कई लोगो को व्यायाम इतर लोगो से कठिन क्यूँ लगता है
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0:01 - 0:03दृष्टि सबसे महत्वपूर्ण है
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0:03 - 0:06और हमारी प्राथमिक समझ का स्रोत है|
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0:06 - 0:07हम अपने आसपास की दुनिया में
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0:07 - 0:09लगातार देखते हैं,
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0:09 - 0:11और जल्द ही हम पहचान और समझ लेते हैं
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0:11 - 0:14कि हमने क्या देखा|
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0:14 - 0:16चलिए इस तथ्य को एक
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0:16 - 0:17उदाहरण के साथ शुरू करते हैं ।
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0:17 - 0:19मैं आपको एक व्यक्ति की तस्वीर दिखाउँगी ,
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0:19 - 0:21सिर्फ एक या दो सेकंड के लिए,
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0:21 - 0:23और मैं चाहुंगी की आप पहचानें
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0:23 - 0:25कि उसके चहरे पर कौन सी भावना है?
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0:25 - 0:26तैयार ?
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0:26 - 0:29पेश है | अपनी सहज प्रवृत्ति का पालन करें।
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0:29 - 0:31ठीक है। आपने क्या देखा?
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0:31 - 0:33खैर, हमने वास्तव में 120 से अधिक
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0:33 - 0:36व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया,
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0:36 - 0:37और परिणाम अनिर्णायात्मक रहे।
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0:37 - 0:40लोगो में सहमती नहीं थी कि कौन
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0:40 - 0:43सी भावनाऎं उनहोने उसके चेहरे पर देखीं।
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0:43 - 0:44हो सकता है कि आपने बेचैनी देखी।
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0:44 - 0:46यही सबसे अधिकतम प्रतिक्रिया थी
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0:46 - 0:48जो हमें प्राप्त हुइ ।
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0:48 - 0:50लेकिन अगर आपने अपनी बाईं तरफ वाले व्यक्ति से पूछा, तो
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0:50 - 0:52हो सकता है कि उन्होंने
अफसोस या संदेह कहा हो, -
0:52 - 0:54और आपने, आपके दाईं तरफ किसी को अगर पूछा,
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0:54 - 0:57हो सकता है कि उन्होंने
पूरी तरह से कुछ अलग कहा हो, -
0:57 - 1:00जैसे कि अाशा या सहानुभूति ।
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1:00 - 1:02तो हम सब देख रहे हैं
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1:02 - 1:05फिर से उसी चेहरे को ।
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1:05 - 1:06हो सकता है कि हम देखें
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1:06 - 1:09पूरी तरह से कुछ अलग,
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1:09 - 1:12क्यूंकि धारणा व्यक्तिपरक है।
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1:12 - 1:14जो हम सोचते हैं कि हमने देखा
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1:14 - 1:15वास्तव में फ़िल्टर्ड है
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1:15 - 1:18हमारे अपने मन की आंखों के माध्यम से।
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1:18 - 1:20बेशक, कई अन्य उदाहरण हैं
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1:20 - 1:22कि कैसे हम दुनिया को देखते है,
अपने मन की आंखों से। -
1:22 - 1:24मैं आपको बस कुछ ही उदाहरण देने जा रही हू।
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1:24 - 1:27मिताहारी तो, उदाहरण के लिए,
-
1:27 - 1:29सेब बड़ा देखते हैं
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1:29 - 1:32उन लोगों की तुलना में
जो कैलोरी की गिनती नहीं कर रहे हैं | -
1:32 - 1:35सॉफ्टबॉल खिलाड़ी गेंद छोटे रूप में देखते हैं
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1:35 - 1:38यदि वे बस एक मंदी से बाहर आए हैं,
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1:38 - 1:41उन लोगों की तुलना में
जो अच्छा कर रहे हैं । -
1:41 - 1:44हमारी राजनीतिक धारणा पर भी यह
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1:44 - 1:46निर्भर करता है कि हम व्यकतियों को और
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1:46 - 1:49राजनेताओं को कैसे देखते हैं |
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1:49 - 1:52तोह मेरे अन्वेषण टीम और मैने
यह प्रश्न की परीक्षा का निर्णय लिया -
1:52 - 1:56२००८में, बराक ओबामा
पहली बार राष्ट्रपती -
1:56 - 1:57चुनाव केलीये लढ रहे थे,
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1:57 - 2:00और हमने कई अमिरिकियों का
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2:00 - 2:02एक महिना पहले सर्वेक्षण किया|
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2:02 - 2:04यह सर्वेक्षण में हमे पता चला की,
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2:04 - 2:06क्या कुछ लोग, क्या कुछ अमरीकी
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2:06 - 2:08फोटोग्राफ का ऐसा विचार कर सकते
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2:08 - 2:11ओबामासच में कैसे देखते है|
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2:11 - 2:14उसमे से ७५ % लोग
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2:14 - 2:17ओबमाजी केलिए असल में मत दिया|
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2:17 - 2:20बाकी लोग, फिरभी
ऐसे फोटोग्राफ्स विचार किया -
2:20 - 2:22सच में ओबामा कैसे दीखते है|
-
2:22 - 2:24उसमे से ८९ % लोगो ने
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2:24 - 2:26मैक्केनको मत दिया|
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2:26 - 2:29हमने ओबामा के बहुतसे फोटोग्राफ्स दिखाए
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2:29 - 2:31एक के बाद एक
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2:31 - 2:34तो लोगो को समजा नहीं की,
हम फोटोग्राफ बदल रहे थे -
2:34 - 2:36एक से अगले वाले तक
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2:36 - 2:38या कृत्रिम किरणोंसे
-
2:38 - 2:40या त्वचा ज्यादा काली बनाकर|
-
2:40 - 2:42तो ये कैसे संभव है?
-
2:42 - 2:45मैं जब किसी व्यक्ती,
वस्तू, या घटना देखती हूँ, उस समय -
2:45 - 2:46दुसरे किसी को दीखता है, उससे
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2:46 - 2:48कुछ अलग ही मुझे दीखता है|
-
2:48 - 2:50ये कैसे हो सकता है?
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2:50 - 2:53वैसे तो बहुतसारे कारण है
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2:53 - 2:55लेकिन उसमे से एक कारन के लिए
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2:55 - 2:57आँखों का कार्य अधिक समजना जरुरी है
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2:57 - 2:59तो दृष्टी वैज्ञानिक जानते है की
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2:59 - 3:01सच में एक क्षण में देखि हुई
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3:01 - 3:03हमे मिलने वाली
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3:03 - 3:05कोई माहिती
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3:05 - 3:07वैसे तोह बहुत कम होती है|
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3:07 - 3:10जो हम सूक्ष्म,
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3:10 - 3:12स्वच्छऔर अचूक देखते है,
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3:12 - 3:14वो केवल हमने दूर पकडे हुए
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3:14 - 3:16हात के अंगुठे के
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3:16 - 3:19सामान ही रहता है|
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3:19 - 3:21उसके आजूबाजु का सभी अंधुक होता है|
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3:21 - 3:23उसकी वजह से हमारे आँखों के सामे आई हुई
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3:23 - 3:26बहुतसे संदिग्ध होते है|
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3:26 - 3:28लेकिन हमने क्या देखा यह स्पष्टकर के
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3:28 - 3:30उसका अर्थ निकलना पड़ता है|
-
3:30 - 3:34और ओना मन खाली जगह भरने को मदद करता है
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3:34 - 3:37उसकी वजह से धरना व्यक्तिसक्षेप होती है|
-
3:37 - 3:39और उसी वजह से जो हम देखते है
-
3:39 - 3:41वो अपने मन का चित्र होता है
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3:41 - 3:43तो मैं एक सामाजिक मानसशास्त्रज्ञ हूँ|
-
3:43 - 3:44और ऐसे प्रश्न
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3:44 - 3:46मेरा ध्यान ले लेलते है|
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3:46 - 3:48व्यक्तिगत मतभेद
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3:48 - 3:50मुझे मुग्ध करते है
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3:50 - 3:52ये कैसे हुआ होगा?
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3:52 - 3:55किसीको ग्लासआधा भरा हुआ दिख सकता है
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3:55 - 3:56तो किसीको वह
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3:56 - 3:57आधा खाली दिखाई दे सकता है|
-
3:57 - 4:01किसी व्यक्ति के विचार या भावनाए
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4:01 - 4:02क्या होगी?
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4:02 - 4:04की जिसकी वजह से उसको
पूरी दुनिया अलग दिखती होगी? -
4:04 - 4:07और उससे सच में कोई फरक होता है क्या?
-
4:07 - 4:10यह प्रश्न को हल निकलने केलिए
हमने शुरुवात की -
4:10 - 4:13मैं और मेरे ग्रुपने एक विषय में
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4:13 - 4:14घर सोचने का निर्णय लिया
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4:14 - 4:16पूरी दुनिया का लक्ष्य खीचने वाला वह विषय
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4:16 - 4:18अपना आरोग्य और स्वास्थ्य|
-
4:18 - 4:19दुनियाभार्के लोग
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4:19 - 4:22वजन नियत्रंण में रखने केलिए काम कर रहे है
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4:22 - 4:24और वजन न बढे इसीलिए
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4:24 - 4:27अनेक प्रकार के उपाय अपने मदद केलिए हाजिर है
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4:27 - 4:31उदाहरणार्थ, हम पक्का करते,
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4:31 - 4:33छुट्टियोंके बाद व्यायाम शुरू करेंगे,
-
4:33 - 4:36लेकी असल में, बहुतसे अमेरिकन लोगो को
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4:36 - 4:38अपने नए साल की संकल्पना
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4:38 - 4:41वैलेंटाइनडे तक तोड़ दी होती है|
-
4:41 - 4:42हम अपने आपको
-
4:42 - 4:44उत्तेजन देते रहेते है
-
4:44 - 4:46बताते रहते है
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4:46 - 4:48यह साल फिरसे आकार में आएँगे
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4:48 - 4:50लेकिन अपना वजन काबू में लाने केलिए
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4:50 - 4:51इतना काफी नहीं रहता
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4:51 - 4:53तो, ऐसा क्यूँ?
-
4:53 - 4:55देखा जाए तो इसका कोई आसन उत्तर नहीं है|
-
4:55 - 4:58लेकिन अपने विरोध में जानेवाली
अपने मन की दृष्टी -
4:58 - 5:00ही इसके पीछे का एक कारण है|
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5:00 - 5:01ऐसा मेरा युक्तिवाद है|
-
5:01 - 5:04कुछलोगो को व्यायाम
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5:04 - 5:06बहुत कठिन लगता है
-
5:06 - 5:08तो कुछ लोगो को
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5:08 - 5:10बड़ा आसान|
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5:10 - 5:14तो यह प्रश्न की परीक्षा लेते हुए,
पहली स्टेप -
5:14 - 5:16हमने लोगो की प्रकृति
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5:16 - 5:19वस्तुनिष्ठ मापन इकट्ठा किया|
-
5:19 - 5:21हमने उनके कमर की साइज़ गिनी,
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5:21 - 5:25उनके नितम्ब के परिघ के तुलना में
-
5:25 - 5:26कमर से नितम्ब गुणोत्तर
-
5:26 - 5:28ज्यादा होना
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5:28 - 5:30बुरा आरोग्य का लक्षण है|
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5:30 - 5:33यह मापन इकठ्ठाकरने के बाद
-
5:33 - 5:34हमने सहभागी लोगो को एक रेखा में
-
5:34 - 5:36थोडा ज्यदा वजन उठा के
-
5:36 - 5:38चलते जाने को कहा,
-
5:38 - 5:39एक तरह की रेस ही|
-
5:39 - 5:41लेकिन वैसा करने से पहले उनको
-
5:41 - 5:43अंतिम रेखा तक कितना अंतर,
-
5:43 - 5:45इसका अंदाज लेने को कहा|
-
5:45 - 5:47हमे लगा की उनको, यह अंतर
कितना मेह्सूस होता है -
5:47 - 5:51यह उनके शारीरिक स्वास्थ्यपर
निर्भर होता है| -
5:51 - 5:53और हमे क्या मिला?
-
5:53 - 5:55तोह, कमर से नितंब गुणोत्तर
-
5:55 - 5:58इसका सच में अंतर का कारण था|
-
5:58 - 6:01शारीरिकदृष्ट्या अक्षम लोगो को
-
6:01 - 6:03अंतिम रेखातक अंतर सच में
-
6:03 - 6:04बहुत ज्यादा दिख रहा,
-
6:04 - 6:06सुदृढ़लोगो के तुलना में|
-
6:06 - 6:08लोगो का स्वास्थ्य,
-
6:08 - 6:11उनकी परिस्थिति की धरना बदल रही थी|
-
6:11 - 6:13लेकिन वैसे ओना मन भी बदल सकता है|
-
6:13 - 6:15हाला की अपना शारीर और मन
-
6:15 - 6:17मिलके काम करते है
-
6:17 - 6:20और उससे
अपने परिस्थिति की धरना रखते है -
6:20 - 6:22इससे हमे ऐसा लगा की,
-
6:22 - 6:23व्यायाम की प्रेरणा,
-
6:23 - 6:25और ध्येय होने वाले लोगो में
-
6:25 - 6:28अन्तिमे रेखा असल में पास दिखती होगी
-
6:28 - 6:32कम प्रेरणा रखने वाले लीगी को
उससे ज्यादा नजदीक दिखती होगी| -
6:32 - 6:34तो, प्रेरणाओ के धारणापर
कुछ परिणाम होता है क्या? -
6:34 - 6:38यह देखने केलिए
-
6:38 - 6:40हमने दूसरा एक निरिक्षण किया
-
6:40 - 6:42फिरसे हमने लोगो के स्वास्थ्य की
-
6:42 - 6:44जानकारी इकठ्ठा कियी|
-
6:44 - 6:46उनके कमर का घेरा गिना
-
6:46 - 6:48और उनके नितंब का घेरा गिना
-
6:48 - 6:52और उनको कुछ स्वास्थ्य के
परिक्षाए लेने को कहा| -
6:52 - 6:54यह चाच्नियो के बारे में हमारा मत सुनके
-
6:54 - 6:56कुछ लोग बोले की
-
6:56 - 6:58इसके पर हमे व्यायाम की
प्रेरणा नहीं मिल रही| -
6:58 - 7:00अपने स्वास्थ्य का ध्येय पूरा हुआ
-
7:00 - 7:02ऐसे उनको लग रहा था
-
7:02 - 7:04और उससे ज्यादा
-
7:04 - 7:06उनको कुछ करना नहीं था|
-
7:06 - 7:09ये लोगो के पास प्रेरणा नहीं थी|
-
7:09 - 7:11लेकी बकियोनेहमारा मत सुनके,
-
7:11 - 7:14व्यायाम की प्रेरणा मिली बताया|
-
7:14 - 7:16अंतिम रेखा तक पहुचना मुख्य उद्देश था|
-
7:16 - 7:18लेकिन फिरसे, अंतिम रेखा तक
-
7:18 - 7:20पहुचने से पहले उनको
दुरी का अंदाज लगाने को कहा -
7:20 - 7:22अंतिम रेखा कितनी दूर होगी?
-
7:22 - 7:24और फिर से पहले निरिक्षणके जैसे
-
7:24 - 7:29देखा की , कमर से नितंब का गुणोत्तर ही
-
7:29 - 7:31अंतर के धरना सच है|
-
7:31 - 7:33अक्षम लोगो को ज्यादा लगा,
-
7:33 - 7:35अंतिम रेखा ज्यादा दूर लगी,
-
7:35 - 7:37स्वस्थ लोगो की तुलना में
-
7:37 - 7:38फिर भी महत्वपूर्ण,
जिन लोगो के पास -
7:38 - 7:40व्यायाम करने की प्रेरणा नहीं थी,
-
7:40 - 7:43उसके साथ भी ऐसा ही हुआ|
-
7:43 - 7:45दूसरी जगह,
-
7:45 - 7:47व्यायाम के बारे में कठोर प्रेरणा
रखनेवाले लोगो को -
7:47 - 7:49अंतर कम दिखा|
-
7:49 - 7:50सबसे कम अक्षम कोगो को भी
-
7:50 - 7:52अंतिम रेखा
-
7:52 - 7:55उतनी ही नजदीक दिखी|
-
7:55 - 7:57शायद स्वस्थ लोगो को
-
7:57 - 7:59उससे ज्यादा पास.
-
7:59 - 8:03तो अपना स्वास्थ्य,
-
8:03 - 8:05अंतिम रेखा कितनी दूर दिखती है,
बदल सकता है| -
8:05 - 8:07लेकिन जिन लोगोने ध्येय मुमकिन है
ऐसा सोचा था -
8:07 - 8:09उनको वोह जल्दी पूरा करना शक्य हुआ
-
8:09 - 8:12जिनको वोह पूरा करने में हम पात्र है
-
8:12 - 8:14ऐसा लग रहा था,
-
8:14 - 8:17उनको व्यायाम सच में आसन लग रहा था|
-
8:17 - 8:19इससे हमे यह प्रश्न आया की,
-
8:19 - 8:21ऐसी कोई युक्ति हम कर सकते
-
8:21 - 8:24या लोगो को सिखा सकते क्या
-
8:24 - 8:26जिसकी वजह से दुरी की धारणा बदलेगी?
-
8:26 - 8:28और उनको व्यायाम आसन लगे?
-
8:28 - 8:31तो हमने विज्ञान साहित्य के ओरदेखा
-
8:31 - 8:34क्या करे धुंडने केलिए
-
8:34 - 8:36और यह वाचन के सहाय्यसे
हमे एक युक्ति सूझी -
8:36 - 8:38उसका नाम रखा "ध्येयपे ध्यान रखे"
-
8:38 - 8:40यह एक प्रेरणादायी विज्ञापन
-
8:40 - 8:43घोषणा नहीं है|
-
8:43 - 8:45एक मार्गदर्शक तत्व है
-
8:45 - 8:49अपने परिस्थितीके ओर कैसे देखे,
इसके बारे में| -
8:49 - 8:51हमने युक्ति जो लोगो को सिखाई
-
8:51 - 8:52उनको बताया अंतिम रेखा पर लक्ष्यकेन्द्रित करे|
-
8:52 - 8:54यहा वहा न देखे|
-
8:54 - 8:56ऐसा सोचे की
-
8:56 - 8:58वः ध्येय पर एक प्रकाश है
-
8:58 - 9:00और उसके बाजू का अंधुक है|
-
9:00 - 9:03या दिखना कठिन है|
-
9:03 - 9:04हमे लगा की,
-
9:04 - 9:06यह युक्ति से व्यायाम आसन लगने लगेगा|
-
9:06 - 9:07यह लोगों के समूह की तुलना
-
9:07 - 9:09हमने एक संदर्भ गत से की
-
9:09 - 9:10उनको हमने बताया
-
9:10 - 9:12आपके आजू बाजु देखें
-
9:12 - 9:13ऐसे ही, आसानी से
-
9:13 - 9:15आपको अंतिम रेखा तो दिखेगी ही
-
9:15 - 9:18लेकिन शायद आपको दाहिने बाजु का
-
9:18 - 9:20कचरे का डिब्बा भी दिखेगा|
-
9:20 - 9:22या बाए बाजू का लाइट का खम्बा और वो लोग
-
9:22 - 9:25हमे लगा की यह युक्ति लगाने वालो को
-
9:25 - 9:27अंतर ज्यादा ही लगेगा
-
9:27 - 9:29तोह हमे क्या समझमें आया ?
-
9:29 - 9:31उनको अंतरकितना होगा सोचने को कहा
-
9:31 - 9:32लेकिन उनकी धारणा बदलने
-
9:32 - 9:34यह युक्ती कामयाब हुई क्या?
-
9:34 - 9:37हां|
-
9:37 - 9:39जो लोगोने ध्येय पे लक्ष्य रखा,
-
9:39 - 9:40उनको अंतिम रेखा ३०% नजदीक दिखी|
-
9:40 - 9:42जो लोगो ने आजू बाजू देखा
-
9:42 - 9:44उनके तुलना में|
-
9:44 - 9:45यह हमे बहुत अच्छा लगा
-
9:45 - 9:47बहुत आनंद हुआ,
-
9:47 - 9:49इसका मतलब यह की
-
9:49 - 9:51यह युक्ति से व्यायाम आसान लगने लगा
-
9:51 - 9:52लेकिन मत्वपूर्ण प्रश्न यह की,
-
9:52 - 9:54इससे व्यायाम सचमे
-
9:54 - 9:56आसान होगा क्या?
-
9:56 - 9:58इससे व्यायाम का दर्जा भी
-
9:58 - 10:00सुधारेगा क्या?
-
10:00 - 10:02इसके बाड़ी सहभागियो को बताया की अब
-
10:02 - 10:04आपको ज्यादा वजन उठा के
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10:04 - 10:07अंतिम रेखा तक पहुचना है|
-
10:07 - 10:09हमने दोनों पैरोपे वजन लगाया|
-
10:09 - 10:11उनके वजन के १५%|
-
10:11 - 10:13हमने उनको दोनों घुटने उठाके अंतिम रेखा तक
-
10:13 - 10:15जलद गती से अंतिम एर्ख तक पहुचने को कहा
-
10:15 - 10:17यह व्यायाम हमने कठिन बनाया था,
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10:17 - 10:18लेकिन सिर्फ थोडासा ही|
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10:18 - 10:21अशक्य तो था ही नहीं|
-
10:21 - 10:23बाकी व्यायाम जैसे,
-
10:23 - 10:25जो सचमे अपना स्वास्थ्य सुधारते है
-
10:25 - 10:28तो महत्वपूर्ण प्रश्न यह की
-
10:28 - 10:31ध्येय पे नजर रख के और
-
10:31 - 10:32अंतिम रेखापर लक्ष्य केन्द्रित करके
-
10:32 - 10:34उनका व्यायाम का अनुभव बदला क्या?
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10:34 - 10:36हां| बदला|
-
10:36 - 10:38जो लोंगोने ध्येय पर नजर राखी थी,
-
10:38 - 10:40उन्होंने हमे बाद में बताया,
-
10:40 - 10:43व्यायाम करने केलिए
-
10:43 - 10:45१७% मेहनत कम करनी लगी|
-
10:45 - 10:47जो लोग ऐसे ही आजू बाजू देख रहे थे,
उनकी तुलना में| -
10:47 - 10:50इससे उनके व्यायाम का
-
10:50 - 10:51व्यक्ति निष्ठअनुभव् बदला|
-
10:51 - 10:54वैसेही उनके व्यायाम का
-
10:54 - 10:56स्वरुप भी बदला
-
10:56 - 11:00जो लोगो ने दये पे नजर रखी थी,
-
11:00 - 11:01वे असल में १५ प्रतिशक जल्दी चल रहे थे,
-
11:01 - 11:03जो लोग ऐसे ही आजू बाजू देख रहे थे,
उनकी तुलना में| -
11:03 - 11:07इसका अर्थ देखा जाए तो,
-
11:07 - 11:12२३% बढ़ना मतलब,
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11:12 - 11:14१९८० साल के शेव्ही सायटेशन के बदले में
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11:14 - 11:16२०१५ साल की शेव्हरोले कॉरव्हेट मिलाना|
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11:16 - 11:18इससे हम बहुत आनंदी हुए|
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11:18 - 11:20क्यूंकि इसका अर्थ यह था की,
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11:20 - 11:22बिना खर्च के युक्ति से
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11:22 - 11:24बड़ा बदल लाया था|
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11:24 - 11:25इसके अलावा वह आचरण में लाना भी अआसा थी|
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11:25 - 11:27लोग सुदृढ़ हो या
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11:27 - 11:30उसके लिए प्रयत्न करने वाले|
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11:30 - 11:32ध्येय पर नजर रखें की वजह से
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11:32 - 11:34व्यायाम आसान लगने लगा|
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11:34 - 11:37वैसे वह समय भी, जब लोग
ज्यादा तेज चलने केलिए -
11:37 - 11:39ज्यादा मेहनत ले रहे थे|
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11:39 - 11:41अब मुझे पता है की,
अच्छा आरोग्य का मतलब सिर्फ -
11:41 - 11:43ज्यादा तेजी से चलना नहीं
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11:43 - 11:45तो ध्येय पर नजर रखने की
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11:45 - 11:47एक ज्यादा युक्ति
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11:47 - 11:49आप लगा सकते है
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11:49 - 11:52निरोगी जीवनशैली को बढ़ावा देने केलिए|
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11:52 - 11:54हम अपने मन के दृशी से दुनिया देखते है
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11:54 - 11:57इसके बारे में अभी भी आप भ्रमित होंगे,
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11:57 - 11:59तोह में एक आखिर का उदाहरन देती हूँ|
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11:59 - 12:01स्टॉकहोल्म का रस्ते का छाया चित्र है|
वः दो कार है| -
12:01 - 12:02पीछे की कर आगे की कार से
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12:02 - 12:05बहुत बड़ी दिख रही है
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12:05 - 12:08असल में
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12:08 - 12:10दोनों एक ही आकर के है
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12:10 - 12:11लेकी अपने को वः वैसे दिख नहीं रही?
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12:11 - 12:14इसका अर्थ क्या?
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12:14 - 12:17अपने दृष्टी में कुछ बिघडा हुआ है
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12:17 - 12:19या अपने मस्तिष्क में गडबड है?
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12:19 - 12:21नहीं. इसका अर्थ बिलकुल ऐसा नहीं है|
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12:21 - 12:23अपनी दृस्थी ऐसे ही काम करती है, बस्स|
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12:23 - 12:25शायद हमे दुनिया अलग दिखती होगी
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12:25 - 12:27कधी उसके वस्तुस्थितिसे
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12:27 - 12:29मिलाप नहीं होगा|
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12:29 - 12:31इसक अर्थ ऐसा नहीं की, कोई एक बराबर
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12:31 - 12:34और कोई दूर गलत|
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12:34 - 12:36हम अपने मन की दृष्टीसे दुनिया देखते है
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12:36 - 12:38लेकिन हम उसको
अलग तरीके से देखना सिखा सकते है -
12:38 - 12:41जैसे मेरे आयुष्य की
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12:41 - 12:42बुरे दिनों की यादें|
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12:42 - 12:45मैं थकी हुई, नाराज, परेशान थी
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12:45 - 12:46और बहुत से काम बाकी थे|
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12:46 - 12:47और मेरे सिरपर एक
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12:47 - 12:49बड़ा काला आसमान होता है|
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12:49 - 12:51और ऐसे बुरे दिनों में
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12:51 - 12:53मुझे मेरे आजू बाजू के लोग
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12:53 - 12:56नाराज दीखते है'
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12:56 - 12:58मैंने कोई काम को ज्यादा समय माँगा की
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12:58 - 13:01मेरे सहकारी चिडे हुए दीखते|
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13:01 - 13:02मेरी मीटिंग देर से होने से
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13:02 - 13:04मै लंच देरसे गयी की
मेरी दोस्त परेशान दिखती -
13:04 - 13:07और दिन के आखिर में
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13:07 - 13:10मेरा पति निराश दिखता है|
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13:10 - 13:12क्यूँ की सिनेमा जाने के आलावा
सोना होता है -
13:12 - 13:15और ऐसे जब मुझे सभी नाराज
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13:15 - 13:18अस्वस्थ और नाराज दीखते,
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13:18 - 13:21तब मई इसकी तरफ दूसरी नजर से
देखने को याद दिलाती हूँ -
13:21 - 13:24शायद मेरा सहकारी परेशां होगा,
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13:24 - 13:26या मेरी दोस्त,
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13:26 - 13:28और पति को मेरी सहानुभूति लगती होगी|
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13:28 - 13:30इसका मतलब हम सभी
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13:30 - 13:31मन के द्र्सुती से दुनिया देखते है|
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13:31 - 13:34और यह कई बार, यह दुनिया
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13:34 - 13:37धोकादायक, कठिन या भयानक
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13:37 - 13:39दिखती भी होगी|
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13:39 - 13:41लेकिन हर बार ऐसे ही दिखेगी ऐसा नहीं
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13:41 - 13:43यह देखने केलिए नजर बदलना
सिख सकते है -
13:43 - 13:46और जग बदलने का मार्ग
मिला की यह हो भी सकता है -
13:46 - 13:47धन्यवाद
-
13:47 - 13:49(तालियाँ)
- Title:
- कई लोगो को व्यायाम इतर लोगो से कठिन क्यूँ लगता है
- Speaker:
- एमिली बालसेटिस
- Description:
-
कई लोगों को वजन कम करने केलिए बाकियों से ज्यादा मेहनत क्यूँ करनी पड़ती है|
सामाजिक मानसशास्त्रज्ञ एमिली बालसेटिस यह प्रश्न के अनेक हिस्सों से एक ही हिस्से का संशोधन बता रही है: दृष्टीविषयीक| यह माहितीपूर्ण भाषणमें, वे दिखा देती है, की आरोग्य के बारे में, कुछ लोगो को उनिय निराली दखती है इतर लोगो को उससे निराला|
यह बदलने केलिए वो एक आश्चर्य करने वाला उत्तर बताती है| - Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 14:08
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Why some people find exercise harder than others | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Why some people find exercise harder than others | ||
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Abhinav Garule approved Hindi subtitles for Why some people find exercise harder than others | ||
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Virendra Rathod accepted Hindi subtitles for Why some people find exercise harder than others | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Why some people find exercise harder than others |