आरेख जो धरती की सुन्दरता और भंगुरता दिखाते हैं
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0:01 - 0:04मैं इसे मेरे जीवन का ध्येय समझती हूँ कि
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0:05 - 0:08मैं अपने काम के द्वारा
वातावरण में बदलाव की जरुरत को दर्शाऊं। -
0:08 - 0:12मैंने उत्तर में, ध्रुवों के पिघलने
को दर्शाने के लिए -
0:12 - 0:13आर्कटिक की यात्रा कियी।
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0:13 - 0:17मैंने भूमध्य रेखा के दक्षिण में यात्रा कर
वहाँ बढ़ते हुए समुद्र के जलस्तर को देखा। -
0:18 - 0:22हाल ही में मैंने ग्रीनलैंड के
बर्फीले तटों की -
0:22 - 0:24और मालदीव के निचले द्वीपों की यात्रा की ।
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0:25 - 0:29जो इस ग्रह के दो पूर्णतया भिन्न
परन्तु एक ही प्रकार के -
0:29 - 0:30खतरों से जूझते हुए भाग हैं ।
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0:32 - 0:38मेरे आरेख परिदृध्य के
परिवर्तन, हलचल और शांति -
0:38 - 0:40के क्षणों को दिखाते हैं
-
0:40 - 0:44और दर्शकों को उन स्थानों से
भावनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर देते हैं -
0:44 - 0:47जहाँ जाने का अवसर उन्हें शायद कभी न मिले।
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0:47 - 0:52मैं विध्वंस के स्थान पर
सुन्दरता दिखाने को प्राथमिकता देती हूँ। -
0:52 - 0:57यदि आप इन परिदृश्यों की
भव्यता का अनुभव कर सकें, -
0:57 - 1:00तो आप निश्चित ही उन्हें सहेजने और
संरक्षित करने के लिए प्रेरित होंगे। -
1:02 - 1:05व्यावहारिक मनोविज्ञान बताता है कि
हम कोई कार्य करते समय -
1:06 - 1:09अथवा निर्णय लेते समय
हमारी भावनाओं को सर्वोपरि रखते हैं। -
1:09 - 1:13और अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि
हमारी भावनाओं पर -
1:13 - 1:16किसी भयावह समाचार से अधिक प्रभाव
कला का होता है। -
1:17 - 1:21विशेषज्ञों का अनुमान है कि
२०२० की ग्रीष्म ऋतु में -
1:21 - 1:23आर्कटिक में बर्फ नहीं होगी
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1:24 - 1:28और इस सदी के अंत तक समुद्र का जलस्तर
-
1:28 - 1:30दो से दस फीट तक बढ़ जायेगा।
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1:30 - 1:35मैंने अपना करियर इन अनुमानों को
सुलभ माध्यम से -
1:35 - 1:37प्रदर्शित करने में समर्पित किया है
-
1:37 - 1:42यह हमें उस दिशा में आगे बढाता है जिसमें
आंकडें नहीं बढ़ा सकते। -
1:43 - 1:45मेरी प्रक्रिया उन जगहों की
यात्रा से प्रारंभ होती है -
1:45 - 1:48जो वातावरण परिवर्तन में सबसे आगे हैं।
-
1:48 - 1:51मैं उन जगहों पर
हजारों फोटोग्राफ्स लेती हूँ। -
1:51 - 1:52वापस स्टूडियो में आने पर
-
1:52 - 1:56मैं अपनी स्मरणशक्ति और
फोटोग्राफ्स का उपयोग कर के -
1:56 - 1:59बडे पैमाने पर अपनी रचना का
निर्माण करती हूँ -
1:59 - 2:01कई बार वह १० फीट चौड़ी होती है।
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2:01 - 2:06मैं चारकोल की तरह सूखे
हलके पैस्टल रंगों का प्रयोग करती हूँ। -
2:06 - 2:10मैं अपनी रचना को आरेख मानती हूँ परन्तु
लोग उसे चित्र कहते हैं। -
2:10 - 2:14मैं सकपका जाती हूँ जब मेरा उल्लेख
'फिंगर पेंटर' के रूप में किया जाता है। -
2:14 - 2:15(हंसी)
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2:15 - 2:18किन्तु मैं किन्ही साधनों का
प्रयोग नहीं करती -
2:18 - 2:20और हमेशा अपनी
उँगलियों और हथेलियों का प्रयोग कर -
2:20 - 2:23पेपर पर रंगों में परिवर्तन करती हूँ।
-
2:23 - 2:26आरेखन मेरे लिए ध्यान का माध्यम है।
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2:28 - 2:30यह मेरे मस्तिष्क को
शांति देता है। -
2:30 - 2:32मैं जो आरेख बनाती हूँ वह
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2:32 - 2:34बर्फ या पानी नहीं होते
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2:34 - 2:36बल्कि वह इमेज का बुनियादी
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2:36 - 2:40आकार और रंग में दर्शाया गया रूप है।
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2:41 - 2:42जब वह हिस्सा पूर्ण होता है
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2:42 - 2:45तब मैं उस संयोजन को
समग्र रूप में महसूस कर पाती हूँ, -
2:45 - 2:48जैसे कांच के समान स्वच्छ पानी में
तैरता हुआ हिमशैल -
2:48 - 2:51अथवा फेन के साथ ऊपर उठती लहर।
-
2:52 - 2:56औसतन इस आकार के हिस्से को
पूरा करने में मुझे 10 सेकंड लगते हैं -
2:56 - 2:58जैसा कि आप देख सकते हैं
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2:58 - 2:59(हंसी)
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2:59 - 3:03(तालियाँ)
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3:03 - 3:08यथार्थ में २०० से २५० घंटे,
इस आकार के किसी हिस्से के लिए। -
3:08 - 3:11मैं तब से आरेख बना रही हूँ
जबसे मैंने क्रेयोन पकड़ना सिखा है -
3:11 - 3:13मेरी माँ एक कलाकार थी
इसलिए बचपन से ही -
3:13 - 3:15मेरे घर में कला सम्बंधित वस्तुओं की
भरमार थी। -
3:15 - 3:18मेरी माँ के फोटोग्राफी के प्रति
प्रेम के कारण -
3:18 - 3:21उन्होनें धरती के
सुदूर क्षेत्रों की यात्रा की -
3:21 - 3:24और मैं और मेरा परिवार भाग्यशाली था कि
हम उनके साथ -
3:24 - 3:27इन साहसिक यात्राओं पर जा सके
और उनकी सहायता कर सके। -
3:27 - 3:30हमने उत्तरी अमेरिका में ऊँटों की सवारी की
-
3:30 - 3:33और उत्तरी ध्रुव के नजदीक
कुत्तों की स्लेज पर यात्रा की। -
3:34 - 3:38अगस्त २०१२ में मैंने अपना
पहला अभियान प्रारंभ किया, जिसमें -
3:38 - 3:43कलाकारों और विद्वानों का एक समूह ग्रीनलैंड
के उत्तरी पश्चिमी तटों पर मेरे साथ आया। -
3:44 - 3:47इस यात्रा का नेतृत्व मूल रूप से
मेरी माँ को करना था। -
3:47 - 3:50वो और मैं योजना बनाने के
प्रारंभिक चरणों में थे -
3:50 - 3:52क्योंकि हम साथ ही जाने के इच्छुक थे,
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3:52 - 3:55परन्तु इस बीच उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया।
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3:56 - 4:00कैंसर ने जल्दी ही उनके शरीर व मस्तिष्क को
शिकंजे में जकड लिया -
4:00 - 4:02और छः महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई।
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4:03 - 4:05इस बीमारी के दौरान भी
इस यात्रा के प्रति -
4:05 - 4:11उनका समर्पण कभी कम नहीं हुआ,
और तब मैंने उनकी इस अंतिम यात्रा को -
4:11 - 4:13पूरा करने का प्रण किया।
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4:13 - 4:17मेरी माँ का आर्कटिक के प्रति उत्साह
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4:17 - 4:20मेरे ग्रीनलैंड के अनुभव में
प्रतिध्वनित हुआ -
4:20 - 4:23और मैं उस परिदृश्य की शक्ति
और भंगुरता का -
4:23 - 4:25अनुभव कर पाई।
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4:27 - 4:29हिमशैल का वास्तविक आकार
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4:29 - 4:31सुखद है।
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4:31 - 4:34यह हिमक्षेत्र जीवंत हैं,
हलचल और आवाज के साथ -
4:34 - 4:37जैसी मैंने कभी अपेक्षा नहीं की थी।
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4:37 - 4:39मैंने अपने आरेखों का आकार बढाया
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4:39 - 4:45ताकि आपको भी वो अनुभव मिल सके
जो मुझे मिला। -
4:45 - 4:48जिस तरह बर्फ की भव्यता स्पष्ट है
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4:48 - 4:51उसी तरह भेद्यता भी है।
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4:51 - 4:53हमारी नौका से मैं देख रही थी,
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4:53 - 4:58बेमौसम की गर्मी से बर्फ पिघल रही थी।
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4:58 - 5:02हमें ग्रीनलैंड की एस्किमों जातियों से
मिलने का अवसर मिला -
5:02 - 5:05जो अभी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
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5:05 - 5:08उन लोगों ने मुझे समुद्र के
बर्फीले क्षेत्रों के बारे में बताया -
5:09 - 5:12जहाँ अब पहले की तरह बर्फ नहीं जमती।
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5:12 - 5:14और बर्फ के अभाव में
उनकी शिकार और कृषि की भूमि -
5:14 - 5:16बुरी तरह समाप्त होती जा रही है,
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5:16 - 5:20जो उनके जीवन व जीवित रहने के तरीकों के लिए
खतरनाक है। -
5:20 - 5:22ग्रीनलैंड के पिघलते हिमशैल
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5:22 - 5:26समुद्र का जल स्तर बढ़ने के
सबसे बड़े कारकों में से एक है, -
5:26 - 5:29जिसके कारण दुनिया के कुछ निचले द्वीप
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5:29 - 5:32डूबने शुरू हो चुके हैं।
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5:32 - 5:37ग्रीनलैंड के एक वर्ष बाद
मैं मालदीव गई, -
5:37 - 5:40जो दुनिया का सबसे निचला और समतल देश है।
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5:40 - 5:44वहाँ रहते हुए मैंने
इमेजस और प्रेरणा प्राप्त की -
5:44 - 5:47अपने नए कार्य के लिए:
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5:47 - 5:51उस देश के तटों पर टकराती लहरों के चित्र
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5:51 - 5:57जो सदी के अंत तक जलमग्न हो जायेगा।
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5:57 - 6:00विध्वंसकारी घटनाएं हर दिन होती हैं
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6:01 - 6:04वैश्विक और निजी दोनों स्तरों पर।
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6:04 - 6:06जब मैं ग्रीनलैंड में थी,
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6:06 - 6:10मैंने अपनी माँ की राख को पिघलते हुए
बर्फ पर फैला दिया। -
6:10 - 6:15अब वो सदा उस स्थान का भाग रहेंगी
जो उन्हें अत्यंत प्रिय था। -
6:15 - 6:21चाहे समय के साथ वह
एक नया रूप ही क्यों ना ले लें। -
6:21 - 6:23मेरी माँ के दिए गए
उपहारों में से एक -
6:23 - 6:26मेरी नकारात्मकता के स्थान पर
सकारात्मकता पर -
6:26 - 6:29केंद्र करने की क्षमता
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6:29 - 6:35मेरे आरेख उस सुन्दरता का उत्सव मनाते हैं
जिसे हम खोने की कगार पर हैं। -
6:35 - 6:41आशा है कि वे पिघलते हुए क्षेत्रों के लिए
रेकॉर्ड्स का काम करेंगे -
6:41 - 6:46और वैश्विक समुदाय को प्रेरित करेंगे
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6:46 - 6:49भविष्य के लिए कार्यवाही करने के लिए।
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6:49 - 6:51धन्यवाद।
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6:51 - 6:52(तालियाँ)
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6:52 - 6:54(तालियाँ)
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6:54 - 7:01(तालियाँ)
- Title:
- आरेख जो धरती की सुन्दरता और भंगुरता दिखाते हैं
- Speaker:
- ज़ारिया फोरमन
- Description:
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जारिया फोरमन के वृहद पैमाने के आरेख पिघलते हुए हिमनद, कांच की तरह स्वच्छ जल पर तैरते हुए हिमशैल और फेन के साथ ऊपर उठती लहरें बदलाव, हलचल और शांति के क्षणों को दिखाते हैं । उनके साथ चर्चा में भाग लीजिये जिसमें वह कलात्मक रचना की चिंतनशील प्रक्रिया और उनके कार्य के पीछे की अभिप्रेरणा के विषय में बता रही हैं। "मेरे आरेख उस सुन्दरता का उत्सव हैं जिन्हें हम खोने की कगार पर हैं", वह कहती हैं "मुझे आशा है कि ये आरेख उन पिघलते हुए भव्य परिदृश्यों के लिए रिकॉर्ड का काम करेंगे।"
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 07:14
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for Drawings that show the beauty and fragility of Earth | ||
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Arvind Patil accepted Hindi subtitles for Drawings that show the beauty and fragility of Earth | ||
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