बर्लिन की दीवार का उदय तथा पतन।
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0:07 - 0:11१३ अगस्त १९६१ की सुबह-सुबह,
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0:11 - 0:15सैनिकों और पुलिस द्वारा सशक्त,
पूर्वी जर्मनी के मज़दूरों ने -
0:15 - 0:20बर्लिन के सारे शहर में, तथा आस-पास,
सड़कें तोड़ना और -
0:20 - 0:22अवरोध खड़े करना शुरू किया।
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0:22 - 0:26इस रात से इतिहास की सबसे कुख्यात
विभाजन रेखा बनने की शुरुआत हुई, -
0:26 - 0:28जिसे बर्लिन की दीवार कहते हैं।
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0:28 - 0:31अड़ोस-पड़ोस को काटती हुई,
परिवारों को अलग करती, -
0:31 - 0:32इस दीवार का निर्माण
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0:32 - 0:34एक दशक तक चलता रहा
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0:34 - 0:37जिसने न केवल जर्मनी को,
बल्कि पूरे विश्व को विभाजित किया। -
0:37 - 0:39हम ऐसी स्थिति में पहुँचे कैसे
यह समझने के लिए -
0:39 - 0:41हमें द्वितीय विश्व युद्ध में जाना पड़ेगा।
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0:41 - 0:43अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस ने
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0:43 - 0:47धुरी राष्ट्रों के विरुद्ध
सोवियत संघ के साथ सेना मिलाई। -
0:47 - 0:49नाज़ी जर्मनी को हराने के बाद,
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0:49 - 0:53सारे विजयी देशों ने
उसके हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया। -
0:53 - 0:55यह विभाजन अल्पकालिक होना था,
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0:55 - 0:58लेकिन भूतपूर्व सहयोगो दलों के
युद्ध के बाद -
0:58 - 1:01यूरोप के ऊपर दृष्टिकोण नहीं मिले।
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1:01 - 1:03जहाँ पश्चिमी शक्तियाँ
उदार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती थी -
1:03 - 1:08सोवियत संघ खुद को आज्ञाकारी
साम्यवादी राष्ट्रों से घिरा रखना चाहता था, -
1:08 - 1:10और इसमें दुर्बल हुआ जर्मनी भी शामिल था।
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1:10 - 1:12जैसे-जैसे इनके सम्बन्ध बिगड़ते गए,
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1:12 - 1:15पश्चिम में जर्मन संघीय गणराज्य बन गया,
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1:15 - 1:20जबकि सोवियत संघ ने पूर्व में
जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य बना लिया। -
1:20 - 1:24सोवियत के उपग्रह देश पश्चिमी व्यापार
और संचालन को प्रतिबंधित करते थे, -
1:24 - 1:27तो एक आभासी अगम्य सीमा बन गई।
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1:27 - 1:30इसको लोहे का परदा कहा जाने लगा।
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1:30 - 1:35जर्मनी की पूर्व राजधानी, बर्लिन में
स्थिति विशेष रूप से जटिल थी। -
1:35 - 1:39जबकि यह पूरा शहर जर्मन लोकतांत्रिक
गणराज्य के पूर्वी जर्मन क्षेत्र में आता था -
1:39 - 1:43युद्ध के पश्चात हुआ अनुबंध
सहयोगी दलों को संयुक्त प्रशासन देता था। -
1:43 - 1:47तो अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने
बर्लिन के पश्चिमी जिलों में -
1:47 - 1:49एक लोकतांत्रिक अन्तःक्षेत्र बना लिया।
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1:49 - 1:53जहाँ पूर्वी जर्मन लोगों का देश से निकलना
सरकारी तौर पर प्रतिबंधित था, -
1:53 - 1:56बर्लिन में यह केवल थोड़ा पैदल चल कर,
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1:56 - 1:58या भूमिगत रेल, गाड़ी या बस से
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1:58 - 1:59पश्चिमी हिस्से में जा कर,
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1:59 - 2:03पश्चिमी जर्मनी या उससे आगे
सफर करके किया जा सकता था। -
2:03 - 2:07यह खुली सीमा पूर्वी जर्मनी के
नेतृत्व के लिए समस्या बनकर खड़ी थी। -
2:07 - 2:11उन्होंने हिटलर के विरुद्ध साम्यवादी
प्रतिरोध के प्रतिनिधित्व के अधिकार का दावा -
2:11 - 2:15और पश्चिमी जर्मनी को नाज़ी शासन के
विस्तार की तरह चित्रित किया था। -
2:15 - 2:19जहाँ अमेरिका और उसके मित्र-राष्ट्र पश्चिमी
जर्मनी के पुनर्निर्माण में पैसा बहा रहे थे -
2:19 - 2:23वहाँ सोवियत संघ पूर्व से युद्ध की
क्षतिपूर्ति के रूप में संसाधन ऐंठ रहा था, -
2:23 - 2:27जिससे उसकी आयोजित अर्थव्यवस्था और भी कम
प्रतिस्पर्धात्मक होती जा रही थी। -
2:27 - 2:31पूर्वी जर्मनी में राज्य सुरक्षा मंत्रालय
की चौकन्नी नज़रो के नीचे जीवन गुज़रता था -
2:31 - 2:35जो ऐसी गुप्त पुलिस थी जिसके वायरटैप
और मुखबिर किसी भी द्रोह के संकेत के लिए -
2:35 - 2:38नागरिकों पर नज़र रखते थे।
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2:38 - 2:41जहाँ पूर्व में निःशुल्क चिकित्सा
और शिक्षा मिलती थी, -
2:41 - 2:43पश्चिम उच्च वेतन,
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2:43 - 2:45अधिक उपभोक्ता वस्तुओं, और
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2:45 - 2:47अधिक व्यक्तिगत स्वतंत्रता
पर छाती चौड़ी करता। -
2:47 - 2:53१९६१ तक, करीब ३५ लाख़ लोग,
पूर्वी जर्मनी की लगभग २०% आबादी, -
2:53 - 2:56देश छोड़ चुकी थी,
जिसमें बहुत से पेशेवर युवा भी शामिल थे। -
2:56 - 2:58और अधिक नुकसान से बचने के लिए
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2:58 - 3:03पूर्वी जर्मनी ने सीमा बन्द करने का
निर्णय लिया और इस तरह बर्लिन की दीवार बनी। -
3:03 - 3:05बर्लिन में से ४३ किलोमीटर के
विस्तार पर होते हुए, -
3:05 - 3:08और ११२ किलोमीटर पूर्वी जर्मनी में से
आगे बढ़ता हुआ, -
3:08 - 3:12पहला अवरोध कांटेदार तार
और जाली की बाड़ से बना था। -
3:12 - 3:15जर्मनी के कुछ लोग तार के ऊपर से कूद कर,
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3:15 - 3:17या खिड़कियों में से निकल कर भाग गए,
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3:17 - 3:20लेकिन जैसे जैसे दीवार का विस्तार हुआ,
यह और अधिक कठिन हो गया। -
3:20 - 3:27१९६५ तक, १०६ किलोमीटर की,
३.६ मीटर ऊँची बजरी की आड़ बना दी गयी थी, -
3:27 - 3:31जिसके ऊपर कूदने से रोकने के लिए
एक चिकना पाइप था। -
3:31 - 3:34आने वाले कुछ वर्षों में,
इस आड़ को कीलों की पट्टियों, -
3:34 - 3:35पहरेदार कुत्तों
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3:35 - 3:37यहाँ तक कि बारूदी सुरंगों,
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3:37 - 3:41३०२ पहरे की मीनारों और
२० तहखानों से भी सशक्त किया गया। -
3:41 - 3:46पीछे अक्षांश बाड़ से १०० मीटर का क्षेत्र
शुरू होता था जिसे मौत की पट्टी कहते थे। -
3:46 - 3:50वहाँ सारी इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया
और ज़मीन को रेत से ढक दिया गया -
3:50 - 3:54ताकि सैंकड़ों पहरदारों को साफ़ दिख सके,
जिन्हें, -
3:54 - 3:57किसी भी पार करने की कोशिश करने वाले को
देखते ही गोली मारने के आदेश थे। -
3:57 - 4:03इसके बावजूद, १९६१ और १९८९ के बीच
करीब ५००० लोग पूर्वी जर्मनी से -
4:03 - 4:07भागने में सफल हुए।
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4:07 - 4:10कुछ राजनीतिज्ञ या खिलाड़ी थे
जो तब भाग गए जब वो विदेश में थे, -
4:10 - 4:13लेकिन बाकी लोग सामान्य नागरिक थे
जो सुरंगें खोद कर, -
4:13 - 4:15नहरों में से तैर कर,
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4:15 - 4:17गरम हवा का गुब्बारों से उड़ कर,
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4:17 - 4:21और यहाँ तक कि एक चुराए हुए टैंक को
दीवार में से मार निकाल कर भाग गए। -
4:21 - 4:22फ़िर भी जोखिम बहुत बड़ा था।
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4:22 - 4:26१३८ से भी ज़्यादा लोग
भागने की कोशिश में मारे गए। -
4:26 - 4:31कुछ तो पश्चिमी जर्मनी के, मदद करने के लिए
बेबस लोगों को, साफ़ दिखाई देते हुए मारे गए। -
4:31 - 4:36दीवार ने कार्यबल को जाने से रोक, पूर्वी
जर्मनी की अर्थव्यवस्था को तो स्थायी किया। -
4:36 - 4:38लेकिन उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया,
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4:38 - 4:42जिससे वह साम्यवादी दमन का
वैश्विक प्रतीक बन गया। -
4:42 - 4:44पूर्व के साथ सन्धि करने के अन्तर्गत,
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4:44 - 4:49१९७२ की बुनियादी सन्धि ने पूर्वी जर्मनी
को व्यावहारिक रूप से मान्यता दी, -
4:49 - 4:54जबकि पश्चिमी जर्मनी ने अन्ततः
एकीकरण होने की आशा को बरक़रार रखा। -
4:54 - 4:57जबकि पूर्वी शासन धीरे-धीरे परिवारों को
मिलने की स्वीकृति देता रहा -
4:57 - 5:01कठिन सत्तावादी प्रक्रिया और उच्च शुल्क से
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5:01 - 5:05वह लोगों को यह अधिकार प्रयोग कर से
हतोत्साहित करता रहा। -
5:05 - 5:08फिर भी, वह आवेदन पत्रों से अभिभूत था।
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5:08 - 5:10१९८० के दशक का अन्त होते होते,
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5:10 - 5:13अन्य पूर्वी गुटों के शासनों के
उदारीकरण को वजह से -
5:13 - 5:17निःशुल्क यात्रा और लोकतंत्र की
माँग के लिए सामूहिक प्रदर्शन हुए। -
5:17 - 5:20९ नवम्बर १९८९ की संध्या को,
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5:20 - 5:25पूर्वी जर्मनी ने यात्रा की अनुमति मिलने को
आसान बनाकर तनाव को शान्त करने की कोशिश की। -
5:25 - 5:29लेकिन यह घोषणा
हज़ारों पूर्वी बर्लिन के लोगों को -
5:29 - 5:31दीवार में बने सीमा पार करने के
स्थलों पर ले आई, -
5:31 - 5:35जिससे आश्चर्यचकित पहरेदारों को
तुरन्त दरवाज़े खोलने पड़े। -
5:35 - 5:38जहाँ दोनों तरफ के लोग
दीवार के ऊपर नाच रहे थे, -
5:38 - 5:41प्रसन्नता से भरपूर जनसमूह
पश्चिमी बर्लिन में जैसे बह आया। -
5:41 - 5:45और बाकी लोग दीवार को, जो भी
उपकरण मिला, उससे ध्वस्त करने लगे। -
5:45 - 5:48जबकि सीमा रक्षकों ने शुरू मे
व्यवस्था बरक़रार रखने की कोशिश की -
5:48 - 5:53जल्द ही यह साफ़ हो गया कि
विभाजन का समय अब अन्त पर था। -
5:53 - 5:58चार दशकों के बाद, १९९० में
जर्मनी का आधिकारिक तौर पर पुनर्मिलन हुआ। -
5:58 - 6:01और उसके थोड़े ही समय में
सोवियत संघ का विनाश हुआ। -
6:01 - 6:04दीवार के कुछ हिस्से आज भी खड़े हैं,
यह याद दिलाने के लिए -
6:04 - 6:07कि स्वतन्त्रता को प्रतिबाधित करने के लिए
हम जो भी अवरोध खड़े करें, -
6:07 - 6:09हम उन्हें तोड़ भी सकते हैं।
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- बर्लिन की दीवार का उदय तथा पतन।
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पूरा पाठ पढ़ें: https://ed.ted.com/lessons/the-rise-and-fall-of-the-berlin-wall-konrad-h-jarausch
१३ अगस्त १९६१ को, पूर्वी जर्मनी के मज़दूरों ने बर्लिन में, सड़कें तोड़ना और अवरोध खड़े करना शुरू किया। इस रात से इतिहास की सबसे कुख्यात विभाजन रेखा बनने की शुरुआत हुई, जिसे बर्लिन की दीवार कहते हैं। अड़ोस-पड़ोस को काटती हुई, परिवारों को अलग करती, इस दीवार का निर्माण, एक दशक तक चलता रहा, जिसने न केवल, जर्मनी को, बल्कि पूरे विश्व को विभाजित किया।
कॉनरैड ह. जरायश्च बर्लिन की दीवार का इतिहास विस्तार में बताते हैं।
पाठ कॉनरैड ह. जरायश्च द्वारा, जीव-संचारण रेमस और कीकी द्वारा।
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Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch | ||
Omprakash Bisen accepted Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for The rise and fall of the Berlin Wall - Konrad H. Jarausch |