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आरेख जो धरती की सुन्दरता और भंगुरता दिखाते हैं

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    मैं इसे मेरे जीवन का ध्येय समझती हूँ कि
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    मैं अपने काम के द्वारा
    वातावरण में बदलाव की जरुरत को दर्शाऊं।
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    मैंने उत्तर में, ध्रुवों के पिघलने
    को दर्शाने के लिए
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    आर्कटिक की यात्रा कियी।
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    मैंने भूमध्य रेखा के दक्षिण में यात्रा कर
    वहाँ बढ़ते हुए समुद्र के जलस्तर को देखा।
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    हाल ही में मैंने ग्रीनलैंड के
    बर्फीले तटों की
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    और मालदीव के निचले द्वीपों की यात्रा की ।
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    जो इस ग्रह के दो पूर्णतया भिन्न
    परन्तु एक ही प्रकार के
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    खतरों से जूझते हुए भाग हैं ।
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    मेरे आरेख परिदृध्य के
    परिवर्तन, हलचल और शांति
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    के क्षणों को दिखाते हैं
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    और दर्शकों को उन स्थानों से
    भावनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर देते हैं
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    जहाँ जाने का अवसर उन्हें शायद कभी न मिले।
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    मैं विध्वंस के स्थान पर
    सुन्दरता दिखाने को प्राथमिकता देती हूँ।
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    यदि आप इन परिदृश्यों की
    भव्यता का अनुभव कर सकें,
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    तो आप निश्चित ही उन्हें सहेजने और
    संरक्षित करने के लिए प्रेरित होंगे।
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    व्यावहारिक मनोविज्ञान बताता है कि
    हम कोई कार्य करते समय
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    अथवा निर्णय लेते समय
    हमारी भावनाओं को सर्वोपरि रखते हैं।
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    और अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि
    हमारी भावनाओं पर
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    किसी भयावह समाचार से अधिक प्रभाव
    कला का होता है।
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    विशेषज्ञों का अनुमान है कि
    २०२० की ग्रीष्म ऋतु में
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    आर्कटिक में बर्फ नहीं होगी
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    और इस सदी के अंत तक समुद्र का जलस्तर
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    दो से दस फीट तक बढ़ जायेगा।
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    मैंने अपना करियर इन अनुमानों को
    सुलभ माध्यम से
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    प्रदर्शित करने में समर्पित किया है
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    यह हमें उस दिशा में आगे बढाता है जिसमें
    आंकडें नहीं बढ़ा सकते।
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    मेरी प्रक्रिया उन जगहों की
    यात्रा से प्रारंभ होती है
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    जो वातावरण परिवर्तन में सबसे आगे हैं।
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    मैं उन जगहों पर
    हजारों फोटोग्राफ्स लेती हूँ।
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    वापस स्टूडियो में आने पर
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    मैं अपनी स्मरणशक्ति और
    फोटोग्राफ्स का उपयोग कर के
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    बडे पैमाने पर अपनी रचना का
    निर्माण करती हूँ
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    कई बार वह १० फीट चौड़ी होती है।
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    मैं चारकोल की तरह सूखे
    हलके पैस्टल रंगों का प्रयोग करती हूँ।
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    मैं अपनी रचना को आरेख मानती हूँ परन्तु
    लोग उसे चित्र कहते हैं।
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    मैं सकपका जाती हूँ जब मेरा उल्लेख
    'फिंगर पेंटर' के रूप में किया जाता है।
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    (हंसी)
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    किन्तु मैं किन्ही साधनों का
    प्रयोग नहीं करती
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    और हमेशा अपनी
    उँगलियों और हथेलियों का प्रयोग कर
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    पेपर पर रंगों में परिवर्तन करती हूँ।
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    आरेखन मेरे लिए ध्यान का माध्यम है।
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    यह मेरे मस्तिष्क को
    शांति देता है।
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    मैं जो आरेख बनाती हूँ वह
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    बर्फ या पानी नहीं होते
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    बल्कि वह इमेज का बुनियादी
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    आकार और रंग में दर्शाया गया रूप है।
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    जब वह हिस्सा पूर्ण होता है
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    तब मैं उस संयोजन को
    समग्र रूप में महसूस कर पाती हूँ,
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    जैसे कांच के समान स्वच्छ पानी में
    तैरता हुआ हिमशैल
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    अथवा फेन के साथ ऊपर उठती लहर।
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    औसतन इस आकार के हिस्से को
    पूरा करने में मुझे 10 सेकंड लगते हैं
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    जैसा कि आप देख सकते हैं
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    (हंसी)
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    (तालियाँ)
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    यथार्थ में २०० से २५० घंटे,
    इस आकार के किसी हिस्से के लिए।
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    मैं तब से आरेख बना रही हूँ
    जबसे मैंने क्रेयोन पकड़ना सिखा है
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    मेरी माँ एक कलाकार थी
    इसलिए बचपन से ही
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    मेरे घर में कला सम्बंधित वस्तुओं की
    भरमार थी।
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    मेरी माँ के फोटोग्राफी के प्रति
    प्रेम के कारण
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    उन्होनें धरती के
    सुदूर क्षेत्रों की यात्रा की
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    और मैं और मेरा परिवार भाग्यशाली था कि
    हम उनके साथ
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    इन साहसिक यात्राओं पर जा सके
    और उनकी सहायता कर सके।
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    हमने उत्तरी अमेरिका में ऊँटों की सवारी की
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    और उत्तरी ध्रुव के नजदीक
    कुत्तों की स्लेज पर यात्रा की।
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    अगस्त २०१२ में मैंने अपना
    पहला अभियान प्रारंभ किया, जिसमें
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    कलाकारों और विद्वानों का एक समूह ग्रीनलैंड
    के उत्तरी पश्चिमी तटों पर मेरे साथ आया।
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    इस यात्रा का नेतृत्व मूल रूप से
    मेरी माँ को करना था।
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    वो और मैं योजना बनाने के
    प्रारंभिक चरणों में थे
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    क्योंकि हम साथ ही जाने के इच्छुक थे,
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    परन्तु इस बीच उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया।
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    कैंसर ने जल्दी ही उनके शरीर व मस्तिष्क को
    शिकंजे में जकड लिया
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    और छः महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई।
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    इस बीमारी के दौरान भी
    इस यात्रा के प्रति
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    उनका समर्पण कभी कम नहीं हुआ,
    और तब मैंने उनकी इस अंतिम यात्रा को
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    पूरा करने का प्रण किया।
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    मेरी माँ का आर्कटिक के प्रति उत्साह
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    मेरे ग्रीनलैंड के अनुभव में
    प्रतिध्वनित हुआ
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    और मैं उस परिदृश्य की शक्ति
    और भंगुरता का
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    अनुभव कर पाई।
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    हिमशैल का वास्तविक आकार
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    सुखद है।
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    यह हिमक्षेत्र जीवंत हैं,
    हलचल और आवाज के साथ
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    जैसी मैंने कभी अपेक्षा नहीं की थी।
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    मैंने अपने आरेखों का आकार बढाया
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    ताकि आपको भी वो अनुभव मिल सके
    जो मुझे मिला।
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    जिस तरह बर्फ की भव्यता स्पष्ट है
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    उसी तरह भेद्यता भी है।
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    हमारी नौका से मैं देख रही थी,
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    बेमौसम की गर्मी से बर्फ पिघल रही थी।
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    हमें ग्रीनलैंड की एस्किमों जातियों से
    मिलने का अवसर मिला
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    जो अभी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
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    उन लोगों ने मुझे समुद्र के
    बर्फीले क्षेत्रों के बारे में बताया
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    जहाँ अब पहले की तरह बर्फ नहीं जमती।
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    और बर्फ के अभाव में
    उनकी शिकार और कृषि की भूमि
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    बुरी तरह समाप्त होती जा रही है,
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    जो उनके जीवन व जीवित रहने के तरीकों के लिए
    खतरनाक है।
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    ग्रीनलैंड के पिघलते हिमशैल
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    समुद्र का जल स्तर बढ़ने के
    सबसे बड़े कारकों में से एक है,
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    जिसके कारण दुनिया के कुछ निचले द्वीप
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    डूबने शुरू हो चुके हैं।
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    ग्रीनलैंड के एक वर्ष बाद
    मैं मालदीव गई,
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    जो दुनिया का सबसे निचला और समतल देश है।
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    वहाँ रहते हुए मैंने
    इमेजस और प्रेरणा प्राप्त की
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    अपने नए कार्य के लिए:
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    उस देश के तटों पर टकराती लहरों के चित्र
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    जो सदी के अंत तक जलमग्न हो जायेगा।
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    विध्वंसकारी घटनाएं हर दिन होती हैं
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    वैश्विक और निजी दोनों स्तरों पर।
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    जब मैं ग्रीनलैंड में थी,
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    मैंने अपनी माँ की राख को पिघलते हुए
    बर्फ पर फैला दिया।
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    अब वो सदा उस स्थान का भाग रहेंगी
    जो उन्हें अत्यंत प्रिय था।
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    चाहे समय के साथ वह
    एक नया रूप ही क्यों ना ले लें।
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    मेरी माँ के दिए गए
    उपहारों में से एक
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    मेरी नकारात्मकता के स्थान पर
    सकारात्मकता पर
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    केंद्र करने की क्षमता
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    मेरे आरेख उस सुन्दरता का उत्सव मनाते हैं
    जिसे हम खोने की कगार पर हैं।
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    आशा है कि वे पिघलते हुए क्षेत्रों के लिए
    रेकॉर्ड्स का काम करेंगे
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    और वैश्विक समुदाय को प्रेरित करेंगे
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    भविष्य के लिए कार्यवाही करने के लिए।
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    धन्यवाद।
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Title:
आरेख जो धरती की सुन्दरता और भंगुरता दिखाते हैं
Speaker:
ज़ारिया फोरमन
Description:

जारिया फोरमन के वृहद पैमाने के आरेख पिघलते हुए हिमनद, कांच की तरह स्वच्छ जल पर तैरते हुए हिमशैल और फेन के साथ ऊपर उठती लहरें बदलाव, हलचल और शांति के क्षणों को दिखाते हैं । उनके साथ चर्चा में भाग लीजिये जिसमें वह कलात्मक रचना की चिंतनशील प्रक्रिया और उनके कार्य के पीछे की अभिप्रेरणा के विषय में बता रही हैं। "मेरे आरेख उस सुन्दरता का उत्सव हैं जिन्हें हम खोने की कगार पर हैं", वह कहती हैं "मुझे आशा है कि ये आरेख उन पिघलते हुए भव्य परिदृश्यों के लिए रिकॉर्ड का काम करेंगे।"

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
07:14

Hindi subtitles

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