हम कैसे फसलों को पानी के बिना जीवित कर सकते हैं
-
0:01 - 0:05ऐसे राजपर मै विश्वास करती हू जो बडे
सुखेमेभी ज्यादा फसलों का उत्पादन करत है . -
0:05 - 0:08जो दुनिया में खाद्य सुरक्षा प्रदान करने
के लिए किसी तरह जाना चाहिए, -
0:08 - 0:11जिसमे मृतवत वनस्पती को जीवनदान मिले ,
-
0:11 - 0:14एक अत्यंत सूखे राज्य में,
यहाँ चित्र किया गया| -
0:14 - 0:17आप सोचते होंगे कि
ये पौधे मरे हुये दिखते हैँ, -
0:17 - 0:18लेकिन वे नहीँ हैँ|
-
0:18 - 0:20उनको पानी दीजिये,
-
0:20 - 0:25और वे 12 से 48 घंटोँ मेँ जी उठेंगे,
हरे हो जायेंगे, बढना शुरू करेंगे| -
0:26 - 0:28अब, मैँ ने क्योँ
सुझाव दिया -
0:28 - 0:32कि सूखा सहिष्णु फसलों के उत्पादन खाद्य
सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में जायेगा? -
0:33 - 0:37खैर, अभी दुनिया की
जनसंख्या लगभग 7 अरब हैँ| -
0:37 - 0:39और ये अंदाजा लगाया जाता है कि 2050 तक,
-
0:39 - 0:42अफ्रीका में हो रहा इस
वृद्धि का थोक के साथ, -
0:42 - 0:45हम 9 और 10 अरब लोगोँ के बीच मेँ होंगे|
-
0:46 - 0:48खाद्य और कृषि
दुनिया के संगठनों ने -
0:48 - 0:51सुझाव दिया कि उस
मांग को पूरा करने के लिये -
0:52 - 0:54हमेँ वर्तमान क्रुषि
अभ्यास मेँ 70 प्रतिशत -
0:54 - 0:55की व्रुद्धी चाहिये|
-
0:56 - 0:58यह देखते हुए पौधों कि खाद्य
श्रृंखला के आधार पर कर -
0:58 - 1:01रहे हैं, उसमेँ अधिक पौधोँ से आना चाहिये|
-
1:01 - 1:04उस 70 प्रतिशत
-
1:04 - 1:08जलवायु परिवर्तन के संभावित
प्रभावको ध्यान में नहीं लेता है। -
1:08 - 1:13ये सब डाय से किया गया एक अध्ययन
जो 2011 मेँ प्रकाशित हुआ से लिया गया है, -
1:13 - 1:15जहाँ उसने ध्यान मेँ लिया
-
1:15 - 1:18जलवायु परिवर्तन के सभी संभावित प्रभाव
-
1:18 - 1:20और अन्य बात के बीच- उन्हें व्यक्त किया -
-
1:20 - 1:24बारिश की कमी या अभाव
के कारण शुष्कता की व्रुद्धी हुई है| -
1:24 - 1:26यहाँ जो जगह लाल मेँ दिखाये गये,
-
1:26 - 1:28वो जगह थोडे दिन पहले तक
-
1:28 - 1:31खेती-बाडी केलिये सफलतापूर्वक
इस्तेमाल किये जारहे थे, -
1:31 - 1:34लेकिन बारिश की कमी के
कारण अभी इस्तेमाल नही होते| -
1:35 - 1:38यह स्थिति 2050 में होने
की भविष्यवाणी की है| -
1:39 - 1:41अफ्रीका के ज्यादातर, वास्तव में, दुनिया की
-
1:41 - 1:43अधिक भाग, मुसीबत में होने जा रहा है।
-
1:43 - 1:47हम खाद्य उत्पादन के कुछ बहुत चालाक
तरीके के बारे में सोचने जा रहे हैं। -
1:47 - 1:50और बेहतर होगा, उनके बीच
कुछ सूखा सहिष्णु फसल होंगे| -
1:50 - 1:52दूसरे बात आफ्रिका के
बारे मेँ याद रखने की है -
1:52 - 1:55कि उनकी कृषि के
अधिक भाग वर्षा आधारित है। -
1:56 - 2:00अब, सूखा सहिष्णु फसलों को बनाना
दुनिया में सबसे आसान बात नहीं है। -
2:00 - 2:02और इसका कारण है पानी|
-
2:02 - 2:05पानी इस ग्रह पर के
जीवन के लिये बहुत जरूरी है| -
2:05 - 2:09सब जीवित, सक्रिय रूप
से चयापचय करीयोवले जीव -
2:09 - 2:11जीवाणू से लेकर आप और मैँ,
-
2:11 - 2:14मुख्य रूप से पानी से बने हैँ|
-
2:14 - 2:16सभी जीवन प्रतिक्रियाओं पानी में होती हैं।
-
2:16 - 2:19और छोटी सी पानी की कमी भी
मौत की परिणाम हो सकता है| -
2:19 - 2:21आप और मैँ 65 प्रतिशत पानी है-- हम उसमेँ
-
2:21 - 2:23एक प्रतिशत खो दिये, हम मर जायेंगे|
-
2:24 - 2:27लेकिन हम उससे बचने के लिये
व्यवहार मेँ बदलाव ला सकते हैँ| -
2:28 - 2:29पौधे नही कर सकते|
-
2:30 - 2:31वे जमीन में फंस गये।
-
2:31 - 2:35और इसलिये पहले उदाहरण मेँ
उनके पास हम से थोडा ज्यादा पानी है, -
2:35 - 2:36लग भग 95 .प्रतिशत पानी,
-
2:36 - 2:38और वे हम से थोडा ज्यादा खो सकते हैँ,
-
2:38 - 2:41जैसे 10 से लग भग70 प्रतिशत तक
प्रजातियोँ पर निर्भर करता है, -
2:42 - 2:43लेकिन सिर्फ कम समय तक|
-
2:45 - 2:49उनमेँ से ज्यादा या तो विरोध या पानी
के नुकसान से बचने की कोशिश करेंगे। -
2:49 - 2:53तो प्रतिरोधों के चरम उदाहरण
सरस में पाया जा सकता है। -
2:53 - 2:56वे बहुत ही आकर्षक, छोटे हो जाते हैं,
-
2:56 - 2:58लेकिन वे ऐसे महान कीमत पर
अपने पानी पर पकड़ रखते हैँ -
2:58 - 3:00कि वे बहुत ही धीरे से बडः जाते हैँ|
-
3:01 - 3:06पानी की कमी से बचाव के उदाहरण
पेड़ों और झाड़ियों में पाए जाते हैं। -
3:06 - 3:08बहुत गहरायी तक उनकी जडे जाती है
-
3:08 - 3:09भूमिगत पानी की आपूर्ति हर समय
-
3:09 - 3:12पानीको उनमे प्रवाहित करती है
-
3:12 - 3:14लिए,अपने आप
को हैड्रेटेड रखने के लिये| -
3:14 - 3:16जो दाय ओर है वो एक बावोबाब कहलाता है|
-
3:16 - 3:18ओ ऊपर से नीचे के पेड़ भी कहलाता है,
-
3:18 - 3:22सिर्फ इसलिये कि उसकी जडोँ से
शाखाओँ का अनुपात इतना महान है कि -
3:22 - 3:24वे पेड को ऊपर से नीचे
लगाया जैसा लगता है| -
3:24 - 3:28और बेशक पेड की हैड्रेशन के लिये
जडोँ की जरूरत है| -
3:29 - 3:33और शायद परिहार का सबसे आम
रणनीति वार्षिक में पाया जाता है। -
3:34 - 3:37वार्षिक से हमारे संयंत्र खाद्य
आपूर्ति के थोक बनता है। -
3:37 - 3:39मेरे देश के पश्चिमी तट तक,
-
3:39 - 3:42साल की ज्यादातर भाग मेँ आप ज्यादा
वनस्पति विकास नही देख सकते। -
3:42 - 3:45लेकिन वसंत बारिश आयेगा ,
तो आपको ये मिलेगा: -
3:45 - 3:46रेगिस्तान के फूल|
-
3:47 - 3:49वार्षिक मेँ रणनीति,
-
3:49 - 3:51केवल बरसात के मौसम
में विकसित करने के लिए है। -
3:52 - 3:54उस मौसम की अंत् मेँ वे
एक बीज उत्पादन करते हैँ, -
3:54 - 3:57जो सूखा हो, 8 से10 प्रतिशत पानी हो,
-
3:57 - 3:59लेकिन एकदम जिंदा हो|
-
3:59 - 4:02और जो भी हो जो सूखा
और फिर भी सजीव हो, उसे -
4:02 - 4:03हम सुखाना- सहिष्णु कहते हैँ|
-
4:04 - 4:05सूखा स्थिति मेँ,
-
4:05 - 4:08बीज क्या कर सकते हैं कि
समय की लंबी अवधि के लिए -
4:08 - 4:10पर्यावरण के चरम में लेटे रहते है|
-
4:10 - 4:12अगले बार बारिष का मौसम आयेगा,
-
4:12 - 4:13वे अंकुरित होके और बढेंगे,
-
4:13 - 4:15औरपुरा चक्र बस फिर से शुरू होगा।
-
4:16 - 4:20विस्तार रूप से येमाना जाता है कि
सुखाना सहिष्णु बीजों का विकास -
4:20 - 4:22भूमि परफूल वाले पौधों की या वनस्पतियों
-
4:22 - 4:26उपनिवेशवाद और विकिरण की अनुमति दी।
-
4:27 - 4:30लेकिन वार्षिक को वापस हमारा
खाद्य आपूर्ति के प्रमुख हिस्सा बनाया| -
4:31 - 4:36घेहूँ, चावल और मक्का हमारा आहार
अपूर्ती मेँ 95 प्रतिशत हिस्सा लेते हैँ| -
4:36 - 4:38और ये एक बहुत ही महान रणनीति है
-
4:38 - 4:41क्योँकि कम समय की अवधि मेँ आप बहुत सारा
बीज का उत्पादन कर सकते हैँ| -
4:41 - 4:44बीज शक्ती से भरपूर इसीलिये वहा
आहार का कालरीस बहुत हैँ, -
4:44 - 4:48आप उन्हे अकाल के समय के लिये जब
ज्यादा आते हैँ तब बचाके रख सकते हैँ, -
4:48 - 4:50लेकिन एक असुविधा भी है|
-
4:51 - 4:52वनस्पति ऊतकों,
-
4:52 - 4:54वार्ष्कोँ के झडोँ और पत्तोँ मेँ,
-
4:54 - 4:55निहित प्रतिरोध, परिहार
-
4:55 - 5:00या सहिष्णुता विशेषताओं के
माध्यम से ज्यादा नही हैँ| -
5:00 - 5:01उनको उसकी जरूरत नही हैँ|
-
5:01 - 5:02वे बारिष के मौसम मेँ बढ जाते
-
5:02 - 5:06और साल भर जीवित रहने मेँ
उनकी मदद करने के लिये एक बीज होता है| -
5:06 - 5:08और कृषि के क्षेत्र में
ठोस प्रयास के बावजूद -
5:08 - 5:11बेहतर गुण प्रतिरोध,
परिहार और सहिष्णुता -
5:11 - 5:13के साथ फसल बनाने के लिये
-
5:13 - 5:15विशेष रूप से प्रतिरोध और परिहार
-
5:15 - 5:18क्योँ कि हमारे पास अच्छी नमूने हैँ
उनकी काम करने की तरीका -
5:18 - 5:20समझने के लिये-- हमारे
पास फिर भी ऐसे छवियाँ हैँ| -
5:20 - 5:22आफ्रिका मेँ मक्का की फसल,
-
5:22 - 5:23दो हफ्ते बिना बारिष के
-
5:23 - 5:25और वह मर गया|
-
5:26 - 5:27एक समाधान है:
-
5:28 - 5:29जी उठने की पौधे|
-
5:29 - 5:33ये पौधे 95 प्रतिशत उनकी
सेल्युलर पानी खो सकते हैँ, -
5:33 - 5:37एक सूखे, मरे- जैसे स्थिति मेँ
महीने से सालोँ तक रह सकते हैँ, -
5:37 - 5:39और आप उन्हे पानी दीजिये, वे हरे
-
5:39 - 5:41हो जायेंगे और
फिर से बढना शुरू करेंगे| -
5:42 - 5:45बीज जैसे, ये भी सुखाना सहिष्णु हैँ।
-
5:45 - 5:49बीज जैसे ये भी पर्यावरण की चरम
स्थिति का सामना कर सकते हैँ। -
5:50 - 5:52और ये एक बहुत ही दुर्लभ घटना है।
-
5:52 - 5:56वहाँ केवल 135 फूल पौधों की
प्रजातियाँ ही यह कर सकते हैं। -
5:56 - 5:58मैँ आप को एक वीडियो
-
5:58 - 6:00दिखाने वाली हूँ इन तीन
प्रजातियों में से जी उठने की -
6:00 - 6:01प्रक्रिया उस क्रम मेँ|
-
6:02 - 6:03और सब से नीचे,
समय एक की -
6:03 - 6:06अक्सिस है इसलिये आप देख सकते हैँ
वह कितनी जल्दी होजाता है| -
6:44 - 6:46(तालियाँ)
-
6:50 - 6:52बहुत अद्भुत है, है ना?
-
6:52 - 6:56इसलिये मैँ ने पिछले पंद्रह साल वे यह
कैसे करते हैँ समझने की कोशिश मेँ बिताया| -
6:56 - 6:58ये पौधे बिना मरे सूखे कैसे हो जाते हैँ?
-
6:59 - 7:02और मैँ तरह तरह के जी
उठने के पौधे पर काम किया, -
7:02 - 7:04यहाँ दिखाया हैड्रेटेड और सूखे स्थिति मेँ,
-
7:04 - 7:06कई वजह से।
-
7:06 - 7:09उन मेँ से एक है कि हर पौधा
एक फसल के लिये एक नमूना -
7:09 - 7:11जैसा काम करती जिसे मैँ
सूखा-सहनीय बनाना चाहती हूँ| -
7:11 - 7:14इसलिये ऊपर बाय तरफ किनारे पर,
उदाहरण के लिये, है एक घास्, -
7:14 - 7:16उसे एराग्रोस्टिस निंडेंसिस
बुलाते हैँ, उसको एक -
7:16 - 7:19नजदीकी रिस्तेदार उसे
एराग्रोस्टिस टेफ बुलाते हैँ-- -
7:19 - 7:21आप मेँ से बहुत लोग
उसे "टेफ्" की नाम से -
7:21 - 7:22जानते--ओ इथ्योपिया मेँ एक मूल
-
7:23 - 7:24भोजन है, यह लस- मुक्त है,
-
7:24 - 7:27और वे कुछ हम सूखा सहिष्णु
बनाना चाहते हैं। -
7:27 - 7:29दूसरे पौधौँ के तरफ देखने
की कोई और वजह ये है कि, -
7:29 - 7:31कम से कम पहले, मैँ ये
-
7:31 - 7:33जानना चाहती थी:
वे वही काम करते हैँ क्या? -
7:33 - 7:35वे सब सभी पानी खोकर और
-
7:35 - 7:37जीवित रहसकने के लिये
वही तंत्र इस्तेमाल करते हैँ? -
7:37 - 7:40इसलिये मैँ ने सुखाना सहिष्णुता की,
-
7:40 - 7:42एक व्यापक समझ पाने के लिए
-
7:42 - 7:44सिस्टम जीव विज्ञान
दृष्टिकोण का शुरू किया -
7:44 - 7:46जिस मेँ हम सब कुछ देखते हैँ
-
7:46 - 7:49आण्विक पूरे संयंत्र,
इकोफिजियोलाजिकल के स्तर पर। -
7:49 - 7:50उदाहरण के लिये
जैसे पौधे सूखते है -
7:50 - 7:53उनके शरीर रचना तथा
-
7:53 - 7:54अतिसूक्ष्म अंगके बदलाव
-
7:54 - 7:57हम ट्रांस्क्रिप्टोम के तरफ देखते,
जो प्रौद्योगिकी के लिये बस एकशब्द -
7:57 - 7:58जिस मे हम जींस को देखते हैँ
-
7:58 - 8:01जो सुखाने के जवाब में
चालू या बंद होते रह्ते हैँ| -
8:01 - 8:04अधिकतर जींस प्रोटीन के कोड होनेपर
प्रोटीओमके बारेमे सोचेंगे . -
8:04 - 8:07सूखने के जवाब मेँ
प्रोटींस ने क्या किया हैँ? -
8:07 - 8:11कुछ प्रोटींस विकर के लिये
कोड करेंगे जो चयापचयक बनाते हैँ, -
8:11 - 8:13इसलिये हमउनका विचार करेंगे |
-
8:13 - 8:16अब, ये बहुत जरूरी है क्योँ कि
पौधे जमीन मेँ फसे हुये रहते हैँ| -
8:16 - 8:20वे एक बेहद खतरनाक रसायन जिसे मैँ
अर्सिनल बुलाती हूँ इस्तेमाल करते हैँ -
8:20 - 8:24उनके वतावरण के तनाव
से खुद को बचाने के लिये| -
8:24 - 8:25तो जरूरी है कि हम ये देखेँ कि
-
8:25 - 8:28सूखने की क्रिया मेँ क्या
रसायनिक परिवर्तन शामिल हैँ| -
8:29 - 8:31और सब से पीछे सूक्ष्म
स्तर पर हम ने जो अध्ययन किया, -
8:31 - 8:32हम लिपिडोम पर देखा--
-
8:32 - 8:35सूखने की जवाब मेँ लिपिड परिवर्तन|
-
8:35 - 8:36और वो भी जरूरी है क्योँ कि
-
8:36 - 8:39सब जैविक झिल्लियों
लिपिड्स से बनाये गये हैँ| -
8:39 - 8:41वे झिल्ली के रूप में लगे रहे
क्योँ कि वे पानी मेँ हैँ| -
8:41 - 8:44पानी को निकालिये, वे झिल्ली गिर जायेंगे|
-
8:44 - 8:47लिपिड्स जींस को आन करने के लिये
संकेत के रूप मेँ भी काम करते हैँ -
8:48 - 8:51फिर हम ने शारीरिक और
रसायनिक अध्ययन इस्तेमाल किया -
8:51 - 8:54ख्यात प्रोटेक्टेंट्स का काम
कोषिश और समझने के लिये -
8:54 - 8:57जो हम ने दूसरे
अध्ययन मेँ आविष्कार किया| -
8:57 - 8:59और फिर सभी का उपयोग किया ये समझने के लिये
-
8:59 - 9:02पौधे अपने प्रक्रुतिक
वातावरण मेँ कैसे बचती है| -
9:03 - 9:08मेरा हमेशा ये मानना है कि
मुझे एक ओयापक समझ की जरूरत है -
9:08 - 9:10सुखाना सहिष्णुता के तंत्र का एक
-
9:10 - 9:14जैविक आवेदन के लिए
सार्थक सुझाव देने के लिये। -
9:15 - 9:17मुझे यकीन है आप
मेँ से कुछ -
9:17 - 9:18सोचते होंगे,
"जैविक आवेदन -
9:18 - 9:21से उनकी मतलब आनुवंशिक रूप से
संशोधित फसलेँ बनाने जारहे हैँ?" -
9:22 - 9:24और ये प्रश्न का उत्तर है: ये आप के
-
9:24 - 9:26अनुवंशिक संशोधन की
परिभाषा पर निर्भर करती है| -
9:27 - 9:30हम जो आज खाते हँ गेहूँ, चावल,
और मक्का, सभी फसल उनके -
9:30 - 9:33पूर्वजों से अधिक आनुवंशिक
रूप से संशोधित किये गये, लेकिन हम उन्हे -
9:33 - 9:35अनुवंशिक रूप से
संशोधित नही मानते क्योँकि -
9:35 - 9:38वे पारंपरिक प्रजनन द्वारा
उत्पादित किये जा रहे हैं। -
9:39 - 9:43अगर आप का मतलब, क्या मैँ फसलों
में जी उठने संयंत्र जीन डालने वाली हूँ, -
9:43 - 9:44आप की जवाब है हाँ|
-
9:44 - 9:47समय का संक्षेप में, हम उस
दृष्टिकोण से कोशिश की है। -
9:47 - 9:50उचित रूप से, UCT में मेरे
सहयोगियों में से कुछ, -
9:50 - 9:52जेन्निफर थाम्सन, सुहैल रफुदीन,
-
9:52 - 9:54उस दृष्टिकोण में जुट गया और मैँ
-
9:54 - 9:56बहुत जल्द आप्को वो
डाटा दिखाने वाली हूँ| -
9:57 - 10:01लेकिन हम एक अत्यंत महत्वाकांक्षी
दृष्टिकोण पर लगने वाले हैँ, -
10:01 - 10:05जिसमेँ हम पूरी जीन की सुइट्स
को बदलने की उद्देश्य मेँ हैँ -
10:05 - 10:07जो पहले से हर एक फसल मेँ मौजूद हैँ|
-
10:07 - 10:10वे कभी चरम सूखे स्थिती मेँ भी नही बदले|
-
10:11 - 10:12उनको GM बोलना है या नही
-
10:12 - 10:14इसका फैसला मैँ आप के ऊपर छोड्ती हूँ|
-
10:16 - 10:19मैँ अभी आपको पहले द्रुष्टिकोण
से कुछ डाटा देनेवाली हूँ| -
10:19 - 10:20और ऐसे करने के लिये
-
10:20 - 10:23मुझे जींस कैसे काम करते हैँ ये
थोडा सा बताना पडेगा| -
10:23 - 10:24तो आप सभी शायद जानते होंगे
-
10:24 - 10:26कि जींस डबल-स्ट्रांडेड DNA से बने हैँ|
-
10:26 - 10:28वे क्रोमोसोम्स के अंदर कस के घुमाये गये
-
10:28 - 10:31जो आपके शरीर या पौधे के
शरीर के हर सेल मेँ मौजूद हैँ| -
10:32 - 10:35अगर आप उस DNA को पीछे
घुमाओ तो, आप्को जींस मिलेंगे| -
10:36 - 10:38और हर एक जीन के पास प्रमोटर होगा,
-
10:38 - 10:41जो सिर्फ एक आन-आफ स्विच है,
-
10:41 - 10:42जीन कोडिंगक्षेत्र होगा,
-
10:42 - 10:43और फिर एक टर्मिनेटर,
-
10:43 - 10:47जो ये बताता है कि ये इस जीन का
अंत है, दूसरा जीन शुरू होगा| -
10:48 - 10:51अब, प्रमोटर्स सिर्फ आन- आफ
स्विचेस नही हैँ| -
10:51 - 10:53उस जीन स्विच चालू होने से
पहले उनके लिये सही ट्युनिंग, -
10:53 - 10:57और बहुत सारी सही चीज रहना है|
-
10:58 - 11:01तो बैयो टेक अध्ययन मेँ आम तौर पर
क्या होता कि हम एक इंड्युकिबल -
11:01 - 11:03प्रमोटर का इस्तेमाल करते हैँ जिसका
-
11:03 - 11:05स्विच आँन करना हम जानते हैँ|
-
11:05 - 11:07हम उसको लाभ वाली जींस
मेँ जोडते हैँ और उसको -
11:07 - 11:09एक पौधे मेँ लगाके ओ पौधा कैसे
प्रतिक्रिया देती देखते हैँ| -
11:10 - 11:13एक अध्ययन बारे मेँ मैँ
बात करनेवाली हूँ, -
11:13 - 11:15मेरे सहयोगियों ने एक
सूखे प्रेरित इस्तेमाल की -
11:15 - 11:18की, जिसको हम ने एक पुनरूत्थान
संयंत्र में खोज की। -
11:18 - 11:21इस प्रमोटर की एक अच्छी बात
ये है कि हम कुछ नही करते| -
11:21 - 11:23पौधा अपने आप अनावृष्टी
का अनुभव करती है| -
11:24 - 11:29और हम जी उठने के पौधों से एंटीऑक्सीडेंट
जीन ड्राइव करने के लिए यह प्रयोग किया है| -
11:29 - 11:31एंटिआँक्सिडेंट जींस क्योँ?
-
11:31 - 11:34सभी तनावों,
विशेष रूप से सूखे तनाव, -
11:34 - 11:36मुक्त कण के गठन में परिणाम है,
-
11:36 - 11:38या प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों,
-
11:38 - 11:41जो बहुतही हाँइकारक हैँ और
फसल को मार मार सकते हैँ| -
11:42 - 11:44एटाक्सिडेंट्स उस नुकसान को रोकते हैँ|
-
11:45 - 11:49तो यहाँ एक मक्का के तनाव से कुछ डेटा है
जो अफ्रीका में बहुत लोकप्रिय है| -
11:49 - 11:53तीर के बायाँ तरफ हैँ पौधे बिना जींस के,
-
11:53 - 11:54दायँ तरफ हैँ--
-
11:54 - 11:56पौधे एंटिआक्सीडेंट जींस के साथ|
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11:56 - 11:58तीन हफ्ते बिना पानी के बाद,
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11:58 - 12:00जो जींस के साथ हैँ वे बहुत अच्छा करेंगे|
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12:02 - 12:03अब आखरी द्रुष्टिकोण|
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12:03 - 12:07मेरे शोध से पता चला है काफी समानता है
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12:07 - 12:11बीज और जी उठने के पौधों में
सुखाना सहिष्णुता के तंत्र में। -
12:11 - 12:12तो मैँ एक सवाल पूछती हूँ,
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12:13 - 12:14वे वही जींस
इस्तेमाल करते हैँ? -
12:14 - 12:17या थोडा अलग फ्रेसड,
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12:17 - 12:21जी उठने पौधों उनके पत्ते और जडोँ मेँ
बीज सुखाना सहिष्णुता में विकसित -
12:21 - 12:23जीन का उपयोग कर रहे हैं?
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12:23 - 12:25वे जी उठने की पौधोँ के झडोँ और पत्तोँ को
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12:25 - 12:27इन बीज के जींस को रीटास्क किया है क्या?
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12:28 - 12:30और मैँ उस सवाल का जवाब देती हूँ,
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12:30 - 12:32मेरे ग्रूप के बहुत अध्ययन के परिणाम से
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12:32 - 12:36और हाल ही में नेथेर्लांड्स की
हेंक हिल्हार्स्टसे किया गया सहयोग से -
12:36 - 12:37युनैटेड स्टेट्स की मेल आलिवर
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12:37 - 12:40और फ्रांस मेँ जुलिया ब्युटिंक से|
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12:40 - 12:41जवाब है हाँ,
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12:41 - 12:44कि वहाँ एक कोर सेट जींस के हैँ
जो दोनो मेँ शामिल किया गया| -
12:44 - 12:48मैँ मक्का के लिए बहुत ही कुदरती
तौर उदाहरण देकर स्पष्ट करने वाली हूँ, -
12:48 - 12:50जहाँ आफ् स्विच के नीचे की क्रोमोसोम्स
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12:50 - 12:54सुखाना सहिष्णुता के लिए सभी जीनों जो
आवश्यक हैं उनकी प्रतिनिधित्व करते हैं। -
12:54 - 12:58इसलिये विकास के अपने अवधि के
अंत में, जब मक्के की बीज सूखते हैँ, वे इन -
12:58 - 12:59जींस के स्विच आन करते हैँ
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13:01 - 13:04जी उठने के पौधे ये ही जीन
स्विच आन करते हैँ -
13:04 - 13:05जब वे सूखते हैँ|
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13:05 - 13:07सभी आधुनिक फसल, इसलिये
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13:07 - 13:09अपने झडोँ और पत्तोँ मेँ ये जींस रखते हैँ,
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13:09 - 13:11उन्हे कभी स्विच आन नही करते|
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13:11 - 13:13वे सिर्फ बीज कणोँ मेँ
स्विच आँन करते हैँ| -
13:13 - 13:15इसलिये अब हम कोशिश करते
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13:15 - 13:18वातावरण और पेशीय संकेतोँको
समझने की -
13:18 - 13:20पौधोँमेँ जींस कैसे स्विच
आँन करते हैँ, उनको उठाने -
13:21 - 13:23इस प्रक्रिया को नकल करने के लिए।
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13:24 - 13:25और फिर एक आखरी विचार|
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13:25 - 13:28हम तेजी से क्या करने की
कोशिश कर रहे हैँ कि -
13:28 - 13:31जो प्रक्रिति ने कुछ 10 से 40 मिलियन सालोँ
पहले जी उठने की पौधोँ मेँ -
13:32 - 13:33जो किया था उसको फिर से दोहरा रहे हैँ|
-
13:34 - 13:37मेरे पौधों और मैं आपका
ध्यान के लिए धन्यवाद करते हैँ। -
13:37 - 13:43(तालियाँ)
- Title:
- हम कैसे फसलों को पानी के बिना जीवित कर सकते हैं
- Speaker:
- जिल फ्रर्रांट
- Description:
-
दुनिया की आबादी बढ़ती है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को तेज राहत में आने के रूप में, हम कम कृषि योग्य भूमि का उपयोग कर अधिक लोगों को खिलाने के लिए होगा। आण्विक जीवविज्ञानी जिल फर्रांट ने एक दुर्लभ घटना के ऊपर अध्ययन की जो हमें मदद मिल सकती है: "जी उठने पौधों" - सुपर लचीला पौधों प्रतीत होता है कि मृतकों में से वापस ले आते हैं। क्या वे हमारे आने वाले अधिक गर्म, सुखानेवाले दुनिया में खाद्य बढाने के लिए वादा कर सकते है?
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 13:56
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for How we can make crops survive without water | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for How we can make crops survive without water | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for How we can make crops survive without water | ||
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Annamraju Lalitha edited Hindi subtitles for How we can make crops survive without water | ||
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