प्राचीन कंकालों से आप क्या जान सकते हैं? - फ़रनाज़ ख़ातिबि
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0:07 - 0:09२००८ और २०१२ के बीच,
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0:09 - 0:14पुरातत्त्वज्ञों ने इंग्लैंड के
एक अस्पताल के मलवे को खोदा। -
0:14 - 0:17इस प्रक्रिया में उन्हें कई कंकाल मिले।
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0:17 - 0:19एक विशेष कंकाल एक ऐसे धनी व्यक्ति का था
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0:19 - 0:22जो ११वीं या १२वीं सदी से था,
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0:22 - 0:25और १८ से २५ वर्ष की उम्र के बीच
कुष्ठ रोग से मरा। -
0:25 - 0:27लेकिन यह सब हमें पता कैसे चला?
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0:27 - 0:30मात्र कुछ पुरानी, मिट्टी से लथपथ
हड्डियों का परीक्षण करने से? -
0:30 - 0:32मृत्यु के सदियों बाद भी,
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0:32 - 0:35कंकालो मे अद्वितीय विशेषताएं होती है,
जो हमें उनकी पहचान के बारे में बताती हैं। -
0:35 - 0:40और आधुनिक उपकरण और तकनीकों का प्रयोग कर हम
उन विशेषताओं को सुराग की तरह पढ़ सकते हैं। -
0:40 - 0:44विज्ञान की इस शाखा को
जैविक नृविज्ञान कहते हैं। -
0:44 - 0:47यह शोधकर्ताओं को प्राचीन लोगों के
बारे में विस्तृत जानकारी पाने और ऐतिहासिक -
0:47 - 0:51घटनाओं की पहचान करने में सक्षम करती है,
जिन्होंने पूरी जनसंख्या को प्रभावित किया। -
0:51 - 0:54जब शोधकर्ताओं को कोई कंकाल मिलता है,
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0:54 - 0:57कुछ पहले मिलने वाले सुराग,
जैसे आयु और लिंग, -
0:57 - 0:59उसके आकृति-विज्ञान से मिलते हैं,
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0:59 - 1:02जो कि उस कंकाल की संरचना,
दिखावट, और आकार होते हैं। -
1:02 - 1:06हड्डियाँ, जैसे कंठास्थि का विकास,
२५ वर्ष की आयु में रुक जाता है। -
1:06 - 1:09तो एक ऐसा कंकाल,
जिसकी कंठास्थि पूरी तरह विकसित नहीं है, -
1:09 - 1:11२५ वर्ष से छोटे व्यक्ति का होना चाहिए।
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1:11 - 1:15इसी तरह, खोपड़ी के अन्दर की प्लेटें ४० वर्ष
की आयु तक सम्मिश्रित होती रह सकती हैं, -
1:15 - 1:17और कभी-कभी उसके बाद भी।
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1:17 - 1:20इनको कुछ अति सूक्ष्म
कंकालीय सुरागों से मिलाने पर, -
1:20 - 1:25भौतिक नृविज्ञान मृत्यु की अनुमानित
आयु का आकलन कर सकता है। -
1:25 - 1:28इसी के साथ, श्रोणि की हड्डियों से
लिंग का पता चलता है। -
1:28 - 1:32जैविक रूप से स्त्री की श्रोणि
अधिक चौड़ी होती है, ताकि वो जन्म दे सकें, -
1:32 - 1:34जबकि पुरुषों की संकीर्ण होती है।
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1:34 - 1:37हड्डियाँ प्राचीन रोगों के
चिन्ह भी प्रकट करती हैं। -
1:37 - 1:40रक्तक्षय जैसे विकार
अपने निशान हड्डियों पर छोड़ते हैं। -
1:40 - 1:42और दांतों की अवस्था आहार और
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1:42 - 1:45कुपोषण जैसे कारकों के
सुराग प्रकट कर सकते हैं, -
1:45 - 1:48जो कभी-कभी अमीरी और गरीबी से
सम्बन्धित हो सकते हैं। -
1:48 - 1:52एक कोलेजन (मज्जा) कहलाने वाला प्रोटीन
हमें और अधिक गंभीर जानकारी दे सकता है। -
1:52 - 1:53जो हम साँस लेते हैं,
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1:53 - 1:54जो पानी पीते हैं,
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1:54 - 1:56और जो खाना खाते हैं,
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1:56 - 1:58वह रासायनिक यौगिक के रूप में,
हमारी हड्डियों और दांतों पर -
1:58 - 2:00स्थायी चिन्ह छोड़ता है।
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2:00 - 2:04इन यौगिक में समस्थानिक कहलाने वाली
नापने योग्य मात्रा होती है। -
2:04 - 2:09हड्डी की मज्जा और दांतों की परतों के स्थिर
समस्थानिक, स्तनधारियों में भिन्न होते हैं -
2:09 - 2:12और इस पर निर्भर करते हैं
कि वह कहाँ रहते थे और क्या खाते थे। -
2:12 - 2:14तो इन समस्थानिकों का
विश्लेषण करने से, -
2:14 - 2:18हम ऐतिहासिक लोगों के आहार और स्थान
के बारे में सीधे निष्कर्ष निकाल सकते हैं। -
2:18 - 2:21यही नहीं, बल्कि जीवन के दौरान,
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2:21 - 2:24हड्डियाँ पुनर्निर्माण के निरन्तर चक्र से
गुज़रती रहती हैं। -
2:24 - 2:26इसलिए अगर कोई एक जगह से दूसरी
जगह चला जाए, तो -
2:26 - 2:28जिन हड्डियों का संश्लेषण
जाने के बाद हुआ -
2:28 - 2:33वो आस-पास के वातावरण के
नए समस्थानिक हस्ताक्षर भी प्रकट करेंगी। -
2:33 - 2:36इसका मतलब है कि कंकालों को प्रवासी
नक्शों की तरह भी प्रयोग किया जा सकता है। -
2:36 - 2:40उदाहरण के लिए, १ - ६५० ईस्वी के बीच,
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2:40 - 2:45मेक्सिकौ में टियोतिहुआकन का महान शहर
हज़ारों लोगों से जगमगाता था। -
2:45 - 2:49शोधकर्ताओं ने कंकालों के दाँतों की परतो
के समस्थानिक अनुपातों का परीक्षण किया -
2:49 - 2:52जिनमें उनके युवावस्था के
आहार की विस्तृत जानकारी थी। -
2:52 - 2:55उनको उस शहर में हुए प्रवास के प्रमाण मिले।
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2:55 - 2:57ज़्यादातर लोगों का जन्म कहीं और हुआ था।
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2:57 - 3:01थोड़े और भूवैज्ञानिक
और कंकालीय विश्लेषण से, -
3:01 - 3:05शायद वो यह भी जान पाएँ
कि वह लोग कहाँ से आये थे। -
3:05 - 3:09टियोतिहुआकन में किया गया यह कार्य,
इसका भी उदाहरण है कि जैव मानवविज्ञानी -
3:09 - 3:12कब्रिस्तानों और सामूहिक कब्रों के
कंकालों को कैसे पढ़ते हैं -
3:12 - 3:15फ़िर उनकी समानताओं और
असमानताओं का विश्लेषण करते हैं। -
3:15 - 3:18उस जानकारी से वह उनकी
सांस्कृतिक मान्यताओं, -
3:18 - 3:18सामाजिक मानदंडो
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3:18 - 3:19युद्धों,
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3:19 - 3:21और उनकी मृत्यु के कारणो
के बारे मे जान सकते है। -
3:21 - 3:26आज हम इन उपकरणों का प्रयोग ऐसे बड़े
प्रश्नों का उत्तर करने में करते हैं जो -
3:26 - 3:27प्रवास और रोग जैसी शक्तियों
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3:27 - 3:29के आधुनिक दुनिया को
आकार देने से जुड़े है। -
3:29 - 3:34अपेक्षाकृत अच्छी तरह संरक्षित कुछ प्राचीन
अवशेषो मे डीएनए विश्लेषण भी सम्भव होता है। -
3:34 - 3:37जो हमें यह समझने में सहायता कर रहा है
कि क्षय जैसी बिमारियों का -
3:37 - 3:39सदियों में क्रम-विकास कैसे हुआ है,
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3:39 - 3:42ताकि हम आज के लोगों के लिए
बेहतर उपचार का निर्माण कर सकें। -
3:42 - 3:46प्राचीन कंकाल हमें विस्मयकारी रूप से
अतीत के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं। -
3:46 - 3:49तो अगर आपके अवशेष
किसी दिन अक्षत दफन किये गए, -
3:49 - 3:52तो दूरस्थ भविष्य के पुरातत्त्वज्ञ
उनसे क्या जान पाएँगे?
- Title:
- प्राचीन कंकालों से आप क्या जान सकते हैं? - फ़रनाज़ ख़ातिबि
- Description:
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पूरा पाठ देखिये: http://ed.ted.com/lessons/what-can-you-learn-from-ancient-skeletons-farnaz-khatibi
प्राचीन कंकाल हमें अतीत के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं, जैसे आयु, लिंग, और उसके स्वामी की सामाजिक हैसियत भी। लेकिन यह सब हम मात्र कुछ पुरानी, मिट्टी से लथपथ हड्डियों का परीक्षण करने से कैसे जान पाते हैं? फ़रनाज़ ख़ातिबि विज्ञान की एक आकर्षक शाखा की जांच करती हैं, जिसे जैविक नृविज्ञान कहते हैं।
पाठ फ़रनाज़ ख़ातिबि द्वारा, जीव-संचारण TED-Ed द्वारा।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TED-Ed
- Duration:
- 04:08
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for What can you learn from ancient skeletons? - Farnaz Khatibi | ||
Omprakash Bisen accepted Hindi subtitles for What can you learn from ancient skeletons? - Farnaz Khatibi | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for What can you learn from ancient skeletons? - Farnaz Khatibi | ||
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for What can you learn from ancient skeletons? - Farnaz Khatibi |