कैसे मेरे बेटे की छोटी से जिंदगी ने सदा रहने वाला प्रभाव डाला
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0:02 - 0:04मैं तीन महीने गर्भ से थी
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0:04 - 0:08जब मेरे पाती रॉस और मैं
अपने दूसरे अल्ट्रसाउंड के लिए गए। -
0:09 - 0:12मैं उस समय 35 साल की थी,
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0:12 - 0:15और मुझे पता था की रिस्क ज़्यादा था
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0:15 - 0:17हमारी प्रेग्नन्सी में गड़बड़ का।
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0:18 - 0:21तो रॉस और मैंने प्रेग्नन्सी की आम
गड़बड़ों पर रिसर्च की, -
0:21 - 0:23और अपने को तैयार किया।
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0:24 - 0:26मगर, हम बिलकुल भी तैयार नहीं थे
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0:26 - 0:29उस भयानक रोग के लिए
जिस का हमसे सामने होने वाला था। -
0:30 - 0:34डॉक्टर ने हमें बताया कि
हमारे जुड़वा बच्चों में से एक, टॉमस, -
0:34 - 0:37एनेंसिफ़ेली नाम की एक जानलेवा
स्थिति से ग्रस्त था। -
0:37 - 0:41इसका मतलब था की उसका दिमाग़
ठीक से नहीं बना था -
0:41 - 0:43क्योंकि उसके सर का एक हिस्सा ग़ायब था।
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0:44 - 0:47इस स्थिति में बच्चे
ज़्यादातर गर्भ में ही मर जाते हैं, -
0:47 - 0:51या जन्म के कुछ मिनट
या घंटो या दिनों में। -
0:53 - 0:56मगर दूसरा बच्चा, कैलम,
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0:56 - 1:00स्वस्थ दिख रहा था, जैसा कि
डॉक्टर का अंदाज़ा था, -
1:00 - 1:04और ये आयडेंटिकल, यानि हमशक्ल,
जुड़वा थे। -
1:04 - 1:06जेनेटिक रूप से भी हमशक्ल।
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1:08 - 1:13तो ऐसी अद्भुत स्थिति कैसे पैदा हुई,
इस पर तमाम विमर्श के बाद, -
1:13 - 1:16बीमार बच्चे को गिराने की बात आई,
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1:16 - 1:19और हालाँकि ये प्रक्रिया नामुमकिन नहीं थी,
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1:19 - 1:23इसमें स्वस्थ बच्चे और मेरे लिए ख़तरा था,
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1:23 - 1:26तो हमने प्रेग्नन्सी पूरी करने का
फ़ैसला लिया। -
1:27 - 1:31अब मैं तीन महीने के गर्भ के साथ थी,
मेरे सामने पूरे छः महीने और थे, -
1:31 - 1:36और मुझे तरीक़े ढूँढने थे
अपना ब्लड प्रेशर और तनाव ठीक रखने के। -
1:37 - 1:42ऐसा लगता था जैसे मेरे ही रूम मेट ने
छः महीने तक मुझ पर बंदूक़ तान के रखी हो। -
1:44 - 1:48पर बंदूक़ की उस नली को देर तक देखने पर
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1:49 - 1:51मुझे उस नली के सिरे पर
रोशनी के आसार दिखे। -
1:52 - 1:55इस दुःख से पार पाने के हमारे पास
कोई तरीक़ा नहीं था, -
1:55 - 1:57लेकिन मैं टॉमस की छोटी सी ज़िंदगी
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1:57 - 1:59का कोई सकारात्मक असर बनाना चाहती थी।
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1:59 - 2:03उस के लिए मैंने अपनी नर्से से
नेत्र दान और अंग दान के बारे में पूछा। -
2:04 - 2:08उस ने मुझे हमारी लोकल
अंग दान संस्था से जोड़ दिया, -
2:08 - 2:10वॉशिंटॉन रीजनल
ट्रैन्स्प्लैंट कम्यूनिटी (wrtc) -
2:11 - 2:14WRTC ने मुझे बताया की
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2:14 - 2:18टामस अंग दान के लिए बहुत छूट था,
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2:18 - 2:20और मुझे झटका लगा:
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2:20 - 2:22मुझे पता ही नहीं की आप इस में
भी असफल हो सकते हैं। -
2:22 - 2:25पर उन्होंने कहा कि टॉमस का शरीर
शोध के काम आ सकता है। -
2:26 - 2:28इस में मुझे टॉमस को देखने के लिए
एक नई नज़र मिली। -
2:28 - 2:31बजाय बीमारी के शिकार के,
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2:31 - 2:35मैं उसे एक मेडिकल गुत्थी सुलझाने की
चाबी की तरह देखने लगी। -
2:36 - 2:40मार्च 23, 2010 को
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2:40 - 2:42मेरे जुड़वा बच्चे पैदा हुए,
दोनो जीवित पैदा हुए थे। -
2:44 - 2:46और जैसा की डॉक्टर ने बताया था,
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2:46 - 2:49टॉमस के सिर का ऊपरी भाग
ग़ायब था, -
2:49 - 2:50मगर वो मेरा दूध पी सकता था,
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2:50 - 2:52बोतल से भी पी सकता था,
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2:52 - 2:55हमसे चिपकना और ऊँगली पकड़ना भी
साधारण बच्चों जैसे कर रहा था, -
2:55 - 2:57और वो हमारी गोदी में सो भी गया।
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2:58 - 3:01छः दिन बाद, टॉमस रॉस की
बाहों में लेटे हुए चला गया, -
3:01 - 3:03हमारे परिवार से घिरा हुआ।
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3:05 - 3:09हमने WRTC को फ़ोन किया,
और उन्होंने एक वैन भेज दी -
3:09 - 3:12और उसे चिल्ड्रेन नैशनल मेडिकल सेंटर ले आए।
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3:13 - 3:17कुछ घंटो बाद, हमें फ़ोन पर पता लगा कि
टॉमस की प्रक्रिया सफलतापूर्वक हो गयी, -
3:17 - 3:20और टॉमस के योगदान को
चार अलग अलग जगहों पर भेजा जाएगा। -
3:20 - 3:23उसका कॉर्ड ब्लड
डयूक यूनिवर्सिटी जाएगा। -
3:23 - 3:27उसका लिवर डरहम में सेल थेरपी की
एक कम्पनी, सैटोनेट को जाएगा। -
3:28 - 3:32उसकी आँखो के कोरनीआ
शेपेंस आइ रीसर्च इन्स्टिटूट को जाएँगे, -
3:32 - 3:34जो कि हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल कर हिस्सा है,
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3:34 - 3:37और आँखो की सफ़ेदी
पेन्सल्वेन्या यूनिवर्सिटी को दिए जाएँगे। -
3:38 - 3:42कुछ दिन बाद, उसका अंतिम संस्कार
हमने परिवार के साथ हमने कर दिया, -
3:42 - 3:44बेबी कैलम भी मौजूद था,
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3:44 - 3:47और हमने अपने जीवन के इस
हिस्से को बंद कर दिया। -
3:48 - 3:51पर मैं हमेशा सोचती रही की
अब क्या हो रहा है? -
3:51 - 3:53रीसर्च कहाँ तक पहुँची है?
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3:53 - 3:55क्या इस दान का वाक़ई कोई फ़ायदा था?
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3:57 - 4:01WRTC ने मुझे और रॉस को
एक रिट्रीट पर बुलाया, -
4:01 - 4:04जहाँ हम 15 परिवारों से मिले
जिन्होंने किसी को खोया था, -
4:04 - 4:06और उसके अँगो का दान किया था।
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4:07 - 4:10उन में से कुछ को तो चिट्ठियाँ भी आयी थीं
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4:10 - 4:13उन लोगों से जिन्हें वो अंग मिले थे,
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4:13 - 4:14धन्यवाद के पत्र।
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4:15 - 4:17मुझे पता लगा की
वो एक दूसरे से मिल भी सकते थे, -
4:17 - 4:19अगर उन्होंने एक वेवर साईन किया हो,
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4:19 - 4:20जैसे गोद लेने में होता है।
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4:21 - 4:24और मैं उत्साहित थी,
शायद मैं भी एक पत्र लिख सकूँगी -
4:24 - 4:26या पत्र पा सकूँगी
और मुझे पता लगेगा की क्या हुआ। -
4:26 - 4:28पर ऐसा नहीं था।
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4:28 - 4:31ये सिर्फ़ उन के लिए था
जिनके अंग प्रत्यरोपित हुए हों। -
4:31 - 4:34मुझे अच्छा नहीं लगा।
शायद जलन सी महसूस हुई। -
4:34 - 4:36(ठहाका)
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4:36 - 4:38मगर आने वाले सालों में,
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4:38 - 4:40मैंने अंगदान के बारे में बहुत जानकारी ली,
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4:41 - 4:43इस क्षेत्र में काम भी किया।
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4:43 - 4:44और मुझे एक आयडिया आया।
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4:46 - 4:48मैंने पत्र लिखा जो शुरू होता था--
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4:48 - 4:49"प्रिया शोधकर्ता!"
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4:50 - 4:52मैंने बताया मैं कौन हूँ,
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4:52 - 4:56और उनसे पूछा की नवजात शिशु की
आँखों की सफ़ेदी उन्हें क्यूँ चाहिए थीं, -
4:56 - 4:58मार्च 2010 में,
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4:58 - 5:01और उनकी लैब में आने की अनुमति माँगी।
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5:02 - 5:05मैंने नेत्र दान के इंतज़ाम करने वाले
आइ बैंक को लिखा, -
5:05 - 5:07द ओल्ड डमिन्यन आइ फ़ाउंडेशन,
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5:07 - 5:10और कहा की कृपया
सही व्यक्ति तक उसे पहुँचाए। -
5:10 - 5:13उन्होंने कहा की पहले
उन्होंने कभी नहीं देखा था, -
5:13 - 5:15और वो जवाब की गारंटी नहीं दे सकते,
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5:15 - 5:17मगर वो इसे रोकेंगे नहीं,
और दान को सही जगह तक पहुँचाएगे। -
5:19 - 5:21दो दिन बाद, मुझे जवाब मिला
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5:21 - 5:24पेन्सलवेन्या यूनिवर्सिटी की
डॉक्टर अरुपा गांगुली से। -
5:25 - 5:26उन्होंने मुझे शुक्रिया कहा,
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5:26 - 5:29और बताया कि वो रेटिनोबलस्टोमा
पर शोध कर रही हैं, -
5:29 - 5:31आँख की सफ़ेदी का जानलेवा कैन्सर
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5:31 - 5:33जो पाँच से कम उम्र
के बच्चों में होता है, -
5:33 - 5:36और उन्होंने कहा,
कि हम उनकी लैब में जा सकते थे। -
5:37 - 5:38तो हमने फ़ोन पर बात की,
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5:38 - 5:40और सब से पहले उन्होंने मुझसे कहा
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5:40 - 5:43की वो सोच भी नहीं सकती हैं कि
हम पर क्या गुज़री होगी, -
5:43 - 5:46और टॉमस ने सबसे बड़ा
बलिदान दिया था, -
5:46 - 5:48और वो हमारी एहसानमंद हैं।
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5:49 - 5:52तो मैंने कहा, "आपका शोध ठीक है,
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5:52 - 5:54मगर हमसे कुछ पूछा नहीं गया।
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5:54 - 5:57हमने तो सिस्टम में दान दिया,
और सिस्टम ने आप तक पहुँच दिया। -
5:57 - 6:02मैंने कहा, "दूसरी बात ये है की
बच्चों के साथ अनहोनी रोज़ ही होती है, -
6:02 - 6:04और अगर अपने ये आँखे नहीं ली होती,
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6:04 - 6:07तो ये कहीं ज़मीन में बेकार दबी पड़ी होतीं।
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6:07 - 6:10तो आपके शोध का हिस्सा होने से
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6:10 - 6:14टॉमस के जीवन को एक नया
उद्देश्य मिलता है। -
6:14 - 6:17तो इस का इस्तेमाल करने में
ज़रा की झिझकिए मत।" -
6:18 - 6:20फिर उन्होंने बताया कि ये
कितना असाधारण रोग है। -
6:20 - 6:24उन्होंने इस के लिए
छः साल पहले माँग रखी थी -
6:24 - 6:26नैशनल डिज़ीज़ रीसर्च इंटर्चेंज के सामने।
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6:27 - 6:30उन्हें अपनी ज़रूरत के हिसाब से बस एक ही
दान मिला था, -
6:31 - 6:32और वो टॉमस का था।
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6:33 - 6:37उसके बाद, हमने लैब जाने के लिए
एक दिन मुक़र्रर किया, -
6:37 - 6:41और मार्च 23, 2015 को चुना,
जो कि दोनो बच्चों का जन्मदिन था। -
6:43 - 6:46फ़ोन रखने के बाद मैंने उन्हें
टॉमस और कैलम की फ़ोटो ईमेल की, -
6:47 - 6:49और कुछ हफ़्ते बाद,
हमें ये टी-शर्त पार्सल में मिली। -
6:51 - 6:54कुछ महीने बाद, रॉस, कैलौम,
और मैं कर में बैठ कर -
6:54 - 6:56एक रोड ट्रिप के लिए निकले।
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6:56 - 6:58हम अरूपा और उनकी टीम से मिले,
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6:58 - 7:02और अरूपा ने बताया मेरे बेझिझक रहने को
कहने से उन्हें बहुत सुकून मिला, -
7:02 - 7:05और तब तक उन्होंने हमारे
नज़रिए को नहीं देखा था। -
7:06 - 7:10उन्होंने बताया की टॉमस का एक
गुप्त कोड नाम भी है। -
7:11 - 7:14जैसे हेनरिएटा लैक्स
HeLa कही जाती हैं, -
7:14 - 7:17टॉमस को RES 360 नाम मिला था।
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7:17 - 7:19RES मतलब रीसर्च,
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7:19 - 7:22360 मतलब तीन सौ साठवाँ नमूना
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7:22 - 7:24पिछले दस सालों में।
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7:25 - 7:29उन्होंने हमें एक ख़ास काग़ज़ भी दिखाया,
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7:29 - 7:32जो की कूरियर की रसीद थी
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7:32 - 7:35जिस से आँखों को डीसी से फ़िलाडेलफ़िया
भेजा गया था। -
7:36 - 7:40ये रसीद अब हमारे लिए
विरासत जैसे है। -
7:40 - 7:44जैसे की कोई मिलिटेरी मेडल
या शादी का सर्टिफ़िकेट। -
7:45 - 7:50अरूपा ने बताया की वो टॉमस की आँखो
और उस के RNA से -
7:50 - 7:54ट्यूमर बनाने वाली जीन को रोकने
की कोशिश कर रही हैं, -
7:54 - 7:57उन्होंने हमें कुछ RES 360 पर किए शोध के
कुछ नतीजे भी दिखाए। -
7:58 - 8:00फिर वो हमें फ़्रीज़र तक ले गयीं
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8:00 - 8:03और दो अनछुए नमूने दिखाए जो
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8:03 - 8:06अभी तक RES 360 के नाम से सहेजे रखे थे।
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8:06 - 8:07दो छोटे छोटे नमूने।
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8:08 - 8:09उन्होंने कहा इन्हें रखने
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8:09 - 8:11का कारण है कि आगे कुछ नया
शायद निकल आए। -
8:13 - 8:15इसके बाद, हम कॉन्फ़्रेन्स रूम में गए
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8:15 - 8:17और साथ में लंच किया,
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8:17 - 8:22और लैब की टीम ने कैलम
को जन्मदिन का तोहफ़ा दिया। -
8:22 - 8:24बच्चों की लैब किट।
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8:24 - 8:27और उसे इंटर्न्शिप का भी ऑफ़र दिया।
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8:27 - 8:30(ठहाका)
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8:30 - 8:33तो बात ख़त्म करते हुआ,
आज मेरे दो संदेश हैं, -
8:34 - 8:37एक ये की हम से ज़्यादातर लोग
अंगदान के बारे में सोचते नहीं हैं। -
8:37 - 8:41मैंने कभी नहीं सोचा था।
मैं ज़्यादातर लोगों से ही हूँ। -
8:41 - 8:42मगर मैंने अंगदान किया।
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8:42 - 8:44ये अच्छा अनुभव था,
इसे महसूस करना चाहिए -
8:44 - 8:46और इस से मेरे परिवार
को बहुत शांति मिली। -
8:46 - 8:49और दूसरा ये की अगर
आप मानव नमूनो पर काम करते हैं, -
8:49 - 8:51और सोचते हैं की वो कहाँ से आए,
किस परिवार से, -
8:51 - 8:52तो उन्हें पत्र लिखिए।
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8:52 - 8:55उन्हें बताइए की वो आपको मिल गए हैं,
और आप क्या शोध कर रहे हैं, -
8:55 - 8:57और उन्हें अपने लैब में बुलाइए,
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8:57 - 9:00क्यूँकि उनका आना आपको
बहुत संतोष दे सकता है, -
9:00 - 9:01उन से भी ज़्यादा संतोष।
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9:01 - 9:03और में आप से एक और गुज़ारिश करूँगी
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9:03 - 9:06अगर ऐसा कोई परिवार आपकी लैब तक पहुँचे,
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9:06 - 9:07तो मुझे ज़रूर ज़रूर बताएँ।
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9:08 - 9:10मेरे परिवार की कहानी आगे ये है कि
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9:10 - 9:12हम उन चारों जगह गए
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9:12 - 9:14जहाँ टॉमस के अंग गए थे।
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9:14 - 9:17और हम ग़ज़ब के लोगों से मिले
जो प्रेरक काम कर रहे हैं। -
9:18 - 9:23अब तो मुझे ऐसा लगता है जैसे
टॉमस का एडमिशन एक साथ हॉर्वर्ड -
9:23 - 9:25डयूक और पेन में हो गया है --
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9:25 - 9:29(ठहाका)
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9:29 - 9:31और उसे सैटोनेट में नौकरी भी मिल गयी,
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9:31 - 9:34और उस के साथी हैं, टीम है,
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9:34 - 9:36जो की अपने क्षेत्र के शीर्ष लोग हैं।
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9:36 - 9:38और उन्हें अपने काम के लिए
टॉमस की ज़रूरत है। -
9:39 - 9:44और वो ज़िंदगी जो कभी
बेमतलब जाया सी थी, -
9:44 - 9:49आज अमर, महत्वपूर्ण और ख़ास है।
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9:50 - 9:53मैं आशा करती हूँ कि मेरी
ज़िंदगी भी इतनी कामयाब हो। -
9:54 - 9:55धन्यवाद।
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9:55 - 10:04(तालियाँ)
- Title:
- कैसे मेरे बेटे की छोटी से जिंदगी ने सदा रहने वाला प्रभाव डाला
- Speaker:
- सारा ग्रे
- Description:
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सारा ग्रे के गर्भ में पल रहे बेटे टॉमस को जानलेवा रोग आनेंसेफाली हो गया। सारा ने इस दुःख को एक महान दान में बदल दिया और उस के अँगो को वैज्ञानिक शोध के लिए दान कर दिया। जीवन और खोज के प्रति उनके इस दान की कहानी में वो बताती हैं कि कैसे उन्होंने शांति पायी, और दुःख झेलते परिवारों के लिए आशा का एक संदेश देती हैं।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 10:17
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for Sarah Gray speaks at TEDMED 2015 | ||
Abhinav Garule accepted Hindi subtitles for Sarah Gray speaks at TEDMED 2015 | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Sarah Gray speaks at TEDMED 2015 | ||
Swapnil Dixit edited Hindi subtitles for Sarah Gray speaks at TEDMED 2015 |