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हम बैक्टीरियाका उपयोग कैंसर का पता लगाने केलिए कर सकते है (या शायद इलाज केलिए)

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    आपको शायद यह एहसास
    ना हो, लेकिन
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    हमारे संपूर्ण आकाशगंगा में जितने सितारे
    हैं उससे ज्यादा आपके शरीर में जीवाणु हैं।
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    हमारे भीतर मौजूद जीवाणुओं की
    यह अद्भुत दुनिया
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    हमारे स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग है,
    ओैर हमारी
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    तकनीक इतनी तेजी् से
    विकसित हो रही हॆै कि
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    आज हम इन जीवाणुओं को उसी प्रकार प्रोग्राम
    कर सकते हेैं जैसे की कम्प्यूटर को|
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    अब, यह रेखा-चित्र जो आप यहां देख रहे हेैं,
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    मेैं जानता हूं कि यह किसी प्रकार
    का खेल दिख रहा हेै,
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    लेकिन असल में यह मेरे बनाए गए पहले
    जीवाणू-संबंधी प्रोग्राम का खाका हेै
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    अौर जिस प्रकार सॉफ्टवेयर लिखते हेैं,
    उसी प्रकार DNA को हम जीवाणू के
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    अन्दर विभिन्न एल्गोरिथ्म
    एवं प्रोग्राम में छाप एवं लिख सकते हेैं
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    यह प्रोग्राम लयपूर्ण तरीके से
    फ्लोरोसेंट प्रोटीन
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    पॆैदा करता हेै अौर एक छोटा
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    अणु उत्पन्न करता हेै
    जो जीवाणू
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    को संवाद करने एवं
    समक्रमिक होने में मदद करता हेै,
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    जेैसा आप इस चलचित्र में देख रहे हेैं|
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    यहाँ दिख रही जीवाणूओं की
    बढ़ती हुइ बस्ती लगभग
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    मनुष्य के बाल की चौड़ाई
    जितनी हॆै|अब, जो
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    आप नहीं देख सकते वह यह कि
    हमारा आनुवंशिक प्रोग्राम
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    इन जीवाणूओं को छोटे-छोटे
    अणु पॆैदा करने का निर्देष देता हॆै,
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    अौर यह अणु हजारों अकेले जीवाणूओं
    के बीच से यात्रा करते हुए
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    उन्हें चालू एवं बन्द
    होने का संकेत देते हॆैं|
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    अौर इस स्तर पर जीवाणु भली भांती
    समक्रमिक होते हॆैं, लेकिन चूंकि
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    इन जीवाणूओं को समक्रमिक रखने वाला यह अणु
    केवल सीमित रफ़्तार से यात्रा कर सकता हॆै,
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    परिणामस्वरूप बड़ी बस्तियों
    में एक दूसरे से दूर स्थित जीवाणूओं के बीच
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    यात्रा-संबंधी लहरें उत्पन्न होती हॆैं,
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    अौर आप इन लहरों को स्क्रीन पर दाहिनी
    ओर से बाईं तरफ़ जाते हुए देख सकते हॆैं|
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    अब, हमारा आनुवंशिक प्रोग्राम
    'कोरम सेनसिग' नामक एक
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    प्राकृतिक घटना पर
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    आश्रित हॆै, जिसमें महत्वपूर्ण घनत्व पर
    पहुँच कर जीवाणू समायोजित
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    एवं कभी-कभी विषमय
    व्यवहार का प्रदर्षन करते हैं|
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    इस चल-चित्र में आप कोरम सेंसिग
    को होते हुए देख
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    सकते हॆैं, जहाँ जीवाणुओं की बढ़ती हुई
    बस्ती महत्वपूर्ण अथवा अधिक
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    घनत्व पर पहुँच कर चमकने लगती
    हॆै|जेैसे-जॆैसे
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    कॉलोनी बाहर की तरफ
    बढती हॆै,
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    हमारा आनुवंशिक प्रोग्राम
    इन फ्लोरोसेंट प्रोटीन
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    की लयबद्ध पैटर्न का निर्माण जारी रखता हॆै|
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    इस विशेष फिल्म और प्रयोग को
    हम सुपरनोवा कहते हैं, क्योंकि
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    यह एक विस्फोटित सितारे की
    तरह लगता है। अब, इन खूबसूरत
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    पैटर्न को प्रोग्राम करने के
    अलावा हम इन बैक्टीरिया
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    से और क्या करवा सकते हॆैं?
    और मॆैने यह जानने का फैसला
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    किया कि कैसे हम हमारे
    शरीर में कैंसर जॆैसे रोगों का
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    पता लगाने और उनके इलाज के लिए
    बैक्टीरिया को प्रोग्राम कर
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    सकते हैं| बैक्टीरिया के बारे में
    एक आश्चर्यजनक
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    बात यह हॆै कि वे स्वाभाविक रूप
    से ट्यूमर के अंदर बढ़ सकते हैं|
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    ऐसा इसलिए क्योकि आमतौर
    पर ट्यूमर के
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    अन्दर प्रतिरक्षा प्रणाली
    की पहुँच नहीं होती है,
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    इसलिए बैक्टीरिया बढ़ने और
    पनपने के लिए
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    इन ट्यूमर को खोज कर उनका
    सुरक्षित स्थान के रूप में उपयोग करते हॆैं
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    हमने सुरक्षित एवं स्वास्थ्य
    के लिए
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    लाभदायक प्रोबायोटिक बैक्टीरिया
    का उपयोग शुरू किया
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    और पाया कि जब इन्हें
    मौखिक रूप से चूहों को दिया
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    गया तब यह प्रोबायोटिक्स चुनिंदा तौर पर
    जिगर ट्यूमर के अंदर विकसित होने लगे।
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    हमने महसूस किया कि
    प्रोबायोटिक्स की
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    उपस्थिति, फ़लस्वरूप,
    ट्यूमर की उपस्थिति
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    को उजागर करने का सबसे आसान तरीका है कि
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    इन बैक्टीरिया से एक संकेत
    का उत्पादन करवाया
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    जाए जो मूत्र में पता लग जाए,
    और इसलिए हमने
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    विशेष रूप से इन
    प्रोबायोटिक्स को प्रोग्राम किया
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    जिससे वे एक अणु का निर्माण करें जो आपके
    मूत्र का रंग बदल कर
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    कैंसर की उपस्थिति का संकेत करे|
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    हमने यह भी प्रदर्षित किया यह तकनीक
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    संवेदनशील और विशेष रूप से
    लीवर कैंसर का पता लगा सकती हॆै,
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    जिसका पता लगाना अन्यथा चुनौतीपूर्ण हॆै |
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    चूँकि यह बैक्टीरिया विशेषत:
    ट्यूमर के प्रति स्थानीय होते हॆैं,
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    हम उन्हें न केवल कैंसर का
    पता लगाने बल्कि उनसे ट्यूमर
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    वातावरण के भीतर से
    चिकित्सीय अणुओं
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    का उत्पादन करवा के, जो मौजूदा
    ट्यूमर को छोटा करते हेैं, उन्हें
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    कैंसर के इलाज के लिए
    भी प्रोग्राम करते हैं, और
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    हम ऐसा कोरम सेंसिंग
    प्रोग्राम्स का उपयोग कर के करते हॆैं,
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    जॆैसा आपने
    पिछली फिल्मों में देखा|
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    कुल मिलाकर, कल्पना कीजीए
    कि भविष्य में एक
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    प्रोग्राम्ड प्रोबायोटिक कैंसर या
    अन्य बीमारियों
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    का पता लगा कर उनका इलाज कर सकता है।
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    बैक्टीरिया एवं जीवन को प्रोग्राम
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    करने की हमारी क्षमता
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    कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में
    नए क्षितिज खोलती है, और इस
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    दृष्टि को साझा करने के लिए
    मैंने कलाकार विक मुनिझ के साथ
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    काम किया ब्रह्मांड का
    प्रतीक बनाने
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    के लिए, जोकि पूरी तरह बैक्टीरिया या
    कैंसर कोशिकाओं से बना हॆै ।
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    अंत में, मेरी आशा है कि इस सूक्ष्म
    ब्रह्मांड का सौंदर्य और उद्देश्य कैंसर
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    अनुसंधान के भविष्य के लिए नए
    और रचनात्मक तरीकों को प्रेरित कर सके।
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    धन्यवाद|
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    (वाहवाही)
Title:
हम बैक्टीरियाका उपयोग कैंसर का पता लगाने केलिए कर सकते है (या शायद इलाज केलिए)
Speaker:
तल डँनीनो
Description:

लीवर कैंसर का पता लगाने के लिए सबसे कठिन कैंसरों में से एक है , लेकिन सिंथेटिक जीवविज्ञानी तल डँनीनो एक बाएं क्षेत्र सोचा था : हम ट्यूमर को खोजने के लिए "प्रोग्राम किया हुआ" किया गया था कि एक प्रोबायोटिक , खाद्य जीवाणु बना सकता है तो क्या होगा? कोरम संवेदन की उनकी शक्ति है, या वे महत्वपूर्ण जन तक पहुँचने के लिए एक बार एक साथ कुछ कर रही है : उनकी अंतर्दृष्टि हम सिर्फ बैक्टीरिया के बारे में समझने की शुरुआत कर रहे हैं कुछ कारनामे। एक साथ काम कर रहे चालाक बैक्टीरिया किसी दिन कैंसर के इलाज को बदल सकता है और कैसे - डँनीनो, एक TED Fellow , कैसे कोरम संवेदन काम करता बताते हैं।

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
04:11

Hindi subtitles

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