ISIS जैसे संगठनों के प्रभुत्व के विचित्र तरीके
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0:01 - 0:02मैं पिछले एक दशक से,
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0:02 - 0:05गैर राज्यकीय शस्त्रधारी संगठनों
का अनुसंधान कर रही हूँ -
0:05 - 0:09सशस्त्र संगठन जैसे कि आतंकवादी,
विद्रोही या नागरिक सेना -
0:10 - 0:13मैं आलेख करती हूँ कि ये संगठन
गोलाबारी के अलावा क्या करते हैं | -
0:13 - 0:16मेरा उद्देश्य इन हिंसाकर्ताओं
को बेहतर समझना -
0:16 - 0:20और हिंसक संग्राम से अहिंसात्मक
विरोध में परिवर्तन के -
0:20 - 0:22मार्ग खोजना है |
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0:22 - 0:25मेरा कार्यक्षेत्र रणभूमि, नीति लोक
और पुस्तकालय है | -
0:26 - 0:31गैर राज्यकीय शस्त्रधारी संघटनों को समझना
अधिकाँश संघर्षों को हल करने की कुंजी है -
0:31 - 0:32क्यूँकि लड़ाई बदल चुकी है |
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0:32 - 0:35ये राष्ट्रों के बीच प्रतियोगिता हुआ करता था |
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0:36 - 0:37अब नहीं |
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0:37 - 0:41अब यह राष्ट्र और गैर राज्यकीय
कर्ताओं के बीच असहमति हैं | -
0:41 - 0:45उदहारण के लिए, सन १९७५ से २०११ तक
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0:45 - 0:48जिन २१६ शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर हुए
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0:48 - 0:54इनमें १९६ एक राष्ट्र और
गैर राज्यकीय कर्ताओं के बीच थे -
0:54 - 0:57इसीलिए हमें इन संगठनों को समझना होगा;
किसी भी सफल शान्ति संधि के लिए, -
0:57 - 1:02हमें इनसे वार्ता करनी होगी
या फिर उन्हें हराना होगा | -
1:02 - 1:03पर हम ऐसा करेंगे कैसे ?
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1:04 - 1:07हमें यह समझना होगा कि ये
संगठन लोकप्रिय क्यूँ हैं -
1:07 - 1:10हम ये तो जानते हैं कि वो
कैसे लड़ते हैं, क्यूँ लड़ते हैं -
1:10 - 1:13पर यह कोई नहीं देखता कि ये तब
क्या करते हैं जब लड़ते नहीं हैं | -
1:13 - 1:17तो भी, सशस्त्र संघर्ष और
निरस्त्र राजनीति जुडी हुई हैं -
1:17 - 1:19ये सब एक ही संगठन के अंग हैं
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1:19 - 1:22इन संगठनों तो हराना तो दूर,
इन्हें समझ भी नहीं सकते -
1:22 - 1:24जब तक हमारे पास पूर्ण जानकारी नहीं है
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1:25 - 1:28आज के सशस्त्र संगठन बहुत जटिल हैं |
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1:28 - 1:30लेबनान के हिजबुल्ला का उदहारण लीजिये,
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1:30 - 1:33जो इजराइल के साथ हिंसक
झड़पों के लिए जाना जाता है -
1:33 - 1:36पर सन १९८० में अपने गठन के साथ
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1:36 - 1:38हिजबुल्ला ने अपने राजनीतिक
दल का भी गठन किया, -
1:38 - 1:42एक समाज सेवी प्राणाली,
और एक सामरिक यंत्र | -
1:42 - 1:44ठीक इसी तरह, फिलिस्तीनी हमास,
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1:44 - 1:47जो इजराइल के खिलाफ आत्मघाती हमलों
के लिए जाना जाता है, -
1:47 - 1:50वो २००७ से गाज़ापट्टी पर शासन कर रहा है |
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1:50 - 1:53ये संगठन गोलाबारी के अलावा
भी बहुत कुछ करते हैं -
1:53 - 1:55ये कई कार्य करते हैं
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1:55 - 1:58वे पेचीदा संचार यंत्र स्थापित करते हैं
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1:58 - 2:00जैसे कि रेडियो, टीवी चैनल,
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2:00 - 2:03इंटरनेट और सोशल मीडिया रणनीति |
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2:03 - 2:06और इधर है ISIS मैगज़ीन
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2:06 - 2:09अंग्रेज़ी में छपी और भर्ती
के लिए प्रकाशित की गई -
2:09 - 2:12सशस्त्र संघठन धन जुटाने
में भी निवेश करते हैं -
2:12 - 2:16लूटकर नहीं, बल्कि लाभदायक व्यवसायों से
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2:16 - 2:18जैसे कि निर्माण इकाईयां
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2:18 - 2:20अब यह गतिविधियाँ आधार है
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2:20 - 2:23जिस से इन संगठनो का बल बढ़ता है
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2:23 - 2:24धन कोष बढ़ाता है
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2:24 - 2:27बेहतर भर्ती और पहचान बनाता है|
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2:28 - 2:29सशस्त्र संगठन कुछ और भी करते हैं
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2:29 - 2:32वो जनता के साथ
मज़बूत सम्बन्ध बनाते हैं -
2:32 - 2:34समाज सेवा करके |
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2:34 - 2:37वे विद्द्यालय बनाते हैं,
अस्पताल चलाते हैं -
2:37 - 2:41वे व्यावसायिक प्रशिक्षण और
लघु ऋण कार्यक्रम चलाते हैं -
2:41 - 2:45हिज़बुल्ला इस तरह की सारी
एवं और भी सेवाएं देता है -
2:45 - 2:48सशस्त्र संगठन और भी कुछ की पेशकश
करते हैं जनमत जीतने के लिए -
2:48 - 2:52जो राष्ट्र नहीं दे रहे
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2:52 - 2:54सुरक्षा और सलामती |
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2:54 - 2:58युध्ग्रस्त अफ़गानिस्तान में
तालिबान के प्रारंभिक उत्कर्ष -
2:58 - 3:01या ISIS के उदय के शुरुआत
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3:01 - 3:04को समझा जा सकता है इन संगठनों
के प्रयासों को देख कर -
3:04 - 3:06सुरक्षा प्रदान करने के लिए |
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3:06 - 3:09अब दुर्भाग्य से इन क्षेत्रों में
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3:09 - 3:12जनता को सुरक्षा के प्रावधान के लिए
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3:12 - 3:13बहुत भारी कीमत अदा करनी पड़ी |
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3:13 - 3:18सामान्यतः जन सेवाओं से सरकार
के द्वारा छोड़ी गई रिक्ति, -
3:18 - 3:20शासन की किसी रिक्ति को भरता है
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3:20 - 3:22और इन संगठनों की ताक़त और
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3:23 - 3:24प्रभाव की वृद्धि करता है|
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3:24 - 3:28जैसे कि, २००६ में फिलिस्तीनी
हमास की चुनावी जीत को -
3:28 - 3:32उनकी समाज सेवा को मान्यता
दिए बिना नहीं समझा जा सकता है | -
3:33 - 3:35अब यह एक जटिल तस्वीर है
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3:35 - 3:38फिर भी पश्चिमी देशों, जब हम
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3:38 - 3:40सशस्त्र संगठनों की हिंसा की बात करते हैं |
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3:40 - 3:43परन्तु यह काफी नहीं है इन संगठनों की
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3:43 - 3:45ताक़त, रणनीति या दूरदर्शिता समझने के लिए |
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3:45 - 3:47यह संगठन बहु-आयामी हैं |
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3:47 - 3:50इनका उदय इसलिए होता है क्यूँकि ये
सरकार की रिक्ति को पूरा करते हैं -
3:50 - 3:54और वे सशस्त्र एवं राजनीतिक
रूप में उभरते हैं -
3:54 - 3:57हिंसक संघर्ष करते हैं और
शासन करते हैं | -
3:57 - 4:01और ये संगठन जितने जटिल
एवं परिष्कृत होते जायेंगे -
4:01 - 4:05हमारे लिए उतना ही मुश्किल होगा
इन्हें राष्ट्र विरोधी समझना | -
4:05 - 4:07अब आप हिजबुल्ला जैसे
संगठन को क्या कहेंगे ? -
4:07 - 4:10वे एक राज्य क्षेत्र का शासन करते हैं,
सारे प्रशासनिक कार्य करते हैं -
4:10 - 4:14वे कचरा उठाते हैं,
मलप्रवाह पद्धति चलते हैं | -
4:14 - 4:16क्या यह सरकार है ?
क्या ये विद्रोही संगठन है ? -
4:17 - 4:20या फिर कुछ और ही है,
कुछ भिन्न और नवीन ? -
4:20 - 4:22और ISIS क्या है ?
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4:22 - 4:23इनके बीच अंतर धुंधला है|
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4:23 - 4:27हम जिस दुनिया में रहते हैं वो राष्ट्रों,
गैर राजकीय कर्ताओं के बीच में है, -
4:27 - 4:30और राष्ट्र जितने निर्बल होंगे, जैसे कि
मध्य पूर्वी राष्ट्रों में आज कल, -
4:30 - 4:34उतने ही गैर-राज्यकीय कर्ता उस
रिक्ति को पूर्ण करने के लिए उभरेंगे| -
4:34 - 4:37यह सरकारों के लिए महत्वपूर्ण है,
क्यूँकि इन संगठनों से लड़ने के लिए -
4:37 - 4:40उनको गैर-सैनिक यंत्रों में निवेश करना होगा
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4:41 - 4:43शासन की त्रुटियों को सुधारना
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4:43 - 4:46किसी भी दीर्घकालिक रणनीति
का केंद्र बिंदु होना चाहिए| -
4:46 - 4:50ये अत्यंत महत्वपूर्ण है, शान्ति
संधि और शान्ति स्थापना के लिए| -
4:50 - 4:52हम जितना सशस्त्र संगठनों को बेहतर समझेंगे
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4:52 - 4:54उतना ही बेहतर जानेंगे कि इन्हें
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4:54 - 4:58हिंसा से अहिंसा की तरफ कैसे
प्रोत्साहित किया जाए | -
4:58 - 5:02तो राष्ट्रों और गैर राज्यकीय (संगठनों)
के बीच की इस नयी लड़ाई में -
5:02 - 5:05सैनिक क्षमता से कुछ युद्ध तो
जीते जा सकते हैं -
5:05 - 5:08लेकिन वो हमे अमन और स्थिरता
नहीं देगा | -
5:08 - 5:10इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए
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5:10 - 5:15हमें दीर्घकालीन निवेश करने होंगे
सुरक्षा में रिक्ति भरने के लिए, -
5:15 - 5:17शासन की रिक्ति भरने के लिए
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5:17 - 5:20जिससे इन संगठनों को
उभरने का मौका मिला -
5:20 - 5:21धन्यवाद |
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5:21 - 5:25(तालियाँ)
- Title:
- ISIS जैसे संगठनों के प्रभुत्व के विचित्र तरीके
- Speaker:
- बेनेदेत्ता बर्टी
- Description:
-
ISIS, हेज्बुल्ला, हमास| ये तीन विविध गुट अपनी हिंसा के लिए जाने जाते हैं - मगर ये सिर्फ एक अंश है उसका जो वे करते हैं, राजनीतिक विश्लेषक बेनेदेत्ता बर्टी के अनुसार| वे अपनी समाज सेवा से जनमत जीतने की प्रयास भी करते हैं; विद्यालयों एवं अस्पतालों की स्थापना करके, सुरक्षा और सलामती प्रदान करके, और सरकारों द्वारा छोड़ी गई रिक्तियां पूर्ण करके| इन संगठनों के समस्त कार्यों की ज्ञप्ति हिंसा खत्म करने की नई रणनीति का प्रस्ताव करती है |
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 05:38
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Saurabh Garg edited Hindi subtitles for The surprising way groups like ISIS stay in power | ||
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