आओ सैनिकों की घर वापसी की भी तैयारी कराएं
-
0:01 - 0:02कार्लोस,
-
0:02 - 0:04एक पूर्व सैनिक हैं
-
0:04 - 0:08जिन्हें विएतनाम की लड़ाई में
तीन अवसरों पर गोलियाँ लगी -
0:09 - 0:11उनके शरीर में कारतूस के
-
0:11 - 0:13इतने छर्रे इकट्ठे हो गये थे
कि १९७१ में उनको -
0:13 - 0:15सेवा निवृत्त कर दिया गया
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0:16 - 0:19अगले ४२ साल तक उन्हें
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0:19 - 0:22अकेलेपन उदासी और बेचैनी
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0:22 - 0:24का सामना करना पड़ा
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0:24 - 0:26उन्होने शराब का सहारा भी लिया
-
0:26 - 0:29उनकी तीन बार शादी और तलाख भी हुआ
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0:29 - 0:31कार्लोस को पोस्ट ट्रमॅटिक
सिंप्टम डिसॉर्डर था -
0:32 - 0:36एक मनोवैज्ञानिक होने के नाते मैं पिछले
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0:36 - 0:40१० सालों से पी.टी.एस.डी. से पीड़ित
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0:40 - 0:43मरीजों का इलाज़ कर रहा हूँ.
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0:43 - 0:49पी.टी.एस.डी. विज्ञान का एक नया विषय है
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0:49 - 0:52हमें इसके बारे में ज़्यादा नहीं पता था
-
0:52 - 0:54कुछ मरीजों को हमने तेज़ दवाइयां दी
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0:54 - 0:57कुछ को अस्पताल में आम इलाज़ दिया
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0:57 - 0:59और कुछ को तोह बस यह कहा
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0:59 - 1:02की घर जाओ और सब भूलने की कोशिश करो
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1:04 - 1:07हाल ही में हमने इलाज के नए प्रयोग किये
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1:07 - 1:10जैसे मरीजों को सुंदर जगहों पे भेजना,
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1:10 - 1:14घर में पालतू जानवर रखना,
लेकिन यह सब कारगर सिद्ध नहीं हुए -
1:15 - 1:16लेकिन अब हालात बदल गए हैं
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1:16 - 1:22और आज में आप सब से
यही जानकारी बांटने -
1:22 - 1:23आया हूँ, की हम पी.टी.एस.डी से
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1:23 - 1:25कैसे निजाद पा सकते हैं
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1:25 - 1:28आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों से अब हम
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1:28 - 1:30पता लगा सकते हैं की कौन कौनसी
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1:30 - 1:34तरकीबें कारगर सिद्ध हो रही हैं
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1:34 - 1:36पी.टी.एस.डी ठीक करने में
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1:36 - 1:41वही तकनीकें काम आती हैं जो
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1:41 - 1:45युद्ध के प्रशिक्षण में इस्त्माल होती हैं
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1:46 - 1:48पारंपरिक रूप से
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1:48 - 1:51हम युद्ध की कला में माहिर रहे हैं
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1:51 - 1:53हम युद्ध पौराणिक काल से लड़ते आ रहे हैं
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1:53 - 1:56लेकिन तब से अब तक हमने युद्ध की तकनीकों
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1:56 - 1:59और अस्त्र-शस्त्र में बड़ी प्रगति की है
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2:04 - 2:06और इन अस्त्रों का उपयोग करने के लिए
-
2:06 - 2:09हम अपने सिपाहियों को
नवीनतम प्रशिक्षण देते हैं -
2:09 - 2:10हम युद्ध में माहिर हैं
-
2:11 - 2:14हम प्रशिक्षण में माहिर हैं
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2:15 - 2:18लेकिन अगर हम युद्ध से
लौटने वाले सैनिकों पर ध्यान दें, -
2:18 - 2:21हम उनको उनकी वापसी के लिए
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2:21 - 2:23उचित रूप से तैयार नहीं कर पाए हैं
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2:23 - 2:25आखिर क्यों?
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2:26 - 2:29हमारे प्राचीनकालीय पूर्वज
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2:29 - 2:31द्वंद्व वहीँ करते थे जहाँ वे रहते थे
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2:32 - 2:35इस ही कारण से,
पहले कभी युद्ध से लौटने के -
2:35 - 2:38बाद के जीवन से सामना करने का
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2:38 - 2:40प्रशिक्षण किसी को नहीं दिया जाता था
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2:41 - 2:43लेकिन आजकल
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2:43 - 2:46आधुनिक तकनीकों के द्वारा
-
2:46 - 2:50हम अपने अमरीकी सैनिकों को
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2:50 - 2:53लड़ने के लिए दुनिया में कहीं भी
ले जा सकते हैं -
2:53 - 2:56और युद्ध पूरा होने पर
-
2:56 - 2:58सुरक्षित देश वापिस
-
2:58 - 3:00ला सकते हैं
-
3:01 - 3:04पर सोचिये एक सैनिक पे
क्या बीत ती होगी -
3:05 - 3:07कुछ पूर्व सैनिकों ने मुझे बताया की
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3:07 - 3:10उदाहरण के तौर पे
किसी दिन वे अफगानिस्तान -
3:10 - 3:13में घमासान लड़ाई लड़ रहे थे,
-
3:14 - 3:16और तीन दिन में घर वापिस आकर
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3:16 - 3:19बच्चों के स्कूल में जा कर
उनका खेल देख रहे थे -
3:20 - 3:23यह पागलपन से कम नहीं था
-
3:23 - 3:25(श्रोता काहकहाते हुए )
-
3:25 - 3:28इस अनुभव का
यह उचित वर्णन है -
3:28 - 3:29यह बिल्कुल सटीक हैं
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3:29 - 3:33हमारे सैनिक युद्ध में
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3:33 - 3:35प्रशिक्षित हैं, लेकिन कइयों को असैनिक
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3:35 - 3:39जीवन बिताने का भी प्रशिक्षण चाहिए
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3:40 - 3:44पी टी इस डी चिकित्सा को
बार बार करवाना पड़ता है -
3:44 - 3:45सेना में
-
3:45 - 3:48जब सैनिक भर्ती होते हैं
-
3:48 - 3:51उन्हें विस्तार में प्रशिक्षण मिलता है
-
3:51 - 3:56उन्हें बार बार है
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3:56 - 3:58कई तरह की परिस्थितियों का
-
3:58 - 4:01प्रशिक्षण दिया जाता
-
4:01 - 4:02जब तक वे शस्त्र और हथियार को
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4:03 - 4:05किसी भी परिस्थिति में पूरी सक्षमता से
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4:05 - 4:08इस्तिमाल करना ना सीख जाएँ
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4:09 - 4:11उनके इलाज में भी ऐसा
ही कुछ करना पड़ता है -
4:12 - 4:15इन में सबसे पहले
आती है संज्ञानात्मक चिकित्सा -
4:15 - 4:19यह मानसिक अंशशोधन की तरह है
-
4:19 - 4:21जब पूर्व सैनिक घर लौट के आते हैं,
-
4:21 - 4:23वह दुनिया और परिस्थितियों को एक
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4:23 - 4:26युद्ध स्थल की तरह ही भांपते हैं
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4:27 - 4:32उनके इस नज़रिये को साधारण अवस्था
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4:32 - 4:33में लाना आसान नहीं होता
-
4:33 - 4:38उन्हें खतरा दिखता है
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4:38 - 4:41वे सब पे शक करते हैं
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4:42 - 4:46वैसे आम जीवन में खतरे होते हैं
-
4:46 - 4:49लेकिन युद्ध के मुकाबले
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4:49 - 4:50आम जीवन में खतरों की
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4:50 - 4:53सम्भावना कम होती है
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4:54 - 4:57हम उनको अचानक बदलने को नहीं कहते
-
4:57 - 4:59हम उन्हें उनकी स्थिति के हिसाब से
-
4:59 - 5:01सतर्क रहने को कहते हैं
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5:02 - 5:04जैसे अगर आप सुनसान जगह पे हैं तोह
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5:04 - 5:05ख़ास सावधानी बरतें
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5:06 - 5:08लेकिन परिवार के साथ
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5:08 - 5:09खाने जाएं तोह चिंता ना करें
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5:10 - 5:13हम उन्हें विचारपूर्ण होना सिखाते हैं
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5:13 - 5:17ताकि वह खतरे के हिसाब से
-
5:17 - 5:21ही सावधानी बरतें
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5:21 - 5:26अभ्यास करने से आदत दाल जाती है
-
5:27 - 5:30अगला प्रशिक्षण, एक्सपोजर थेरेपी,
-
5:30 - 5:32एक कारगर और
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5:32 - 5:36तेज़ तकनीक है
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5:36 - 5:38आपको कार्लोस याद होगा
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5:38 - 5:39उसने यही उपचार चुना था
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5:40 - 5:42हमने उसकी शुरुआत कुछ
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5:42 - 5:44चुनौतीपूर्ण अभ्यासों से करी, जैसे
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5:44 - 5:46दरवाज़े पर पीठ करे हुए
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5:46 - 5:48दुकान में खड़े रहना
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5:48 - 5:51या रेस्तरां में बैठना
-
5:51 - 5:52और इस प्रकार के वातावरण
-
5:53 - 5:55ज़्यादा समय बिताना
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5:56 - 5:58शुरुआत में वह कुछ घबराये
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5:58 - 6:00वह ऐसी जगह
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6:00 - 6:02बैठना चाहते थे जहाँ से वो
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6:02 - 6:05दरवाज़े और लोगों को देख सकें
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6:05 - 6:08यह उनके लिए कठिन था
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6:08 - 6:11सैनिक प्रशिक्षण का अनुभव होने के कारण
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6:11 - 6:13उन्होंने खुद को प्रोत्साहन दिया
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6:14 - 6:17धीरे धीरे करके
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6:17 - 6:20वह ऐसी स्तिथि
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6:20 - 6:21तक पोहोंच गए जहाँ वे
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6:21 - 6:26सार्वजनिक जगहों पर आराम
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6:27 - 6:28और इत्मीनान से बैठ पाएं
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6:30 - 6:33कई बार उन्होंने अपने युद्ध
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6:33 - 6:35अनुभव के रिकॉर्डिंग भी सुने
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6:36 - 6:40जब तक उन्हें सुनके
कोई उत्तेजना ना महसूस हो -
6:40 - 6:43उन्होंने अपनी मानसिकता हो इतना बदला
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6:43 - 6:46की नींद में उन्हें युद्ध के सपने
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6:46 - 6:48आना बंद हो गए
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6:48 - 6:52जब मैं उनसे एक साल बाद मिला
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6:52 - 6:53उन्होंने कहा "डॉक्टर, ४३ सालों
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6:53 - 6:58में पहली बार मुझे अब
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6:58 - 7:00डरावने सपने नहीं आते"
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7:01 - 7:06यह यादाश्त मिटाने से अलग है
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7:06 - 7:09सैनिक युद्ध के अनुभव भुला तोह नहीं सकते,
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7:09 - 7:11लेकिन उनसे पोहोंचने वाले दुःख को
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7:11 - 7:16कम ज़रूर कर सकते हैं
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7:16 - 7:20अब वे उन अनुभवों से
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7:20 - 7:24मानसिक तनाव में नहीं आते
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7:26 - 7:27यह हमेशा आसान नहीं होता
-
7:28 - 7:31सब पे कारगर भी नहीं होता
-
7:32 - 7:33इसमें विश्वास बोहोत ज़रूरी है
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7:34 - 7:35मुझसे पुछा जाता है कि
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7:35 - 7:38"बिना युद्ध अनुभव के
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7:38 - 7:39आप यह कैसे कर लेते हैं"
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7:40 - 7:45लेकिन असैनिक जीवन पर शिक्षा
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7:45 - 7:48देने के लिए युद्ध अनुभव की ज़रुरत नहीं है
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7:48 - 7:51आप को बस यह पता होना चाहिए की
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7:51 - 7:55असैनिक जीवन कैसे जीना है
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7:59 - 8:01पिछले दस साल से हर रोज़
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8:01 - 8:04मैं युद्ध के कई
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8:04 - 8:07दर्दनाक किस्से सुन
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8:07 - 8:08चुका हूँ
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8:08 - 8:10यह आसान नहीं है
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8:10 - 8:13कभी कभी यह मेरी क्षमता
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8:13 - 8:15से बाहर हो जाता था
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8:16 - 8:19लेकिन इस प्रकार का प्रशिक्षण
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8:19 - 8:23और सैनिकों की बहाली बड़ा
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8:23 - 8:26संतोष प्रदान करता हैं
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8:27 - 8:29इससे लोगों का उद्धार हो जाता है
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8:31 - 8:34कार्लोस अब अपने बाल बच्चों के साथ
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8:34 - 8:37हंस खेल के घूम फिर सकते हैं
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8:38 - 8:42ताज्जुब की बात है की ४३ सालों की पीड़ा
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8:42 - 8:45१० हफ़्तों के प्रशिक्षण से ठीक हो गयी
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8:46 - 8:48मैं जब उनसे मिला, तो उन्होंने कहा
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8:48 - 8:52"मैं अपने ४३ साल तो
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8:53 - 8:58वापस नहीं ला सकता,
लेकिन अपने बचे हुए दिन -
8:58 - 9:00शान्ति से बिता सकता हूँ
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9:01 - 9:05आशा करता हूँ की युवा सैनिकों को
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9:05 - 9:06ऐसी सहायता
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9:07 - 9:08समय पर मिल पायेगी
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9:09 - 9:10क्योंकि जीवन छोटा है,
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9:11 - 9:12और अगर आप युद्ध की
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9:13 - 9:17आपदाओं से गुज़र चुके हैं,
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9:17 - 9:19तोह बाकी जीवन सुख और शान्ति से
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9:19 - 9:22बिताना आपका अधिकार है"
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9:23 - 9:25लेकिन किसी को इस प्रशिक्षण के इंतज़ार में
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9:25 - 9:27नहीं बैठना चाहिए
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9:29 - 9:34सबसे बेहतर तोह यही होगा
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9:35 - 9:36की युद्ध न हो
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9:37 - 9:40लेकिन वो मंज़िल अभी दूर है
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9:40 - 9:41तब तक,
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9:41 - 9:47हम युद्ध से होने वाली
-
9:47 - 9:48पीड़ा से अपने भाइयों और बहनो को निजाद
-
9:49 - 9:51दिला सकते हैं
-
9:52 - 9:58और अच्छा होगा अगर जितना विज्ञान और धन
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9:58 - 10:01हम युद्ध में लगाते हैं, उतना
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10:02 - 10:03लौटने वाले सैनिकों की खुशहाली में लगाएं
-
10:03 - 10:07उनको घर वापसी में कम से कम परेशानी हो,
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10:08 - 10:09इस बात के हम ऋणी हैं
-
10:10 - 10:11धन्यवाद.
-
10:11 - 10:18(तालियां)
- Title:
- आओ सैनिकों की घर वापसी की भी तैयारी कराएं
- Speaker:
- हेक्टर गार्सिया
- Description:
-
कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए सैनिकों को युद्ध में भेजने से पहले कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है. मनोवैज्ञानिक हेक्टर गार्सिया कहते हैं की, घर वापसी करने वाले सैनिकों को असैन्य जीवन जीने का प्रशिक्षण देना भी उतना ही ज़रूरी है. जिन तकनीकों का इस्तिमाल सैनकों को युद्ध के प्रशिक्षण में किया जता है, हेक्टर गरसिया उन्ही तकनीकों का उस्तिमाल करके पी टी इस डी से पीड़ित पूर्व सैनिको को एक सुखी असैनिक जीवन बिताने में मदद मर रहे हैं.
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 10:31
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