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हमारे सूक्ष्मजीवी हमें कैसे बनाते हैं जो हम हैं

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    हम सब अपने शरीर के स्वास्थ्य को
    लेकर बहुत चिंतित रहते हैं,
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    लेकिन हम हमेशा ये पता लगाने में
    असफल रहते हैं कि महत्वपूर्ण क्या है|
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    उदाहरण के लिए प्राचीन इजिप्त
    के लोगों को देखिये :
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    वे शारीरिक अंगों के प्रति बहुत सचेत थे
    पुनर्जन्म के समय उनकी आवश्यकता होगी,
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    वो कुछ अंगों को बाहर छोड़ देते थे|
  • 0:18 - 0:20
    उदाहरण के लिए ये भाग ,
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    वो बहुत सावधानीपूर्वक
    आमाशय, फेफड़ों को संरक्षित कर लेते थे,
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    और लीवर इत्यादि,
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    वो, मस्तिष्क की लुगदी को
    नाक से बाहर निकाल देते थे,
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    और इसे वो फेंक देते थे|
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    जिससे वास्तव में अर्थ था
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    आख़िरकार मस्तिष्क
    हमारे लिए करता क्या है?
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    जरा सोचिये कि अगर शरीर में
    अगर कोई उपेक्षित अंग होता
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    जिसका भार मस्तिष्क के बराबर होता
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    और एक तरह से ठीक था
    उतना ही महत्वपूर्ण जितने हम हैं,
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    हम इसके बारे में इतना कम जानते थे
    उसके साथ उपेक्षित व्यवहार करते रहे,
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    कल्पना कीजिये कि यदि
    नए वैज्ञानिक अनुसंधानों से
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    हमें समझ में आने लगा था
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    इसका महत्व कि
    हम अपने बारे में क्या सोचते हैं|
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    क्या आप इसके बारे में और जानना चाहेंगे?
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    इससे ये पता चलता है कि
    हममें उसके सामान कुछ है :
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    हमारी आंत|
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    या वस्तुतः इसके सूक्ष्मजीवी|
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    केवल हमारी आंत के सूक्ष्मजीवी
    ही नहीं हैं जो महत्वपूर्णहै|
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    शरीर पर विद्यमान सूक्ष्मजीवी
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    उनके अंतरों के आयाम को
    देखते हुए ये बहुत बहुत महत्वपूर्ण है
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    जो हम सबको को विशेष
    बना देते हैं कि हम कौन है|
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    उदाहरण के लिए क्या आपने कभी ध्यान दिया है
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    कुछ लोगों को दूसरों की अपेक्षा
    अधिक मच्छर काटते हैं ?
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    बाहर कैम्पिंग में हुआ ये अनुभव
    सभी को सही लगता है|
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    उदाहरण के लिए मुझे
    मच्छर बहुत कम काटते हैं
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    मेरी पत्नी अमांडा की
    ओर वो ज्यादा आकर्षित हैं,
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    और इसका कारण है कि हमारी त्वचा पर
    अलग तरह के सूक्ष्मजीवी हैं
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    जो अलग तरह के रसायन उत्पन्न करते हैं
    जिसको मच्छर पहचान लेते हैं|
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    सूक्ष्मजीवियों का महत्व
    चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत बढ़ गया है,
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    उदाहरण के लिए, हमारी आंत में
    जो सूक्ष्मजीवी हैं
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    निर्धारित करते हैं कि कौन से दर्द निवारक
    हमारे लीवर के लिए हानिकारक हैं|
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    वो ये भी निर्धारित करते हैं कि
    आपके हृदय को प्रभावित करेंगे या नहीं|
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    और, यदि कम से कम आप एक फ्रूट फ्लाई तो हैं,
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    सूक्ष्मजीवी ही निर्धारित करते हैं
    आपके यौन सम्बन्ध ,
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    ये मनुष्यों में नहीं ज्ञात किया गया है
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    लेकिन बस कुछ ही समय की बात है
    हम इसका पता लगा लेंगे| (हंसी)
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    सूक्ष्मजीवी विभिन्न प्रकार के
    कार्य कर रहे हैं,
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    वो खाना पचाने में हमारी मदद करते हैं,
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    वो हमारे प्रतिरोधी तंत्र
    को तैयार करते हैं
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    वो हमारी रोगों से रक्षा करते हैं,
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    यहां तक कि वो हमारे
    व्यवहार को भी प्रभावित करते हैं,
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    तो सूक्ष्मजीवियों के समुदाय का
    मानचित्र , कैसा दिखाई देगा?
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    ठीक है, ये बिलकुल ऐसा तो नहीं दिखाई देगा,
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    जैवकीय विविधता को समझने के लिए
    ये महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है,
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    विश्व के विभिन्न भागों में
    इनका अलग-अलग परिदृश्य है
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    जो नितांत उसी स्थान या दूसरे स्थान की
    विशेषताओं के अनुसार होती हैं
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    या अन्यत्र की|
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    सूक्ष्मजैविकी के साथ कुछ ऐसा ही है
    अगर मैं आपसे ईमानदारी से कहूं तो
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    सभी सूक्ष्मजीवी माइक्रोस्कोप में
    एक जैसे दिखाई देते हैं
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    तो उनको देखकर पहचानने की
    कोशिश करने की बजाय,
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    हम उसके डी.एन.ए. में निहित
    क्रमों का अध्ययन करते हैं,
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    एक परियोजना
    ह्यूमन माइक्रोबायोम के अंतर्गत,
  • 2:49 - 2:52
    इस परियोजना हेतु एन.आई.एच. ने
    १७३ मिलियन डालर का अनुदान दिया है
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    जिसमें सैकड़ों शोधकर्ता
    सहभागी बन गये
  • 2:54 - 2:57
    न्यूक्लिक एसिड के क्रमों के अध्ययन में,
  • 2:57 - 2:59
    मनुष्य के सभी सूक्ष्मजीवियों में |
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    जब हम इनका सामूहिकरूप से अध्ययन करते हैं
    तो वो ऐसे दिखाई देते हैं|
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    ये थोड़ा बताना कठिन है कि
    कौन कहाँ रहता है इसमें कहाँ है, है न?
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    मेरी प्रयोगशाला कम्प्यूटेशन तकनीकों का
    विकास कर रही है जिसकी सहायता से
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    सीक्वेंसेस का विशाल
    टेराबाइट डाटा प्राप्त क्रर
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    उन्हें उपयोगी मानचित्र
    में बदल दिया जाता है,
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    और जब हम ये
    माइक्रो बायोम डाटा के साथ करते हैं
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    २५० स्वस्थ स्वयं सेवकों
    की जानकारियों से,
  • 3:21 - 3:23
    ये ऐसे दिखाई देते हैं|
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    यहां पर प्रत्येक बिंदु सूक्ष्मजीवियों
    को प्रदर्शित कर रहा है
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    एक पूर्ण सूक्ष्मजीवी समुदाय|
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    मैंने बताया न ये सभी
    एक जैसे दिखाई दे रहे हैं|
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    प्रत्येक समूह से क्या अभिप्राय हैं
    जो एक सूक्ष्मजैवकीय समुदाय है
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    एक स्वस्थ स्वयंसेवक के शरीर
    के एक स्थान का|
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    और आप देखिये कि मानचित्र के विभिन्न भाग
    अलग-अलग रंगों में प्रदर्शित हैं,
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    बिलकुल पृथक महादीपों की तरह|
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    और इससे स्पष्ट होता है
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    कि वो शरीर के
    विभिन्न भागों को दर्शाते हैं,
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    जिनमें पृथक तरह के सूक्ष्मजीवी होते हैं,
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    यहाँ पर मुंह में पाये जाने वाले
    समुदाय के हरे रंग के हैं|
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    दूसरी तरफ त्वचा पर पाया जाने वाला
    समुदाय नीले रंग का है|
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    योनि में पाया जाने वाला समुदाय बैंगनी है,
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    नीचे दाहिनी ओर मल में पाया
    जाने वाला समुदाय भूरे रंग का है|
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    पिछले कुछ ही वर्षों में हमने
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    शरीर के विभिन्न भागों में पाए जाने
    वाले सूक्ष्मजीवियों के बारे में जाना है
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    जो नितांत एक दूसरे से भिन्न हैं|
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    एक व्यक्ति के सूक्ष्मजीवियों को देखिये
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    मुंह में और आंत में,
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    तो दोनों सूक्ष्मजीवी समुदायों के बीच
    अंतर का पता चलता है
  • 4:17 - 4:18
    ये बहुत अधिक है|
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    ये अंतर इस रीफ में पाए जाने वाले
    सूक्ष्मजीवियों से भी अधिक है
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    और इस जलाशय के सूक्ष्मजीवियों से,
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    जब आप इसके बारे में सोचते हैं
    तो ये अदभुत लगता है.
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    महत्वपूर्ण ये है कि मनुष्य के शरीर में
    केवल कुछ फ़ीट के अंतर में ही
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    सूक्ष्मजीवियों की पारिस्थितिकी
    में बहुत अंतर् आ जाता है
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    पृथ्वी पर सैकड़ों मील लम्बी कतार के बराबर|
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    और कहना नहीं होगा कि
    दो व्यक्ति एक जैसे दिखाई देते हैं
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    एक ही शरीर या स्थान में|
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    आपने शायद सुना हो
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    कि हम मनुष्य डी एन ए के
    दृष्टिकोण से एक जैसे ही हैं,
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    आप अपने डी एन के अनुसार
    ९९-९९ प्रतिशत समान हैं
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    उस व्यक्ति से जो आपके निकट बैठा है|
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    आंत के सूक्ष्मजीवियों के बारे में ऐसा नहीं
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    हो सकता है आपमें १० प्रतिशत ही समानता हो
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    आपके सूक्ष्मजीवियों में
    उस व्यक्ति से जो आपके पास बैठा है|
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    उससे उतने ही भिन्न हैं
    जितने घास के इस मैदान के बैक्टीरिया
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    और इस जंगल के बैक्टीरिया|
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    विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवी
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    विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं
    जिनके बारे में मैंने आपको बताया,
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    पाचन से लेकर सभी कुछ
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    ये अनेक प्रकार के रोगों का
    कारण होते हैं
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    दवाओं का स्वांगीकरण, इत्यादि|
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    ये सब वो कैसे कर पाते हैं?
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    वो इस तरह से कि
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    इस तरह के लगभग तीन पाउंड सूक्ष्मजीवी
    हमारी आंत में हमारी पाये जाते हैं,
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    संख्या में वो हमसे बहुत अधिक है,
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    वो हमसे इतने अधिक कैसे हो जाते हैं?
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    ये निर्भर करता है कि आप
    शरीर के बारे में क्या सोचतें हैं|
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    ये हमारी कोशिकायें ही तो हैं?
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    हम सभी की रचना लगभग १० खरब
    मानव कोशिकाओं से हुई है|
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    लेकिन हम १०० खरब से अधिक
    कोशिकाओं को उपयोग में लाते हैं|
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    उनकी संख्या हम से अधिक
    १०:१ के अनुपात में हो सकती है|
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    अब आप सोच सकते हैं कि
    हम अपने डी .एन .ए. के कारण ही मनुष्य हैं,
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    ये पाया गया है कि हम मनुष्यों में
    लगभग २०००० जीन्स पाये जाते हैं,
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    हम क्या गिन रहे हैं ये महत्वपूर्ण है,
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    २० लाख से लेकर २ करोड़ जींस
    इनमें हो सकते हैं,
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    वो संख्या में हमसे बहुत अधिक है
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    सूक्ष्मजीवी जो हमारे सहजीवी हैं|
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    लगता है कि मानवीय डी.एन.ए. के
    सूक्ष्म अवशेषों के अतिरिक्त
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    हम अपने जीवाणू .एन.ए.
    के अवशेष भी छोड़ जाते हैं
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    उन सभी पर
    जिन्हें हम स्पर्श करते हैं
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    कुछ वर्ष पहले हमें ये ज्ञात हुआ है
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    की आप हाथ की हथेली का
    मिलान कर मिला सकते हैं
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    कम्प्यूटर के सामान्य माउस की सहायता से
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    लगभग ९५% प्रतिशत सूक्ष्मता से|
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    ये एक वैज्ञानिक शोध पत्रिका में
    कुछ वर्ष पहले ही प्रकाशित हुआ है,
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    अधिक महत्वपूर्ण ये है कि इसका प्रसारण
    "सी एस आई:मियामी," के द्वारा किया गया था
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    ये वास्तव में सच है|
  • 6:24 - 6:25
    (हंसी)
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    हमारे ये सूक्ष्मजीवी
    पहले स्थान पर कैसे आते हैं?
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    आपके कुत्ते या बच्चे तो होंगे,
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    आपको ये
    अन्धविश्वास भी लग सकता है
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    लेकिन सब कुछ सच है|
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    उसी तरह से हम आपको
    आपके कम्प्यूटर से मिलान कर सकते हैं
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    आपके सूक्ष्मजीवियों के आधार पर,
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    हम आपका मिलान
    आपके कुत्ते से भी कर सकते हैं|
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    ऐसा पता चला है कि वयस्कों में,
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    सूक्ष्मजैवकीय समुदाय
    अपेक्षाकृत स्थिर होते हैं
  • 6:46 - 6:49
    यहां तक कि
    आप किसी के साथ रहते हैं तो भी,
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    आपकी विशिष्ट सूक्ष्मजैवकीय
    पहचान बनी रहती है
  • 6:51 - 6:54
    हफ़्तों, महीनों या वर्षों तक
    बनाये रहते हैं|
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    ऐसा लगता है हमारा
    प्रथम सूक्ष्मजैवकीय समुदाय
  • 6:57 - 6:59
    इस पर निर्भर करता है कि हम कैसे पैदा हुए.
  • 6:59 - 7:01
    जैसे बच्चे जो सामान्य रूप
    से पैदा होते हैं
  • 7:01 - 7:04
    सभी सूक्ष्मजीवी वस्तुतः
    योनि के समुदाय के होते हैं
  • 7:04 - 7:07
    जबकि शिशुओं का जन्म
    सी सेक्शन से होता है,
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    उनके सभी सूक्ष्मजीवी
    त्वचा के सामान प्रतीत होते हैं
  • 7:10 - 7:13
    और इसे कुछ असमानताओं से
    जोड़ कर देखा जा सकता है
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    सिजेरियन जन्म से जुड़े स्वास्थ्य
  • 7:15 - 7:19
    जैसे और दमा, और एलर्जी,
    और विकृतियां|
  • 7:19 - 7:21
    अब इन सभी का सम्बन्ध
    सूक्ष्मजीवियों से जोड़ा गया है
  • 7:21 - 7:25
    इसके बारे में सोचने पर,
    प्रत्येक जीवित स्तनधारी
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    की उपत्ति जन्म नली से होती है,
  • 7:28 - 7:30
    उनमें सुरक्षात्मक सूक्ष्मजीवियों
    का अभाव होता है
  • 7:30 - 7:33
    जिनके साथ हमारा सह - विकास हुआ है
    जो वास्तव में महत्वपूर्ण है
  • 7:33 - 7:37
    इन विविध परिस्तिथियों का कारण
    यही माइक्रोबायोम होते हैं|
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    कुछ साल पहले
    जब मेरी बेटी का जन्म हुआ
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    आकस्मिक सिजेरियन सर्जरी से|
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    हमने समस्या को अपने हाथ में लिया
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    उसकी योनि में उन सूक्ष्मजीवियों का
    लेप लगाया गया
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    जो उसे प्राकर्तिक रूप से मिले थे|
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    ये बता पाना कठिन है
    कि उनका प्रभाव था
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    विशेष रूप से उसके स्वास्थ्य पर?
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    इकलौते बच्चे को चाहे हम
    जितना भी प्यार करते हों,
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    और यदि आपका परिवार समुचित बड़ा नहीं है
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    तो मोटे तौर पर क्या होता है
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    लेकिन दो साल तक
    उसे कान में संक्रमण तक नहीं हुआ|
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    इसलिये हम निश्चिन्त हैं|
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    अब हम और बच्चों पर
    परीक्षण करेंगे
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    ये जानने के लिए कि इसका कोई
    सुरक्षात्मक प्रभाव है कि नहीं
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    जन्मजात सूक्ष्मजीवी
    अत्यंत महत्वपूर्ण हैं,
  • 8:19 - 8:22
    लेकिन उसके बाद हम किधर जाएंगे?
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    मै आपको फिर से
    ये मानचित्र दिखता हूँ
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    जो ह्यूमन माइक्रोबायोम की
    जानकारियों को पदर्शित करता है
  • 8:27 - 8:29
    प्रत्येक बिंदु
    शरीर के नमूने का स्थल है
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    २५० स्वस्थ वयस्कों में से एक|
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    आप जानते हैं कि बच्चे
    शारीरिक वृद्धि होती है|
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    आप उन्हें मानसिकरुप से विकसित
    होते देख चुके हैं|
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    पहली बार आप
    ये देखने जा रहे हैं
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    मेरे एक सहयोगी के बच्चे का विकास
    सूक्ष्मजीवियों के प्रभाव में हुआ
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    तो हम क्या देखने जा रहे हैं
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    क्या हम इस बच्चे के
    मल को देखने जा रहे हैं,
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    जिसमें आंत में पाये जाने वाले
    बैक्टेरिया का समुदाय हो
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    ढाई साल तक हर हफ्ते
    नमूने लिए गये,
  • 8:51 - 8:53
    पहले दिन से लेकर|
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    क्या होने जा रहा है नवजात शिशु में
    ये पीले धब्बे की तरह दिखेगा,
  • 8:57 - 9:00
    आप देख सकते हैं उसमें ये योनि में पाये
    जानेवाले समुदाय जैसे दिखाई पडते है,
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    जैसा हम उसके प्रसव की
    पद्ध्यति से अनुमान लगते हैं.
  • 9:03 - 9:05
    और इन ढाई वर्षों में
    क्या होने जा रहा है
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    क्या ये परिवहित होकर
    नीचे तक आने वाला है
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    ताकि ये व्यस्क से मेल खा सकें
    जैसा स्वस्थ स्वयंसेवकों में दिखाई देता है
  • 9:11 - 9:14
    मैं आपको ये दिखता हूँ
    ये कैसे होता है,
  • 9:15 - 9:19
    आप देख सकते हैं और याद रख सकते हैं
    ये सब केवल एक हफ्ते में,
  • 9:19 - 9:21
    आप इसे हफ्तेवार देख सकते हैं,
  • 9:21 - 9:25
    इस एक बच्चे के मल के
    सूक्ष्मजीवियों के समुदाय में परिवर्तन
  • 9:25 - 9:28
    हफ्ते दर हफ्ते
    अंतर बढ़ते चले जाते हूँ
  • 9:28 - 9:31
    स्वस्थ लोगों के बीच के अंतर से अधिक
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    ह्यूमन माइक्रोबॉयम परियोजना का दस्ता
  • 9:33 - 9:35
    नीचे की ओर के
    भूरे धब्बे क्या हैं.
  • 9:35 - 9:38
    आप देख सकते हैं की वो
    मल के समुदाय की ओर बढ़ रहा है|
  • 9:38 - 9:40
    ये लगभग दो वर्ष का है|
  • 9:40 - 9:42
    लेकिन कुछ आश्चर्यजनक
    यहाँ घटने वाला है|
  • 9:42 - 9:45
    इसे कान के संक्रमण के लिये
    एंटीबायोटिक दी गयी है
  • 9:45 - 9:48
    ये देखिये समुदायों की संख्या में
    बहुत बड़ा अंतर आ गया है,
  • 9:48 - 9:50
    जो क्रमशः तेजी से
    सामान्य होता जा रहा है|
  • 9:50 - 9:52
    आपको मैं ये फिर से दिखाता हूँ|
  • 9:53 - 9:57
    और हम देख सकते हैं कि
    इन कुछ हफ़्तों में
  • 9:57 - 9:59
    हमें बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है,
  • 9:59 - 10:01
    कई महीने सामान्य विकास
    के अवरुद्ध रहने के बाद
  • 10:01 - 10:04
    तेजी से पहले जैसी
    स्थिति में पहुँच जाता है|
  • 10:04 - 10:07
    ८३८ वें दिन तक पहुँचने तक
  • 10:07 - 10:09
    यही इस विडिओ का अंत है|
  • 10:09 - 10:13
    आप देख सकेंगे कि उसके मल में सामान्य
    जीवाणु का समुदाय उत्पन्न हो चुका है,
  • 10:13 - 10:16
    एंटी-बायोटिक के प्रभाव के बावजूद|
  • 10:16 - 10:19
    वास्तव में ये बहुत रोचक है
    क्योंकि ये मूल प्रश्न खड़े करता है
  • 10:19 - 10:23
    जब हम बच्चे के जीवन की
    विभिन्न अवस्थाओं में हस्तक्षेप करते हैं|
  • 10:23 - 10:27
    हम जैसे ही कुछ करते हैं
    माइक्रोबयोम बहुत तेजी से बदलने लगता है,
  • 10:27 - 10:28
    ये महत्वपूर्ण है,
  • 10:28 - 10:30
    ये समुद्री तूफान में
    एक पत्थर फेंकने जैसा है,
  • 10:30 - 10:32
    जहाँ लहरें ही गुम हो जातीं हैं?
  • 10:33 - 10:37
    ये आश्चर्यजनक से ये दिखाई देता है कि
    यदि आप बच्चों को एंटी-बायोटिक दें
  • 10:37 - 10:39
    शरू के छह महीने में,
  • 10:39 - 10:42
    वो बाद में और असमान्य
    हो जाते हैं
  • 10:42 - 10:45
    उन्हें एंटी-बायोटिक यदि नहीं मिलती
    या बाद में दी जाती है,
  • 10:45 - 10:48
    हम जो शुरू में करतें हैं
    उसका महत्वपूर्ण प्रभाव होता है
  • 10:48 - 10:51
    आंत में पाए जाने वाले ब जीवाणू समुदाय पर
    और बाद में स्वास्थ्य पर
  • 10:51 - 10:54
    जिसे हम समझना प्रारंभ कर रहें हैं|
  • 10:54 - 10:57
    ये आश्चर्यजनक है कि एक दिन
    इन प्रभावों के अलावा
  • 10:57 - 11:00
    जो प्रतिजैविक डालते हैं
    उससे प्रतिरोधी बैक्टीरिया बनतेहै,
  • 11:00 - 11:02
    जो बहुत महत्वपूर्ण है,
  • 11:02 - 11:05
    ये हमारी आंत के बैक्टीरिया की
    पारिस्थिकी को अपघटित कर रहे हैं,
  • 11:05 - 11:08
    एक दिन आएगा जब हममें एंटीबॉयोटिक्स
    के बारे में भयभीत होंगे.
  • 11:08 - 11:11
    जिन्हें आज हम इन धात्विक तकनीकों
    के लिए सुरक्षित रखते हैं
  • 11:11 - 11:14
    जिन्हें एजिप्ट के लोग मतिष्क की
    लुगदी बनाने में उपयोग करते थे
  • 11:14 - 11:16
    संलेपन हेतु बाहर निकलने के पहले।
  • 11:16 - 11:19
    इन सभी सूक्ष्मजीवियों में
    ये महत्वपूर्ण विशेषताएं होतीं हैं,
  • 11:19 - 11:21
    और उनमें ये अभी भी
    पायी जाती हैं
  • 11:21 - 11:24
    जिनका सम्बन्ध सभी प्रकार के
    रोगों से जोड़ा जा सकता है,
  • 11:24 - 11:26
    आंत में होने वाले संक्रमणों को मिलाकर,
  • 11:26 - 11:28
    हृदय रोग, बड़ी आंत का कैंसर,
  • 11:28 - 11:29
    और यहाँ तक मोटापा भी|
  • 11:29 - 11:32
    मोटापे का वास्तव में
    बहुत प्रभाव होता है
  • 11:32 - 11:35
    और आज हम ये बता सकते हैं
    कि चाहे आप दुबले रहेंगे या पतले
  • 11:35 - 11:36
    ९९ प्रतिशत सत्यता से
  • 11:36 - 11:39
    हम आपकी आंत में पाए जाने वाले
    सूक्ष्मजीवियों को देखकर|
  • 11:39 - 11:41
    अब ये सुनने में आकर्षक लग सकता है,
  • 11:41 - 11:44
    चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से
    ये परीक्षण थोड़ा समस्याकारी भी है,
  • 11:44 - 11:47
    आप शायद ये बता सकें कि इनमें से
    कौन से लोग मोटापे से ग्रस्त हैं
  • 11:47 - 11:50
    उनकी आंत के सूक्ष्मजीवियों
    के बारे में जाने बिना,
  • 11:50 - 11:53
    लेकिन ऐसा पाया गया है कि यदि
    हम उनके पूरे जीनोम का अध्ययन करें
  • 11:53 - 11:55
    उनके डी. एन.ए. के बारे में जान लें,
  • 11:55 - 11:59
    ६० प्रतिशत सत्यता से हम इनके
    मोटापे का अनुमान लगा सकते हैं
  • 11:59 - 12:00
    ये आश्चर्यजनक है ना?
  • 12:00 - 12:04
    इसका मतलब ये हुआ कि ३ पाउंड से अधिक
    सूक्ष्मजीवी हम अपने ऊपर ले कर चलते हैं
  • 12:04 - 12:07
    हो सकता है ये और महत्वपूर्ण हो
    कुछ स्वास्थ्यगत परिस्तिथियों में
  • 12:07 - 12:10
    आपके जीनोम के प्रत्येक जीन से भी अधिक|
  • 12:11 - 12:14
    हम चूहों में अध्ययन कर
    और भी बहुत कुछ जान सकते हैं
  • 12:14 - 12:18
    चूहों में, जीवाणुका सम्बन्ध विभिन्न
    प्रकार की परिस्थितियों से जोड़ा गया है,
  • 12:18 - 12:21
    मल्टिपल स्केलेरोसिस को मिलाकर,
  • 12:21 - 12:24
    अवसाद, आत्मविमोह और पुनः मोटापा|
  • 12:24 - 12:27
    लेकिन हम ये कैसे कह सकते हैं कि
    ये सूक्ष्मजीवी भिन्न हैं
  • 12:27 - 12:29
    जो रोगजनक हैं या प्रभाव उत्पन्न करते हैं?
  • 12:29 - 12:32
    हम एक काम ये कर सकते हैं कि
    हम कुछ ऐसे चूहे तैयार कर सकते हैं
  • 12:32 - 12:35
    जिनमें स्वयं के कोई सूक्ष्मजीवी न हों
    संक्रमण रहित वातावरण में|
  • 12:35 - 12:39
    फिर हम कुछ सूक्ष्मजीवी प्रवेश करा सकते
    हैं जो हमें मत्वपूर्ण लगते हैं,
  • 12:39 - 12:40
    और देखें क्या होता है|
  • 12:40 - 12:42
    जब हम एक मोटे चूहे से
    सूक्ष्मजीवी लेते हैं
  • 12:42 - 12:45
    उन्हें एक सामान्य चूहे में
    प्रतिस्थापित करतें हैं
  • 12:45 - 12:48
    जिसे निर्जंतुक वातावरण में
    मुल जीवाणू बिना बड़ा किया गया है ,
  • 12:48 - 12:51
    वो सामान्य से और भी
    मोटा हो जाता है|
  • 12:52 - 12:54
    ऐसा क्यों होता है
    ये निःसदेह अद्भुत है, परन्तु
  • 12:54 - 12:57
    संभवतः हो सकता है
    सूक्ष्मजीवी
  • 12:57 - 13:00
    उन्हें उसी भोजन को पचाने में
    और कुशलता से मदद कर रहे हैं,
  • 13:00 - 13:02
    इसलिए वो अपने भोजन से और
    अधिक ऊर्जा प्राप्त कर पा रहे हैं,
  • 13:02 - 13:06
    लेकिन साथ ही इन जीवाणुका वास्तव में
    अपना व्यव्हार प्रभावित हो रहा है|
  • 13:06 - 13:09
    क्या हो रहा है वो सामान्य चूहे से
    अधिक भोजन ग्रहण कर रहे हैं,
  • 13:09 - 13:13
    इसलिए वो मोटे होते जाते हैं यदि हम उन्हें
    उतना खाने देते हैं जितना वो चाहते हैं |
  • 13:13 - 13:15
    ये वास्तव में अदभुत है, है न?
  • 13:15 - 13:21
    इसका परिणाम ही है कि जीवाणू स्तनधारियों
    के व्यव्हार को प्रभावित करते हैं,
  • 13:21 - 13:25
    आप सोच रहे होंगे कि हम ये सब
    विभिन्न प्रजातियों में कर सकते हैं|
  • 13:25 - 13:29
    इससे स्पष्ट है कि अगरआप किसी
    स्थूलकाय व्यक्ति के सूक्ष्मजीवी लें
  • 13:29 - 13:32
    और उन्हें संक्रमणरहित चूहे में
    प्रतिस्थापित कर दें,
  • 13:32 - 13:34
    वो चूहे भी मोटे हो जायेंगे
  • 13:34 - 13:37
    चाहे उनके सूक्ष्मजीवी
    पतले व्यक्ति से ही क्यों न लिये गये हों
  • 13:37 - 13:40
    हम एक जीवाणू समुदाय की संरचना तय करके
    हम प्रतिस्थापित कर सकते है
  • 13:40 - 13:43
    जो उन्हें ये भार बढ़ने से बचाते हैं
  • 13:44 - 13:46
    हम ये कुपोषण के लिए भी कर सकते हैं,
  • 13:46 - 13:49
    जैसा गेट्स फाउंडेशन के द्वारा
    प्रायोजित परियोजना में
  • 13:49 - 13:51
    हम मलावी के बच्चों की
    देखभाल कर रहे हैं
  • 13:51 - 13:54
    जो क्वाशिकोर जैसे गंभीर
    कुपोषण की चपेट में हैं|
  • 13:54 - 13:57
    जिन चूहों में कवाशिकोर समुदाय की
    प्रतिस्थापना की जाती है
  • 13:57 - 13:59
    उनका ३० प्रतिशत भार कम हो जाता है
  • 13:59 - 14:00
    केवल तीन हफ्ते में|
  • 14:00 - 14:04
    हम उनका स्वास्थ्य पुनः प्राप्त
    कर सकते हैं उन्ही पोषकों की आपूर्ति से
  • 14:04 - 14:06
    जिसका बच्चों के
    अस्पताल उपयोग किया जाता है
  • 14:06 - 14:08
    जिन चूहों को ये समुदाय प्राप्त होता है
  • 14:08 - 14:11
    स्वस्थ जुड़वाँ शिशुओं की तरह
    क्वाशिकोर से युक्त शिशु भी अच्छा करते हैं
  • 14:12 - 14:16
    ये आश्यचर्यजनक है क्योंकि इससे ये स्पष्ट
    होता है हम बीमारियों का हल पा सकते हैं
  • 14:16 - 14:18
    इस तरह से
    चूहों के विभिन्न समूहों में प्रयोग करके
  • 14:18 - 14:21
    प्रत्येक व्यक्ति की आंत के
    सूक्ष्मजीवियों के समुदाय की तरह
  • 14:21 - 14:26
    और उसके अनुरूप संशोधन कर प्रत्येक
    व्यक्ति के लिये उपचार पा सकते हैं|
  • 14:26 - 14:29
    ये अत्यंत महत्वपूर्ण है
    प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक अवसर है
  • 14:29 - 14:32
    इस अविष्कार में भाग लेने के लिए|
  • 14:32 - 14:33
    कुछ साल पहले,
  • 14:33 - 14:35
    हमने ये परियोजना - अमेरिकी आंत
    शुरू की थी,
  • 14:35 - 14:39
    ये सूक्ष्मजैवकीय मानचित्र में
    स्वयं के स्थान को पाने में मदद करती है|
  • 14:39 - 14:43
    ये सबसे अधिक अनुदान
    पाने वाली परियोजना है
  • 14:43 - 14:46
    ८००० से अधिक लोग
    इसमें पंजीकृत हो चुके हैं|
  • 14:46 - 14:48
    ये ऐसे होता है
    वो हमें अपने नमूने भेजते हैं,
  • 14:48 - 14:52
    हम उनके सूक्ष्मजीवियों के डी. एन.ए. का
    विश्लेषण कर परिणाम उन्हें भेज देते हैं।
  • 14:52 - 14:56
    हम उनकी पहचान गोपनीय रखकर,
    वैज्ञानिकों और शिक्षकों को भेज देते हैं,
  • 14:56 - 14:59
    जो सामान्य जन
    जो इसमें रूचि रखते हैं, इत्यादि,
  • 14:59 - 15:02
    इस तरह से कोई भी आंकड़े प्राप्त कर सकता है।
  • 15:02 - 15:03
    दूसरी ओर,
  • 15:03 - 15:06
    हमारी प्रयोगशाला प्रमुख जैवकीय संस्थानों
    के परिभ्रमण पर भी जाती है
  • 15:06 - 15:10
    हम इसे रोबोट्स और लेसर् आदि
    की सहायता से समझाते हैं
  • 15:10 - 15:13
    ऐसा प्रतीत होता है
    कि सभी लोग ये सब नहीं जानना चाहते हैं,
  • 15:13 - 15:14
    (हंसी)
  • 15:14 - 15:17
    लेकिन मेरा अनुमान है कि आप में से
    अधिकांश जानना चाहते हैं
  • 15:17 - 15:20
    इसलिए मैं अपने साथ कुछ परीक्षण सेट
    लेकर आया हूँ यदि आप लेना चाहें तो
  • 15:20 - 15:22
    अपने लिए प्राप्त क्र सकते हैं,
  • 15:23 - 15:25
    लेकिन हम ये सब क्यों करना चाहते हैं?
  • 15:25 - 15:28
    ये इसलिये कि ये सूक्ष्मजीवी
    हमारे लिये केवल महत्वपूर्ण ही नहीं
  • 15:28 - 15:30
    ये जानने के लिए कि
    हमारा स्वस्थ्य कैसा है,
  • 15:30 - 15:33
    बल्कि ये वास्तव में बीमारी का
    उपचार भी कर सकते हैं।
  • 15:33 - 15:36
    ये सबसे नवीनतम दृष्टकोण है
    जिसकी परिकल्पना हम कर सके हैं
  • 15:36 - 15:39
    मिनोसेटा विश्वविद्यालय के
    अपने सहयोगियों के साथ।
  • 15:39 - 15:41
    ये मनुष्य के सूक्ष्मजीवियों का
    वो मान चित्र है
  • 15:41 - 15:43
    अब हम इसमें क्या देखना चाहते हैं -
  • 15:43 - 15:47
    मैं इसमें कुछ लोगों के
    सी.डिफ्फ समुदाय जोड़ना चाहता हूँ
  • 15:47 - 15:48
    ये एक अत्यंत घातक डायरिया है
  • 15:48 - 15:51
    जिसमें आपको एक दिन में २० बार से
    अधिक बार भी जाना पड़ सकता है
  • 15:51 - 15:54
    और ये लोग दो साल तक
    एंटीबायोटिक के उपचार से वंचित रहे
  • 15:54 - 15:56
    इससे पहले कि उनके ऊपर
    ये परीक्षण किया जा सके
  • 15:56 - 16:00
    स्वस्थ्य व्यक्ति के मल से जीवाणू लेकर
    प्रतिस्थापित कर दें तो क्या होगा,
  • 16:00 - 16:02
    नीचे की ओर स्थित तारे की आकृति वाले को
  • 16:02 - 16:05
    इन मरीजों में प्रतिस्थापित कर दूँ तो.
  • 16:05 - 16:08
    अच्छे सूक्ष्मजीवी
    खराब सूक्ष्मजीवियों से संघर्ष करते हैं
  • 16:08 - 16:10
    और बीमारी ठीक करने में मदद करते हैं?
  • 16:10 - 16:12
    आइये देखें कि यहां
    वातव में क्या हो रहा है।
  • 16:12 - 16:14
    इनमें से चार मरीजों को
    प्रतिस्थापक मिल गया है
  • 16:14 - 16:17
    नीचे की ओर स्थित एक स्वस्थ दाता से।
  • 16:17 - 16:18
    और जो आप तुरंत देख सकते हैं,
  • 16:18 - 16:21
    आंत के समुदाय में एक ये
    मुख्य अंतर देखने को मिलता है।
  • 16:21 - 16:23
    प्रतिस्थापना के एक दिन के बाद
  • 16:23 - 16:24
    ये सभी लक्षण समाप्त हो जाते हैं,
  • 16:24 - 16:26
    डायरिया बंद हो जाता है,
  • 16:26 - 16:30
    फिर वो पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं
    दाता समुदाय को से संयोजित करने लगते हैं
  • 16:30 - 16:32
    और वो फिर वहां बने रहते हैं|
  • 16:32 - 16:35
    (तालियां)
  • 16:37 - 16:40
    अभी हम इस अविष्कार के
    प्रारंभिक चरण में हैं।
  • 16:40 - 16:44
    हम ये जानने का प्रयास कर रहे हैं
    कि क्या ये सूक्ष्मजीवियों के कारण है
  • 16:44 - 16:46
    इन सभी प्रकार के रोगों के लिए
  • 16:46 - 16:48
    आंत के संक्रमण से लेकर मोटापे तक,
  • 16:48 - 16:50
    और शायद स्वलीनता और अवसाद।
  • 16:50 - 16:51
    यघपि हमें क्या करना चाहिए,
  • 16:51 - 16:54
    क्या हमें एक सूक्ष्मजैवकीय जी पी एस
    निर्मित करना चाहिए ,
  • 16:54 - 16:57
    जहाँ हमें ये भी पता नहीं
    कि अभी वर्तमान में हम कहाँ हैं
  • 16:57 - 16:59
    लेकिन हम कहाँ जाना चाहते हैं
    और हमें क्या करना चाहिए
  • 16:59 - 17:01
    वहां पहुँचने के लिए।
  • 17:01 - 17:03
    और हमें ये सब सरलता से करना है
  • 17:03 - 17:06
    ताकि एक बच्चा भी इसका उपयोग कर सके,
    (हंसी)
  • 17:06 - 17:08
    धन्यवाद।
  • 17:08 - 17:11
    (तालियां)
Title:
हमारे सूक्ष्मजीवी हमें कैसे बनाते हैं जो हम हैं
Speaker:
रोब नाइट
Description:

रॉब नाइट मनुष्य के सूक्ष्मजीवियों का अध्ययन करने वाले प्रमुख वैज्ञानिक हैं, एक कोशकीय सूक्ष्मजीवियों का विशाल समुदाय जो हमारे शरीर के भीतर रहता है - और अधिकांशतया अज्ञात हैं - जो हमारे स्वास्थ्य के लिये उत्तरदायी हैं| " तीन पाउंड सूक्ष्मजीवियों को लेकर हम घूमते हैं जो शायद हमारे जीन से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है|" वो कहते हैं जरा पता लगाइये क्यों ?

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
17:24

Hindi subtitles

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