मेरी बेटी, मलाला
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0:01 - 0:05कई पितृसत्तात्मक समाजों
और आदिवासी समाजों में, -
0:05 - 0:10पिता को आमतौर पर बेटों से जाना जाता है,
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0:10 - 0:14लेकिन मैं उन कुछ पिताओं में से हूँ ,
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0:14 - 0:16जो अपनी बेटी से जाने जाते हैं ,
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0:16 - 0:18और मुझे इस बात पर गर्व है |
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0:18 - 0:22(तालियाँ)
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0:23 - 0:27मलाला ने २००७ में,
शिक्षा के लिये अपना अभियान शुरू किया -
0:27 - 0:30
और अपने अधिकारों के लिये खड़ी हुई, -
0:30 - 0:34और जब उसके प्रयासों को
२०११ में सम्मानित किया गया, -
0:34 - 0:38और जब उसे
राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार दिया गया, -
0:38 - 0:43और वो अपने देश की बहुत प्रसिद्ध,
बहुत लोकप्रिय लड़की बन गयी, -
0:43 - 0:47उसके पहले, वो मेरी बेटी थी,
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0:47 - 0:50लेकिन अब मै उसका पिता हूँ |
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0:52 - 0:53देवियों और सज्जनों,
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0:53 - 0:56अगर हम मानव इतिहास पर नज़र डालें,
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0:56 - 0:58नारी की कहानी
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0:58 - 1:02अन्याय,
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1:02 - 1:04असमानता,
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1:04 - 1:09हिंसा और शोषण की कहानी है |
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1:09 - 1:11जैसा कि आप देखते हैं,
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1:11 - 1:15पुरुष प्रधान समाजों में,
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1:15 - 1:18शुरू से ही,
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1:18 - 1:21जब एक लड़की जन्म लेती है,
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1:21 - 1:25उसका जन्म मनाया नहीं जाता |
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1:25 - 1:27उसका स्वागत नहीं किया जाता,
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1:27 - 1:30न तो पिता के द्वारा
और न ही माँ के द्वारा | -
1:30 - 1:32पड़ोसी आते हैं
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1:32 - 1:34और माँ के साथ हमदर्दी जताते हैं
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1:34 - 1:39और कोई भी पिता को बधाई नहीं देता |
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1:39 - 1:43और एक माँ बहुत असहज महसूस करती है
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1:43 - 1:48एक लड़की को जन्म दे कर |
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1:48 - 1:51जब वो पहली बार एक लड़की को जन्म देती है,
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1:51 - 1:55उसकी पहली बेटी, वो दुखी होती है |
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1:55 - 1:59जब वो दूसरी बेटी को जन्म देती है,
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1:59 - 2:01वो भयभीत हो जाती है,
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2:01 - 2:04और एक पुत्र की आशा में,
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2:04 - 2:07जब वो तीसरी बेटी को जन्म देती है,
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2:07 - 2:13वो एक अपराधी की तरह दोषी महसूस करती है |
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2:13 - 2:16न सिर्फ माँ को भुगतना पड़ता है,
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2:16 - 2:18बल्कि वो बेटी, वो नवजात बच्ची,
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2:18 - 2:20जब बड़ी हो जाती है,
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2:20 - 2:23तब वो भी सहती है |
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2:23 - 2:25पांच वर्ष की आयु में,
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2:25 - 2:28जब उसे विद्यालय जाना चाहिए,
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2:28 - 2:30वो घर पर रहती है
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2:30 - 2:34और उसके भाइयों का
स्कूल में दाखिला करा दिया जाता है | -
2:34 - 2:37१२ वर्ष की आयु तक, किसी तरह,
-
2:37 - 2:40वो एक अच्छा जीवन बिताती है |
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2:40 - 2:41वो मस्ती कर सकती है |
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2:41 - 2:44वो दोस्तों के साथ सड़कों पर खेल सकती है,
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2:44 - 2:46और वो गलियों में घूम सकती है
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2:46 - 2:49तितली की तरह |
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2:49 - 2:53लेकिन जब वो किशोरावस्था मे प्रवेश करती है,
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2:53 - 2:55जब वो १३ साल की हो जाती है,
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2:55 - 3:02तब उसे एक पुरुष के बिना
घर से बाहर निकलने से मना कर दिया जाता है | -
3:02 - 3:08उसे घर की चारदिवारी तक
सीमित कर दिया जाता है | -
3:08 - 3:13वो अब एक स्वतंत्र व्यक्ति नहीं रहती |
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3:13 - 3:16वो तथाकथित सम्मान का पर्याय बन जाती है
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3:16 - 3:19अपने पिता और भाइयों
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3:19 - 3:22और परिवार के लिये,
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3:22 - 3:28और अगर वो उस तथाकथित सम्मान का
उल्लंघन करती है, -
3:28 - 3:32तो उसकी हत्या भी की जा सकती है |
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3:32 - 3:35और यह भी दिलचस्प है कि
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3:35 - 3:38ये तथाकथित सम्मान,
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3:38 - 3:41न सिर्फ एक लड़की के जीवन पर असर डालता है,
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3:41 - 3:48ये परिवार के पुरुषों की जिंदगी
को भी प्रभावित करता है | -
3:48 - 3:55मैं ७ बहनों और १ भाई
के एक परिवार को जानता हूँ, -
3:55 - 3:57और वो एक भाई,
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3:57 - 4:00वह खाड़ी देशों में जाकर बस गया है,
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4:00 - 4:03जिससे वो अपनी ७ बहनों
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4:03 - 4:05और माता पिता के लिये रोज़ी रोटी कमा सके,
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4:05 - 4:11क्योंकि वो ऐसा सोचता है कि
यह बहुत ही अपमानजनक होगा -
4:11 - 4:14अगर उसकी बहनें कोई कौशल सीख जायें
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4:14 - 4:16और वो घर से बाहर जाकर
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4:16 - 4:20कुछ कमाने लगें |
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4:20 - 4:22तो ये भाई,
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4:22 - 4:25अपने जीवन के सुख,
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4:25 - 4:29और अपनी बहनों की खुशियों का,
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4:29 - 4:33इस तथाकथित सम्मान की वेदी पर,
बलिदान कर देता है | -
4:33 - 4:37और पुरुष प्रधान समाजों का एक और आदर्श है
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4:37 - 4:42जिसे आज्ञाकारिता कहा जाता है |
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4:42 - 4:45एक अच्छी लड़की उसको माना जाता है
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4:45 - 4:51जो बहुत शांत, बहुत विनीत
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4:51 - 4:55और बहुत विनम्र हो |
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4:55 - 4:56यही मापदंड है |
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4:56 - 5:00एक आदर्श अच्छी लड़की को
बहुत ही शांत होना चाहिए | -
5:00 - 5:02उसे चुप रहना चाहिए
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5:02 - 5:07और उसे अपने माता पिता
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5:07 - 5:11और बड़ों के फैसलों को स्वीकार कर लेना चाहिए
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5:11 - 5:13भले ही उसे वह पसंद न हों |
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5:13 - 5:16अगर उसकी शादी किसी ऐसे आदमी से होती है
जिसे वो पसंद नहीं करती -
5:16 - 5:19या फिर अगर उसकी शादी
किसी बूढ़े आदमी से होती है, -
5:19 - 5:21उसे स्वीकार करना पड़ेगा,
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5:21 - 5:22क्योंकि वो नहीं चाहती
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5:22 - 5:25कि उसे अवज्ञाकारी करार दिया जाये |
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5:25 - 5:28अगर उसकी शादी
बहुत छोटी उम्र में करा दी जाती है, -
5:28 - 5:29उसे स्वीकार करना पड़ेगा,
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5:29 - 5:33नहीं तो, उसे अवज्ञाकारी कहा जायेगा |
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5:33 - 5:36अंत में क्या होता है?
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5:36 - 5:38किसी कवयित्री के लफ्ज़ों में,
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5:38 - 5:40उसकी शादी होती है,
फिर सम्भोग, -
5:40 - 5:45और फिर वो जन्म देती है,
और भी बेटों और बेटियों को | -
5:45 - 5:48और ये स्थिति की विडम्बना है,
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5:48 - 5:51कि यही माँ,
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5:51 - 5:55फिर अपनी बेटियों को वही आज्ञाकारिता
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5:55 - 5:59और बेटों को वही सम्मान का पाठ पढ़ाती है |
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5:59 - 6:04और यह कुचक्र चलता चला जाता है |
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6:06 - 6:09देवियों और सज्जनों,
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6:09 - 6:12लाखों स्त्रियों की इस दुर्दशा को
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6:12 - 6:15बदला जा सकता है,
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6:15 - 6:17अगर हम अपनी सोच को बदलें,
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6:17 - 6:21अगर स्त्री और पुरुष अपनी सोच विकसित करें,
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6:21 - 6:23अगर पुरुष और स्त्री,
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6:23 - 6:27उन विकासशील देशों के
आदिवासी और पुरुष प्रधान समाजों में, -
6:27 - 6:35यदि वो, कुछ परिवार और समाज सम्बन्धी
मानदंडों को तोड़ सकें, -
6:35 - 6:42यदि वो अपने राज्यों मे भेदभावपूर्ण कानूनों
की उन व्यवस्थाओं को ख़त्म कर सकें, -
6:42 - 6:48जो महिलाओं के मूलभूत मानव अधिकारों के
खिलाफ जाते हैं | -
6:49 - 6:50प्रिय भाइयों और बहनों,
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6:50 - 6:54जब मलाला का जन्म हुआ था,
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6:54 - 6:56और जब पहली बार,
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6:56 - 6:57मेरा विश्वास कीजिये,
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6:57 - 7:02मुझे नवजात बच्चे पसंद नहीं हैं, सच में,
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7:02 - 7:06पर जब मैं गया और मैने उसकी आँखों में देखा,
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7:06 - 7:08मेरा विश्वास कीजिये,
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7:08 - 7:12मैंने अत्यंत सम्मानित महसूस किया |
-
7:12 - 7:14और उसके पैदा होने के काफी समय पहले
-
7:14 - 7:17मैंने उसका नाम सोचा था,
-
7:17 - 7:25और मै अफगानिस्तान की एक
वीर महान स्वतंत्रता सेनानी से प्रभावित था| -
7:25 - 7:30उनका नाम था मलालाई ऑफ़ मैवंद,
-
7:30 - 7:34और मैने उनके नाम से
अपनी बेटी का नाम रख दिया | -
7:34 - 7:37मलाला के जन्म के कुछ दिन बाद,
-
7:37 - 7:39मेरी बेटी के जन्म के बाद,
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7:39 - 7:40मेरे भाई आये -
-
7:40 - 7:42और संयोग से -
-
7:42 - 7:45वो मेरे घर आये,
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7:45 - 7:48और एक वंश-वृक्ष साथ लाये
-
7:48 - 7:51- युसुफजई परिवार का वंश-वृक्ष -
-
7:51 - 7:54और जब मैंने उस वंश-वृक्ष को देखा,
-
7:54 - 8:00तो उसमें ३०० साल पुराने पूर्वजों
का भी जिक्र था | -
8:00 - 8:02पर जब मैने ध्यान दिया,
-
8:02 - 8:05तो सभी पुरुष थे |
-
8:05 - 8:07और मैने अपनी कलम उठायी,
-
8:07 - 8:09अपने नाम से एक रेखा खींची,
-
8:09 - 8:12और लिखा, "मलाला" |
-
8:14 - 8:16और जब वो थोड़ी बड़ी हुई,
-
8:16 - 8:20जब वो साढ़े चार साल की थी,
-
8:20 - 8:23मैने उसे अपने स्कूल में भर्ती कराया |
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8:23 - 8:25आप ये सोच रहे होंगे कि
-
8:25 - 8:29मैने एक लड़की को स्कूल में प्रवेश कराने
के बारे में उल्लेख क्यों किया ? -
8:29 - 8:31हाँ , मुझे इसका जिक्र करना चाहिये |
-
8:31 - 8:38कनाडा, अमेरिका और कई विकसित देशों में
ये भले ही कोई बड़ी बात न हो, -
8:38 - 8:40लेकिन गरीब देशों में,
-
8:40 - 8:42पुरुष प्रधान समाजों में,
-
8:42 - 8:44आदिवासी समाजों में,
-
8:44 - 8:47ये एक लड़की की जिंदगी का
बहुत बड़ा दिन होता है | -
8:47 - 8:51एक स्कूल में नामांकन का मतलब है
-
8:51 - 8:57उसकी पहचान और उसके नाम को मान्यता मिलना |
-
8:57 - 8:59एक स्कूल में दाखिले का मतलब है
-
8:59 - 9:04कि उसने अपने सपनों और
आकांक्षाओं की दुनिया में प्रवेश किया है -
9:04 - 9:11जहाँ वह भविष्य के लिए
अपनी क्षमताओं का पता लगा सकती हैं | -
9:11 - 9:13मेरी ५ बहनें हैं,
-
9:13 - 9:16और उनमें से एक भी स्कूल नहीं जा सकीं,
-
9:16 - 9:18और आपको आश्चर्य होगा,
-
9:18 - 9:22दो हफ्ते पहले,
-
9:22 - 9:26जब मै कनाडा का वीजा फार्म भर रहा था,
-
9:26 - 9:31और मै फार्म में परिवार खंड को भर रहा था,
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9:31 - 9:37मुझे अपनी कुछ बहनों के कुलनाम याद नहीं आए|
-
9:37 - 9:39और उसका कारण ये था
-
9:39 - 9:41कि मैने कभी भी
-
9:41 - 9:43अपनी बहनों का नाम
-
9:43 - 9:48किसी भी दस्तावेज पर लिखा हुआ नहीं देखा है|
-
9:48 - 9:51यही वजह है कि
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9:51 - 9:54मैने अपनी बेटी को महत्व दिया |
-
9:54 - 9:55जो मेरे पिता
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9:55 - 10:00मेरी बहनों और अपनी बेटियों को नहीं दे सके,
-
10:00 - 10:05मैने सोचा कि मुझे ये बदलना चाहिये |
-
10:05 - 10:11मै अपनी बेटी की अक्लमंदी
और प्रतिभा की सराहना करता था | -
10:11 - 10:13मैने उसे प्रोत्साहित किया
-
10:13 - 10:15कि जब मेरे दोस्त आयें तो वो मेरे साथ बैठे|
-
10:15 - 10:17मैने उसे प्रोत्साहित किया
-
10:17 - 10:20कि विभिन्न बैठकों में वो मेरे साथ चले |
-
10:20 - 10:22और ये सभी अच्छे संस्कार,
-
10:22 - 10:25मैने उसके व्यक्तित्व में
विकसित करने की कोशिश की | -
10:25 - 10:29और यह केवल मलाला के साथ ही नहीं था |
-
10:29 - 10:32मैने ये सभी अच्छे संस्कार,
-
10:32 - 10:33अपने स्कूल में,
-
10:33 - 10:36छात्रों और छात्राओं को भी दिये |
-
10:36 - 10:40मैने शिक्षा का इस्तेमाल उद्धार लिये किया |
-
10:40 - 10:42मैने अपनी लड़कियों को सिखाया,
-
10:42 - 10:44मैने अपनी छात्राओं को सिखाया,
-
10:44 - 10:49कि वो आज्ञाकारिता का पाठ भुला दें |
-
10:49 - 10:52मैने अपने छात्रों को सिखाया,
-
10:52 - 10:58कि वो तथाकथित झूठे सम्मान का पाठ भुला दें|
-
11:02 - 11:06प्रिय भाईयों और बहनों,
-
11:06 - 11:10हम महिलाओं के अधिक अधिकारों
के लिए प्रयास कर रहे थे -
11:10 - 11:12और हम संघर्ष कर रहे थे
-
11:12 - 11:18कि समाज में महिलाओं को
अधिक से अधिक स्थान मिल सके | -
11:18 - 11:21लेकिन हम एक नई घटना के पार आये |
-
11:21 - 11:24यह मानव अधिकारों के लिए
-
11:24 - 11:27और विशेष रूप से
महिलाओं के अधिकारों के लिए घातक थी | -
11:27 - 11:32उसको तालिबान-निर्माण कहा गया |
-
11:32 - 11:38इसका मतलब है -
महिलाओं की भागीदारी का पूरा निषेध, -
11:38 - 11:44सभी राजनीतिक, आर्थिक
और सामाजिक गतिविधियों से | -
11:44 - 11:48सैकड़ों स्कूल नष्ट कर दिये गये |
-
11:48 - 11:54लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी गयी |
-
11:54 - 11:58महिलाओं को बुर्का पहनने के लिये
मजबूर किया गया -
11:58 - 12:01और उनके बाजार जाने पर रोक लगा दी गयी |
-
12:01 - 12:04संगीतकारों को खामोश कर दिया गया,
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12:04 - 12:06लड़कियों पर कोड़े बरसाये गये
-
12:06 - 12:09और गायकों को मार दिया गया |
-
12:09 - 12:11लाखों पीड़ित थे ,
-
12:11 - 12:14लेकिन कुछ ने आवाज़ उठायी,
-
12:14 - 12:16और ये सबसे डरावनी बात होती थी
-
12:16 - 12:22जब आपके आसपास सभी ऐसे लोग हों
-
12:22 - 12:24जो मारते हों और कोड़े लगाते हों,
-
12:24 - 12:26और आप अपने अधिकारों के लिए बोलो |
-
12:26 - 12:30यह वास्तव में सबसे डरावनी बात है |
-
12:30 - 12:32१० साल की उम्र में,
-
12:32 - 12:35मलाला खड़ी हुई,
-
12:35 - 12:39और वह अपने शिक्षा के अधिकार
के लिये खड़ी हुई | -
12:39 - 12:43उसने बीबीसी ब्लॉग के लिए एक डायरी लिखी,
-
12:43 - 12:49उसने न्यूयॉर्क टाइम्स वृत्तचित्रों के लिए
खुद को नामांकित किया, -
12:49 - 12:54और उसने हर-संभव मंच से बात की |
-
12:54 - 12:58और उसकी आवाज सबसे शक्तिशाली आवाज थी |
-
12:58 - 13:05वह दुनिया भर में एक तेज की तरह फैल गई |
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13:05 - 13:06और यही कारण था कि तालिबान
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13:06 - 13:11उसके अभियान को बर्दाश्त नहीं कर सका,
-
13:11 - 13:14और ९ अक्टूबर, २०१२ को,
-
13:14 - 13:19उसे बिंदु रिक्त सीमा से
सिर में गोली मार दी गयी | -
13:19 - 13:24यह मेरे और मेरे परिवार के लिए
प्रलय का दिन था | -
13:24 - 13:29दुनिया एक बड़े ब्लैक होल जैसी लगने लगी |
-
13:29 - 13:31जब मेरी बेटी
-
13:31 - 13:34जिंदगी और मौत के कगार पर थी,
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13:34 - 13:38मैने अपनी पत्नी से धीरे से पूछा,
-
13:38 - 13:41" क्या मुझे उस सब का दोषी माना जाना चाहिये
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13:41 - 13:45जो हमारी बेटी के साथ हुआ ? "
-
13:45 - 13:48और उन्होंने अचानक मुझसे कहा,
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13:48 - 13:50"कृपया अपने आप को दोषी न ठहरायें |
-
13:50 - 13:53आप सही कारण के लिए खड़े हुए |
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13:53 - 13:55आपने अपना जीवन दांव पे लगा दिया -
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13:55 - 13:57सच्चाई के लिये,
-
13:57 - 13:58शांति के लिये,
-
13:58 - 14:00और शिक्षा के लिये,
-
14:00 - 14:02और आपकी बेटी आपसे प्रेरित हो गयी
-
14:02 - 14:04और आपके साथ शामिल हो गयी |
-
14:04 - 14:06आप दोनों सही रास्ते पर चल रहे थे
-
14:06 - 14:10और ईश्वर उसकी रक्षा करेंगे | "
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14:10 - 14:13ये कुछ शब्द मेरे लिये बहुत मायने रखते हैं
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14:13 - 14:17और मैंने फिर कभी ये प्रश्न नहीं पूछा |
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14:17 - 14:21जब मलाला अस्पताल में थी,
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14:21 - 14:24और वो गंभीर पीड़ा से गुज़र रही थी,
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14:24 - 14:27और उसको तीव्र सिर दर्द होता था,
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14:27 - 14:30क्योंकि उसके चेहरे की नस कट गयी थी,
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14:30 - 14:33मुझे एक अँधेरी छाया दिखाई पड़ती थी
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14:33 - 14:38अपनी पत्नी के चेहरे पर |
-
14:38 - 14:44लेकिन मेरी बेटी ने कभी शिकायत नहीं की |
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14:44 - 14:46वो कहती थी,
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14:46 - 14:48" मै अपनी टेढ़ी मुस्कान
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14:48 - 14:51और अपने चेहरे की अकड़न के साथ ठीक हूँ |
-
14:51 - 14:53मैं ठीक हो जाऊँगी | चिंता मत करिये | "
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14:53 - 14:55वो हमारा धीरज थी
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14:55 - 14:58और उसने हमें सांत्वना दी |
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15:00 - 15:04प्रिय भाईयों और बहनों,
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15:04 - 15:06हमने उससे सीखा
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15:06 - 15:10कि सबसे कठिन समय में भी कैसे मजबूत बना जाए
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15:10 - 15:13और मुझे आपको यह बताते हुए ख़ुशी होगी
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15:13 - 15:22कि बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए
एक आदर्श होने के बावजूद, -
15:22 - 15:27वह किसी भी 16 साल की लड़की की तरह है |
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15:27 - 15:32होमवर्क अधूरा रह जाने पर वो रोती है |
-
15:32 - 15:35वो अपने भाइयों के साथ झगड़ती है
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15:35 - 15:38और मै इस बात से बहुत खुश हूँ |
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15:38 - 15:41लोग मुझसे पूछते हैं ,
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15:41 - 15:44मेरे पालन पोषण में ऐसा क्या विशेष है
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15:44 - 15:47जिसने मलाला को इतना निर्भीक,
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15:47 - 15:51इतना साहसी, इतना मुखर
और इतना संतुलित बना दिया ? -
15:51 - 15:57मै उनसे कहता हूँ,
मुझसे ये मत पूछो कि मैने क्या किया | -
15:57 - 16:01मुझसे ये पूछो कि मैने क्या नहीं किया |
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16:01 - 16:07मैने उसके पर नहीं काटे, बस इतना ही |
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16:07 - 16:09बहुत बहुत धन्यवाद |
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16:09 - 16:15( तालियाँ )
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16:15 - 16:19शुक्रिया | बहुत बहुत शुक्रिया |
धन्यवाद | (तालियां )
- Title:
- मेरी बेटी, मलाला
- Speaker:
- जियाउद्दीन युसुफजई
- Description:
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पाकिस्तानी शिक्षक, जियाउद्दीन युसुफजई, दुनिया को एक साधारण सच्चाई याद दिलाना चाहते हैं, जिसे कई सुनना नहीं चाहते : महिला और पुरुष, शिक्षा, स्वायत्तता और एक स्वतंत्र पहचान के लिए समान अवसर के योग्य हैं | वह अपने और अपनी बेटी, मलाला, जिसे बस स्कूल जाने के लिए साहस दिखाने की वजह से २०१२ में तालिबान ने गोली मार दी थी, के जीवन से कहानियाँ बताते हैं | युसुफजई पूछते हैं, " मेरी बेटी इतनी बहादुर क्यों है ? " "क्योंकि मैने उसके पर नहीं काटे |"
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 16:36
Gaurav Gupta approved Hindi subtitles for My daughter, Malala | ||
Omprakash Bisen accepted Hindi subtitles for My daughter, Malala | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for My daughter, Malala | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for My daughter, Malala | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for My daughter, Malala | ||
ilu edited Hindi subtitles for My daughter, Malala | ||
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