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सांख्यकी की विडियो सूची में आप का स्वागत है
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जिसे मै कुछ दिनों से करना चहाता था|
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ठीक है, सीधे मुद्दे पर आते है
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मै ज्यादा से ज्यादा उदहारण करने की कोशिश करूँगा और आशा करूँगा
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की मै आपको सांख्यकी, महसूस करवा दूँ और बताऊ की सांख्यकी क्या है?
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और सिर्फ शुरू करने के लिया यदि आप इससे परिचित नहीं है,
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--यद्यपि मै उम्मीद करता हूँ की बहुत सारे लोगो को
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इसका बारे मै कुछ न कुछ पता ही होगा|
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आवश्यक रूप से -- आमतौर पर यह सब्द
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आंकड़ो के साथ खेलने-उन्हें समझने के लिए बोलता है
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और यह तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है
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और यह तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है
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एक है-वर्णनात्मक|
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तब मानलो की आपके पास बहुत साड़ी संख्याये है, और आप किसी को उसके बारे में बताना चहाते है
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बिना सारी संख्याये दिए|
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जैसे की कोई सूचक संख्या जो की
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किसी तरह से सभी संख्याओ का प्रतिनिधित्व करती हो बिना
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सारी संख्याओ को दिए|
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यह है वर्णनात्मक सांख्यकी|
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एक और भी है--
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वैसे मै इन्हें किसी तरह एक समूह में रखने की कोशिश करूँगा|
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यह है - अनुमानिकी सांख्यकी|
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और यह तब काम आती है जब आप संख्याओ से किसी
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नतीजे पर पहुचना चहाते हो|
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तब मान लीजिये की आपने पापुलेशन से कुछ संख्याए सैंपल के तौर पर निकल ली है|
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और हम सैंपल और पापुलेशन के बारे में बहुत बाते करेंगे किन्तु
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मै समझता हूँ की आप को इसका कुछ अंदाजा होगा
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यदि मै तीन लोगो से पूछु जो राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट डालने जा रहे हो
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तो मैंने पूरी पापुलेशन को नहीं पूछा|
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मैंने तो बस एक सैंपल (कुछ लोगो) को पूछा है/ सर्वे किया है|
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परन्तु इन्फ़ेरेन्शियल सांख्यकी वह है जहा
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सैंपल पर कुछ गणित लगा कर हम निष्कर्ष निकल सके,
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पूरी पापुलेशन के बारे में|
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वास्तव में यह की बड़ी तस्वीर है
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की सांख्यकी क्या है, किस बारे में है|
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आओ अब इसे गहराई से समझते है और शुरू करते है
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देस्क्रिप्तिवे यानि वर्णनात्मक सांख्यकी से|
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तब वह पहली चीज, जो मै नहीं जनता और जानना चाहता हु
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या करना चाहूँगा या ज्यादातर लोग चाहेंगे जब हमारे पास
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एक संख्याओ का पूरा समूह दे दिया गया हो, और उसे व्यक्त करने को कहा गया हो|
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हो सकता है की मै कुछ ऐसी संख्या खोज लाऊ जो
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समूह की सभी संख्याओ में सबसे बढ़िया सूचक हो|
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या कोई ऐसी संख्या जो एक तरह से सेंट्रल टेनड़ेंसी यानी केन्द्रीय प्रवृत्ति दर्शाती हो
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--यह शब्द आप सांख्यकी की किताबो में बहुत देखेंगे|
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संख्याओ के समूह की सेंट्रल तेंदेंसी/ केन्द्रीय प्रवृत्ति|
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और इसे औसत भी कहते है|
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और मै यहाँ थोडा सटीक हो रहा हूँ, "औसत" शब्द के साथ
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आमतौर की अपेक्षा| जब मै इस सन्दर्भ मै बात कर रहा हूँ
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इसका मतलब है की औसत का मतलब है वह संख्या जिससे हम किसी तरह
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केन्द्रीय प्रवृत्ति का भाव दे सके|
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या उस संख्या का जो दिए गए समूह को अच्छे से प्रदर्शित करती हो|
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मै जनता हूँ, यह काफी गूढ़ लग रहा है पर आओ
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हम कुछ उदाहरणों से समझते है|
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तो इसके कुछ तरीके है जिससे आप केंद्रीय प्रवृत्ति को माप सकते है
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संख्याओ के समूह की केंद्रीय प्रवृत्ति या औसत
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और बहुत संभव है की आप इन्हें पहले देख चुके होंगे|
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ये है माध्य
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और वास्तव में कई तरीको से औसत निकली जाती है पर हम अभी
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समांतर माध्य की बात करेंगे|
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जियोमेर्त्रिक यानी ज्यामितीय माध्य और हारमोनिक यानी हरात्मक माध्य भी देखेंगे|
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जियोमेर्त्रिक यानी ज्यामितीय माध्य और हारमोनिक यानी हरात्मक माध्य भी देखेंगे|
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लेकिन यहाँ हम माध्य, माध्यिका और बहुलक की बात करेंगे|
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और सांख्यकी की भाषा में ये एक प्रकार से
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आंकड़ो को प्रतिनिधित्व या पोपुलाशन की केंद्रीय प्रवृत्ति बताते है
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या सैंपल की केन्द्रीय प्रवृत्ति बताते है|
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और ये सभी एक रूप में -- ये सभी
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औसत के रूप है|
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और जब हम उदहारण देखेंगे तो
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ज्यादा समझ आएगा|
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रोजमर्रा की भाषा में जब औसत का प्रयोग होता है...
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मै समझता हूँ आप सभी ने अपनी जिन्दगी औसत निकाली होगी, आमतौर
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पर इसका मतलब माध्य से होता है|
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जब कोई आमतौर पर पूछता है "इन संख्याओ की ओसत क्या है?"
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तब वे चहाते है की आप उन्हें माध्य बताये
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तब वे चहाते है की आप उन्हें माध्य बताये
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न की मध्यिका या बहुलक
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किन्तु इससे पहले की हम आगे बढे, देखते है की ये
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चीजे क्या है?
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मै संख्याओं का एक समूह रखता हूँ|
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जैसे 1
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और 1, एक 2, एक 3|
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और एक 4|
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यह काफी है|
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हम एक आसन उदहारण देखते है |
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तब माध्य या समांतर माध्य को आप पहले से ही जानते होंगे
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जब लोग आपसे औसत के बारे में पूछते है|
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और इसमें आप सभी संख्याओं को जोड़ देते है और फिर
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जितनी संख्याये थी उस अंक से विभाजित कर देते है|
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अत: हमारे सवाल के लिए 1जमा 1 जमा 2 जमा 3 जमा 4|
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भागा 1, 2, 3,
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4, 5|
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यह क्या है?
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1 जमा 1 बराबर 2|
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2 जमा 2 हुआ 4|
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4 जमा 3 हुआ 7 |
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7 जमा 4 हुआ 11 |
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तब यह हुआ 11/5 |
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यह क्या है?
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यह है 2 सही 1 बट्टे 5
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यानी 2.2 |
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और कोई कह सकता है- क्या तुम जानते हो
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यह उन संख्याओं के समूह की एक
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बढ़िया प्रतिनधि संख्या है|
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और आप कह सकते है की यह इन सभी संख्याओं के
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सबसे करीबी संख्या है .. या फिर यह कहा जा सकता है की 2.2
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इस समूह की केंद्रीय प्रवृत्ति है|
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और आम भाषा में इसे हम औसत कहते है|
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किन्तु अब हम सटीकता से बात करते है- यानी की यह
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इन सभी संख्याओं का समान्तर माध्य है |
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और आप देख सकते है की यह इन को दर्शाता है|
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यदि मै आपको इन पांच संख्याओं की सूची नहीं देना चहाता , तब मै
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कह सकता हूँ की - "मेरे पास पांच संख्याये है और
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उनका माध्य 2.2 है" यह एक तरह से आपको आंकड़ो के
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बारे में थोडा बताता है की ये संख्याये कैसी है|
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हम इस बारे में अगले विडियो में बात करेंगे की ये संख्याये
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माध्य से कितनी दूर है
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तब यह एक माप है|
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दूसरी माप, बजाये इस प्रकार से औसत करने के
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इन संख्याओं को हम क्रमबद्ध करेंगे, जिसे मेने पहले
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ही कर लिया है|
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इन्हें हम पुन: क्रमवार लिख लेते है|
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1, 1, 2, 3, 4 |
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और अब आप इसमें से सही बीच में आने वाली संख्या को निकाल लो|
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तब देखे यहाँ है एक, दो, तीन, चार, पांच संख्याये|
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और यह हुई इनकी बीच की संख्या, ठीक?
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यानी की 2 |
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सही दो संख्याये 2 से बड़ी है और बाकी दो 2 से छोटी
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सही दो संख्याये 2 से बड़ी है और बाकी दो 2 से छोटी
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और इसे माध्यिका कहते है|
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इसमें बहुत कम गणना है
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बस पहले आपको सभी संख्याओं को क्रमबद्ध करना है|
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और फिर आप वह संख्या चुन ले जिससे ठीक उतनी ही संख्याये
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छोटी संख्याये हो जितनी बड़ी
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तब संख्याओ के इस समूह की माध्यिका 2 हुई|
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और आप देखेंगे, की यह वास्तव में
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माध्य के काफी करीब है|
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और कोई भी एक संख्या एक दम सही जवाब नहीं है| कहने का मतलब है की औसत कई तरह से बताई जा सकती है|
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कोई भी एक तरीका दुसरे तरीके से अधिक बेहतर नहीं है ये
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बस भिन्न तरीके है औसत मापने के लिए
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तब यह है माध्यिका |
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और मै जानता हूँ की आप क्या सोच रहे होंगे| "यह आसान था
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जब हमारे पास 5 अंक थे|
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क्या होता यदि हमारे पास छ: होते तो?
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क्या होता यदि हमारे पास ये अंक होते तो?
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1,1,2,3, और इसमें एक 4 और रख देते है|
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तो अब इसमें कोई मध्य अंक नहीं है, क्यों?
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मेरा मतलब है की 2 मध्य संख्या नहीं है क्योंकि यहाँ
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2 संख्याये कम है और 3 संख्याए बड़ी है|
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और फिर 3 भी मध्य संख्या नहीं है क्योंकि 2 संख्याए बड़ी है
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और 3 छोटी
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और 3 छोटी |
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तब हमारे पास कोई मध्य संख्या नहीं है|
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