हर बच्चे को बढावा देने वाल चाहिये
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0:01 - 0:04मेरी सारी उम्र बीती है
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0:04 - 0:09या तो स्कूल में, या स्कूल आते-जाते
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0:09 - 0:13या फिर स्कूल के बारे में बात करते हुए।
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0:13 - 0:15मेरे माता-पिता : दोनो शिक्षक थे,
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0:15 - 0:18मेरे नाना-नानी भी शिक्षक थे,
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0:18 - 0:22और पिछले ४० सालों से मैने भी यही किया है।
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0:22 - 0:25तो जैसा कि ज़ाहिर है, कि इतने सालों में
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0:25 - 0:28मैने तमाम सारी शिक्षा नीतियों को देखा है
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0:28 - 0:30अलग अलग नज़रियों से।
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0:30 - 0:32उनमें कुछ अच्छे रहे।
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0:32 - 0:34कुछ उतने अच्छे नहीं रहे।
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0:34 - 0:36और हमें पता है कि बच्चे क्यों पढाई छोड देते हैं।
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0:36 - 0:38हमें पता है कि बच्चे क्यों नहीं सीखते हैं।
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0:38 - 0:41या तो गरीबी, या स्कूल नहीं आ पाना,
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0:41 - 0:45नकारात्मक संगी, साथी। ये सब पता है हमें।
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0:45 - 0:47मगर एक चीज पर या तो हम कभी बात नहीं करते
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0:47 - 0:49या बहुत ही कम करते हैं
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0:49 - 0:54इंसानी जुडाव के महत्व की,
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0:54 - 0:56रिश्तों की।
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0:56 - 1:00जेम्स कोमर कहते है कि कुछ सीखा ही नहीं जा सकता
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1:00 - 1:02जब तक कि एक रिश्ता न हो।
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1:02 - 1:05जार्ज वाशिंगटन कार्वर कहते है कि सारी सिखाई पढाई
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1:05 - 1:09रिश्तों को समझना भर है।
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1:09 - 1:12इस कमरे में बैठे सब लोगों पर असर डाला है
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1:12 - 1:14किसी शिक्षक या बडे व्यक्ति ने।
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1:14 - 1:20कई सालो तक, मैने लोगों को पढाते देखा है।
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1:20 - 1:23मैने अच्छे से अच्छे और खराब से खराब शिक्षकों को देखा है।
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1:23 - 1:25मेरे एक सह-कर्मी ने मुझसे कहा,
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1:25 - 1:27"मुझे बच्चों को पसंद करने के लिये पैसे नहीं मिलते।
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1:27 - 1:29मुझे पढाने के पैसे मिलते हैं।
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1:29 - 1:30बच्चों को सीखना चाहिये।
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1:30 - 1:34मुझे पढाना चाहिये। उन्हें पढना चाहिये। बात खत्म।"
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1:34 - 1:36मैने उस से कहा,
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1:36 - 1:39"पता है, बच्चे उन लोगों से नहीं सीखते जिन्हें वो पसंद नहीं करते।"
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1:39 - 1:47ठहाका तालियाँ
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1:47 - 1:51उसने कहा, "ये कोरी बकवास है।"
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1:51 - 1:54और मैने उस से कहा, "ह्म्म्म,, , तुम्हारा साल काफ़ी लम्बा
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1:54 - 1:56और कठिन होने वाल है।"
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1:56 - 1:58और वैसा ही हुआ। कुछ लोगों को लगता है कि
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1:58 - 2:01तुम या तो रिश्ते बना सकते हो
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2:01 - 2:03या नहीं बना सकते।
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2:03 - 2:05मेरे ख्याल से स्टीफ़न कोवी का कहना सही है।
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2:05 - 2:09उन्होंने कहा था कि बस कुछ चीजें करनी होंगी,
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2:09 - 2:11जैसे पहले दूसरों को समझो
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2:11 - 2:13बजाय दूसरों द्वार समझे जाने के,
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2:13 - 2:16छोटी छोटी बातें जैसे माफ़ी माँग लेना।
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2:16 - 2:17कभी सोचा आपने इस के बारे में?
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2:17 - 2:21किसी बच्चे से सॉरी बोल दो, बिचारे झटका खा जाते हैं।
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2:21 - 2:24एक बार मैने अनुपात का एक पाठ पढाया।
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2:24 - 2:27मेरी गणित कुछ खास नही है, पर मैं सीख रही थी।
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2:27 - 2:31और मैने वापस जा कर उस का शिक्षक-संस्करण देखा।
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2:31 - 2:34मैने पूरा पाठ गलत पढा दिया था। (ठहाका)
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2:34 - 2:36तो मै अगले दिन क्लास में गयी, और मैने कहा,
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2:36 - 2:38"देखो, मुझे माफ़ी माँगनी है।
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2:38 - 2:42मैने पूरा पाठ गलत पढा दिया। आय एम सॉरी।"
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2:42 - 2:43उन्होने कहा, "कोई बात नही, मिस पियरसन।
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2:43 - 2:46आप इतनी खुश थीं, तो हमने आप को रोका नहीं।"
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2:46 - 2:51ठहाका तालियाँ
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2:51 - 2:55मुझे ऐसी क्लासे पढाने को मिली हैं,
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2:55 - 2:59इतनी पिछडी हुई कि मुझे रोना आ गया।
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2:59 - 3:02मै सोचती थी, कि इस वर्ग को कैसे ले जाऊँगी
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3:02 - 3:03नौ महीनों में
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3:03 - 3:06यहाँ से जहाँ इन्हें होना चाहिये?
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3:06 - 3:09और ये बहुत कठिन था। बेहद कठिन।
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3:09 - 3:13किसी बच्चे का स्वाभिमान बढाना
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3:13 - 3:16और उसकी पढाई सुधारना एक ही साथ कैसे होगा?
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3:16 - 3:18एक साल मुझे एक विचार आया।
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3:18 - 3:20मैने अपने सारे विद्यार्थीयों से कहा,
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3:20 - 3:23"तुम्हें मेरी क्लास के लिये खास चुना गया है
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3:23 - 3:25क्योंकि मैं सबसे अच्छी शिक्षक हूँ
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3:25 - 3:26और तुम सब से अच्छे विद्यार्थी,
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3:26 - 3:28उन्होंने हमें साथ रख दिया है
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3:28 - 3:31जिस से हम सब को दिखा सकें कि पढाई कैसे होती है।"
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3:31 - 3:33एक विद्यार्थी ने कहा, "सच मे?"
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3:33 - 3:35ठहाका
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3:35 - 3:38मैने कहा, "हाँ, हमें दूसरी क्लासों को दिखाना है
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3:38 - 3:41कि कैसे पढते है, तो जब हम हॉल से गुज़रें,
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3:41 - 3:43तो लोग हमें देखें, और इसलिये तुम लोग हल्ला गुल्ला नहीं कर सकते।
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3:43 - 3:46तुम्हें अकड के चलना होगा।"
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3:46 - 3:49और मैने उन्हें एक नारा दिया: "मुझमें कुछ बात है।
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3:49 - 3:51मुझमे कुछ बात थी जब मैं आया था।
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3:51 - 3:53और मैं बेहतर हो कर ही जाऊँगा।
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3:53 - 3:55मैं ताकतवर हूँ, मजबूत हूँ।
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3:55 - 3:57मुझे इस पढाई का हक है जो मुझे यहाँ मिले रही है।
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3:57 - 4:00मुझे काम करना है, लोगों पर अपनी छाप छोडनी है,
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4:00 - 4:01और आगे बढना है।"
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4:01 - 4:04और उन्होने कहा, "हाँ!"
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4:04 - 4:06अगर आप बार बार कहें,
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4:06 - 4:10तो वो आपका हिस्सा बनन जाता है।
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4:10 - 4:16और फ़िर -- तालियाँ
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4:16 - 4:20मैनें एक टेस्ट लिया, २० सवालों का।
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4:20 - 4:22एक बच्चे ने १८ गलत जवाब दिये।
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4:22 - 4:28मैने उस के पेपेर पर +२ लिखा और एक बडा सा स्माइली बनाया।
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4:28 - 4:31उसने कहा, "मिस पियरसन, मैं फ़ेल हुआ हूँ न?"
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4:31 - 4:34मैने कहा, "हाँ।"
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4:34 - 4:37उसने कहा, "तो आपने ये मुस्कराता चेहरा क्यों बनाया?"
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4:37 - 4:39मैने कहा, "क्योकि तुम बहुत बढिया कर रहे हो।
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4:39 - 4:43तुम्हारे पूरे दो सवाल सही है। सारे के सारे गलत नहीं है।"
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4:43 - 4:45मैने कहा, "और जब हम इसे दोबारा करेंगे,
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4:45 - 4:47तो तुम बेहतर करोगे न?"
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4:47 - 4:49उसने कहा, "हाँ मैम, बिल्कुल मैं बेहतर करूँगा।"
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4:49 - 4:53देखिये, "- १८" देख कर आपकी सारी हिम्मत ख्त्म हो जायेगी।
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4:53 - 4:55"+२" आपसे कहता है, "इतना भी बुरा नहीं है।"
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4:55 - 5:01ठहाका तालियाँ
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5:01 - 5:04कई साल तक मैने अपनी माँ
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5:04 - 5:07को इंटरवेल में काम करते देखा,
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5:07 - 5:10दोपहर में घरों मे विज़िट करते देखा,
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5:10 - 5:13कंघी और ब्रश और पीनट बटर और बिस्कुट खरीदते देखा
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5:13 - 5:15अपने डेस्क में रखते हुए उन बच्चों के लिये जिन्हें ज़रूरत होती,
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5:15 - 5:19और एक तौलिया और कुछ साबुन उन के लिये जिनसे बदबू आ रही होती थी।
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5:19 - 5:22आखिर, बदबू फ़ैलाते बच्चों को पढाना आसान नहीं।
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5:22 - 5:25और बच्चे बहुत क्रूर हो सकते हैं।
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5:25 - 5:27तो इसलिये वो ये सारी चीजें अपने डेस्क में रखती थीं,
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5:27 - 5:31और कई साल बाद, उनके रेटायरमेंट के बाद,
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5:31 - 5:34मैने उन मे से कुछ बच्चों को वापस आ कर
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5:34 - 5:36उनसे कहते सुना, "आपको पता नहीं, मिस वाकर,
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5:36 - 5:38आप ने मेरे जीवन में कितना बडा बदलाव लाया।
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5:38 - 5:39आपके चलते ही मेरा कुछ हो सका।
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5:39 - 5:41आपने मुझे जताया कि मैं भी कुछ था,
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5:41 - 5:45जबकि मुझे अंदर अंदर यकीन था कि, मैं कुछ भी नही था।
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5:45 - 5:47और मैं चाहता हूँ कि आप देखें कि मैं क्या बन गया हूँ।"
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5:47 - 5:50और ९२ वर्ष की उम्र में, दो साल पहले, जब माँ गुज़री,
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5:50 - 5:53तो उनके बहुत सारे विद्यार्थी उनके अंतिम संस्कार पर पहुँचे,
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5:53 - 5:56मेरी आँखों मे आँसू थे इसलिये नहीं कि वो चली गयी थीं,
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5:56 - 5:59मगर इसलिये कि रिश्तों का इतना बडी विरासत वो छोड गयी थीं
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5:59 - 6:02जो कभी ख्त्म नहीं होगी।
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6:02 - 6:06क्या हम रिश्तों पर और ध्यान दे सकते हैं? बिल्कुल।
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6:06 - 6:11क्या आपको अपने सारे विद्यार्थी पसंद आयेंगे? बिल्कुल भी नहीं।
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6:11 - 6:15और सबसे बिगडैल विद्यार्थी कभी एब्सेंट भी नहीं होते।
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6:15 - 6:17ठहाका
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6:17 - 6:20कभी भी नहीं। और आप उन सब को पसंद भी नहीं करेंगे
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6:20 - 6:24और बिगडैल वाले आते ही खास वजह से हैं।
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6:24 - 6:26रिश्ते ही सब हैं। जुडाव से ही सब है।
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6:26 - 6:28और जब कि आप उन्हें नापसंद करेंगे,
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6:28 - 6:32अंदर की बात ये है कि उन्हें कभी ये पता नहीं लगेगा।
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6:32 - 6:36तो शिक्षकों महान एक्टर भी बन जाते हैं
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6:36 - 6:38और हम तब भी क्लास जाते हैं जब हमारा बिल्कुल मन नहीं होता,
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6:38 - 6:41और हम ऐसी नीतियों से जूझते हैं जो बिल्कुल ही निरर्थक होती हैं,
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6:41 - 6:45मगर हम फिर भी पढाते हैं।
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6:45 - 6:49हम फिर भी पढाते रहते हैं, क्योंकि हमारा वही काम है।
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6:49 - 6:52पढना-पढाना खुशी देने वाला होना चाहिये।
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6:52 - 6:54हमारी दुनिया कितनी बेहतर हो सकती है
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6:54 - 6:58अगर हमारे बच्चे जोखिम से न डरें,
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6:58 - 6:59सोचने से पीछे न हटें,
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6:59 - 7:01और जिन के पास कोई ध्यान देने वाला हो?
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7:01 - 7:03हर बच्चे को इसका हक है,
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7:03 - 7:05ऐसा कोई जो कभी उन्हें अकेला न छोडे,
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7:05 - 7:08जो रिश्तों की अहमियत समझे,
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7:08 - 7:12और उन्हें आगे बढने और बेहतर होने के लिये प्रोत्साहित करे।
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7:12 - 7:17क्या ये कठिन काम है? बिल्कुल, हे भगवान, बहुत कठिन!
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7:17 - 7:20मगर ये असंभव नहीं है।
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7:20 - 7:22हम ये कर सकते हैं। हम शिक्षक हैं।
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7:22 - 7:24हम दुनिया को बदलने के लिये ही जन्मे हैं।
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7:24 - 7:26बहुत बहुत धन्यवाद।
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7:26 - 7:31तालियाँ
- Title:
- हर बच्चे को बढावा देने वाल चाहिये
- Speaker:
- रीटा पियरसन
- Description:
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४० साल का अनुभव रखने वाली शिक्षिका रीटा पियरसन ने एक सह-कर्मी को कहते सुना, "मुझे बच्चों को पसंद करने के पैसे नहीं मिलते।" उनका जवाब था: "बच्चे उनसे सीखती भी नहीं है जिन्हें वो पसंद नहीं करते।" शिक्षकों को संबोधित करती वो कहती हैं कि अपने विद्यार्थियों पर भरोसा करे, और उनसे मानवीय स्तर पर, असली स्तर पर, और व्यक्तिगत स्तर पर रिश्ता कायम करे।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 07:48
Dimitra Papageorgiou edited Hindi subtitles for Every kid needs a champion | ||
Dimitra Papageorgiou edited Hindi subtitles for Every kid needs a champion | ||
Dimitra Papageorgiou approved Hindi subtitles for Every kid needs a champion | ||
Samrat Sridhara accepted Hindi subtitles for Every kid needs a champion | ||
Samrat Sridhara commented on Hindi subtitles for Every kid needs a champion | ||
Samrat Sridhara edited Hindi subtitles for Every kid needs a champion | ||
Swapnil Dixit edited Hindi subtitles for Every kid needs a champion |
Samrat Sridhara
Hi, Good work. The translation brought out the intended message speaker wanted to deliver. I however have made couple of changes like changing idea to Vichaar, Bidyarthi to Vidyarthi, and Group to Samooh.The translation was very good and in the tone of the speaker.