सहानुभूति में एक कट्टरपंथी प्रयोग
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0:00 - 0:03मेरे छात्र अक्सर मुझसे पूछते हैं,
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0:03 - 0:05"क्या है समाजशास्त्र?"
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0:05 - 0:07और मैं उन्हें बता ता ,"यह एक अध्ययन का
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0:07 - 0:09तरीका है जिसमें हम निरीक्षण करते हैं की
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0:09 - 0:12मनुष्य जो चीज़ें नहीं देखते वे कैसे उन्हें प्रभावित करती हैं
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0:12 - 0:16और वे पूछते हैं, "मैं एक समाजशास्त्री कैसे बन सकता हूँ?
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0:16 - 0:18मैं उन अदृश्य शक्ति ओ को समझ सकता हूँ? "
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0:18 - 0:20और मैं कहता हूँ,सहानुभूति
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0:20 - 0:22सहानुभूति के साथ शुरू करो.
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0:22 - 0:25यह सब सहानुभूति के साथ शुरू होता है
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0:25 - 0:27अपने आप को अपनी जगह से बाहर लो,
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0:27 - 0:29और अपने आप को किसी अन्य व्यक्ति की जगह में देखो.
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0:29 - 0:32यहाँ, मैं आपको एक उदाहरण देता हूँ.
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0:32 - 0:34मैं अपने जीवन की कल्पना करता हु
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0:34 - 0:36अगर एक सौ साल पहले
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0:36 - 0:38चीन दुनिया में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र रहा होता
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0:38 - 0:40और वे कोय्लेकी तलाकश में
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0:40 - 0:42अमेरिका आये होते
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0:42 - 0:45और उन्हें मिलजाता ,और , वास्तव में,याहि मिलजाता
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0:45 - 0:48और बहोत जल्दी,वे ये कोयला शिपिंग करना सुरु करते है
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0:48 - 0:50टन बाय टन
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0:50 - 0:53रेल गाड़ी या और जहाज भर भर के
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0:53 - 0:57आपने देश चीन में और दुनी याके बाकी हिसोमे ले जाते
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0:57 - 1:00ओर वे इश वजहसे बहोत ही अमीर देश बनजाते
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1:00 - 1:02ओर उन्होंने बहोत ही सुंदार शहर बनाये
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1:02 - 1:06साब कोयले की ताकत पे खड़े हुए
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1:07 - 1:10और यहाँ अमेरिका में
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1:10 - 1:12हमने आर्थिक मंदी देखि , अछत देखि
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1:12 - 1:14ये देख रहा था मई
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1:14 - 1:17में लोगोको मामूली चीजो केलिये संघर्ष करते हुऐ देखरहा था
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1:17 - 1:20कुछ पता नहीं था क्या हो रहा है और क्या होने वाला है
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1:20 - 1:22और फिर मेने आपने आपको ये सवाल किया
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1:22 - 1:25मैं कहता , "क्या यह संभव है कि हम आपने ही देश अमेरिका में इतने ग़रीब कैसे हो सकते है,
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1:25 - 1:27जावब था कोयला ,जोकि बहोत ही कीमती था
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1:27 - 1:29जो बहोत सारा पैसा था
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1:29 - 1:31और मुझे एहसास हुआ,
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1:31 - 1:34क्यों के यहाँ पर चीनी ओने सम्बन्ध बना लिया था
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1:34 - 1:37याहा पार अमेरिका में छोटेसे वर्ग के साथ
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1:37 - 1:41जिन्हों ने खुद केलिए, हमरी सारा पैसा ओर धन हाडाप लिया था
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1:41 - 1:43और हम में से बाकी, हम में से अधिकांश,
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1:43 - 1:45मामूली चीजो केलिए संघर्ष कर रहे है.
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1:45 - 1:48और चीन ने हमें ये छोटासा अभिजात शासक वर्ग दिया था
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1:48 - 1:51और बहोत सा सैन्य हथियार एव अत्याधुनिक तकनीकिया दी
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1:51 - 1:54ये सुनिश्चित करने के लिए के मेरे जेसे लोग
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1:54 - 1:57उन लोगोके खिलाफ अपना मु न खोल पाए
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1:58 - 2:01क्या ये कही पर सुना हुआ लग रहा है ?
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2:01 - 2:03और उन्हों ने ये चालाकी की , अम्रिकियोको तालीम दी
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2:03 - 2:05क्यों के वो कोइले की रक्षा कर शके
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2:05 - 2:08और जहा देखा वाहा पार बश चीन के निशान दिखने लगे
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2:08 - 2:11और हर जगह वो हमें ये याद दिलाते रहते
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2:11 - 2:13और वहा चाइना में
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2:13 - 2:15वो लोग क्या कहते है चाइना में?
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2:15 - 2:18कुछ नहीं .. वो हमरे बारे में बात नहीं करते , वो कोइले के बारे में बात नहीं करते.
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2:18 - 2:20अगर आप उनसे पूछे
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2:20 - 2:22वे तो यही कहेंगे , अजी आप कोइले के बारेमे तो जानते ही है , हमें कितनी जरूरत है कोइले की .
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2:22 - 2:25ये तो सरासर हद हो गई , मेरा गोस्सा कम नहीं होने वाला.
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2:25 - 2:28और काप को ऐसा लगना भी नहीं चेही ऐ."
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2:28 - 2:31क्यों के ये बात पे मुझे बहोत ही अधिक ग़ुस्सा आता है
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2:31 - 2:33जेसे बहोत सारे आम आदमी यो कोभी आता है .
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2:33 - 2:36और हमने सामने लदत दी , और उशने बहोत ही गन्दा रूप धारण किया
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2:36 - 2:39और चीन ने उसका बहोत ही गन्दा जावाब दिया
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2:40 - 2:43और उष शे पहेलेकी हमें पता चले , उन्होंने टोपे भेजदी
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2:43 - 2:45और फिर सेना भेज दी
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2:45 - 2:47और भोत सरे लोग मर रहे है
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2:47 - 2:52और ये बहोत ही मुस्किल परिस्थिति है
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2:52 - 2:55क्या आप कल्पना कर सकते है के आपको केसा महेसुस होगा ?
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2:55 - 2:57अगर आप मेरी जागा होते तो !!
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2:57 - 3:00क्या आप ये इमारत से बहार जा पाते ??
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3:00 - 3:02और देखते की तोप खडी हुई है
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3:02 - 3:05या फिर सैनिको से भरी ट्रक !!
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3:05 - 3:07और जरा महसूस की जिए के आपको केसा लगेगा
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3:07 - 3:10क्यों की आपको पता हे के वो यहा पे क्यों है ? और आपको येभी पता है के वो यहा क्या कर राहे है .
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3:10 - 3:14और आपको बहोत गूस भी आता है और आपको डरा भी लगता है
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3:14 - 3:17अगर आप ये महसूस कर सकते है तो , वो सहानुभूति - ये सहानुभूति है
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3:17 - 3:20आपने अपनी जगा छोड़ी और मेरी नजार से देखा ,
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3:20 - 3:22आपको बस ये महेसुस करना होगा
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3:22 - 3:24ठीक है,तो ये थी शुरूवाद
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3:24 - 3:26सिर्फ शुरूवाद
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3:26 - 3:28अभी हम करेगे सही शुरूवाद
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3:28 - 3:30असली कट्टरपंथी प्रयोग.
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3:30 - 3:33तो में मेरे इश लेक्चर के भाग रूप , में आपको
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3:33 - 3:35अपने आपको
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3:35 - 3:38किशी साधारण अरब मुस्लिम के जगा रखो
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3:38 - 3:40जो की मध्यपूर्व में रहेता है
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3:40 - 3:43विशेष रूप से,इराक में
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3:44 - 3:46और इसलिए आपको मदद करने के लिए,
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3:46 - 3:50शायद आप बगदाद में इस मध्यम वर्ग के परिवार के एक सदस्य हो
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3:50 - 3:53और आप चाहते हैं, जो अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा है
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3:53 - 3:55आप अपने बच्चों केलिए एक बेहतर जीवन चाहते है
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3:55 - 3:57और आप समाचार देखते हो ,आप ध्यान देते है
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3:57 - 4:00आप अख़बार पढ़ते है , आप अपने दोस्तोके साथ काफ्फी शॉप जाते हो ,
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4:00 - 4:02और आप दुनिया भारके अख़बार पढ़ते हो .
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4:02 - 4:04और कभी कभी आप टीवी भी देखते हो ,
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4:04 - 4:06अमेरिका से सीएनएन भी देखते है
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4:06 - 4:08तो आपको ये पता है के अमरीकी लोग केसा सोचते है आपके बारे मई
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4:08 - 4:11मगर सही मई , आपतो अपने लिए सिर्फ एक अछि ज़िन्दगी चाहते है
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4:11 - 4:13आप यही तो चाहते हो
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4:13 - 4:15आप इराक में आरहे रहे इस अरब मुस्लिम हो .
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4:15 - 4:17आप अपने लिए अच्छी ज़िन्दगी चाहते हो
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4:17 - 4:19तो यहाँ , मैं आपकी मदद करता हु
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4:19 - 4:21मैं आपको सोचने मई मदद करता हु
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4:21 - 4:23जो शायद आप सोच रहे हो.
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4:23 - 4:26सबसे पहेले तो :अपने देश में ये आक्रमण
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4:26 - 4:28ये पिछले बिष साल , और उसके पहलेभी
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4:28 - 4:31क्या कारण है के कोईभी आपके देश में इतनी दिलचश्पी क्यों ले , और खास करके अम्रीका ही क्यों ?
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4:31 - 4:33तेल(आयल)
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4:33 - 4:36ईश तेल(आयल) की वजह से;
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4:36 - 4:39आप ये जानते है ,साब लोग ते जानते है
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4:39 - 4:41क्यों के आपके साधनों केलिए किसी ओरके पास योजना थी
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4:41 - 4:44किसी ओरके पास योजना थी
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4:44 - 4:47मगर ये आपके साधन थे ,किसी ओरके नहीं !!
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4:47 - 4:50ये आपकी जमीं है , आपके साधन है
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4:50 - 4:52मगर ये किसी ओरकी योजना थी
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4:52 - 4:54और आप जान ते है उन्होंने ये योजना क्यों बनायीं?
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4:54 - 4:56आप जानते है उनकी नजार किश चीज़ पे थी !
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4:56 - 4:58उनकी पूरी आर्थिक व्यवस्था जोकि
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4:58 - 5:00पूरी तरहसे ईश तेल पे ताकि हुई थी
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5:00 - 5:02परदेशी तेल पे
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5:02 - 5:05तेल जोकि दुनियाके अलग देशो से आता ,जो उनका नहीं था
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5:05 - 5:07और क्या सोचते है आप इन लोगोके बारे मई
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5:07 - 5:09अमेरिकेन लोग , बहोत ही पैसे वाले है.
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5:09 - 5:11क्या बात करते हो , वो बड़े बंगलोमें रहते हे , बड़ी गाडी मे गुमते है
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5:11 - 5:13क्या बात करते हो , उनके पास बड़े बंगले है बड़ी गाडिया है
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5:13 - 5:15आप ये सोच तै है , मगर ये सच नहीं है
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5:15 - 5:18मगर ये मीडिया की छाप थी ,और आपको यही साच लागता
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5:18 - 5:20उनके पास बड़े सहर है
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5:20 - 5:23सहर जो आयल पे चल ते है
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5:24 - 5:26और यहाँ आप के घर में आप क्या देखते है
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5:26 - 5:28गरीबी, निराशा, संघर्ष
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5:28 - 5:31देखो , आप नहीं जी रहे हो एक आमिर देश में
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5:31 - 5:34यह इराक है
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5:35 - 5:37आपको यहाँ येही दिखाई देगा
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5:37 - 5:39आप लोगो को संगर्ष करते देखते है .
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5:39 - 5:41मेरा मतलब है, के ये आसान नहीं है;यहाँ बहुत ही गरीबी है
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5:41 - 5:43और आओ इसके बारे में कुछ महेसुस करते हो .
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5:43 - 5:45इन लोगो के पास आपके साधनों केलिए योजना है
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5:45 - 5:47और परिणाम रूप आप ये देखते है
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5:47 - 5:49अमेरिकेन इश बारे मई बात नहीं करते , मागर आप करते है
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5:49 - 5:51अमेरिकेन इश बारे मई बात नहीं करते , मागर आप करते है
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5:51 - 5:54वहाँ ये बात है, दुनिया का सैन्यीकरण
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5:54 - 5:56और यह ठीक अमेरिका में केंद्रित है.
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5:56 - 5:58और अमेरिका
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5:58 - 6:01दुनियुआ भरके आधे से ज्यादा सैन्य खर्च केलिए जिम्मेदार है
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6:01 - 6:03सैन्य खर्च केलिए जिम्मेदार है
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6:03 - 6:05और उनकी आबादीसिर्फ दुनियाकी चार ताका ही है
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6:05 - 6:08और आप ये महेसुस करते है ,आप हर रोज ये देखते है
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6:08 - 6:10ये आपकी जिंदगी का हिस्सा बन गई है
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6:10 - 6:12और आप इसके बारे मई आपके दोषतो से बात करते है
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6:12 - 6:15आप पढ़ते है इस बारे मे
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6:15 - 6:18और जब सद्दाम हुसैन सत्ता में था,
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6:18 - 6:21अमेरिकियों को उसके अपराधों के बारे में परवाह नहीं थी .
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6:21 - 6:23जाब वो कुर्दों और इरान जला रहा था
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6:23 - 6:25उन्हें इश बात की पर्व नहीं थी
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6:25 - 6:27जाब बात तेल की आई
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6:27 - 6:31केसे करके , अचानक ये बातो पे वे गौर करने लगे
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6:32 - 6:34और आप क्या देखते हो ,कुछ अलग ही
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6:34 - 6:36अमेरिका
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6:36 - 6:38दुनिउया का लोकशाही केंद्र
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6:38 - 6:40हाकीकतमे लगता नहीं के वो
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6:40 - 6:44दुनिया भरमे सभी लोकशाही देशो की मदद कर रहा हे
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6:44 - 6:47दुनिया में बहोत सरे देश हे ,तेल उत्पादन करते देश है
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6:47 - 6:50जोकि लोकशाही नहीं है , मगर फिरभी अमेरिका उनको मदद करता है
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6:50 - 6:52येतो बहोत ही अजीब है
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6:52 - 6:55ओह ये घुसपैठ ये दो युद्ध
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6:55 - 6:57ये १० सलोका प्रतिबन्ध
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6:57 - 7:01ये ८ स्लो का कब्ज़ा
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7:01 - 7:04ये आपके खिलाफ किया हुआ विद्रोह
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7:04 - 7:07हजारो लाखो
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7:07 - 7:12लोगोकी हत्या
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7:12 - 7:15साब इस तेल की वजहसे
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7:15 - 7:17आप ये सोचे बिना रहे नहीं साकते
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7:17 - 7:19आप इसके बारे मई बात करते है
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7:19 - 7:22ये हमेसा आपके दिमाग मई रहता है
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7:22 - 7:25आप सोचते है " ये के से मुमकिन है "
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7:25 - 7:28ये इंसान, इस के सारे आदमी
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7:28 - 7:30आपके दादा , आपके चाचा
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7:30 - 7:32आपके पिता ,आपका बेटा
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7:32 - 7:35आपके पडोशी ,आपके अध्यपाक , आपका छात्र
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7:35 - 7:38कभी जो जिंदगी खुशि और सुख से भारिथि
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7:38 - 7:41आचानक उसमे दुःख और आसू
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7:41 - 7:44आपके देश के सभी लोग
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7:44 - 7:47हिंसा,
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7:47 - 7:49खून, दर्द,
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7:49 - 7:51आतंक के शिकार थे
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7:51 - 7:54आपके देश में कोई ऐसा नहीं था जो इस से अछुता रहे गया हो
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7:54 - 7:56जो इस से अछुता रहे गया हो.
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7:56 - 7:58मागर कुछ था ,
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7:58 - 8:00इन लोगो के बारे मई कुछ था
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8:00 - 8:02ये अमेरिकेन जो यहाँ पर थे
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8:02 - 8:05कुछ अलग था इन लोगो के बारे में जो आप देख साक ते थे ,मागर वो नहीं
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8:05 - 8:08और आप क्या देखा साकते थे , व ईसाई थे
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8:08 - 8:10व ईसाई थे(च्रिस्तियन )
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8:10 - 8:13वे ईसाई भगवान् को पूजते थे ,उनके पास क्रोस थे , वो बाइबल लेके गूम ते थे
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8:13 - 8:15उनकी बाइबल पे एक सिक्का था
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8:15 - 8:18जिश पे लिखा था " अमरीकी सेना"
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8:19 - 8:22और उनके नेता,उनके लीडर
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8:22 - 8:24उसके पहेले की वो आपने बेटे बेटियों को भेजे
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8:24 - 8:26आपके देशमे लड़ने केलिए
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8:26 - 8:28आप जानते थे इस का कारन
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8:28 - 8:30उसके पहेले के वो उन्हें यहाँ भेजे
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8:30 - 8:32वो उनके ईसाई चर्च में जाते और उनके ईसाई भगवानको पूजते
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8:32 - 8:35और वो अपने लिए सुरक्षा और मार्गदर्शन मागते
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8:35 - 8:37क्यों ?
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8:37 - 8:41ये तो ज़ाहिर था के,जाब लड़ाई में लोग मारे गे ,
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8:41 - 8:43वो तो मुस्लिम और इराकी होगे
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8:43 - 8:45वो अमेरिकेन नहीं होगे
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8:45 - 8:48आप नहीं चाहते के अमेरिकेन मरे , आप अपनी टुकड़ी की खेरियात चाहते हो
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8:48 - 8:50और आप कुछ महेसुस करते हो इस बारे में --
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8:50 - 8:52ज़रूर करते हो .
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8:52 - 8:54और वो वहापे बहोत ही बढ़िया चीजे करते है .
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8:54 - 8:56और आप उसके बारे में पढ़ते है, सुनते है
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8:56 - 8:58वो वहा पार स्कूल बनाते है , लोगोकी मदद कर ते है, और यही तो वे करते है
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8:58 - 9:00वो बहोत ही अच्छा काम करते है , माग्र वो बुरा काम भी कारते है
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9:00 - 9:02और आप इस का भेद नहीं परख सकते
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9:02 - 9:06और ये आदमी , लियूतेनंत जेनरल विलियम बोय्की जे सा आदमी मिलता है आप को
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9:06 - 9:09में ये कहेना चाहता हु के, या हा एक आदमी है जो कहेता है आपका का भगवान् गालात है
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9:09 - 9:11आप का भगवान् गलात है , इसका भगवान् सही है
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9:11 - 9:14उश्के हिसाब से , मिद्दल ईस्ट के सारी मुसीबतो का हाल येहे ,
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9:14 - 9:16के सारे मुस्लीमो को इशाई बाना दो
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9:16 - 9:18तुम्हारे धर्मं को मिटा दो
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9:18 - 9:20और आप को पता है ! अमेरिकेन इस आदमीके बारे मई नहीं पढ़ते
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9:20 - 9:23वो इश के बारेमें कुछ नहीं जानते , मागर आप जानते हो .
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9:23 - 9:25आप ये बात फेलाते हो , आपने आसपास फेलाते हो
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9:25 - 9:28में कहेता हु ये बहोत ही गंभीर मामला है
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9:28 - 9:31इराक पर दुशरे हामलेमें ये मुख्या कमांडर था
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9:31 - 9:34तो आप ये सोचा ते हो के , " ओ भगवन , अगर ये आदमी ऐसा सोचता है
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9:34 - 9:36तो सारे सेंनिक ऐसा सोचते होगे ".
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9:36 - 9:38और ये शब्द ,
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9:38 - 9:40जोर्ज बुश ने इश लड़ाई को धर्म की लड़ाई बताई
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9:40 - 9:42यार, अमेरिकन , वे तो बस, जैसे ये ", धर्मयुद्ध.
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9:42 - 9:44जो भी हो. मुझे नहीं मालूम.
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9:44 - 9:46आप जानते हैं इसका क्या मतलब है .
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9:46 - 9:48यह मुसलमानों के खिलाफ एक पवित्र युद्ध है
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9:48 - 9:51देखो, आक्रमण, उनके वश में है, अपने संसाधन ले लो.
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9:51 - 9:53अगर वे नहीं मान ते तो , मार डालो उन्हें
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9:53 - 9:55सब इसी केलिये हीतो है
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9:55 - 9:58और आप सोचते हो , हे भगवान् ये ,ईसाई हमें मारने केलिए आरहे है .
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9:58 - 10:00ये तो बहोतही भयानक है
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10:00 - 10:03आप डरे हु ऐ है , सचमे डरे हुए है
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10:03 - 10:06और ये आदमी तेर्री जोंनस :
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10:06 - 10:08ये आदमी है जो की कुरान जलना चाहता है
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10:08 - 10:10और अमेरिकेन, " ओह , येतो एक सरफिरा आदमी है "
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10:10 - 10:12ये एक होटल मेनेजर रहे चूका है
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10:12 - 10:14उशके साथ उशकी चर्च के ३ दाजन लोग है
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10:14 - 10:16वो उसपे हस्ते है, मगर आप उसको मजाक में नहीं लेते
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10:16 - 10:18क्योंकि बाकी सब के संदर्भ में,
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10:18 - 10:20सारी कडिय बांध बेठ ती है
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10:20 - 10:22मेरा निश्चित रूपसे ये मतलब है , की अमेरिकेन उसे ऐसे ही समजते है
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10:22 - 10:24इश हिसाब से सारे मिडल इस्तके के लोग , नाकि सिर्र्फ तुम्हारे देश के लोग
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10:24 - 10:26इस का विद्रोह कर रहे है
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10:26 - 10:28"वो कुरान जलना चाहते है , हमारा धर्मं पुस्तक "
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10:28 - 10:30ये इसाई , कोन हैं ये इसाई?
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10:30 - 10:32वे बहोत ही बुरे है, और बहोत मतलबी भी
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10:32 - 10:34यही है उनकी पाहेचान है"
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10:34 - 10:36येही सोचते है आप एक आरब मुस्लिम हो ने के नाते ,
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10:36 - 10:38इराकी होने के नाते .
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10:38 - 10:40इस में दो मात नहीं के आप ऐसा सोचेगे .
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10:40 - 10:42और फिर आपका भाई
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10:42 - 10:44कहे गा " भाई ये देखो ये वेब साईट "
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10:44 - 10:46तुहे ये देखना चाही ये " बाइबल का अखाडा "
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10:46 - 10:48ये इसाई सारे पागल है.
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10:48 - 10:51ये उनके छोटे छोटे बच्चो को इशु के धर्म शेनिक बना रहे है
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10:51 - 10:53और ये उन छोटे बच्चोको लेजाते है , और उनसे येसाब करवाते है .
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10:53 - 10:55जब टाक वे उन्हें सिखाना दे " सर, येश, सर "
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10:55 - 10:58और ऐसि चीजे, के बंम केसे फेका जाता है, और हथियारों के देखभाल केसे करते है
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10:58 - 11:00और आप वेबसाइट देखे
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11:00 - 11:02वहा पार साफ़ लिखा है " अमरीकी सेना"
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11:02 - 11:05मेरा मतलब ये ,इसाई , ये पागल है , ये अक़पने छोटे छोटे बच्चो के साथ ऐसा केसे कर सकत है .
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11:05 - 11:07और आप ये वेब साईट देख रहे हो
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11:07 - 11:10और ज़ाहिर है , यहाँ अमरीका में इसाई , और कोई भी
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11:10 - 11:12यही कहे गा " ओह , ये तो एक मामुलिसा छोटासा चुर्च है जो कोई जानता भी नहीं ."
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11:12 - 11:14आप ये नहीं जानते
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11:14 - 11:17आपके लिए तो , सभी इसाई उसके जेसेही है .
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11:17 - 11:19ये स्ब जगा पर है , बाइबल का अखाडा.
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11:19 - 11:21और ये देखि ये :
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11:21 - 11:23वे उनके बचो को भी याही सिखाते है --
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11:23 - 11:25वे उनके बच्चो को वेसिही तालीम देते है जेसे के अमरीकी नौका दाल देता है
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11:25 - 11:27क्या ये दिलचश्प नहीं है ?
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11:27 - 11:29और ये आपको डाराता है , भयभीत करता है.
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11:29 - 11:31और इन लोगो को , आप देखते है .
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11:31 - 11:34आप देखे , में, सेम रिचर्ड , ये जानताहू के ये लोग कोन है
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11:34 - 11:36ये मेरे च्चात्र है , मेरे दोस्त है .
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11:36 - 11:38मेये जानताहु के आप क्या सोच रहे है " के आप ये नहीं जान ते "
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11:38 - 11:40जाब आप उनको देखते है ,
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11:40 - 11:43वे कुछ अलग है , वे कुछ अलग है .
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11:43 - 11:46आप केलि ये तो वे यही है .
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11:46 - 11:49हम यहाँ अम्रीका में उनको ऐसे नहीं देखते ,
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11:49 - 11:52मगार आप उन्हें ऐसे देखते हो .
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11:54 - 11:56तो यहाँ पर .
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11:56 - 11:58आप बिलकुल ही गलत सोच रहे हो .
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11:58 - 12:01आप साब को एकजेसा मानते है , ये तो गलत है
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12:01 - 12:03आप अमेरिकेन को आछी तराह नहीं जानते
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12:03 - 12:05ये इसाईयो की गुशपेठ नहीं है
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12:05 - 12:07हम वहापे सिर्फ आयल की वाज़ह्से नहीं है ,हम वहा और कई कारणों की वाज़ह्से है
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12:07 - 12:09आप ने गलत समजा है , आप ने समजने में चुक की है
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12:09 - 12:12और सच में , आप में से ज्यादा तर विद्रोह का साथ नहीं देते :
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12:12 - 12:14आप अम्रेरिकां की हत्या नहीं चाहते ;
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12:14 - 12:16आप आतंकवादकों सुप्पोर्ट नहीं करते .
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12:16 - 12:18बिलकुल आप नहीं कारते , बहोत कम लोग करते है
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12:18 - 12:21मगर आपमें से कुछ कक़रते है
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12:21 - 12:24और ये एक सम्भावना है .
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12:24 - 12:26ठीक है, अभी , यहाँपर हम ये करेंगे की .
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12:26 - 12:28आपनि जगह छोड़े,
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12:28 - 12:30के आप सही हो
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12:30 - 12:32और आप अपनी पहेली स्थिति में आके देखो
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12:32 - 12:34यहाँ कमरे में बेठे साभी लोग , ठीक है.
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12:34 - 12:36अब यहाँ कट्टरपंथी प्रयोग आता है.
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12:36 - 12:38तो हम सब वापस घर आ गये.
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12:38 - 12:40यह फ़ोटो: यह औरत,
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12:40 - 12:42यार, मैं उसे महसूस कर सकता हु
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12:42 - 12:44मैं उसे महसूस कर सकता हु
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12:44 - 12:46वो मेरी बहन है
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12:46 - 12:49मेरी बीवी , मेरी चचेरी बाहेन , मेरी पदोषण ,
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12:49 - 12:51वो मेरी कोईभी है
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12:51 - 12:53ये आदमी जो फोटो में खाडा है ,सब कोई जो फोटो में है .
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12:53 - 12:56यार , में इस फोटो को महेसुस कर सकताहू .
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12:56 - 12:58तो आब में जेसा कहेता हु आप वेसा करे
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12:58 - 13:01तो चलो , जो मेने पहेले चीन का उदाहरण दिया था वहा वापस चले
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13:02 - 13:04में चाहता हु आप वहा वापस जाये
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13:04 - 13:07तो ये सब कोयले की वाज़ह्से है ,तो इसी वजह से चानिस यहाँ पर अमरिकामे है
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13:07 - 13:09और में चाहता हु के इश ओउरत को आप एक चनिस ओउरत के रूप में देखे
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13:09 - 13:12एक चीनी झंडा प्राप्त करते हु ऐ
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13:12 - 13:15क्योकि उसका कोई चाहने वाला अमेरिका में मारा गया है
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13:15 - 13:17कोयले के विद्रोह मई
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13:17 - 13:19और सेनिक चनिस है ,
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13:19 - 13:21और सभी चीनी है
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13:21 - 13:24एक अमेरिकेन होनेके नाते आपको केसा महेसुस हो रहा है ?
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13:26 - 13:29इस द्रश्य के बारे में आप क्या सोच ते है ?
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13:31 - 13:33चलो, ये करके देखो , उसे वापस ले आओ
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13:33 - 13:35ये द्रश्य हे यहाँ पर ,
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13:35 - 13:37वो एक अमरीकी है , अमरीकी सेनिक ,
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13:37 - 13:39अमरीकी महिला जिसने अपना चाहने वाला खोया है
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13:39 - 13:42मिडल ईस्ट , इराक और अफगानिस्तान मई .
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13:42 - 13:44अब उसकी जगा आपने आपको रख के सोचे ,
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13:44 - 13:46उसकी जगा से सोचे
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13:46 - 13:49एक अरब मुस्लिम जो की इराक में रहेता है .
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13:50 - 13:53आप क्या महेसुस कर रहे है और सोच रहे है
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13:53 - 13:55इश तस्वीर के बारे मई ,
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13:55 - 13:58और इश महिला के बारे मई ?
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14:05 - 14:07ठीक है .
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14:07 - 14:09अब मेरी इस बात पे ध्यान दे ,
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14:09 - 14:11क्यों के यहाँ में बहोत ही बड़ा जोखम उठा रहा हु .
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14:11 - 14:14सो में आपको भी ये जोखम उठाने केलिये आमंत्रित करता हु .
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14:14 - 14:16यहाँ पर ये सज्जन हे , वो एक विद्रोहि है .
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14:16 - 14:18वे अमेरिकेन सेनिको के हाथ पकडे जाते है ,
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14:18 - 14:20अमरीकियों को मारने के प्रयास मई .
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14:20 - 14:23और सायद वे कामियाब भी हुए ,सायद वे कामियाब भी हुए .
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14:23 - 14:25अब आप एक अमेरिकेन सेनिक की जगह से सोची ये
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14:25 - 14:29जिन्होंने इन्हें पकड़ा है .
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14:29 - 14:31क्या आप गुस्सा महेसुस कर सकते है ?
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14:31 - 14:33क्या आप को ऐसा महेसुस होता है की इनको पकडके उनकी गर्दन मरोड़ दे
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14:33 - 14:35उनकी गर्दन मरोड़ दे ?
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14:35 - 14:37क्या आप वहा जा सकते है ?
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14:37 - 14:39ये इतना मुस्किल नहीं होना चाही ऐ .
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14:39 - 14:42आप जेसे की -- मार दलु इन्हें !
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14:44 - 14:48अब , अपने आप को इनकी जगा रख के देखे .
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14:50 - 14:52क्या वे खुखर हत्यारे है ?
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14:52 - 14:55और देश के रखेवाले है ?
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14:55 - 14:57कोन है ?
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14:58 - 15:01क्या आप उनका क्रोध महेसुस कर सकते है ,
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15:01 - 15:03उनका डर,
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15:03 - 15:05उनका आक्रोश ,
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15:05 - 15:07और उनके देश में जो हुआ ?
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15:07 - 15:09क्या आप कल्पना कर सकते है
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15:09 - 15:12इनमेसे एक इस सुबह
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15:12 - 15:15जुक के अपने बच्चे को गले लगा के
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15:15 - 15:19कहा होगा ,"मेरे प्यारे में देरसे वापस आऊंगा .
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15:19 - 15:22में तुम्हारी आज़ादी और जिन्दगी केलिए लड़ने जारहा हु .
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15:22 - 15:26में बहार जा रहा हु आपने,
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15:26 - 15:28और अपने देश के भविष्य केलिए
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15:28 - 15:30क्या आप ऐसा सोच सकते है
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15:30 - 15:33क्या आप ये कल्पना कर सकते है
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15:33 - 15:36क्या आप वहा जा सकते है
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15:37 - 15:40क्या आप वहा जा सकते है ?
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15:47 - 15:49देखि ये , ये हे सहानुभूति .
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15:49 - 15:52और ये समज्दारिभी है .
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15:52 - 15:54और सायद आप ये पूछे भी .
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15:54 - 15:57और सायद आप पूछे , आप इस किसम के काम क्यों करते हो ?
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15:57 - 15:59आप सारे उदहारण नो में से यही उदहारण क्यों लिया ?
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15:59 - 16:02और में कहुगा .. क्यों के ... क्यों के .
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16:02 - 16:04आपके इन लोगो से नफ़रत करने का अधिकार है .
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16:04 - 16:07आपको पूरी छुट है उनसे नफरत करनेकी
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16:07 - 16:09आप के हर एक अंग्से .
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16:09 - 16:11अगर में आप को लेजाऊ
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16:11 - 16:13उनकी जगह
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16:13 - 16:15और एक कदम भी चलने को कहू
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16:15 - 16:17एक छोटा सा कदम ,
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16:17 - 16:20ताब महेसुस करे वो समाजशास्त्रीय विश्लेषण.
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16:20 - 16:24जो की आप जिन्दगी के हर इक पहेलु में कर सकते है .
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16:24 - 16:26आप एक मिल चल सकते है
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16:26 - 16:28जब आपको ये समाज आये गा
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16:28 - 16:31के वो आदमी क्यों ४० माइल की गति से गाड़ी चला रहा है
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16:31 - 16:34इश छोटेसे रस्ते पे
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16:34 - 16:36और आप का नाबालिक बेटा ,
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16:36 - 16:38और आपका पडोशी जो आपको परेशां करता है
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16:38 - 16:40इतवार के दिन सुबह आवाज कर के .
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16:40 - 16:43कोई भी चीज हो , आप वो महेसुस कर सको गे .
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16:43 - 16:45और में आपने च्चात्रो को ये कहे ता हु
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16:45 - 16:49आप आपनी छोटी दुनियासे बहार देखे
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16:49 - 16:51आप किशी की छोटी सी
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16:51 - 16:53दुनिया में देखे
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16:53 - 16:57और फिरसे करिए फिरसे करिए फिरसे करिए .
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16:57 - 16:59और अचानक ये छोटी छोटी दुनिया ,
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16:59 - 17:01एक उलज़े हुऐसे जाल में बदल जाए गी .
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17:01 - 17:04और उन्हों ने बहोत ही बड़ी और अटपटी दुनिया बनाली
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17:04 - 17:06और अचनाक आपको पता भी नहीं चला
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17:06 - 17:09आप दुनिया को आलग नजरिये से देख रहे हो
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17:09 - 17:11सब कुछ बदल गया है.
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17:11 - 17:13आपके जीवन में सब कुछ बदल गया है
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17:13 - 17:16और स्चमई यही तो है वो .
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17:16 - 17:19दूसरे के जीवन में भाग ले
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17:19 - 17:21और उसे
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17:21 - 17:23दुश्रे लोगो को सुने
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17:23 - 17:26आपने आप को जागृत करे
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17:26 - 17:28में ये नहीं कहे रहा हु
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17:28 - 17:30के में आतंकवादकों सुप्पोर्ट कर रहा हु
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17:30 - 17:32लेकिन एक समाजविज्ञानी के रूप में,
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17:32 - 17:34मई जो कहे रहा हु
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17:34 - 17:37जो मई समाज रहा हु
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17:38 - 17:42और अब शायद - शायद - आप भी करते हैं
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17:42 - 17:44धन्यवाद
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17:44 - 17:46तालियाँ
- Title:
- सहानुभूति में एक कट्टरपंथी प्रयोग
- Speaker:
- Sam Richards
- Description:
-
सैम रिचर्ड्स ,जो की एक समाजशास्त्री है , TEDxPSU में अमेरिकी दर्शको को विचार प्रक्रिया के माध्यमसे कदप्से कदम दोरते हुए एक असाधारण चुनोती रखते है : क्या वे समाज सकते है -- सहेमती नहीं -- मगर समाजना -- एक इराक विद्रोही को ?इश हाद ताक , के कोई उन्हें सच में समजे और उनसे सहानु भूति दर्शाए ?
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 17:47