1:34 - 1:38जो दुनिया में कुछ असाधारण कर रहे थे।
-
1:38 - 1:40यह लोग साहसिक, लचनशील,
-
1:40 - 1:43और उससे भी ज़्यादा
खुद पर गर्व करने वाले होते। -
1:43 - 1:46यह ऐसे लोग थे
जैसा बनने की मैं महत्त्वाकाँक्षा रखती हूँ। -
1:46 - 1:51हमारा इरादा उनकी कहानियों को
फ़िल्म द्वारा दुनिया के साथ बाँटने का था। -
1:51 - 1:52लीज़ा डैज़ल्स: बस एक परेशानी थी।
-
1:52 - 1:55हमें ना तो रिपोर्ट करने का अनुभव था,
और ना ही फिल्म बनाने का। -
1:55 - 1:56(खिलखिलाहट)
-
1:56 - 1:59हमें तो पता भी नहीं था
कि सुपरगेज़ हमें मिलेंगे कहाँ, -
1:59 - 2:02तो हमें बस यह भरोसा रखना पड़ा
कि सब हो जाएगा। -
2:02 - 2:05तो हमने पाश्चिम से दूर, एशिया,
अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में 15 देश चुने, -
2:05 - 2:09जो समलैंगिक, द्विलैंगिक,
और परलैंगिक अधिकारों में विभिन्न थे। -
2:09 - 2:10हमने एक कैमकोर्डर खरीदा,
-
2:10 - 2:13वृत्तचित्र कैसे बनाते हैं,
पर एक पुस्तक खरीदी -- -
2:13 - 2:14(खिलखिलाहट)
-
2:14 - 2:17आज कल आप बहुत कुछ सीख सकते हैं --
-
2:17 - 2:19और दुनिया की सैर के लिए निकल पड़े।
-
2:21 - 2:24जेनी चैंग: हमारी यात्रा के
पहले कुछ देशों में था नेपाल। -
2:24 - 2:28बड़े पैमाने पर गरीबी,
एक दशक लम्बा गृहयुद्ध, -
2:28 - 2:31और हाल ही में आए
एक भयानक भूकम्प के बावजूद भी, -
2:31 - 2:35नेपाल ने बराबरी की लड़ाई में
महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। -
2:35 - 2:40इस आन्दोलन की
एक मुख्य शख्स हैं, भूमिका श्रेष्ठ। -
2:40 - 2:43भूमिका, एक खूबसूरत और जीवंत नारी हैं,
-
2:43 - 2:47जिन्हें अपनी लिंग अभिव्यक्ति के कारण
-
2:47 - 2:51विद्यालय से निष्कासित
और जेल में कैद कर दिया गया। -
2:51 - 2:56पर 2007 में, भूमिका और नेपाल की
एलजीबीटी अधिकार संस्थाने -
2:56 - 2:59नेपाल के उच्चतम न्यायालय में
एलजीबीटी भेदभाव के विरुद्ध -
2:59 - 3:02रक्षा करने के लिए
सफलतापूर्वक याचिका दायर की। -
3:02 - 3:03यह रहीं भूमिका:
-
3:03 - 3:05मुझे किस बात पर सबसे ज़्यादा गर्व है?
-
3:05 - 3:06मैं एक परलैंगिक व्यक्ति हूँ।
-
3:06 - 3:08मुझे अपने जीवन पर बहुत गर्व है।
-
3:08 - 3:1221 दिसम्बर 2007 को
-
3:12 - 3:16उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय दिया
कि नेपाल सरकार -
3:16 - 3:18परलैंगिक पहचान पत्र दे
-
3:18 - 3:20और समलैंगिक विवाह को स्वीकार किया।
-
3:20 - 3:24लीज़ा डैज़ल्स: मैं भूमिका के
निरन्तर आत्मविश्वास की सराहना करती हूँ। -
3:24 - 3:26एक सार्वजनिक शौचालय का प्रयोग करने जैसी
सरल बात भी -
3:27 - 3:29बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है
-
3:29 - 3:32जब आप, लोगों की
सख्त लिंग अपेक्षाओं से भिन्न हों। -
3:32 - 3:34पूरे एशिया में यात्रा करते समय
-
3:34 - 3:36सार्वजनिक शौचालयों में महिलाएँ
मुझसे घबरा जाती थीं। -
3:36 - 3:39उन्हें मुझ जैसे लोगों को
देखने की आदत नहीं थी। -
3:39 - 3:42मुझे शान्ति से शौचालय प्रयोग करने के लिए
एक रणनीति बनानी पड़ी। -
3:42 - 3:43(खिलखिलाहट)
-
3:43 - 3:45तो जब भी मैं किसी शौचालय में जाती,
-
3:45 - 3:48तो अपने नारी भागों को
दिखाने के लिए छाती फुलाकर -
3:48 - 3:50जितना हो सके
खतरा ना लगने का प्रयास करती थी। -
3:50 - 3:52अपना हाथ बढ़ाकर,
"हेलो", कहती थी, -
3:52 - 3:55ताकि लोग बस मेरी ज़नाना आवाज़ सुन सकें।
-
3:56 - 3:59यह सब बहुत थका देता है,
पर मैं यही हूँ। -
3:59 - 4:00मैं और कुछ नहीं हो सकती।
-
4:01 - 4:05जेनी चैंग: नेपाल के बाद हम भारत गए।
-
4:05 - 4:08जहाँ एक तरफ भारत एक हिन्दू समाज है,
-
4:08 - 4:11जिसमें समलैंगिकों से
भय रखने की प्रथा नहीं है। -
4:11 - 4:15वहीं दूसरी तरफ, वह एक बहुत ही गहरी
पितृसत्तात्मक प्रणाली का समाज भी है, -
4:15 - 4:17जो ऐसी किसी भी चीज़ को अस्वीकार कर देता है
-
4:17 - 4:19जो स्त्री-पुरुष व्यवस्था के लिए
खतरा बन सकती है। -
4:19 - 4:21जब हमने सक्रियतावादियों से बात की,
-
4:21 - 4:23तो उन्होंने हमें बताया
कि सशक्त होने की शुरुआत -
4:23 - 4:26उचित लैंगिक बराबरी
सुनिश्चित करने से होती है, -
4:26 - 4:29जहाँ समाज में नारियों का पद स्थापित हो।
-
4:29 - 4:32और उस तरीके से,
समलैंगिक, द्विलैंगिक, और परलैंगिक लोगों के -
4:32 - 4:34पद की भी पुष्टि की जा सकती है।
-
4:34 - 4:37लीज़ा डैज़ल्स:
वहाँ हम राजकुमार मानवेन्द्र से मिले। -
4:37 - 4:40वह दुनिया के पहले
खुले तौर पर समलैंगिक राजकुमार हैं। -
4:40 - 4:44राजकुमार मानवेन्द्र "ओपराह विनफ्री शो" में
बहुत ही अन्तर्राष्ट्रीय तरीके से -
4:44 - 4:44सामने आए थे।
-
4:44 - 4:46उनके माता-पिता ने उन्हें त्याग दिया
-
4:46 - 4:49और शाही परिवार को
अत्यधिक शर्मसार करने का आरोप लगाया। -
4:49 - 4:51हमने राजकुमार मानवेन्द्र के साथ
बैठकर बात की -
4:51 - 4:55कि उन्होंने इतने सार्वजनिक रूप से
सामने आने का निश्चय क्यों किया। -
4:55 - 4:56यह रहे वह:
-
4:56 - 4:58मुझे लगा कि हमारे समाज में
-
4:58 - 5:03यह जो कलंक और भेदभाव मौजूद है
इसको ख़त्म करने की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है। -
5:03 - 5:08और इस बात ने मुझे उकसाया कि मैं सामने आकर
खुले रूप से अपने बारे में बात करूँ। -
5:08 - 5:11चाहे हम समलैंगिक हों,
परलैंगिक हों, द्विलैंगिक हों -
5:11 - 5:14या हम जिस भी लैंगिक अल्प संख्या से हों,
-
5:14 - 5:18हम सब को एक हो कर
अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। -
5:18 - 5:21समलैंगिक अधिकारों को
न्यायालयों में नहीं जीता जा सकता, -
5:21 - 5:23बल्कि उन्हें लोगों के दिल
और दिमाग में जीतना होगा। -
5:24 - 5:26जेनी चैंग: मेरे बाल काटते हुए,
-
5:26 - 5:28जो महिला बाल काट रही थी
उसने मुझसे पुछा, -
5:28 - 5:30"क्या तुम्हारा पति है?"
-
5:30 - 5:32अब, यह एक ख़ौफ़नाक सवाल था,
-
5:32 - 5:35जो मुझे इस यात्रा पर
स्थानीय लोग बहुत पूछते थे। -
5:35 - 5:37जब मैंने उसको यह समझाया
कि मैं एक पुरुष नहीं -
5:37 - 5:39बल्कि एक स्त्री के साथ हूँ
-
5:39 - 5:40तो वह विशवास ही नहीं कर पाई,
-
5:40 - 5:44और उसने मुझसे बहुत सारे सवाल पूछे,
मेरे माता-पिता की प्रतिक्रिया के बारे में, -
5:44 - 5:47और क्या मैं दुःखी हूँ कि मैं कभी
बच्चे पैदा नहीं कर पाऊँगी। -
5:48 - 5:51मैंने उसको बताया
कि मेरे जीवन में कोई हदें नहीं हैं -
5:51 - 5:54और लीज़ा और मैं
एक दिन परिवार बनाने का इरादा रखते हैं। -
5:55 - 5:57अब यह महिला भी मुझे
एक सनकी पश्चिमी व्यक्ति के रूप में -
5:57 - 5:59खारिज करने के लिए तैयार थी।
-
6:00 - 6:02वह यह कल्पना ही नहीं पा रही थी
कि ऐसी विचित्र बात -
6:02 - 6:04उसके अपने देश में भी हो सकती है।
-
6:04 - 6:07जब तक,
मैंने उसे उन सुपरगेज़ के फोटो नहीं दिखाए -
6:07 - 6:09जिनका साक्षात्कार हमने भारत में किया था।
-
6:09 - 6:12उसने राजकुमार मानवेन्द्र को
टेलीविज़न पर देखने के कारण पहचाना -
6:12 - 6:14और जल्द ही मेरे पास और नाई दर्शक थे
-
6:14 - 6:16जो मुझसे मिलने में रूचि रखते थे।
-
6:16 - 6:17(खिलखिलाहट)
-
6:17 - 6:20और उस साधारण दोपहर में,
-
6:20 - 6:23मुझे एक पूरे ब्यूटी सैलून की पहचान
-
6:23 - 6:26उन सामाजिक बदलावों से कराने का मौका मिला
जो उनके अपने ही देश में हो रहे थे। -
6:28 - 6:30लीज़ा डैज़ल्स: भारत से हम
पूर्वी अफ्रीका गए, -
6:30 - 6:33एक ऐसा क्षेत्र जो समलैंगिक,
द्विलैंगिक, और परलैंगिक लोगों के प्रति -
6:33 - 6:34असहिष्णुता के लिए जाना जाता है।
-
6:34 - 6:38केन्या में, अपने परिवारों के आगे
खुलकर सामने आने वाले 89 प्रतिशत लोगों को -
6:38 - 6:39त्याग दिया जाता है।
-
6:39 - 6:43समलैंगक कृत्य अपराध हैं
जिनसे जेल हो सकती है। -
6:43 - 6:46केन्या में, हम मृदु भाषी,
डेविड कुरिया से मिले। -
6:46 - 6:49डेविड का गरीबों के लिए काम कर पाने
-
6:49 - 6:51और अपनी सरकार को सुधारने का
बड़ा मिशन था। -
6:51 - 6:53इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ने का निश्चय किया।
-
6:53 - 6:58वह केन्या के पहले खुले तौर पर
समलैंगिक राजनीतिक उम्मीदवार बने। -
6:58 - 7:02डेविड अपना अभियान
अपनी सच्चाई से मुकरे बिना करना चाहते थे। -
7:02 - 7:04पर हम उनकी सुरक्षा को लेकर चिन्तित थे
-
7:04 - 7:07क्योंकि उन्हें क़त्ल की
धमकियाँ मिलने लगीं थीं। -
7:07 - 7:09(वीडियो) डेविड कुरिया:
उस समय, मैं बहुत डरा हुआ था -
7:09 - 7:13क्योंकि वह सच में
मुझे मार डालने की बातें बोल रहे थे। -
7:13 - 7:16और, हाँ,
-
7:16 - 7:18कुछ लोग ऐसे हैं
जो यह करते हैं -
7:18 - 7:21और उनको लगता है कि वह कोई
धार्मिक दायित्व पूरा कर रहे हैं। -
7:22 - 7:24जेनी चैंग:
डेविड अपने ऊपर शर्मिंदा नहीं थे। -
7:24 - 7:26जब उन्हें धमकियाँ मिल रहीं थीं
-
7:26 - 7:28तब भी वह अपनी सच्चाई से हिले नहीं।
-
7:29 - 7:32लीज़ा डैज़ल्स:
बिलकुल दूसरी तरफ है आर्जेंटीना। -
7:32 - 7:36आर्जेंटीना एक ऐसा देश है
जिसमें 92 प्रतिशत लोग कैथोलिक हैं। -
7:36 - 7:40इसके बावजूद भी, आर्जेंटीना के समलैंगिक,
द्विलैंगिक, और परलैंगिक कानून -
7:40 - 7:42अमेरिका से भी ज़्यादा प्रगतिशील हैं।
-
7:43 - 7:472010 में, आर्जेंटीना,
वैवाहिक बराबरी को अपनाने वाला -
7:47 - 7:50लैटिन अमेरिका में पहला
और विश्व में 10वाँ देश बना। -
7:50 - 7:53वहाँ हम मरीया रशीद से मिले।
-
7:53 - 7:55मरीया उस आन्दोलन को चलाने की
प्रेरक शक्ति थीं। -
7:55 - 7:58मरीया रशीद (स्पॅनिश):
मैं हमेशा कहती हूँ, कि वास्तव में, -
7:58 - 7:59वैवाहिक बराबरी का प्रभाव
-
7:59 - 8:02केवल उन युगलों पर नहीं होता
जो विवाह करते हैं। -
8:02 - 8:05ऐसे बहुत से लोग हैं,
जो शायद कभी विवाह ना करें, -
8:05 - 8:08पर उनके सहकर्मियों द्वारा
उनको अलग निगाह से देखा जाएगा, -
8:08 - 8:11उनके परिवारों, पड़ोसियों द्वारा,
-
8:11 - 8:15समानता के राष्ट्रीय संदेश के कारण।
-
8:15 - 8:17मुझे आर्जेंटीना पर बहुत गर्व महसूस होता है
-
8:17 - 8:21क्योंकि आज आर्जेंटीना
समानता का आदर्श है। -
8:21 - 8:23और आशा है जल्द ही,
-
8:23 - 8:28पूरी दुनिया में समान अधिकार होंगे।
-
8:28 - 8:30जेनी चैंग:
जब हम मेरे पूर्वजों की धरती पर गए, -
8:30 - 8:33काश मैं अपने माता-पिता को दिखा पाती
कि हमने वहाँ क्या देखा। -
8:34 - 8:35क्योंकि यह हैं वह
जिनसे हम वहाँ मिले: -
8:35 - 8:41(वीडियो) एक, दो, तीन।
शंघाई में समलैंगिकों का स्वागत है! -
8:41 - 8:43(खिलखिलाहट)
-
8:46 - 8:52युवा और ख़ूबसूरत समलैंगिक, द्विलैंगिक,
और परलैंगिक चीनी लोगों का एक पूरा समुदाय। -
8:52 - 8:54बेशक, उनके भी अपने संघर्ष थे।
-
8:54 - 8:56पर वह उनसे लड़ रहे थे।
-
8:56 - 9:00शंघाई में मुझे
एक स्थानीय समलैंगिक समूह से बात करने -
9:00 - 9:04और अपनी टूटी-फूटी मेंडारिन चीनी भाषा में
हमारी कहानी सुनाने का मौका मिला। -
9:04 - 9:06ताइपे में,
हम जब कभी मेट्रो में जाते थे, -
9:06 - 9:09तो हमें एक और समलैंगिक युगल
हाथ थामे दीखता था। -
9:09 - 9:14और हमें पता चला कि एशिया का सबसे बड़ा
समलैंगिक, द्विलैंगिक, और परलैंगिक समारोह -
9:14 - 9:18मेरे दादा-दादी के घर से
कुछ गालियाँ छोड़ कर ही होता है। -
9:18 - 9:20काश मेरे माता-पिता यह जानते।
-
9:21 - 9:25लीज़ा डैज़ल्स: जब तक हमारी
यह थोड़ी-कम-सीधी दुनिया की सैर ख़त्म हुई -
9:25 - 9:26(खिलखिलाहट)
-
9:26 - 9:28हम 50,000 मील की दूरी तय कर चुके थे
-
9:28 - 9:30और 120 घण्टे की वीडियो बना चुके थे।
-
9:30 - 9:32हमने 15 देशों का सफर किया
-
9:32 - 9:34और 50 सुपरगेज़ का साक्षात्कार किया।
-
9:34 - 9:37पता चला, उनको ढूँढना
बिलकुल भी मुश्किल नहीं था। -
9:37 - 9:40जेनी चैंग: बेशक, बराबरी की ओर जाती इस
-
9:40 - 9:42ऊबड़खाबड़ राह में
त्रासदियाँ अब भी होती हैं। -
9:42 - 9:47और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 75 देश
आज भी समलैंगिकता को अपराध मानते हैं। -
9:48 - 9:51पर दुनिया के हर कोने में
-
9:51 - 9:54आशा और साहस की कहानियाँ भी हैं।
-
9:55 - 9:58हमारी यात्रा से जो हमने आखिरकार सीखा
-
9:58 - 10:01वह था कि बराबरी
एक पश्चिमी आविष्कार नहीं है। -
10:03 - 10:07लीज़ा डैज़ल्स: बराबरी के आन्दोलन का
एक महत्वपूर्ण कारक है चलते रहना, -
10:07 - 10:11चलते रहना जैसे-जैसे और भी ज़्यादा लोग
पूर्ण आत्म को गले लगाएँ -
10:11 - 10:13और उस हर मौके का प्रयोग करें
-
10:13 - 10:15जो उनके पास अपने हिस्से की
दुनिया बदलने के लिए हो, -
10:15 - 10:17और चलते रहना जैसे-जैसे और भी ज़्यादा देश
-
10:17 - 10:20एक दूसरे में बराबरी के आदर्श ढूँढ पाएँ।
-
10:20 - 10:23जब नेपाल ने समलैंगिक, द्विलैंगिक,
और परलैंगिक भेदभाव के विरुद्ध -
10:23 - 10:26सुरक्षा प्रदान करी
तो भारत भी आगे बढ़ा। -
10:26 - 10:28जब आर्जेंटीना ने
वैवाहिक बराबरी को गले लगाया -
10:28 - 10:31तो उरुग्वे और ब्राज़िल ने भी अनुगमन किया।
-
10:31 - 10:34जब आयरलैंड ने बराबरी के लिए हाँ कहा,
-
10:34 - 10:38(वाहवाही)
-
10:38 - 10:40तो दुनिया ने रुक कर ध्यान दिया।
-
10:40 - 10:43जब अमेरिका का उच्चतम न्यायलय
पूरे विश्व को एक ऐसा कथन कहता है -
10:43 - 10:44जिस पर हम सब गर्व कर सकें।
-
10:44 - 10:46(वाहवाही)
-
10:50 - 10:52जेनी चैंग: जब हमने अपनी बनाई वीडियो का
पुनर्विलोकन किया, -
10:52 - 10:56तो हमें एहसास हुआ
कि हम एक प्रेम कहानी देख रहे थे। -
10:56 - 10:59यह ऐसी प्रेम कहानी नहीं थी
जिसकी आशा मुझसे की जाती है, -
10:59 - 11:03बल्कि ऐसी जो इतनी स्वतन्त्रता,
जोखिम और प्रेम से भरी थी -
11:03 - 11:06जितनी की मैं कभी सम्भवतः
कल्पना भी नहीं कर सकती थी। -
11:06 - 11:09अपनी यात्रा से वापस घर आने के एक वर्ष बाद
-
11:09 - 11:12वैवाहिक बराबरी कलिफोर्निया में आई।
-
11:12 - 11:16और अन्त में, हमें विश्वास है,
कि प्यार की जीत होगी। -
11:19 - 11:21(वीडियो) कैलिफोर्निया के राज्य,
-
11:21 - 11:24और सर्वशक्तिमान ईश्वर द्वारा,
-
11:24 - 11:26मुझमें निहित अधिकार से,
-
11:26 - 11:30मैं आपको जीवन भर के लिए
विवाहित करार देती हूँ। -
11:30 - 11:31आप एक दूसरे को चूम सकते हैं।
-
11:31 - 11:33(वाहवाही)
- Title:
- समलैंगिक, द्विलैंगिक, और परलैंगिक जीवन, दुनिया भर में ऐसा दीखता है।
- Speaker:
- जेनी चैंग और लीज़ा डैज़ल्स
- Description:
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सैन फ्रैंसिस्को के एक समलैंगिक युगल के रूप में, अपने तरीके से रहने के लिए जेनी चैंग और लीज़ा डैज़ल्स का समय अपेक्षाकृत आसान था। पर इस खाड़ी क्षेत्र के बुलबुले के बाहर, उन लोगों का जीवन कैसा था जिनके पास मूल अधिकार भी नहीं थे? वह दोनों "सुपरगेज़" की खोज में दुनिया की सैर पर निकलीं, ऐसे समलैंगिक, द्विलैंगिक, और परलैंगिक लोगों की, जो दुनिया में कुछ असाधारण कर रहे थे। अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका के 15 देशों में - भारत से लेकर, जो हाल ही में खुल कर सामने आये विश्व के एक मात्र राजकुमार का घर है, आर्जेंटीना तक, वैवाहिक बराबरी प्रदान करने वाला लैटिन अमेरिका का पहला देश - उन्हें ऐसी प्रेरणादायक कहानियाँ और ऐसे साहसिक, लचनशील और गर्वपूर्ण सुपरगेज़ मिले, जिनकी तलाश में वह निकले थे।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 11:50
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for This is what LGBT life is like around the world | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for This is what LGBT life is like around the world | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for This is what LGBT life is like around the world | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for This is what LGBT life is like around the world | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for This is what LGBT life is like around the world | ||
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