नील पसरीचाः तीन शानदार रहस्य
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0:00 - 0:02शानदार कहानी ये है:
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0:02 - 0:04इसकी शुरुआत लगभग 40 साल पहले हुई,
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0:04 - 0:07जब मेरे माता-पिता कनाडा आये.
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0:07 - 0:09मेरी माँ ने केन्या में नैरोबी छोड़ा.
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0:09 - 0:12मेरे पिता भारत में अमृतसर के बाहर एक छोटे से गाँव से आये थे.
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0:12 - 0:15वे यहाँ 1960 के दशक के अंत में आये थे.
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0:15 - 0:18टोरंटो के पूर्व में एक घंटे की दूरी पर उन्होंने छायादार अंचल में अपना घर बसाया.
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0:18 - 0:20और उन्होंने एक नयी ज़िंदगी की शुरुआत की.
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0:20 - 0:22उन्होंने पहली बार डेंटिस्ट को यहीं देखा,
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0:22 - 0:24पहला हैमबर्गर यहाँ खाया,
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0:24 - 0:26और उनके बच्चे भी यहीं हुए.
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0:26 - 0:28मैं और मेरी बहन
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0:28 - 0:30यहीं पले-बढ़े,
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0:30 - 0:33और हमने शांत व सुखद बचपन बिताया.
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0:33 - 0:35हमारा परिवार एकजुट था,
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0:35 - 0:37अच्छे दोस्त थे, और शांत मोहल्ला था.
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0:37 - 0:39हमने उन चीज़ों के महत्व को नहीं जाना
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0:39 - 0:41जिनके हमारे माता-पिता के जीवन में बड़ा महत्व था
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0:41 - 0:43जब वे बड़े हो रहे थे --
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0:43 - 0:45जैसे हमारे घर में बिजली
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0:45 - 0:47कभी नहीं जाती थी,
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0:47 - 0:49स्कूल सड़क के दूसरी ओर था,
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0:49 - 0:51अस्पताल थोड़ी दूरी पर था,
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0:51 - 0:53पिछवाड़े में आइस कैंडी मिल जाती थी.
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0:53 - 0:55हम पले-बढ़े, और जवान हुए.
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0:55 - 0:57मैं हाई स्कूल गया.
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0:57 - 0:59कालेज में पढाई की.
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0:59 - 1:01घर से बाहर निकला, नौकरी ढूंढी,
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1:01 - 1:04प्रेम में पड़ा और सैटल हो गया -
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1:04 - 1:07ऐसा लगता है जैसे ये किसी घटिया धारावाहिक या कैट स्टीवंस के गाने से सुनकर बोल रहा हूँ.
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1:07 - 1:09(हंसी)
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1:09 - 1:11लेकिन जिंदगी बढ़िया गुज़र रही थी.
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1:11 - 1:13सब कुछ अच्छा चल रहा था.
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1:13 - 1:162006 का साल बहुत अच्छा बीता.
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1:16 - 1:19टोरंटो के अंगूरी बागानों में खुले आसमान के नीचे जुलाई में,
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1:19 - 1:21मेरा विवाह हो गया,
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1:21 - 1:24जिसमें 150 परिजनों और मित्रों ने शिरकत की.
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1:25 - 1:282007 भी बहुत अच्छा साल था.
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1:28 - 1:30मैं कॉलेज से निकल गया,
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1:30 - 1:33और मेरे सबसे करीबी दो मित्रों के साथ लम्बी सड़क यात्रा पर निकल पड़ा.
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1:33 - 1:36ये मेरे मित्र क्रिस के साथ मेरी फोटो है,
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1:36 - 1:38प्रशांत महासागर के तट पर.
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1:38 - 1:40हमने कार की खिड़की से बाहर सील मछलियाँ भी देखीं,
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1:40 - 1:42और उनकी फोटो लेने की कोशिश में गाड़ी रोकी
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1:42 - 1:45पर वे हमारे बड़े-बड़े सिरों के पीछे छुप गयीं.
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1:45 - 1:47(हंसी)
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1:47 - 1:49जैसा कि आप यहाँ पर देख रहे हैं,
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1:49 - 1:51लेकिन यकीन मानिए,
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1:51 - 1:53यह सब बहुत मजेदार था.
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1:53 - 1:55(हंसी)
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1:55 - 1:582008 और 2009 कुछ कठिन साल थे.
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1:58 - 2:00न सिर्फ मेरे लिए बल्कि कुछ लोगों के लिए,
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2:00 - 2:02वे और भी कठिन थे.
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2:02 - 2:04पहली बात तो यह है कि ये बहुत बड़ी खबर थी.
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2:04 - 2:07अभी भी ये बड़ी बात है, उससे पहले भी यह बड़ी बात थी,
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2:07 - 2:10लेकिन जब आप अखबार खोलते हैं या टीवी ऑन करके देखते हैं,
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2:10 - 2:12तो वहां मुख्यतः ध्रुवीय बर्फ पिघलने की,
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2:12 - 2:14दुनिया में जंग छिड़ने की,
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2:14 - 2:17भूकंप, तूफ़ान के आने की,
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2:17 - 2:20और लड़खड़ाती हुई अर्थव्यवस्था की खबर दिखती है,
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2:20 - 2:23और अंततः यह ध्वस्त हो जाती है,
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2:23 - 2:25और फिर अचानक हमारे घर,
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2:25 - 2:27हमारी नौकरियां,
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2:27 - 2:29सेवानिवृत्ति की योजनाएं,
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2:29 - 2:31और रोजीरोटी गायब हो जाती है.
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2:31 - 2:342008 और 2009 मेरे लिए कुछ अन्य कारणों से भी मुश्किल थे.
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2:34 - 2:37उस दिनों मैं बहुत सी व्यक्तिगत समस्याओं का सामना कर रहा था.
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2:38 - 2:41मेरा वैवाहिक जीवन सुखद नहीं था,
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2:41 - 2:45और हम दोनों एक-दूसरे से दूर होते जा रहे थे.
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2:45 - 2:47एक दिन मेरी पत्नी ऑफिस से घर आयी
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2:47 - 2:50और हिम्मत जुटाकर अपनी आँखों में आंसू लिए हुए,
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2:50 - 2:53उसने खुले दिल से बात करने के लिए कहा.
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2:53 - 2:56उसने कहा, "मैं तुम्हें अब प्यार नहीं करती".
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2:56 - 3:00आज तक ये मेरे द्वारा सुने गए सबसे कष्टप्रद शब्द हैं
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3:00 - 3:03और निस्संदेह दिल को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाते हैं,
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3:03 - 3:05लेकिन इसी के एक महीने के भीतर,
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3:05 - 3:08मैंने दिल को इससे भी ज्यादा आहत करनेवाली खबर सुनी.
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3:08 - 3:10मेरा दोस्त क्रिस, जिसके साथ खींची फोटो मैंने आपको अभी दिखाई थी,
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3:10 - 3:12वह कुछ समय से मानसिक रोग से लड़ रहा था.
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3:12 - 3:14और आप लोगों में से वे
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3:14 - 3:16जिनके जीवन को मानसिक रोग ने किसी भी तरह से प्रभावित किया है,
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3:16 - 3:19वे समझ सकते हैं कि यह कितना चुनौतीपूर्ण है.
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3:19 - 3:21एक रविवार की रात को मैंने
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3:21 - 3:23उससे फोन पर 10:30 बजे बात की.
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3:23 - 3:26हमने एक टीवी कार्यक्रम के बारे में बात की जो हमने उस शाम को देखा था.
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3:26 - 3:29सोमवार की सुबह मुझे पता चला कि क्रिस इस दुनिया में नहीं रहा.
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3:29 - 3:32यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उसने आत्महत्या कर ली.
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3:33 - 3:36वह समय मेरे लिए बहुत कठिन था.
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3:36 - 3:38ऐसे ही काले बादल मेरी ज़िंदगी पर छाये हुए थे,
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3:38 - 3:41और ऐसे में कुछ भी बेहतर करने के बारे में सोचना
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3:41 - 3:43बहुत मुश्किल लग रहा था,
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3:43 - 3:46तब मैंने यह तय किया कि मुझे कैसे भी करके
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3:46 - 3:49सकारात्मक चीज़ों पर ही ध्यान देना चाहिए.
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3:49 - 3:51तो एक रात मैं जब काम से वापस आया,
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3:51 - 3:53और मैंने अपना कम्प्युटर चालू किया,
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3:53 - 3:55मैंने एक छोटी सी वेबसाईट
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3:55 - 3:581000awesomethings.com बनाई.
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3:59 - 4:01मैं स्वयं को सरल, सहज, सार्वत्रिक
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4:01 - 4:03छोटी-छोटी खुशियों की याद दिलाना चाहता था जिन्हें हम पसंद करते हैं,
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4:03 - 4:05पर जिनके बारे में हम ज्यादा बात नहीं करते --
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4:05 - 4:07वे चीज़ें जैसे होटल में वेटरों द्वारा
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4:07 - 4:09कुछ कहे बिना ही मुफ़त में ज्यादा सर्व कर देना,
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4:09 - 4:11किसी विवाह भोज में सबसे पहले
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4:11 - 4:13भोजन करने का आमंत्रण मिलना,
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4:13 - 4:15ड्रायर से हाल में ही निकला गरम अंडरवियर पहनना,
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4:15 - 4:17और जैसे ही ग्रोसरी स्टोर में एक बंद पड़ा भुगतान काउंटर खुल जाता है
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4:17 - 4:19तो लपक के उस लाइन में सबसे पहले नंबर पर खड़े हो जाना -
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4:19 - 4:22भले ही हम पिछली लाइन में सबसे पीछे खड़े थे, वहां फ़ौरन झपट्टा मारना.
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4:22 - 4:25(हंसी)
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4:25 - 4:27समय बीतते-बीतते,
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4:27 - 4:30मुझे यह सब अच्छा लगने लगा.
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4:30 - 4:33आप जानते हैं कि हर दिन
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4:33 - 4:3650,000 नए ब्लॉग बन रहे हैं.
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4:36 - 4:39और मेरा ब्लॉग भी उन 50,000 में से एक था.
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4:39 - 4:42मेरी माँ को छोड़कर उसे कोई नहीं पढता था.
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4:42 - 4:44हांलांकि मुझे यह कहना चाहिए कि मेरे ब्लॉग का ट्रेफिक
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4:44 - 4:46रॉकेट की तरह 100% बढ़ गया
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4:46 - 4:48जब मेरी माँ ने मेरे पिता को इसे पढ़ने के लिए सुझाया.
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4:48 - 4:50(हंसी)
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4:50 - 4:52जब इसपर रोजाना हिट्स आने लगीं
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4:52 - 4:54तो मैं उत्साहित हो गया.
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4:54 - 4:57फिर मुझे इसपर दर्ज़नों, सैंकड़ों, हज़ारों, और फिर लाखों हिट्स
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4:57 - 5:00मिलने शुरू हो गए तो मैं
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5:00 - 5:02और अधिक जोश में आ गया.
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5:02 - 5:04यह और अधिक विशाल और विस्तृत होता गया.
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5:04 - 5:06और फिर एक दिन मुझे एक फोन आया,
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5:06 - 5:08और फोन के दूसरे सिरे पर किसी ने मुझसे कहा,
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5:08 - 5:12"आपको दुनिया के सबसे शानदार ब्लॉग का पुरस्कार मिला है".
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5:12 - 5:14ये कुछ ऐसा था जैसे ये कोई फ़र्जी फोन कॉल हो!
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5:14 - 5:17(हंसी)
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5:17 - 5:22(तालियाँ)
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5:22 - 5:25आप किस अफ्रीकी देख में अपना सारा पैसा भिजवाना चाहते हैं?
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5:25 - 5:28(हंसी)
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5:28 - 5:30लेकिन यह सच था और मैं हवाई जहाज पे सवार हुआ,
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5:30 - 5:32और कुछ ही समय के भीतर मैं
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5:32 - 5:35सारा सिल्वरमैन, जिम्मी फैलन, और मार्था स्टीवर्ट के साथ रेड कारपेट पर चल रहा था.
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5:35 - 5:38और इस तरह मैं बैस्ट ब्लॉग के लिए वेबी अवार्ड लेने के लिए स्टेज पर चढ़ा.
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5:38 - 5:40और इस सबसे होने वाली हैरत
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5:40 - 5:42और विस्मय तब छोटी पड़ गयीं
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5:42 - 5:45जब टोरंटो लौटने पर मुझे मेरे मेलबौक्स में
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5:45 - 5:4710 प्रकाशन एजेंटों के प्रस्ताव मिले
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5:47 - 5:49जो इसे किताब के रूप में छापने के लिए
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5:49 - 5:52मुझसे मिलना और बात करना चाहते थे.
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5:52 - 5:54हम अगले साल में कूद पड़ें तो
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5:54 - 5:56मेरी किताब "The Book of Awesome"
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5:56 - 5:58लगातार बीस हफ़्तों तक नंबर एक की बैस्ट सैलर बन चुकी थी.
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5:58 - 6:06(तालियाँ)
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6:06 - 6:08देखिये, मैंने कहा था कि आज मैं आपको तीन बातें बताना चाहता हूँ.
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6:08 - 6:10मैंने कहा था कि मैं आपको 'शानदार' (Awesome) कहानी बताना चाहता था,
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6:10 - 6:12मैं आपको 'A' से शुरू होनेवाली उन तीन चीज़ों के बारे में बताकर
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6:12 - 6:14आपकी सोच को जागृत करना चाहता था.
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6:14 - 6:16तो मैं आपको उन तीन चीज़ों के बारे में बताता हूँ.
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6:16 - 6:18पिछले कुछ सालों के दौरान,
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6:18 - 6:20मुझे अच्छे से सोच-विचार करने के लिए समय नहीं मिल सका.
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6:20 - 6:23पर हाल ही में मुझे थोड़ा ठहरकर सोचने का अवसर मिला
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6:23 - 6:26और मैंने खुद से पूछा: पिछले कुछ सालों में ऐसा क्या हुआ
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6:26 - 6:28जिससे न केवल मेरी वेबसाईट प्रसिद्द हो गयी,
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6:28 - 6:30बल्कि मुझमें भी विकास हुआ.
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6:30 - 6:32फिर मैंने अपने व्यक्तित्व के अनुसार मुख्यतः तीन चीज़ें चुनीं,
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6:32 - 6:34जिन्हें मैं तीन A's कहता हूँ.
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6:34 - 6:37वे हैं attitude (नजरिया), awareness (जागरूकता)
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6:37 - 6:39और authenticity (प्रमाणिकता).
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6:39 - 6:42मैं आपको इन तीनों के बारे में संक्षेप में बताऊंगा.
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6:43 - 6:45नजरिया के बारे में,
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6:45 - 6:47देखिये, हम सभी गिरते-पड़ते हैं,
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6:47 - 6:49और चोट खाते हैं.
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6:49 - 6:52हम लोगों में से कोई भी भविष्य का कथन नहीं कर सकता,
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6:52 - 6:55लेकिन एक बात हम जानते हैं वह यह है कि हमारी योजनाओं के अनुसार कुछ नहीं होता.
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6:55 - 6:57हम सभी भरपूर ख़ुशी और मजे के साथ
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6:57 - 6:59अपने पास कॉलेज से निकलने,
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6:59 - 7:01शादियों में डांस करने,
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7:01 - 7:03और डिलीवरी रूम के भीतर से स्वस्थ बच्चे के
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7:03 - 7:06चिल्लाकर रोने जैसे गर्वीले लम्हों पर मुस्कुराते हैं,
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7:06 - 7:08लेकिन इन बेहतरीन लम्हों के बीच
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7:08 - 7:11कहीं कोई दर्द, कोई कसक भी बनी रहतीं हैं.
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7:11 - 7:14यह दर्दनाक है और इसके बारे में बात करना अच्छा नहीं लगता,
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7:14 - 7:17पर किसी का पति उसे छोड़ सकता है,
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7:17 - 7:19किसी की प्रेमिका बेवफा निकल सकती है,
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7:19 - 7:22आपका सिरदर्द किसी भयानक बीमारी में तब्दील हो सकता है,
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7:22 - 7:26या सड़क पर कोई गाड़ी आपके कुत्ते को टक्कर मार सकती है.
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7:26 - 7:28ये कोई अच्छा विचार नहीं है,
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7:28 - 7:31पर आपके बच्चे बुरे लोगों के साथ
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7:31 - 7:33या गलत जगहों में फंस सकते हैं.
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7:33 - 7:35आपकी माँ को कैंसर हो सकता है,
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7:35 - 7:37आपके पिता बेहद स्वार्थी निकल सकते हैं.
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7:37 - 7:39और ऐसा भी हो सकता है कि यह ज़िंदगी
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7:39 - 7:41आपको अंधे कुँए में धकेल दे,
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7:41 - 7:43और आपके पेट में निवाला न हो या दिल में कोई बीमारी घर कर ले.
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7:43 - 7:45और जब कभी ऐसे बुरी ख़बरें आपको झकझोर दें,
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7:45 - 7:48ऐसे दर्द आपको पछाड़ दें,
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7:48 - 7:50तब मैं यह उम्मीद करता हूँ
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7:50 - 7:52कि आपके पास हमेशा दो विकल्प होने चाहिए.
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7:52 - 7:54पहला, आप दबें, टूटें, गिरें,
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7:54 - 7:56और खाक में मिल जाएँ,
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7:56 - 7:58या दूसरा, आप शोक मनाएं
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7:58 - 8:00और उठकर भविष्य को
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8:00 - 8:02नयी दृष्टि से देखें.
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8:02 - 8:05बड़ा नजरिया रखने का संबंध दूसरे विकल्प से है,
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8:05 - 8:07और इसका चयन करने से है भले यह कितना ही कठिन हो.
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8:07 - 8:09आपको कितनी ही गहरी चोट क्यों न लगी हो,
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8:09 - 8:11आगे बढ़ने के विकल्प का चुनाव करना
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8:11 - 8:13भविष्य की ओर नन्हा कदम बढाने जैसा ही है.
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8:16 - 8:19अब हम जागरूकता की बात करेंगे.
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8:20 - 8:23मुझे तीन-वर्षीय बच्चों के साथ खेलना पसंद है.
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8:23 - 8:25मैं उनके दुनिया देखने के तरीके को पसंद करता हूँ,
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8:25 - 8:27क्योंकि वे इससे पहली बार मुखातिब हो रहे हैं.
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8:27 - 8:30सड़क के किनारे रेंगते कीड़े को वे जिस कौतूहल से देखते हैं वह मुझे अच्छा लगता है.
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8:30 - 8:32मुझे अच्छा लगता है जब वे
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8:32 - 8:34बेसबाल के पहले गेम में
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8:34 - 8:36हैरत से मुंह बाए हुए,
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8:36 - 8:38हॉटडॉग्स और पीनट्स खाते हुए अपनी आँखें गेंद पर टिकाकर हांथों में दास्ताने पहनकर
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8:38 - 8:40बल्ले की दरार को टटोलते हैं.
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8:40 - 8:43मुझे अच्छा लगता है जब वे पिछवाड़े में देर-देर तक फूल चुनते हैं
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8:43 - 8:45और फिर उन्हें थैंक्सगिविंग डिनर के लिए
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8:45 - 8:47सैंटरपीस पर सजाते हैं.
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8:47 - 8:49मैं दुनिया को देखने के उनके तरीके को पसंद करता हूँ,
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8:49 - 8:51क्योंकि वे इस दुनिया को
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8:51 - 8:53पहली बार देख रहे हैं.
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8:54 - 8:56मन में जागरूकता का भाव जगाने का संबंध
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8:56 - 8:59अपने भीतर उस तीन-वर्षीय बालक का अनुभव करने से है.
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8:59 - 9:01क्योंकि हम सभी किसी समय तीन साल के थे.
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9:01 - 9:03तीन-वर्षीय वह बच्चा अभी भी हमारा ही अंश है.
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9:03 - 9:05तीन-वर्षीय वह बच्चा अभी भी हमारा ही अंश है.
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9:05 - 9:07वे सब यहीं हैं.
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9:07 - 9:10और जागरूक होने का तात्पर्य यह याद करने में है
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9:10 - 9:12कि हमने भी हर वस्तु कभी
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9:12 - 9:14सबसे पहली बार देखी थी.
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9:14 - 9:17तो ऐसा कभी पहले हुआ था जब आपने
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9:17 - 9:19ऑफिस से घर लौटते समय सड़क पर लगातार कई हरी लाइटें पार कीं.
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9:19 - 9:22ऐसा भी कभी पहली बार ही हुआ जब आप बेकरी के भीतर गए
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9:22 - 9:24और उसकी नायब गंध ने आपका मन मोह लिया,
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9:24 - 9:27या ऐसा पहली बार हुआ जब आपको पुरानी जैकेट की जेब में 20 डॉलर का नोट मिल गया
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9:27 - 9:30और आप चहक उठे, "मुझे पैसे मिले!"
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9:31 - 9:34तीसरी बात है प्रामाणिकता.
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9:34 - 9:37इसे बताने के लिए मैं आपको एक कहानी सुनाना चाहूँगा.
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9:38 - 9:40चलिए हम अतीत में 1932 में जाते हैं
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9:40 - 9:43जब जॉर्जिया के एक मूंगफली फ़ार्म में,
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9:43 - 9:46रूजवेल्ट ग्रीयर नामक एक बालक का जन्म हुआ.
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9:47 - 9:50रूजवेल्ट ग्रीयर को लोग रोजी ग्रीयर भी बुलाते थे,
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9:50 - 9:52वह जब बड़ा हुआ
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9:52 - 9:56तो NFL फुटबाल लीग में 300 पौंड वजनी छः फुट पांच इंच लंबा लाइनब्रेकर बना.
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9:56 - 9:59इस फोटो में उसने 76 नंबर की शर्ट पहनी है.
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9:59 - 10:02यहाँ इस चित्र में वह "चार-खूंखार" (Fearsome Foursome) में से एक है.
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10:02 - 10:04ये चारों 1960 के दशक में L.A. Rams में थे
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10:04 - 10:06जिनसे भिड़ना बहुत खतरनाक था.
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10:06 - 10:09वे फुटबाल के प्रेमी खिलाड़ी थे जिनका शौक था
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10:09 - 10:11फ़ुटबाल के मैदान में कंधों से कंधे मिलाकर
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10:11 - 10:13लोगों की हड्डियाँ चटकाना.
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10:13 - 10:15लेकिन रोजी ग्रीयर का
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10:15 - 10:17एक और शौक था,
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10:17 - 10:20अपने दिल की गहराइयों से,
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10:20 - 10:23उसे नीडलपॉइंट (बुनाई-कढ़ाई) करना पसंद था.
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10:24 - 10:26उसे बुनाई-कढ़ाई से प्रेम था.
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10:26 - 10:28वह कहता था कि उसे इससे शांति मिलती थी, सुकून मिलता था,
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10:28 - 10:31इसने उसके दिल से उड़ान का डर निकल दिया और हसीनाओं से दोस्ती करने में मदद की.
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10:31 - 10:33यह सब उसने ही कहा था.
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10:34 - 10:36उसे इस सबसे इतना प्रेम था किNFL से रिटायरमेंट लेने के बाद
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10:36 - 10:38उसने बुनाई-कढ़ाई क्लब ज्वाइन कर लिया.
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10:38 - 10:40और उसने एक किताब भी लिखी,
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10:40 - 10:42"पुरुषों के लिए रोजी ग्रीयर की नीडलपॉइंट पुस्तक" (Rosey Grier's Needlepoint for Men).
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10:42 - 10:44(हंसी)
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10:44 - 10:47(तालियाँ)
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10:47 - 10:49इस किताब के शानदार कवर पर,
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10:49 - 10:52यदि आप गौर करें, वह स्वयं का चेहरा ही काढ़ रहा है.
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10:52 - 10:54(हंसी)
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10:54 - 10:57इस कहानी में मुझे यह पसंद है कि
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10:57 - 10:59रोज़ी ग्रीयर असल में
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10:59 - 11:01बहुत प्रामाणिक, बहुत जेनुइन आदमी है.
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11:01 - 11:03और वास्तविक प्रामाणिकता ऐसी ही होती है.
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11:03 - 11:06इसका अर्थ है कि भीतर से आप जैसे हैं उसमें ख़ुशी पायें.
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11:06 - 11:08और मुझे लगता है कि जब आप प्रामाणिक होते हैं
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11:08 - 11:10तब आप अपने दिल की राह पर चलते हैं,
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11:10 - 11:12और आप उन स्थानों, परिस्थितियों,
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11:12 - 11:14और वार्तालापों में रूझान लेते हैं
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11:14 - 11:16जिन्हें आप पसंद करते हैं और जिनका आप आनंद लेना चाहते हैं.
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11:16 - 11:18आप उन लोगों से मिलते हैं जिनसे बातें करना आपको अच्छा लगता है.
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11:18 - 11:20आप उन जगहों पर जा आते हैं जिनका आप सपना देखते हैं.
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11:20 - 11:22आप अपने दिल की मानते हैं
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11:22 - 11:25और संतृप्त, संतुष्ट अनुभव करते हैं.
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11:25 - 11:28यही इन तीन बातों का सार है.
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11:28 - 11:30समापन से पहले मैं आपको
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11:30 - 11:33मेरे माता-पिता के कनाडा आगमन के दौरान ले जाना चाहूँगा.
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11:33 - 11:35मैं नहीं जानता कि बीस साल की उम्र के दौरान
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11:35 - 11:38किसी नए देश में जाकर रहने की अनुभूति कैसी होती है.
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11:38 - 11:40मुझे नहीं मालूम, क्योंकि मैंने ऐसा कभी नहीं किया.
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11:40 - 11:43लेकिन मेरी कल्पना है कि मैं ऐसा बड़े खुले नज़रिए के साथ करूंगा.
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11:43 - 11:46मैं कल्पना करता हूँ कि ऐसे में हमें अपने परिवेश के प्रति बहुत चौकस रहना पड़ता है
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11:46 - 11:48और इस नयी दुनिया के छोटे-छोटे करिश्मों का
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11:48 - 11:51मोल आंकना पड़ता है जो हम देखनेवाले हैं.
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11:51 - 11:53मुझे यह भी लगता है कि हमें बहुत प्रामाणिक रहना पड़ता है,
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11:53 - 11:55हमें अपने प्रति ईमानदार रहना पड़ता है
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11:55 - 11:58ताकि हम नए परिवर्तनों का बेहतरी से सामना कर सकें.
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11:59 - 12:01मैं अपनी TEDTalk को
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12:01 - 12:03दस सैकंड के लिए रोकना चाहूँगा
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12:03 - 12:05क्योंकि हमें जीवन में यह करने के मौके बार-बार नहीं मिलते,
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12:05 - 12:07और मेरे माता-पिता पहली पंक्ति में बैठे हुए हैं.
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12:07 - 12:09यदि उन्हें बुरा न लगे, तो मैं चाहता हूँ कि वे खड़े हों.
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12:09 - 12:11और मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूँ.
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12:11 - 12:30(तालियाँ)
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12:30 - 12:33जब मैं बड़ा हो रहा था, मेरे पिता अक्सर मुझे अपने कनाडा आगमन के पहले दिन के किस्से सुनाया करते थे.
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12:33 - 12:35पहले दिन की बातें बताते थे.
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12:35 - 12:38यह बहुत रोचक कहानी है, क्योंकि हुआ यह कि
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12:38 - 12:41वे टोरंटो एयरपोर्ट पर विमान से उतरे,
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12:41 - 12:43और एक नौन-प्रौफिट समूह ने उनका स्वागत किया,
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12:43 - 12:45जिसे, मुझे यकीन है, इस कमरे में मौजूद कोई व्यक्ति ही चलाता है.
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12:45 - 12:47(हंसी)
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12:47 - 12:50और इस नौन-प्रौफिट समूह ने कनाडा आनेवाले आप्रवासियों के स्वागत में
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12:50 - 12:53एक भोज का आयोजन किया था.
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12:53 - 12:56और मेरे पिता बताते हैं कि विमान से उतरने के बाद
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12:56 - 12:58वे सीधे उस भव्य भोज में पहुंचे.
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12:58 - 13:01वहां पर ब्रेड थी, डिल का बारीक अचार,
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13:01 - 13:03जैतून, और छोटे सफ़ेद प्याज भी थे.
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13:03 - 13:05वहां टर्की और हैम के कोल्ड-कट रोल थे,
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13:05 - 13:07भुने हुए बीफ के कोल्ड-कट रोल,
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13:07 - 13:09और छोटे-छोटे चीज़ क्यूब्स भी थे.
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13:09 - 13:12वहां पर टूना सलाद सैंडविच, और एग सलाद सैंडविच थे,
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13:12 - 13:14और सालमन सलाद सैंडविच भी थे.
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13:14 - 13:16वहां लाजान्या था, कैसेरोल थे,
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13:16 - 13:19ब्राउनीज़ थीं, बटर टार्ट्स थे,
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13:19 - 13:22पाईज़ भी थीं, तरह-तरह की पाईज़ थीं!
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13:22 - 13:24और जब मेरे पिता मुझे यह बताते हैं, वे कहते हैं,
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13:24 - 13:28"मजेदार बात यह थी कि ब्रेड को छोड़कर मैंने उनमें से कोई भी चीज़ पहले कभी देखी भी नहीं थी!
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13:28 - 13:30(हंसी)
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13:30 - 13:32मुझे पता नहीं था कि कौन सी डिश मीटवाली और कौन सी शाकाहारी थी;
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13:32 - 13:34मैं जैतून को पाईज़ के साथ खा रहा था.
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13:34 - 13:37(हंसी)
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13:37 - 13:40"मैं यकीन ही नहीं कर सकता था कि वहां इतनी तरह की चीज़ें हो सकतीं थीं!"
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13:40 - 13:42(हंसी)
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13:42 - 13:44जब मैं पाच साल का था,
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13:44 - 13:46तब मेरे पिता मुझे ग्रॉसरी स्टोर तक शॉपिंग के लिए लेकर जाते थे.
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13:46 - 13:48और वे वहां फलों और सब्जियों पर लगे
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13:48 - 13:51स्टीकर्स को आश्चर्य से देखते थे.
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13:51 - 13:54वे कहते थे, "देखो, यकीन नहीं होता कि ये आम मैक्सिको से आये हैं!
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13:54 - 13:57और ये सेब साउथ अफ्रीका से यहाँ तक आये हैं.
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13:57 - 14:00क्या तुम यकीन कर सकते हो कि ये खजूर मोरक्को के हैं?"
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14:00 - 14:03वे फिर कहते, "क्या तुम्हें पता है कि मोरक्को कहाँ है?"
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14:03 - 14:06और मैं कहता, "मैं तो सिर्फ पांच साल का हूँ और मुझे यह भी नहीं पता कि हम कहाँ हैं.
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14:06 - 14:09क्या यह A&P स्टोर है?"
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14:09 - 14:12फिर वह कहते, "मुझे भी नहीं पता कि मोरक्को कहाँ है, चलो मिलकर ढूंढें".
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14:12 - 14:14तो खजूर खरीदकर हम दोनों घर वापस चले गए.
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14:14 - 14:16और हमने सच में शेल्फ से एटलस निकाली,
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14:16 - 14:19और इसमें तबतक ढूंढते रहे जब तक हमें वह रहस्यमय देश नहीं मिल गया.
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14:19 - 14:21और जब हमने उसे ढूंढ लिया, तब मेरे पिता ने कहा,
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14:21 - 14:23"क्या तुम यकीन कर सकते हो कि वहां कोई आदमी पेड़ पर चढ़ा,
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14:23 - 14:25उसने खजूर तोड़े, उन्हें ट्रक में रखा,
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14:25 - 14:28और बंदरगाह तक लेकर आया,
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14:28 - 14:30फिर वे जहाज में तैरते हुए
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14:30 - 14:32अटलांटिक सागर के पार आ गए,
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14:32 - 14:34यहाँ उन्हें दूसरे ट्रक में उतारकर
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14:34 - 14:37हमारे घर के बाहर उस छोटे से ग्रोसरी स्टोर तक उन्हें लाया गया,
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14:37 - 14:40ताकि वे इसे 25 सेंट्स में बेच सकें".
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14:40 - 14:42और मैंने कहा, "मुझे यकीन नहीं होता!"
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14:42 - 14:44मेरे पिता बोले, "मुझे भी यकीन नहीं होता!
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14:44 - 14:47ये बातें कितनी अद्भुत हैं! खुश रहने के लिए दुनिया में बहुत सी चीज़ें हैं!"
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14:47 - 14:49जब मैं ठहरकर इसके बारे में सोचता हूँ तो उन्हें सही पाता हूँ;
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14:49 - 14:51यहाँ खुश रहने के लिए बहुत सी चीज़ें हैं.
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14:51 - 14:54जहाँ तक हम जानते हैं,
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14:54 - 14:57केवल हम ही पूरे ब्रह्माण्ड में
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14:57 - 15:00इस पृथ्वी पर ऐसी प्रजाति हैं
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15:00 - 15:02जो इतनी सारी ऐसी चीज़ों का
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15:02 - 15:04अनुभव कर सकते हैं.
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15:04 - 15:07मेरा मतलब है, केवल हम ही स्थापत्य और कृषि के बारे में जानते हैं.
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15:07 - 15:10केवल हमें ही आभूषणों और लोकतंत्र के बारे में पता है.
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15:10 - 15:13हमारे पास वायुयान हैं, हाइवे लेन हैं,
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15:13 - 15:15इंटीरियर डिजाइन और राशियों के चिह्न हैं.
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15:15 - 15:18हमारे पास फैशन पत्रिकाएं हैं और घरेलू पार्टियों के दृश्य हैं.
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15:18 - 15:20हम भयानक दैत्यों वाली डरावनी फ़िल्में देख सकते हैं.
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15:20 - 15:23हम शास्त्रीय संगीत और धुंआधार गिटार वादन सुन सकते हैं.
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15:23 - 15:25हमारे पास, किताबें, स्वल्पाहार, रेडियो तरंगें,
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15:25 - 15:27खूबसूरत दुल्हनें और रोलरकोस्टर सवारी हैं.
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15:27 - 15:29हम निर्मल चादरों पर सो सकते हैं.
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15:29 - 15:31हम फ़िल्में देखने जा सकते हैं और अच्छी सीट पा सकते हैं.
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15:31 - 15:34हम बेकरी की गंध महसूस कर सकते हैं, बारिश में बाल तर कर सकते हैं,
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15:34 - 15:37बबल पैक फोड़ सकते हैं और, चोरी से एक झपकी ले सकते हैं.
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15:37 - 15:39हमारे पास इतना कुछ है,
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15:39 - 15:42पर इसका मजा लेने के लिए बमुश्किल 100 साल ही मिलते हैं.
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15:43 - 15:45यही बात सबसे बुरी है.
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15:47 - 15:50ग्रोसरी स्टोर पर बैठा कैशियर,
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15:50 - 15:53फैक्ट्री का फोरमैन,
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15:53 - 15:56हमारी गाड़ी से चिपककर चलते ड्राइवर,
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15:56 - 15:59भोजन के वक़्त फोन करनेवाले कॉल सेंटर कर्मी,
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15:59 - 16:01हमें पढ़ा चुके हर शिक्षक,
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16:01 - 16:04हमारे करीब जागने वाले शख्स,
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16:04 - 16:06हर देश के राजनेता,
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16:06 - 16:08हर फिल्म के कलाकार,
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16:08 - 16:11हमारे परिवार का हर व्यक्ति, हर व्यक्ति जिससे आप प्यार करते हैं,
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16:11 - 16:14इस कमरे में मौजूद हर आदमी, और आप
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16:14 - 16:17100 सालों के भीतर चल बसेंगे.
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16:17 - 16:20ज़िंदगी बहुत खूबसूरत है पर हमें इसे मीठा बनानेवाले
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16:20 - 16:22छोटे-छोटे लम्हों का लुत्फ़ उठाने
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16:22 - 16:24और इसका अनुभव लेने के लिए बहुत कम समय मिलता है.
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16:24 - 16:26और यही वह समय है,
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16:26 - 16:29और ये लम्हें छूटते जा रहे हैं,
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16:29 - 16:32ये लम्हे हमेशा, हमेशा, हमेशा, पल भर में बिखर जाते हैं.
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16:34 - 16:38आप आज जितने जवान फिर कभी नहीं होंगे.
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16:39 - 16:42इसलिए मेरा विश्वास है कि यदि जीवन में आप
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16:42 - 16:44बड़ा नजरिया रखकर,
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16:44 - 16:46आगे बढ़ने का तय करके,
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16:46 - 16:48जिंदगी की हर दुश्वारियों से लड़कर,
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16:48 - 16:51अपनी दुनिया में हो रही हलचल की जागरूकता के साथ
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16:51 - 16:53अपने भीतर के तीन-वर्षीय बालक को गले से लगायेंगे
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16:53 - 16:56और अपने प्रति ईमानदार और प्रमाणिक रहकर
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16:56 - 16:58जीने के लिए ज़रूरी छोटे-छोटे सुख उठाएंगे,
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16:58 - 17:00और आप जैसे हैं उसी में ख़ुशी तलाशकर, उसे स्वीकार करके,
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17:00 - 17:03उन कामों को अंजाम देंगे जिन्हें दिल से करने में आप भरपूर आनंद पाते हैं,
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17:03 - 17:05तो मुझे लगता है कि
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17:05 - 17:07आप परिपूर्ण और संतुष्टिदायक जीवन जियेंगे,
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17:07 - 17:09और मेरी नज़र में ऐसी ज़िंदगी वाकई शानदार और कमाल की होगी.
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17:09 - 17:11धन्यवाद.
- Title:
- नील पसरीचाः तीन शानदार रहस्य
- Speaker:
- Neil Pasricha
- Description:
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नील पसरीचा के ब्लॉग 1000 Awesome Things में जीवन के सरल-सहज क्षणों जैसे वेटरों द्वारा अतिरिक्त मुफ़्त रीफ़िल देने से लेकर नई चादरों पर सोने की सुखद अनुभूतियों की बात की गई है. TEDxToronto में दिल को छू लेनेवाले इस व्याख्यान में वे 'A' से शुरू होनेवाले उन तीन रहस्यों का वर्णन करते हैं जो जीवन को वाकई में शानदार बनाते हैं.
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- English
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- closed TED
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- TEDTalks
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- 17:12