कैसे हम अगले घातक वाइरस से लड़ेंगे
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0:01 - 0:04आप शायद कभी नहीं सुने होंगे
केनेमा, सिएरा लियॉन -
0:04 - 0:05या अरुआ, नाइजीरिया
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0:05 - 0:09पर मैं उन्हें पृथ्वी पर सबसे असाधारण
स्थानों में से दो के रूप में जानती हूँ। -
0:10 - 0:15वहां के अस्पतालों में, नर्सों, चिकित्सकों
और वैज्ञानिकों के एक समुदाय है -
0:15 - 0:17जो कि सालों से चुपचाप
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0:17 - 0:19लड़ रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े खतरे से :
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0:19 - 0:21लस्सा वाइरस।
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0:21 - 0:23लस्सा वाइरस काफी हद तक
इबोला की तरह ही है। -
0:23 - 0:27यह एक गंभीर बुखार का कारण बन सकता है
और अक्सर घातक भी हो सकता है। -
0:27 - 0:31पर यह लोग, हर दिन अपनी
जान जोखिम में डालते हैं -
0:31 - 0:34ताकि अपने समुदाय के
लोगों की रक्षा कर सकें -
0:34 - 0:37और ऐसा करके, हम सभी की भी।
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0:37 - 0:40लेकिन उनके सबसे असाधारण कामों
में से एक चीज़ जो मैंने सीखी -
0:40 - 0:43अपनी पहली यात्रा पर
वहां, बहुत सालों पहले -
0:43 - 0:44यह थी कि वे शुरू अपनी हर सुबह--
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0:44 - 0:49इन चुनौतीपूर्ण, असाधारण दिन
रंगभूमि पर--गा के करते थे। -
0:50 - 0:53वे एक साथ इकट्ठा होते हैं और
अपनी खुशी जाहिर करते हैं। -
0:53 - 0:55वे उनकी भावना व्यक्त करते हैं।
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0:55 - 0:56और पिछले कुछ सालों से,
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0:56 - 0:59साल दर साल बाद मैं उन्हें मिलने जाती थी
और वे मुझे मिलने आते थे, -
0:59 - 1:01मैं उनके साथ इकट्ठा होती थी और गाती थी
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1:01 - 1:03और हम लिखते थे और पसंद करते थे,
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1:03 - 1:07क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि हम
सिर्फ वहाँ विज्ञान के खातिर नहीं हैं; -
1:07 - 1:09हम एक साझा मानवता के माध्यम से बंधे हैं।
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1:10 - 1:14और बेशक, जैसा की आप कल्पना कर सकते हैं,
अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है, -
1:14 - 1:17जरूरी भी, क्यूंकि
चीज़ें बदलनी शुरू हो जाती हैं। -
1:17 - 1:22और वह बहुत हद तक बदली थी
२०१४ के मार्च में, -
1:22 - 1:24जब गिनी में, इबोला का प्रकोप
घोषित किया गया था। -
1:24 - 1:27यह पश्चिम अफ्रीका में पहली प्रकोप थी,
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1:27 - 1:29सीमा के पास
सिएरा लियोन और लाइबेरिया के। -
1:30 - 1:33और यह डरावना था, हम सभी के लिए।
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1:33 - 1:35हम कुछ समय के लिए वास्तव में संदिग्ध थे
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1:35 - 1:37कि लस्सा और इबोला अधिक थे
बड़े पैमाने पर जितना सोचा था, -
1:37 - 1:40और हमने सोचा कि किसी दिन
केनेमा भी आ सकता है। -
1:40 - 1:42और मेरी टीम तुरंत निकली वहां के लिए
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1:42 - 1:45और शामिल हो गयी डॉ. हमरर खान
और उनकी टीम को, -
1:45 - 1:48और हमने प्रबंध किया निदान का, ताकि
संवेदनशील आणविक परीक्षण कर सकें -
1:48 - 1:51जो दिखाये इबोला अगर वह आये
सीमा पार -
1:51 - 1:52और सिएरा लियोन में।
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1:52 - 1:55हमने पहले भी ऐसा प्रबंध किया था
लस्सा वाइरस के लिए, -
1:55 - 1:56जानते हैं कैसे करना है,
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1:56 - 1:58टीम बेहतरीन है।
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1:58 - 2:01हमें खाली उपकरण और इबोला
सर्वेक्षण के लिए जगह देना था। -
2:01 - 2:03और दुर्भाग्य से, वह दिन आया।
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2:03 - 2:08२३ मई २०१४ को, एक औरत की जाँच हुई
अस्पताल के प्रसूति वार्ड में, -
2:08 - 2:12और टीम ने वह महत्वपूर्ण आणविक परीक्षण किये
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2:12 - 2:16और उन्होंने सिएरा लियोन में इबोला के
सबसे पहले मामले की पुष्टि की। -
2:16 - 2:18यह काम जो हुआ था काफी सराहनीय था।
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2:18 - 2:20वे अब तुरंत निदान करने में सक्षम थे,
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2:20 - 2:23ताकि सुरक्षित रूप से रोगी का इलाज कर सकें
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2:23 - 2:26और ताकि जान पाये कि क्या
चल रहा है कांटेक्ट ट्रेसिंग के द्वारा। -
2:26 - 2:28यह कुछ हद तक तो रोक सकता था।
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2:28 - 2:31लेकिन जब तक वह दिन आया,
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2:31 - 2:33प्रकोप पहले से ही महीनो से
प्रजनन कर चुका था। -
2:33 - 2:37सैकड़ों मामलों के साथ, यह पहले से ही
पिछले प्रकोपों को ग्रहण कर चुका था। -
2:37 - 2:40और यह सिएरा लियोन में आया
उस विलक्षण मामले के रूप में नहीं, -
2:40 - 2:42पर ज्वार की लहर के रूप में।
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2:42 - 2:44हमे काम करना पड़ा अंतरराष्ट्रीय समुदाय,
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2:44 - 2:48स्वास्थ्य मंत्रालय और केनेमा के साथ
ताकि इन मामलों से निपट सके, -
2:48 - 2:50क्यूंकि अगले ही सप्ताह ३१ आये,
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2:50 - 2:54फिर ९२, और फिर १४१--
सभी आ रहे थे केनेमा में, -
2:54 - 2:57सिएरा लियोन के केवल स्थानों में से एक
जो इस के साथ निपट सके। -
2:58 - 3:01हमने हर दिन काम करके जितना कर सकते थे
उतना करने का प्रयत्न किया, -
3:01 - 3:04लोगों की मदद करने की कोशिश की,
ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, -
3:04 - 3:06पर उसके साथ एक सरल काम भी किया।
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3:07 - 3:10हमने जो नमूना लिया था एक रोगी के रक्त से
इबोला का पता लगाने के लिए -
3:10 - 3:12जाहिर है कि वह हम छोड़ सकते हैं।
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3:12 - 3:16दूसरी चीज़ हम कर सकते हैं, उसे एक
रासायनिक में डाल कर और निष्क्रिय करके, -
3:16 - 3:19फिर डब्बे में डाल कर, जहाज के साथ
सागर पार भेज सकते हैं , -
3:19 - 3:20और यही हमने किया।
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3:20 - 3:22हमने बोस्टन भेजा,
जहाँ मेरी टीम काम करती है। -
3:23 - 3:27और हमने भी पूरा दिन काम किया,
दिन के बाद दिन, -
3:27 - 3:30और हमने तुरंत ही ९९ जीनोम
उत्पन्न कर लिया वाइरस के। -
3:30 - 3:34यह खाका है-- वाइरस का
जीनोम ही खाका है। -
3:34 - 3:35यह हम सबके पास हे।
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3:35 - 3:37यह सब कुछ बताता है जिससे हम बने हैं,
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3:37 - 3:39और इतनी सारी जानकारी हमे देता है।
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3:39 - 3:42इस तरह के कामों का परिणाम
सरल एवं शक्तिशाली है। -
3:42 - 3:45हम वास्तव में इन ९९ अलग वाइरस
को ले सकते हैं, -
3:45 - 3:46देख कर तुलना कर सकते हैं,
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3:46 - 3:49और हम देख सकते हैं, वास्तव में,
तीन जीनोम की तुलना कर के, -
3:49 - 3:52जो कि पहले गिनी से प्रकाशित हुई थी,
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3:52 - 3:56हम दिखा सकते हैं कि प्रकोप उभरा
गिनी से महीनों पहले, -
3:56 - 3:58एक बार मानव आबादी में,
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3:58 - 4:00और फिर वहां से प्रसारण हो रहा है
मानव से मानव में। -
4:00 - 4:02अब, यह बहुत ज़रूरी हो जाता है
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4:02 - 4:04जब आप हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हों,
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4:04 - 4:06पर महत्वपूर्ण काम
कांटेक्ट ट्रेसिंग है। -
4:06 - 4:10हम यह भी देख सकते हैं कि जब वाइरस
मानवों के बीच घूमता है, -
4:10 - 4:11वह परिवर्तित होता रहता है।
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4:11 - 4:13और प्रत्येक परिवर्तन बहुत ही
महत्वपूर्ण है, -
4:13 - 4:16क्योंकि निदान, टिका,
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4:16 - 4:17उपचार, जो हम प्रयोग कर रहे हैं,
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4:17 - 4:21सब उस जीनोम अनुक्रम पर
आधारित है, मौलिक-- -
4:21 - 4:22इसी के कारण हो पाता है।
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4:22 - 4:25और तो वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों
को ध्यान देना होगा, -
4:25 - 4:26विकसित करना होगा,
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4:26 - 4:28सब कुछ जांचना होगा जो भी वह कर रहे हैं।
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4:29 - 4:32लेकिन जिस तरह विज्ञानं काम करता है,
जिस स्थिति में, मैं थी, -
4:32 - 4:33मेरे पास डेटा था,
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4:33 - 4:36और मैं कई, कई महीनों तक काम
कर सकती थी एक साइलो में, -
4:36 - 4:38डेटा विश्लेषण करती सावधानी से, धीरे धीरे,
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4:38 - 4:42प्रकाशन के लिए कागज प्रस्तुत करती,
ज़रा ओर अनुसंधान करती, -
4:42 - 4:45और फिर अंत में जब कागज आता,
वह डेटा जारी हो सकता था। -
4:45 - 4:47इस तरह यथास्थिति काम करती है।
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4:47 - 4:50खैर, वह काम नहीं करता
इस स्थिति में, है ना? -
4:50 - 4:51हमारे दोस्त रंगभूमि में थे,
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4:51 - 4:55और जाहिर है,
उन्हें हमारी मदद चाहिए, -
4:55 - 4:56ढेर साड़ी मदद।
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4:56 - 4:57जो पहला काम हमने किया,
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4:57 - 5:00जैसे ही अनुक्रमण आये मशीनों से,
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5:00 - 5:01हमने वेब में प्रकाशित कर दिया।
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5:01 - 5:04हमने सिर्फ यह दुनिया में जारी किया
और कहा,"मदद कीजिये "। -
5:04 - 5:06और मदद आया।
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5:06 - 5:07इससे पहले की हम जानते,
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5:07 - 5:09लोगों ने पुरी दुनिया से हमें संपर्क किया,
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5:09 - 5:12डेटा देख के सब आश्चर्य थे।
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5:12 - 5:14जल्द ही दुनिया के कुछ
सबसे बड़े वाइरस ट्रैकर्स -
5:14 - 5:16हमारे समुदाय का हिस्सा बन गए।
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5:16 - 5:18हम एक साथ इस आभासी तरह से काम कर रहे थे,
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5:18 - 5:21साझा, नियमित कॉल, संचार,
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5:21 - 5:24हर मिनट वाइरस को ही देखा जा रहा था,
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5:24 - 5:26ताकि तरीका खोजा जा सके उन्हें रोकने का।
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5:27 - 5:31और वहां बहुत सारे तरीके हैं
जिस से हम उनकी तरह समुदाय बना सकते हैं। -
5:31 - 5:36सब लोग, विशेष रूप से जब प्रकोप
पुरी दुनिया में विस्तार होना शुरू हुआ था, -
5:36 - 5:39सीखने के लिए,भाग लेने के लिए,
संलग्न करने के लिए पहुँच रहे थे। -
5:40 - 5:41हर कोई मदद करना चाहता था।
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5:41 - 5:44मानव क्षमता की राशि वहाँ बस कमाल है,
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5:44 - 5:46और हम को इंटरनेट ने संपर्क में रखा।
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5:46 - 5:49और क्या आप कल्पना कर सकते हैं
कि यह एक दूसरे से डरने के बजाय, -
5:49 - 5:51सबने इतना कहा की,"चलो यह करते हैं।
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5:51 - 5:54चलो एक साथ करते हैं और इसे सच करते हैं"।
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5:54 - 5:56लेकिन समस्या यह है कि
जो डेटा हम उपयोग कर रहे हैं, -
5:56 - 6:00गूगलिंग वेब पर,सीमित है करने के लिए
जो हमें करना है। -
6:00 - 6:03और कितने सारे अवसर चूक जाते हैं
जब ऐसा होता है। -
6:03 - 6:06तो महामारी के प्रारंभिक भाग में केनेमा से,
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6:06 - 6:08हमने १०६ नैदानिक रिकॉर्ड
किया था रोगियों से, -
6:08 - 6:11और फिर से हमने दुनिया भर में
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध किया। -
6:11 - 6:15और हमारी प्रयोगशाला में, हम दिखा सकते
हैं कि आप उन १०६ रिकॉर्ड ले सकते हैं, -
6:15 - 6:19हम कंप्यूटर के द्वारा इबोला
रोगियों का पूर्वानुमान करीब -
6:19 - 6:20१०० प्रतिशत सटीकता से कर सकते हैं।
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6:20 - 6:23और हमने एक अप्प बनाया
जो कि यह जारी कर सके, -
6:23 - 6:25ताकि स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों
को उपलब्द करवा सके। -
6:25 - 6:29लेकिन बस १०६ पर्याप्त नहीं है
इसे शक्तिशाली -
6:29 - 6:30और मान्य करने के लिए।
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6:30 - 6:32तो उसे जारी करने के लिए हम
ओर डेटा का इंतज़ार कर रहे हैं। -
6:32 - 6:35और डेटा अभी भी नहीं आया है।
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6:35 - 6:37हम अब भी इंतज़ार कर रहे हैं, एक साथ
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6:37 - 6:40काम करने के बजाय अलग हो के सिलोस में।
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6:40 - 6:42और यह सिर्फ--हम स्वीकार नहीं कर सकते।
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6:42 - 6:46है ना? आप, आप सब, स्वीकार नहीं कर सकते।
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6:46 - 6:48हमारा जीवन जोखिम में है।
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6:48 - 6:49और वास्तव में,
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6:49 - 6:52कई जीवन खो गए थे,
कई स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, -
6:52 - 6:54मेरे प्रिय सहयोगियों सहित,
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6:54 - 6:58पांच साथियों:
म्बलू फोननिे, एलेक्स मोइगबोई, -
6:58 - 7:02डॉ.हमरर खान, ऐलिस कोवोमा
और मोहमद फुल्लाह। -
7:02 - 7:04ये केनेमा से सिर्फ पाँच हैं कई
स्वास्थ्य देखभाल -
7:04 - 7:06श्रमिकों में से और उसके परे
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7:06 - 7:09मर गए जबकि दुनिया इंतजार कर रही थी
और हम सब काम कर रहे थे, -
7:09 - 7:11चुपचाप और अलग-अलग।
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7:11 - 7:13देखो, इबोला, सब की तरह खतरा हैं मानवता पर,
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7:13 - 7:17यह बढ़ता है अविश्वास और
व्याकुलता और विभाजन से। -
7:17 - 7:21जब हम खुद के बीच बाधाओं का निर्माण
करते हैं और हम खुद के बीच लड़ाई करते हैं, -
7:21 - 7:23वाइरस पनपता है।
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7:23 - 7:24लेकिन सभी खतरों के विपरीत,
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7:24 - 7:27इबोला एक है जिसके सामने
हम वास्तव में सभी समान हैं। -
7:27 - 7:29हम सब इस लड़ाई में एक साथ हैं।
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7:29 - 7:32एक व्यक्ति के दरवाजे पर इबोला
जल्द हमारे पर हो सकता है। -
7:32 - 7:35और इस जगह में एक ही कमजोरियों,
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7:35 - 7:37ताकतों, आशंका, उम्मीदों के साथ,
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7:37 - 7:41मुझे आशा है कि हम खुशी के साथ
मिलकर काम करेंगें। -
7:42 - 7:45मेरी एक स्नातक छात्र सिएरा लियोन के
बारे में पुस्तक पढ़ रही थी, -
7:46 - 7:48और उसे पता चला कि शब्द "केनेमा,"
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7:48 - 7:51जो चिकित्सालय में हम काम और सिएरा लियॉन
के जिस शहर में हम काम कर रहे हैं, -
7:51 - 7:56वह मेंडे शब्द पर नामित है
"नदी कि तरह स्पष्ट, पारदर्शी और -
7:56 - 7:57खुला है सार्वजनिक आंखों के लिए"।
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7:57 - 7:59यह वास्तव में हमारे लिए गहरा था,
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7:59 - 8:01क्योंकि जानने के बिना भी,
हम महसूस करते थे -
8:01 - 8:04लोगों का सम्मान करने के लिए केनेमा में,
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8:04 - 8:09हमे खुले तौर पर काम करना था, साझा करना था
और एक साथ काम करना था। -
8:09 - 8:10और हमे इसे करना ही है।
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8:10 - 8:14हम सबको खुद से और दूसरों
से आशा रखनी है कि-- -
8:14 - 8:17जब एक प्रकोप आएगा,
हम खुले तौर पर काम करेंगे -
8:17 - 8:19और इस लड़ाई को हम एक साथ लड़ेंगे।
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8:19 - 8:22क्योंकि यह इबोला का पहला प्रकोप नहीं है,
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8:22 - 8:23यह अंतिम भी नहीं है,
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8:23 - 8:26और वहाँ कई अन्य रोगाणुओं है
जो इंतज़ार कर रहे हैं, -
8:26 - 8:28जैसे कि लस्सा वाइरस और बाकी।
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8:28 - 8:29और अगली बार जब ऐसा होगा,
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8:29 - 8:32यह लाखों लोगों के शहर में हो सकता है,
यह वहाँ शुरू हो सकता है। -
8:32 - 8:35यह कुछ भी हो सकता है
जो हवा के द्वारा प्रेषित हो। -
8:35 - 8:37यह जानबूझकर फैलाया हुआ भी हो सकता है।
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8:37 - 8:40और मुझे पता है कि यह भयावह है,
मैं समझती हूँ, -
8:40 - 8:43लेकिन मैं भी जानती हूँ,
और इस अनुभव से पता चलता है कि, -
8:43 - 8:46हम प्रौद्योगिकी है और हम में क्षमता है
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8:46 - 8:48जीतने का इस से,
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8:48 - 8:51जीतने का और शक्तिशाली स्थिति
रखने का वाइरस के ऊपर से। -
8:51 - 8:53लेकिन यह केवल हो सकता है
अगर हम साथ काम करेंगे -
8:53 - 8:54और खुशी के साथ करेंगे।
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8:55 - 8:56तो डॉ खान के लिए
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8:56 - 9:01और उन सभी के लिए जिन्होंने
अपने जीवन का बलिदान दिया रंगभूमि पर -
9:01 - 9:03इस लड़ाई में हमारे साथ हमेशा,
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9:03 - 9:06हमें उनके साथ इस लड़ाई में हमेशा हो।
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9:06 - 9:08और हमे दुनिया को
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9:08 - 9:10एक वाइरस के विनाश से नहीं,
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9:10 - 9:13पर अरबों दिलों और दिमागों की एकता से
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9:13 - 9:14परिभाषित करना है।
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9:14 - 9:15धन्यवाद।
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9:15 - 9:22(तालियाँ)
- Title:
- कैसे हम अगले घातक वाइरस से लड़ेंगे
- Speaker:
- पर्डिस सबेटी
- Description:
-
जब मार्च २०१४ में इबोला का प्रकोप छाया, पर्डिस सबेटी और उनकी टीम को वाइरस के जीनोम का अनुक्रमण करना था, सीखना था कि यह कैसे परवतिर्त होते हैं और फैलते हैं। सबेटी ने तुरंत ही अपने अनुसंधान को वेब में जारी किया, ताकि दुनिया भर के वाइरस ट्रैकर्स और वैज्ञानिक इस तत्काल लड़ाई में शामिल हो सकें। इस बातचीत में, वह दिखाती हैं कि सबका सहयोग ही कुंजी है वाइरस को रोकने के लिए--और लड़ने के लिए आगे आने वाले हमलों से। सबेटी ने कहा,"हमने खुले तौर पर काम किया, साझा किया और साथ काम किया"। "हमे दुनिया को एक वाइरस के विनाश से नहीं, पर अरबों दिलों और दिमागों की एकता से परिभाषित करना है"।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 09:37
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus | ||
Abhinav Garule accepted Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus | ||
Susmita Kumari edited Hindi subtitles for How we'll fight the next deadly virus |