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फ़र्ग्यूसन विरोध प्रदर्शनों में मैंने क्या देखा

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    मै भयभीत हूँ।
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    अभी
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    इस मंच पर,
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    मै भय महसूस कर रहा हूँ ।
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    जीवन मे, मै ऐसे बहुत
    कम लोगों से मिला हूँ
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    जो ये स्वीकार करते हैं
    कि वो भयभीत हैं ।
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    और ऐसा इसलिए क्यूंकि
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    वो जानते हैं कि ये कितनी
    आसानी से फैलता है.
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    जैसा आप सभी जानते हैं,
    भय एक बीमारी की तरह है
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    जो किसी जंगल की आग कि तरह फैलता है.
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    लेकिन तब क्या होता है
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    जब आप डरे हुए होते हो, लेकिन
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    आप वही करते हो जो
    आपको करना है ?
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    उसे ही साहस कहते हैं .
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    और डर की तरह ही ,
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    साहस भी एक संक्रामक रोग है.
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    मैं पूर्वी सेंट लुइस, इलेनॉइस से हूँ.
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    जोकि एक छोटा शहर है
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    मिसिसिप्पी नदी के पार
    सेंट लुइस, मिसौरी से
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    मै अपनी सारी उम्र सेंट लुइस मे
    या उसके आस - पास ही रहा हूँ.
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    जब माइकल ब्राउन जूनियर,
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    एक साधारण सा किशोर,
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    जिसे पुलिस ने 2014 मे गोली मार दी थी
    फ़र्गुसन, मिसौरी मे
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    जोकि उत्तरी सेंट लुइस मे
    एक छोटी बस्ती है
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    मै सोचता हूँ कि
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    वो पहला नहीं था
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    जिसे वहां कि कानूनी संस्था ने
    मार दिया था
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    लेकिन उसकी मौत औरों से अलग थी
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    क्यूंकि जब
    माइक को मारा गया था,
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    मुझे याद है डर को हथियार की तरह
    इस्तेमाल किया गया था
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    पुलिस ने एक शोकग्रसित समुदाय के
    खिलाफ बल प्रयोग किया
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    उन्हें डराने के लिए :
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    सैन्य पुलिस का भय,
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    कारावास,
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    जुर्माना आदि लगाया.
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    मीडिया ने भी कोशिश की
    हमें एक-दूसरे से डरने के लिए
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    कहानी को
    घुमा कर पेश किया
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    और ये सभी बातें उनके पक्ष
    मे गयी.
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    लेकिन जैसा मैंने कहा था
    इस बार ये अलग था.
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    माइकल ब्राउन कि मौत और
    समुदाय का उपचार
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    फ़र्गुसन और सेंट लुइस मे
    विरोध प्रदर्शन का कारण बना.
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    जब मुझे चौथे या पांचवे दिन
    इस विरोध प्रदर्शन के बारे मे मालूम चला
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    यह साहसिक तो था ही ;
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    यह अपराधबोध से मुक्त था.
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    आप जानते हैं
    मेरी छवि काली है.
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    मुझे नहीं पता
    मैंने ऐसा क्यूँ कहा.
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    (हास्य)
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    लेकिन मै सेंट लुइस मे नहीं रुक सकता था जो,
    फ़र्गुसन से कुछ मिनट ही दूर है,
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    मै ये देखे बिन
    नहीं रह सकता था
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    इसलिए मै तुरंत ही वहां के लिए
    निकल पड़ा
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    जब मै वहां पहुंचा,
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    मैंने कुछ आश्चर्यजनक देखा
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    लोगों मे गुस्सा था ; और बहुत ज्यादा था
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    लेकिन मैंने उससे भी ज्यादा प्यार देखा
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    लोग का आपस मे प्रेम
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    अपने समुदाय के प्रति प्रेम
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    और ये बहुत खूबसूरत था --
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    जब तक पुलिस नहीं आयी थी
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    फिर बातचीत मे एक नयी भावना का समागम हुआ
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    भय
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    मेरा यकीन करिए;
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    जब मैंने उन सैन्य वाहनों
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    उस पर लगे हथियार,
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    और उन बंदूकों,
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    और उन सभी पुलिस वालों को देखा तो
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    मै डरा हुआ था
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    खुद मे
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    और मैंने अपने आस-पास लोगों को देखा
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    मैंने पाया बहुत से लोग मेरी तरह ही
    महसूस कर रहे हैं
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    लेकिन मैंने उन सभी के भीतर
    कुछ और भी देखा
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    वो था साहस
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    वो सब चिल्ला रहे थे
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    वे सभी चिल्लाये
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    और वो पुलिस को देखकर
    पीछे हटने वाले नहीं थे
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    क्यूंकि वो
    उस डर को पार कर चुके थे
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    और तब मैंने अपने अन्दर कुछ
    महसूस किया
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    मै भी चीखा और चिल्लाया
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    और मेरे आस-पास के सभी लोग ऐसा
    ऐसा कर रहे थे
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    और अब वहां डर जैसा कुछ नहीं था
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    इसलिए मैंने कुछ और
    करने का सोचा
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    मै घर वापस गया और सोचा मै कलाकार हूँ
    मैंने अभी तक सिर्फ बकवास कि है
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    इसलिए मैंने विरोध के लिए विशिष्ट
    चीजों का निर्माण किया,
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    चीजें जो इस आध्यात्मिक युद्ध मे हथियार
    का काम करेंगी
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    चीजें जो लोगों को एक आवाज़ देंगी
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    और जो उन्हें आगे बढ़ने मे मदद करेंगी
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    मैंने योजना तैयार कि जिसमे मैंने लोगों
    के हाथों के चित्र लिए
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    और उन्हें ऊपर - नीचे
    इमारतों पर
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    और दुकानों मे हर जगह लगाया
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    मेरा लक्ष्य लोगों मे जागरूकता
    और मनोबल बढ़ाना था
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    और मैंने एक मिनट के लिए सोचा
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    और फिर वही किया
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    फिर मैंने सोचा, मैं उत्थान करना चाहता हूं
    इन लोगों की कहानियों का
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    उस क्षण मै साहसिक महसूस कर रहा था
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    और मै मेरा मित्र
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    निर्माता और भागीदार सब्बह फोलायन
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    ने एक वृत्त चित्र बनाया,
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    " हूज स्ट्रीट्स ?"
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    मैं एक वाहक बन गया
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    ये जो साहस मुझे प्राप्त हुआ था
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    और मै सोचता हूँ एक कलाकार के रूप मे
    ये हमारा काम था
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    मुझे लगता है कि हमें वाहक होना चाहिए
    उस सहस का जिसकी हम बात करते हैं
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    और मुझे लगता है कि हम दीवार हैं
    सामान्य लोगों
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    और उन लोगों के बीच जो
    भय और घृणा फैलाते हैं
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    विशेषकर ऐसे समय मे.
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    इसलिए मै आपसे पूछना चाहता हूँ
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    क्यों, वो सभी पहल करने वाले,
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    जो सोच से जन नेता हैं
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    आप सब क्या करना चाहते हो
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    उन उपहारों से जो आपको दिए गए हैं
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    हमे हर दिन डरा कर तोड़ना चाहते हो ?
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    क्यूंकि मै हर दिन
    डरा हुआ महसूस करता हूँ
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    मुझे नही याद है कि कब
    मै डरा हुआ नहीं था
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    एक बार मुझे ये मालूम चल जाये कि
    ये डर मुझे अपंग बनाने के लिए नही है
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    ये मेरी सुरक्षा के लिए है
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    और इस डर का उपयोग मै कैसे करूं,
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    तब मै शक्तिशाली महसूस करूँगा
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    धन्यवाद
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    ( सराहना )
Title:
फ़र्ग्यूसन विरोध प्रदर्शनों में मैंने क्या देखा
Speaker:
डेमोन डेविस
Description:

जब कलाकार डेमोन डेविस वर्ष 2014 मे पुलिस द्वारा माइकल ब्राउन कि हत्या के बाद फ़र्गुसन, मिसौरी मे चल रहे विरोध प्रदर्शन मे शामिल होने के लिए जाते हैं तो उन्हे वहां क्रोध ही नही बल्कि स्वयं और समुदाय के लिए प्रेम भी महसूस होता है। उनका वृत्त चित्र " हूज स्ट्रीट्स ?" बताता है कहानी विरोध की, उन कार्यकर्ताओं कि, जिन्होंने डर और घृणा फ़ैलाने वालों को एक कड़ी चुनौती दी थी ।

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
05:25

Hindi subtitles

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