आप शायद कभी नहीं सुने होंगे केनेमा, सिएरा लियॉन या अरुआ, नाइजीरिया पर मैं उन्हें पृथ्वी पर सबसे असाधारण स्थानों में से दो के रूप में जानती हूँ। वहां के अस्पतालों में, नर्सों, चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के एक समुदाय है जो कि सालों से चुपचाप लड़ रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े खतरे से : लस्सा वाइरस। लस्सा वाइरस काफी हद तक इबोला की तरह ही है। यह एक गंभीर बुखार का कारण बन सकता है और अक्सर घातक भी हो सकता है। पर यह लोग, हर दिन अपनी जान जोखिम में डालते हैं ताकि अपने समुदाय के लोगों की रक्षा कर सकें और ऐसा करके, हम सभी की भी। लेकिन उनके सबसे असाधारण कामों में से एक चीज़ जो मैंने सीखी अपनी पहली यात्रा पर वहां, बहुत सालों पहले यह थी कि वे शुरू अपनी हर सुबह-- इन चुनौतीपूर्ण, असाधारण दिन रंगभूमि पर--गा के करते थे। वे एक साथ इकट्ठा होते हैं और अपनी खुशी जाहिर करते हैं। वे उनकी भावना व्यक्त करते हैं। और पिछले कुछ सालों से, साल दर साल बाद मैं उन्हें मिलने जाती थी और वे मुझे मिलने आते थे, मैं उनके साथ इकट्ठा होती थी और गाती थी और हम लिखते थे और पसंद करते थे, क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि हम सिर्फ वहाँ विज्ञान के खातिर नहीं हैं; हम एक साझा मानवता के माध्यम से बंधे हैं। और बेशक, जैसा की आप कल्पना कर सकते हैं, अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है, जरूरी भी, क्यूंकि चीज़ें बदलनी शुरू हो जाती हैं। और वह बहुत हद तक बदली थी २०१४ के मार्च में, जब गिनी में, इबोला का प्रकोप घोषित किया गया था। यह पश्चिम अफ्रीका में पहली प्रकोप थी, सीमा के पास सिएरा लियोन और लाइबेरिया के। और यह डरावना था, हम सभी के लिए। हम कुछ समय के लिए वास्तव में संदिग्ध थे कि लस्सा और इबोला अधिक थे बड़े पैमाने पर जितना सोचा था, और हमने सोचा कि किसी दिन केनेमा भी आ सकता है। और मेरी टीम तुरंत निकली वहां के लिए और शामिल हो गयी डॉ. हमरर खान और उनकी टीम को, और हमने प्रबंध किया निदान का, ताकि संवेदनशील आणविक परीक्षण कर सकें जो दिखाये इबोला अगर वह आये सीमा पार और सिएरा लियोन में। हमने पहले भी ऐसा प्रबंध किया था लस्सा वाइरस के लिए, जानते हैं कैसे करना है, टीम बेहतरीन है। हमें खाली उपकरण और इबोला सर्वेक्षण के लिए जगह देना था। और दुर्भाग्य से, वह दिन आया। २३ मई २०१४ को, एक औरत की जाँच हुई अस्पताल के प्रसूति वार्ड में, और टीम ने वह महत्वपूर्ण आणविक परीक्षण किये और उन्होंने सिएरा लियोन में इबोला के सबसे पहले मामले की पुष्टि की। यह काम जो हुआ था काफी सराहनीय था। वे अब तुरंत निदान करने में सक्षम थे, ताकि सुरक्षित रूप से रोगी का इलाज कर सकें और ताकि जान पाये कि क्या चल रहा है कांटेक्ट ट्रेसिंग के द्वारा। यह कुछ हद तक तो रोक सकता था। लेकिन जब तक वह दिन आया, प्रकोप पहले से ही महीनो से प्रजनन कर चुका था। सैकड़ों मामलों के साथ, यह पहले से ही पिछले प्रकोपों को ग्रहण कर चुका था। और यह सिएरा लियोन में आया उस विलक्षण मामले के रूप में नहीं, पर ज्वार की लहर के रूप में। हमे काम करना पड़ा अंतरराष्ट्रीय समुदाय, स्वास्थ्य मंत्रालय और केनेमा के साथ ताकि इन मामलों से निपट सके, क्यूंकि अगले ही सप्ताह ३१ आये, फिर ९२, और फिर १४१-- सभी आ रहे थे केनेमा में, सिएरा लियोन के केवल स्थानों में से एक जो इस के साथ निपट सके। हमने हर दिन काम करके जितना कर सकते थे उतना करने का प्रयत्न किया, लोगों की मदद करने की कोशिश की, ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, पर उसके साथ एक सरल काम भी किया। हमने जो नमूना लिया था एक रोगी के रक्त से इबोला का पता लगाने के लिए जाहिर है कि वह हम छोड़ सकते हैं। दूसरी चीज़ हम कर सकते हैं, उसे एक रासायनिक में डाल कर और निष्क्रिय करके, फिर डब्बे में डाल कर, जहाज के साथ सागर पार भेज सकते हैं , और यही हमने किया। हमने बोस्टन भेजा, जहाँ मेरी टीम काम करती है। और हमने भी पूरा दिन काम किया, दिन के बाद दिन, और हमने तुरंत ही ९९ जीनोम उत्पन्न कर लिया वाइरस के। यह खाका है-- वाइरस का जीनोम ही खाका है। यह हम सबके पास हे। यह सब कुछ बताता है जिससे हम बने हैं, और इतनी सारी जानकारी हमे देता है। इस तरह के कामों का परिणाम सरल एवं शक्तिशाली है। हम वास्तव में इन ९९ अलग वाइरस को ले सकते हैं, देख कर तुलना कर सकते हैं, और हम देख सकते हैं, वास्तव में, तीन जीनोम की तुलना कर के, जो कि पहले गिनी से प्रकाशित हुई थी, हम दिखा सकते हैं कि प्रकोप उभरा गिनी से महीनों पहले, एक बार मानव आबादी में, और फिर वहां से प्रसारण हो रहा है मानव से मानव में। अब, यह बहुत ज़रूरी हो जाता है जब आप हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हों, पर महत्वपूर्ण काम कांटेक्ट ट्रेसिंग है। हम यह भी देख सकते हैं कि जब वाइरस मानवों के बीच घूमता है, वह परिवर्तित होता रहता है। और प्रत्येक परिवर्तन बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि निदान, टिका, उपचार, जो हम प्रयोग कर रहे हैं, सब उस जीनोम अनुक्रम पर आधारित है, मौलिक-- इसी के कारण हो पाता है। और तो वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों को ध्यान देना होगा, विकसित करना होगा, सब कुछ जांचना होगा जो भी वह कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह विज्ञानं काम करता है, जिस स्थिति में, मैं थी, मेरे पास डेटा था, और मैं कई, कई महीनों तक काम कर सकती थी एक साइलो में, डेटा विश्लेषण करती सावधानी से, धीरे धीरे, प्रकाशन के लिए कागज प्रस्तुत करती, ज़रा ओर अनुसंधान करती, और फिर अंत में जब कागज आता, वह डेटा जारी हो सकता था। इस तरह यथास्थिति काम करती है। खैर, वह काम नहीं करता इस स्थिति में, है ना? हमारे दोस्त रंगभूमि में थे, और जाहिर है, उन्हें हमारी मदद चाहिए, ढेर साड़ी मदद। जो पहला काम हमने किया, जैसे ही अनुक्रमण आये मशीनों से, हमने वेब में प्रकाशित कर दिया। हमने सिर्फ यह दुनिया में जारी किया और कहा,"मदद कीजिये "। और मदद आया। इससे पहले की हम जानते, लोगों ने पुरी दुनिया से हमें संपर्क किया, डेटा देख के सब आश्चर्य थे। जल्द ही दुनिया के कुछ सबसे बड़े वाइरस ट्रैकर्स हमारे समुदाय का हिस्सा बन गए। हम एक साथ इस आभासी तरह से काम कर रहे थे, साझा, नियमित कॉल, संचार, हर मिनट वाइरस को ही देखा जा रहा था, ताकि तरीका खोजा जा सके उन्हें रोकने का। और वहां बहुत सारे तरीके हैं जिस से हम उनकी तरह समुदाय बना सकते हैं। सब लोग, विशेष रूप से जब प्रकोप पुरी दुनिया में विस्तार होना शुरू हुआ था, सीखने के लिए,भाग लेने के लिए, संलग्न करने के लिए पहुँच रहे थे। हर कोई मदद करना चाहता था। मानव क्षमता की राशि वहाँ बस कमाल है, और हम को इंटरनेट ने संपर्क में रखा। और क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह एक दूसरे से डरने के बजाय, सबने इतना कहा की,"चलो यह करते हैं। चलो एक साथ करते हैं और इसे सच करते हैं"। लेकिन समस्या यह है कि जो डेटा हम उपयोग कर रहे हैं, गूगलिंग वेब पर,सीमित है करने के लिए जो हमें करना है। और कितने सारे अवसर चूक जाते हैं जब ऐसा होता है। तो महामारी के प्रारंभिक भाग में केनेमा से, हमने १०६ नैदानिक रिकॉर्ड किया था रोगियों से, और फिर से हमने दुनिया भर में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध किया। और हमारी प्रयोगशाला में, हम दिखा सकते हैं कि आप उन १०६ रिकॉर्ड ले सकते हैं, हम कंप्यूटर के द्वारा इबोला रोगियों का पूर्वानुमान करीब १०० प्रतिशत सटीकता से कर सकते हैं। और हमने एक अप्प बनाया जो कि यह जारी कर सके, ताकि स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों को उपलब्द करवा सके। लेकिन बस १०६ पर्याप्त नहीं है इसे शक्तिशाली और मान्य करने के लिए। तो उसे जारी करने के लिए हम ओर डेटा का इंतज़ार कर रहे हैं। और डेटा अभी भी नहीं आया है। हम अब भी इंतज़ार कर रहे हैं, एक साथ काम करने के बजाय अलग हो के सिलोस में। और यह सिर्फ--हम स्वीकार नहीं कर सकते। है ना? आप, आप सब, स्वीकार नहीं कर सकते। हमारा जीवन जोखिम में है। और वास्तव में, कई जीवन खो गए थे, कई स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, मेरे प्रिय सहयोगियों सहित, पांच साथियों: म्बलू फोननिे, एलेक्स मोइगबोई, डॉ.हमरर खान, ऐलिस कोवोमा और मोहमद फुल्लाह। ये केनेमा से सिर्फ पाँच हैं कई स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों में से और उसके परे मर गए जबकि दुनिया इंतजार कर रही थी और हम सब काम कर रहे थे, चुपचाप और अलग-अलग। देखो, इबोला, सब की तरह खतरा हैं मानवता पर, यह बढ़ता है अविश्वास और व्याकुलता और विभाजन से। जब हम खुद के बीच बाधाओं का निर्माण करते हैं और हम खुद के बीच लड़ाई करते हैं, वाइरस पनपता है। लेकिन सभी खतरों के विपरीत, इबोला एक है जिसके सामने हम वास्तव में सभी समान हैं। हम सब इस लड़ाई में एक साथ हैं। एक व्यक्ति के दरवाजे पर इबोला जल्द हमारे पर हो सकता है। और इस जगह में एक ही कमजोरियों, ताकतों, आशंका, उम्मीदों के साथ, मुझे आशा है कि हम खुशी के साथ मिलकर काम करेंगें। मेरी एक स्नातक छात्र सिएरा लियोन के बारे में पुस्तक पढ़ रही थी, और उसे पता चला कि शब्द "केनेमा," जो चिकित्सालय में हम काम और सिएरा लियॉन के जिस शहर में हम काम कर रहे हैं, वह मेंडे शब्द पर नामित है "नदी कि तरह स्पष्ट, पारदर्शी और खुला है सार्वजनिक आंखों के लिए"। यह वास्तव में हमारे लिए गहरा था, क्योंकि जानने के बिना भी, हम महसूस करते थे लोगों का सम्मान करने के लिए केनेमा में, हमे खुले तौर पर काम करना था, साझा करना था और एक साथ काम करना था। और हमे इसे करना ही है। हम सबको खुद से और दूसरों से आशा रखनी है कि-- जब एक प्रकोप आएगा, हम खुले तौर पर काम करेंगे और इस लड़ाई को हम एक साथ लड़ेंगे। क्योंकि यह इबोला का पहला प्रकोप नहीं है, यह अंतिम भी नहीं है, और वहाँ कई अन्य रोगाणुओं है जो इंतज़ार कर रहे हैं, जैसे कि लस्सा वाइरस और बाकी। और अगली बार जब ऐसा होगा, यह लाखों लोगों के शहर में हो सकता है, यह वहाँ शुरू हो सकता है। यह कुछ भी हो सकता है जो हवा के द्वारा प्रेषित हो। यह जानबूझकर फैलाया हुआ भी हो सकता है। और मुझे पता है कि यह भयावह है, मैं समझती हूँ, लेकिन मैं भी जानती हूँ, और इस अनुभव से पता चलता है कि, हम प्रौद्योगिकी है और हम में क्षमता है जीतने का इस से, जीतने का और शक्तिशाली स्थिति रखने का वाइरस के ऊपर से। लेकिन यह केवल हो सकता है अगर हम साथ काम करेंगे और खुशी के साथ करेंगे। तो डॉ खान के लिए और उन सभी के लिए जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया रंगभूमि पर इस लड़ाई में हमारे साथ हमेशा, हमें उनके साथ इस लड़ाई में हमेशा हो। और हमे दुनिया को एक वाइरस के विनाश से नहीं, पर अरबों दिलों और दिमागों की एकता से परिभाषित करना है। धन्यवाद। (तालियाँ)