फ़र्ग्यूसन विरोध प्रदर्शनों में मैंने क्या देखा
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0:01 - 0:03मै भयभीत हूँ।
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0:04 - 0:05अभी
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0:05 - 0:07इस मंच पर,
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0:07 - 0:08मै भय महसूस कर रहा हूँ ।
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0:09 - 0:11जीवन मे, मै ऐसे बहुत
कम लोगों से मिला हूँ -
0:11 - 0:13जो ये स्वीकार करते हैं
कि वो भयभीत हैं । -
0:14 - 0:16और ऐसा इसलिए क्यूंकि
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0:16 - 0:17वो जानते हैं कि ये कितनी
आसानी से फैलता है. -
0:18 - 0:20जैसा आप सभी जानते हैं,
भय एक बीमारी की तरह है -
0:21 - 0:23जो किसी जंगल की आग कि तरह फैलता है.
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0:24 - 0:25लेकिन तब क्या होता है
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0:26 - 0:27जब आप डरे हुए होते हो, लेकिन
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0:27 - 0:29आप वही करते हो जो
आपको करना है ? -
0:29 - 0:31उसे ही साहस कहते हैं .
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0:31 - 0:33और डर की तरह ही ,
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0:33 - 0:34साहस भी एक संक्रामक रोग है.
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0:36 - 0:38मैं पूर्वी सेंट लुइस, इलेनॉइस से हूँ.
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0:38 - 0:39जोकि एक छोटा शहर है
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0:39 - 0:42मिसिसिप्पी नदी के पार
सेंट लुइस, मिसौरी से -
0:42 - 0:46मै अपनी सारी उम्र सेंट लुइस मे
या उसके आस - पास ही रहा हूँ. -
0:48 - 0:50जब माइकल ब्राउन जूनियर,
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0:50 - 0:51एक साधारण सा किशोर,
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0:51 - 0:56जिसे पुलिस ने 2014 मे गोली मार दी थी
फ़र्गुसन, मिसौरी मे -
0:56 - 0:59जोकि उत्तरी सेंट लुइस मे
एक छोटी बस्ती है -
0:59 - 1:00मै सोचता हूँ कि
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1:00 - 1:02वो पहला नहीं था
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1:02 - 1:06जिसे वहां कि कानूनी संस्था ने
मार दिया था -
1:06 - 1:08लेकिन उसकी मौत औरों से अलग थी
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1:09 - 1:10क्यूंकि जब
माइक को मारा गया था, -
1:10 - 1:14मुझे याद है डर को हथियार की तरह
इस्तेमाल किया गया था -
1:15 - 1:19पुलिस ने एक शोकग्रसित समुदाय के
खिलाफ बल प्रयोग किया -
1:19 - 1:20उन्हें डराने के लिए :
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1:21 - 1:22सैन्य पुलिस का भय,
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1:23 - 1:24कारावास,
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1:24 - 1:25जुर्माना आदि लगाया.
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1:25 - 1:28मीडिया ने भी कोशिश की
हमें एक-दूसरे से डरने के लिए -
1:28 - 1:29कहानी को
घुमा कर पेश किया -
1:29 - 1:32और ये सभी बातें उनके पक्ष
मे गयी. -
1:32 - 1:34लेकिन जैसा मैंने कहा था
इस बार ये अलग था. -
1:36 - 1:39माइकल ब्राउन कि मौत और
समुदाय का उपचार -
1:39 - 1:43फ़र्गुसन और सेंट लुइस मे
विरोध प्रदर्शन का कारण बना. -
1:44 - 1:47जब मुझे चौथे या पांचवे दिन
इस विरोध प्रदर्शन के बारे मे मालूम चला -
1:47 - 1:49यह साहसिक तो था ही ;
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1:49 - 1:51यह अपराधबोध से मुक्त था.
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1:51 - 1:53आप जानते हैं
मेरी छवि काली है. -
1:53 - 1:55मुझे नहीं पता
मैंने ऐसा क्यूँ कहा. -
1:55 - 1:56(हास्य)
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1:56 - 2:02लेकिन मै सेंट लुइस मे नहीं रुक सकता था जो,
फ़र्गुसन से कुछ मिनट ही दूर है, -
2:02 - 2:03मै ये देखे बिन
नहीं रह सकता था -
2:03 - 2:05इसलिए मै तुरंत ही वहां के लिए
निकल पड़ा -
2:06 - 2:07जब मै वहां पहुंचा,
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2:07 - 2:09मैंने कुछ आश्चर्यजनक देखा
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2:11 - 2:13लोगों मे गुस्सा था ; और बहुत ज्यादा था
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2:14 - 2:16लेकिन मैंने उससे भी ज्यादा प्यार देखा
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2:17 - 2:19लोग का आपस मे प्रेम
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2:19 - 2:20अपने समुदाय के प्रति प्रेम
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2:20 - 2:22और ये बहुत खूबसूरत था --
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2:22 - 2:24जब तक पुलिस नहीं आयी थी
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2:25 - 2:28फिर बातचीत मे एक नयी भावना का समागम हुआ
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2:29 - 2:30भय
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2:31 - 2:32मेरा यकीन करिए;
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2:32 - 2:35जब मैंने उन सैन्य वाहनों
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2:35 - 2:36उस पर लगे हथियार,
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2:36 - 2:38और उन बंदूकों,
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2:38 - 2:39और उन सभी पुलिस वालों को देखा तो
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2:40 - 2:41मै डरा हुआ था
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2:41 - 2:42खुद मे
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2:44 - 2:46और मैंने अपने आस-पास लोगों को देखा
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2:46 - 2:49मैंने पाया बहुत से लोग मेरी तरह ही
महसूस कर रहे हैं -
2:49 - 2:52लेकिन मैंने उन सभी के भीतर
कुछ और भी देखा -
2:52 - 2:54वो था साहस
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2:54 - 2:55वो सब चिल्ला रहे थे
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2:55 - 2:56वे सभी चिल्लाये
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2:57 - 2:59और वो पुलिस को देखकर
पीछे हटने वाले नहीं थे -
2:59 - 3:01क्यूंकि वो
उस डर को पार कर चुके थे -
3:01 - 3:03और तब मैंने अपने अन्दर कुछ
महसूस किया -
3:03 - 3:05मै भी चीखा और चिल्लाया
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3:05 - 3:09और मेरे आस-पास के सभी लोग ऐसा
ऐसा कर रहे थे -
3:10 - 3:12और अब वहां डर जैसा कुछ नहीं था
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3:13 - 3:15इसलिए मैंने कुछ और
करने का सोचा -
3:16 - 3:19मै घर वापस गया और सोचा मै कलाकार हूँ
मैंने अभी तक सिर्फ बकवास कि है -
3:19 - 3:23इसलिए मैंने विरोध के लिए विशिष्ट
चीजों का निर्माण किया, -
3:24 - 3:27चीजें जो इस आध्यात्मिक युद्ध मे हथियार
का काम करेंगी -
3:28 - 3:30चीजें जो लोगों को एक आवाज़ देंगी
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3:31 - 3:34और जो उन्हें आगे बढ़ने मे मदद करेंगी
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3:35 - 3:38मैंने योजना तैयार कि जिसमे मैंने लोगों
के हाथों के चित्र लिए -
3:38 - 3:42और उन्हें ऊपर - नीचे
इमारतों पर -
3:43 - 3:44और दुकानों मे हर जगह लगाया
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3:45 - 3:48मेरा लक्ष्य लोगों मे जागरूकता
और मनोबल बढ़ाना था -
3:49 - 3:51और मैंने एक मिनट के लिए सोचा
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3:51 - 3:52और फिर वही किया
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3:54 - 3:57फिर मैंने सोचा, मैं उत्थान करना चाहता हूं
इन लोगों की कहानियों का -
3:58 - 4:00उस क्षण मै साहसिक महसूस कर रहा था
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4:00 - 4:04और मै मेरा मित्र
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4:04 - 4:06निर्माता और भागीदार सब्बह फोलायन
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4:06 - 4:08ने एक वृत्त चित्र बनाया,
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4:08 - 4:10" हूज स्ट्रीट्स ?"
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4:11 - 4:14मैं एक वाहक बन गया
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4:14 - 4:17ये जो साहस मुझे प्राप्त हुआ था
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4:17 - 4:20और मै सोचता हूँ एक कलाकार के रूप मे
ये हमारा काम था -
4:21 - 4:25मुझे लगता है कि हमें वाहक होना चाहिए
उस सहस का जिसकी हम बात करते हैं -
4:25 - 4:30और मुझे लगता है कि हम दीवार हैं
सामान्य लोगों -
4:30 - 4:33और उन लोगों के बीच जो
भय और घृणा फैलाते हैं -
4:33 - 4:35विशेषकर ऐसे समय मे.
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4:36 - 4:38इसलिए मै आपसे पूछना चाहता हूँ
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4:38 - 4:40क्यों, वो सभी पहल करने वाले,
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4:41 - 4:43जो सोच से जन नेता हैं
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4:43 - 4:44आप सब क्या करना चाहते हो
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4:44 - 4:47उन उपहारों से जो आपको दिए गए हैं
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4:47 - 4:49हमे हर दिन डरा कर तोड़ना चाहते हो ?
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4:50 - 4:52क्यूंकि मै हर दिन
डरा हुआ महसूस करता हूँ -
4:52 - 4:54मुझे नही याद है कि कब
मै डरा हुआ नहीं था -
4:55 - 4:59एक बार मुझे ये मालूम चल जाये कि
ये डर मुझे अपंग बनाने के लिए नही है -
5:00 - 5:01ये मेरी सुरक्षा के लिए है
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5:02 - 5:04और इस डर का उपयोग मै कैसे करूं,
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5:05 - 5:06तब मै शक्तिशाली महसूस करूँगा
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5:07 - 5:08धन्यवाद
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5:08 - 5:11( सराहना )
- Title:
- फ़र्ग्यूसन विरोध प्रदर्शनों में मैंने क्या देखा
- Speaker:
- डेमोन डेविस
- Description:
-
जब कलाकार डेमोन डेविस वर्ष 2014 मे पुलिस द्वारा माइकल ब्राउन कि हत्या के बाद फ़र्गुसन, मिसौरी मे चल रहे विरोध प्रदर्शन मे शामिल होने के लिए जाते हैं तो उन्हे वहां क्रोध ही नही बल्कि स्वयं और समुदाय के लिए प्रेम भी महसूस होता है। उनका वृत्त चित्र " हूज स्ट्रीट्स ?" बताता है कहानी विरोध की, उन कार्यकर्ताओं कि, जिन्होंने डर और घृणा फ़ैलाने वालों को एक कड़ी चुनौती दी थी ।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 05:25
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for What I saw at the Ferguson protests | ||
Kunwar Rohit accepted Hindi subtitles for What I saw at the Ferguson protests | ||
Kunwar Rohit edited Hindi subtitles for What I saw at the Ferguson protests | ||
Vivek Patil declined Hindi subtitles for What I saw at the Ferguson protests | ||
Vivek Patil edited Hindi subtitles for What I saw at the Ferguson protests | ||
Kunwar Rohit edited Hindi subtitles for What I saw at the Ferguson protests | ||
Kunwar Rohit edited Hindi subtitles for What I saw at the Ferguson protests |