क्या आप पाँच लोगों को बचाने के लिये एक का बलिदान करेंगे? - एलेनोर नैल्सन
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0:07 - 0:12कल्पना कीजिये, कि आप एक बेकाबू रेल को,
बहुत तेज़ी से, पटरी पर ऐसे पाँच मज़दूरों -
0:12 - 0:16की तरफ बढ़ता हुआ देख रहे हैं,
जो वहाँ से भाग नहीं सकते। -
0:16 - 0:18आप उस बटन के पास खड़े हैं
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0:18 - 0:22जिससे रेल का रुख दूसरी पटरी
की ओर मोड़ा जा सकता है। -
0:22 - 0:23अब, समस्या ये है कि,
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0:23 - 0:28दूसरी पटरी पर भी एक मज़दूर काम कर रहा है,
लेकिन केवल एक। -
0:28 - 0:29तो आप क्या करेंगे?
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0:29 - 0:33क्या आप पाँच लोगों को बचाने के लिये
एक व्यक्ति को कुरबान करेंगे? -
0:33 - 0:35इसे रेल समस्या कहते हैं,
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0:35 - 0:42नैतिक दुविधा का एक संस्करण जिसे
दार्शनिक फिलिपा फुट ने १९६७ में बनाया था। -
0:42 - 0:45ये इसलिये प्रचलित है क्योंकि,
ये हमें यह सोचने पर मजबूर कर देता है -
0:45 - 0:48कि अच्छे विकल्पों के अभाव में
चुनाव कैसे किया जाए। -
0:48 - 0:50क्या हम सबसे अच्छे
परिणाम वाले विकल्प को चुनें -
0:50 - 0:55या ऐसे नैतिक नियमों का पालन करें जो
किसी की मृत्यु का कारण बनने से रोकते हैं। -
0:55 - 1:01एक सर्वेक्षण में, करीब ९०% लोगों ने कहा
कि बटन दबा कर -
1:01 - 1:04पाँच मज़दूरों को बचाने के लिए एक की
मृत्यु होने देना सही है, -
1:04 - 1:09कुछ और अध्ययनों में भी समान परिणाम मिले,
जिनमें दुविधा का आभासी वास्तविकता में -
1:09 - 1:11सतत अनुकरण (वर्चुअल रियलिटी सिमुलेशन)
भी शामिल है। -
1:11 - 1:16ये निर्णय उपयोगितावाद के
दार्शनिक सिद्धांत से मेल खाता है, -
1:16 - 1:19जो कहता है कि सही नैतिक निर्णय
वो होता है जिससे -
1:19 - 1:23ज़्यादातर लोगों का अधिकतम भला होता है।
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1:23 - 1:25पाँच जीवन का पलड़ा एक जीवन से भारी है,
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1:25 - 1:31फिर चाहे उस परिणाम को पाने के लिये
किसी को मौत के घाट ही क्यों ना उतारना पड़े। -
1:31 - 1:33लेकिन लोग हमेशा उपयोगितावाद वाला
दृष्टिकोण नहीं लेते, -
1:33 - 1:37जिसे हम इस रेल समस्या को
थोड़ा बदल कर समझ सकते हैं। -
1:37 - 1:40इस बार आप पटरी के ऊपर बने
एक पुल पर खड़े हैं -
1:40 - 1:43और बेकाबू रेल आगे बढ़ रही है।
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1:43 - 1:45इस बार दूसरी पटरी नहीं है,
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1:45 - 1:49लेकिन एक विशालकाय व्यक्ति
पुल पर आपके पास खड़ा है। -
1:49 - 1:52अगर आप उसको धक्का दे कर गिरा दें,
तो उसके शरीर से रेल रुक जाएगी, -
1:52 - 1:54जिससे पाँच मज़दूरों की
जान तो बच जाएगी -
1:54 - 1:56लेकिन वो मर जायेगा।
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1:56 - 1:59उपयोगितावादियों के लिये
यह निर्णय एकदम समान है, -
1:59 - 2:02पाँच जानों को बचाने के लिये
एक का बलिदान दिया जाए। -
2:02 - 2:05लेकिन इस बार, केवल १०% लोगों ने कहा
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2:05 - 2:08कि उस आदमी को पटरी पर
धक्का देना सही है। -
2:08 - 2:12हमारी प्रवृत्ति हमें बताती है कि
जानबूझकर किसी की मृत्यु का कारण बनना -
2:12 - 2:16और किसी दुर्घटना के कारण
उसकी मृत्यु होने देना, दो अलग बातें है। -
2:16 - 2:21ये कुछ ऐसे कारणों की वजह से गलत लगता है,
जिन्हें समझाना कठिन है। -
2:21 - 2:23नैतिकता और मनोविज्ञान का मेल ही है
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2:23 - 2:27जो इस रेल समस्या का रोचक तत्व है।
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2:27 - 2:31ये दुविधा अपनी विविधता में ये दर्शाती है,
कि हम जिसको सही या गलत सोचते हैं, -
2:31 - 2:36वो उसके फायदे और नुकसानों की तुलना
से परे कारणों पर आधारित है। -
2:36 - 2:39जैसे, महिलाओं की अपेक्षा,
अधिक सम्भावना है कि पुरुष -
2:39 - 2:43धक्का देने को सही मानेंगे।
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2:43 - 2:47जिन्होंने ऐसे मनोवैज्ञानिक परिक्षण करने
से पहले कोई हास्य फिल्म देखा हो, वो भी। -
2:47 - 2:49और एक वर्चुअल रियलिटी के अध्ययन में तो,
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2:49 - 2:53लोग पुरुषों का बलिदान देने के लिये
ज़्यादा तैयार थे, औरतों का कम। -
2:53 - 2:55शोधकर्ताओं ने उनके दिमाग की गतिविधी
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2:55 - 3:00का अध्ययन किया,
जो दोनो स्थतियों के बारे में सोच रहे हों। -
3:00 - 3:04दोनों सस्थितियाँ दिमाग के ऐसे भागों को
सक्रिय करती हैं, जो सचेत निर्णय लेने और -
3:04 - 3:07भावुक प्रतिक्रियाओं से सम्बन्धित हैं।
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3:07 - 3:11लेकिन पुल वाली स्थिति में
भावुक प्रतिक्रिया ज़्यादा सबल होती है। -
3:11 - 3:13तो क्या दिमाग के एक भाग की गतिविधि
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3:13 - 3:17अन्दरूनी संघर्ष पर
प्रतिक्रिया करने से सम्बन्धित है? -
3:17 - 3:18ये अंतर क्यों?
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3:18 - 3:23एक स्पष्टीकरण है कि किसी को उसकी मृत्यु की
ओर धकेलना ज़्यादा व्यक्तिगत लगता है, -
3:23 - 3:27जो किसी की हत्या करने के लिये
भावनात्मक घृणा को सक्रिय करता है, -
3:27 - 3:31पर हम दुविधा महसूस करते हैं क्योंकि हमें
पता है कि फिर भी तर्कपूर्ण विकल्प वही है। -
3:31 - 3:36इस रेल समस्या की कुछ दार्शनिक और
मनोवैज्ञानिकों ने आलोचना भी की है। -
3:36 - 3:41उनका तर्क है कि इसका आधार
इतना अवास्तविक है कि -
3:41 - 3:45अध्ययन में भाग लेने वारे लोग
उसको गम्भीरता से लेते ही नहीं। -
3:45 - 3:49लेकिन नई प्रौद्योगिकी, इस तरह के
नैतिक विश्लेषण को -
3:49 - 3:51पहले से और भी ज़रूरी बनाती जा रही है।
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3:51 - 3:54उदाहरण के लिए, चालकहीन गाड़ी को
दो विकल्पों का नियंत्रण करना पड़ सकता है -
3:54 - 3:58जैसे क्या वो एक बड़ी दुर्घटना को
बचाने के लिए छोटी दुर्घटना होने दे। -
3:58 - 4:02इस दौरान, सरकारें स्वशासी फौजी ड्रोन
की खोज कर रही हैं जिनको -
4:02 - 4:06ऐसे निर्णय लेने पड़ सकते हैं कि वो
एक अहम शत्रु पर आक्रमण करने के लिये -
4:06 - 4:09आम नागरिकों के मरने
का जोखिम लें या नहीं। -
4:09 - 4:11अगर हम चाहते हैं कि
ये सारे काम नैतिक हों -
4:11 - 4:15तो हमें पहले से ये निर्णय करना पड़ेगा
कि मानव जीवन का मूल्य क्या है -
4:15 - 4:18और अति-उत्तम भले को तय कैसे करें।
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4:18 - 4:20तो स्वशासी पद्धति का अध्ययन
करने वाले शोधकर्ता -
4:20 - 4:22दार्शनिकों के साथ काम कर रहे हैं,
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4:22 - 4:28मशीनों में नैतिकता को प्रोग्राम करने की
जटिल समस्या को सुलझाने के लिये, -
4:28 - 4:31जो ये दर्शाता है कि
काल्पनिक दुविधाएँ भी -
4:31 - 4:35असली दुनिया से टकराने के
रास्ते पर उतर सकती हैं।
- Title:
- क्या आप पाँच लोगों को बचाने के लिये एक का बलिदान करेंगे? - एलेनोर नैल्सन
- Speaker:
- एलेनोर नैल्सन
- Description:
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पूरा पाठ देखिये: http://ed.ted.com/lessons/would-you-sacrifice-one-person-to-save-five-eleanor-nelsen
कल्पना कीजिये, कि आप एक बेकाबू रेल को, बहुत तेज़ी से, पटरी पर पाँच मज़दूरों की तरफ बढ़ता हुआ देख रहे हैं। आप उस बटन के पास खड़े हैं जिससे रेल का रुख दूसरी पटरी की ओर मोड़ा जा सकता है। अब, समस्या ये है कि, दूसरी पटरी पर भी एक मज़दूर काम कर रहा है - लेकिन केवल एक। तो आप क्या करेंगे? क्या आप पाँच लोगों को बचाने के लिये एक व्यक्ति को कुरबान करेंगे? एलेनोर नैल्सन इस रेल समस्या की नैतिक दुविधा का विवरण करते हैं।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TED-Ed
- Duration:
- 04:56
Michelle Mehrtens edited Hindi subtitles for Would you sacrifice one person to save five? | ||
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for Would you sacrifice one person to save five? | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for Would you sacrifice one person to save five? | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for Would you sacrifice one person to save five? | ||
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for Would you sacrifice one person to save five? | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for Would you sacrifice one person to save five? | ||
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