अमेरिका को अपने महाशक्तिशाली होने के पद का प्रयोग कैसे करना चाहिए
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0:01 - 0:03TEDx पर आकर आप हमेशा
प्रौद्योगिकी के बारे में सोचते हैं, -
0:03 - 0:06बदलते हुए विश्व के बारे में,
परिवर्तन के बारे में। -
0:06 - 0:07आप चालकहीन
गाड़ी के बारे में सोचते हैं -
0:07 - 0:11हर कोई आज-कल चालकहीन
गाड़ी के बारे में बात कर रहा है, -
0:11 - 0:14और मुझे चालकहीन
गाड़ी का सिद्धान्त बहुत पसंद है, -
0:14 - 0:18पर मैं जब उसमें बैठता हूँ,
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0:18 - 0:19मैं चाहता हूँ कि वो बहुत धीरे-धीरे चले,
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0:20 - 0:25मैं उसके चालनचक्र और ब्रेक तक पहुँच
रखना चाहता हूँ, कहीं अगर ज़रूरत पड जाए तो। -
0:26 - 0:29मुझे आपके बारे में तो नहीं पता, लेकिन
मैं तो चालकहीन बस के लिए तैयार नहीं हूँ। -
0:30 - 0:33मैं चालकहीन विमान के लिए भी तैयार नहीं हूँ।
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0:35 - 0:37चालकहीन दुनिया के बारे में आप क्या कहेंगे?
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0:38 - 0:39और यह मैं इसलिए पूछ रहा हूँ
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0:40 - 0:43क्योंकि हम उसी की ओर प्रगतिशील हैं।
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0:45 - 0:47ऐसा होना नहीं चाहिए।
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0:47 - 0:49हम सबसे आगे हैं,
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0:49 - 0:52अमेरिका बड़ा है, और कार्यभारी है।
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0:53 - 0:57अमेरिकीकरण और वैश्वीकरण
पिछली कुछ पीढ़ियों से -
0:57 - 1:00एक सामान हो गए हैं।
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1:00 - 1:04सही? चाहे वह विश्व व्यापार संगठन हो,
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1:04 - 1:06या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष हो,
विश्व बैंक हो, -
1:06 - 1:08मुद्रा पर हुआ ब्रेटन वुड्स समझौता हो,
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1:08 - 1:10यह सब अमेरिका की संस्थाएँ थीं,
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1:10 - 1:14हमारे मूल्य, हमारे मित्र, हमारे
मित्र-राष्ट्र, हमारा धन, हमारे मानक। -
1:15 - 1:18विश्व इस तरीके से काम करता था।
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1:18 - 1:23तो यह थोड़ा रोचक है, अगर आप यह देखना
चाहते हैं कि अमेरिका कैसे सोचता है, -
1:23 - 1:24तो वो ये रहा।
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1:24 - 1:28यह हमारी सोच है, कि दुनिया कैसे चलती है।
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1:28 - 1:31राष्ट्रपति ओबामा लाल गलीचे पर चलते हुए
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1:31 - 1:32एयर फाॅर्स वन से उतरते हैं,
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1:32 - 1:35और ये बहुत अच्छा लगता है,
बहुत आरामदेह लगता है। -
1:35 - 1:39मुझे नहीं पता आपमें से कितने लोगों ने
पिछले सप्ताह की चीन यात्रा देखी थी, -
1:39 - 1:41और जी२०।
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1:41 - 1:43हे भगवान! सच में! है ना?
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1:43 - 1:45चीन में विश्व के नेताओं की
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1:45 - 1:48सबसे आवश्यक सभा के लिए
हम इस तरह पहुँचे। -
1:48 - 1:52राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नीचे खड़ा
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1:52 - 1:54दुर्वचन बोल रहा था,
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1:54 - 1:55लाल गलीचे के बिना,
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1:55 - 1:58विमान के नीचे
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1:58 - 2:01पूरा जनसंचार और बाकी सब थे।
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2:02 - 2:04जी२० में बाद में,
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2:04 - 2:05ये रहे ओबामा।
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2:06 - 2:08(खिलखिलाहट)
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2:08 - 2:09प्रणाम जॉर्ज,
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2:09 - 2:11प्रणाम नॉरमन।
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2:12 - 2:16ये ऐसे लग रहे हैं जैसे
ये कोई मुकाबला करने वाले हैं, है ना? -
2:16 - 2:19और किया भी। उन्होंने ९० मिनट के लिए
सीरिया के बारे में बात की। -
2:19 - 2:21पुतिन इसके बारे में बात करना चाहता था।
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2:21 - 2:23वह अधिकारी बनता चला जा रहा है।
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2:23 - 2:26वही है जो वहाँ कुछ करने की इच्छा रखता है।
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2:26 - 2:30बहुत ज़्यादा आपसी मेल
या विश्वास तो नहीं है, -
2:30 - 2:33पर ऐसा भी नहीं है कि अमेरिकी
उसे बता रहे हों कि करना क्या है। -
2:33 - 2:35और जब पूरे २० नेता एक साथ
मिल रहे हों, तब क्या? -
2:35 - 2:37और जब ये सारे नेता मंच पर हों,
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2:37 - 2:39तब अमेरिकन अपने हिस्से का काम करते हैं।
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2:39 - 2:41ओ-हो!
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2:41 - 2:42(खिलखिलाहट)
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2:44 - 2:47शी जिनपिंग ठीक लग रहे हैं।
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2:47 - 2:49ओंगेला मर्केल, वो हमेशा यही करती हैं,
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2:49 - 2:51देखिये, वो हमेशा यही करती हैं।
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2:51 - 2:54पर पुतिन तुर्की राष्ट्रपति एर्डोगन को
बता रहा है कि क्या करना है -
2:54 - 2:59और ओबामा सोच रहे हैं
कि वहाँ चल क्या रहा है? -
3:00 - 3:03देखा आपने? और समस्या यह है,
कि जिस दुनिया में हम रहते हैं, -
3:03 - 3:04वह जी२० नहीं,
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3:04 - 3:07जी० है,
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3:07 - 3:12एक ऐसी दुनिया जहाँ
कोई भी एक देश या सन्धि -
3:12 - 3:15वैश्विक नेतृत्व की चुनौतियों
का सामना नहीं कर सकते। -
3:15 - 3:17जी२० से काम नहीं चलता,
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3:18 - 3:21जी७, हमारे सारे मित्र,
वो इतिहास बन चुका है। -
3:22 - 3:24और वैश्विकिकरण चल रहा है।
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3:24 - 3:28वस्तुएँ और सेवाएँ और लोग और पूँजी,
देशों की सीमाएँ पहले से -
3:28 - 3:30और भी तेज़ी से पार कर रहे हैं,
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3:30 - 3:33लेकिन अमेरिकीकरण नहीं कर रहा।
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3:34 - 3:35तो अगर मैंने आपको यह समझा दिया,
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3:35 - 3:38तो मैं बाकी समय में
दो काम करना चाहता हूँ। -
3:38 - 3:42मैं पूरे संसार पर
इसके असर के बारे में -
3:42 - 3:43बात करना चाहता हूँ।
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3:43 - 3:45मैं वो करूँगा।
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3:45 - 3:46और फ़िर मैं बताना चाहता हूँ
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3:46 - 3:49कि हम यहाँ अमेरिका और न्यू यॉर्क में
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3:49 - 3:53इस विषय में क्या सोचते हैं।
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3:53 - 3:55तो यह असर है क्या?
हम यहाँ हैं क्यों? -
3:55 - 3:57हम यहाँ हैं
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3:57 - 4:00अमेरिका की वजह से,
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4:00 - 4:04हमने इराक और अफ़ग़ानिस्तान से ऐसे युद्ध
करने में दो लाख करोड़ डॉलर खर्च किये -
4:04 - 4:05जो असफल रहे।
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4:06 - 4:07हम ऐसा दोबारा नहीं करना चाहते।
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4:07 - 4:11हमारे पास बड़ी तादाद में
माध्यम और श्रमिक वर्गीय लोग हैं, -
4:11 - 4:15जिन्हें लगता है कि वैश्वीकरण के वादों से
उन्हें कोई फ़ायदा नहीं मिला, -
4:15 - 4:17तो वो उसका विशेषतः
प्रयोग नहीं करना चाहते। -
4:18 - 4:20और फिर हमारे पास ऊर्जा क्रान्ति है,
जिसके लिए हमें -
4:20 - 4:23पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन
या मध्यपूर्व की अब ज़रूरत नही है। -
4:24 - 4:26हम वो सब यहाँ अमेरिका में बनाते हैं।
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4:26 - 4:31तो अमेरिका के लोग
संसार की सुरक्षा के रक्षक -
4:31 - 4:34या वैश्विक व्यापार के निर्माता
नहीं बनना चाहते। -
4:34 - 4:37अमेरिका के लोग वैश्विक मूल्यों की
जयकार करने वाले भी नहीं बनना चाहते। -
4:37 - 4:41और फिर आप यूरोप को देखें,
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4:41 - 4:43जो संसार की सबसे महत्वपूर्ण सन्धि है,
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4:43 - 4:46वो है ट्रान्सअटलांटिक सम्बन्ध।
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4:46 - 4:50पर दूसरे विश्व युद्ध से अब तक में
इस समय वह सबसे कमज़ोर है, -
4:50 - 4:53यह सारा संकट
और ब्रेक्ज़िट की बातें, -
4:53 - 4:57फ़्रांसिसी और रूसियों के बीच
की जा रही प्रतिरक्षा, -
4:57 - 5:00या जर्मन और तुर्कियों के बीच,
या अंग्रेज़ों और चीनियों के बीच। -
5:01 - 5:03चीन और नेतृत्व नहीं करना चाहता।
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5:03 - 5:06चाहता है, लेकिन केवल आर्थिक क्षेत्र में,
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5:06 - 5:09और वो अपने खुद के मूल्य, मानक
और मुद्रा चाहते हैं, -
5:09 - 5:11अमेरिका के मुकाबले।
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5:11 - 5:13रूसी और नेतृत्व करना चाहते हैं।
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5:13 - 5:15जो आप देख सकते हैं यूक्रेन में,
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5:15 - 5:18बाल्टिक देशों में, मध्यपूर्व में,
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5:18 - 5:20लेकिन अमेरिका के लोगों के साथ नहीं।
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5:20 - 5:23वह अपनी खुद की पसन्द
और व्यवस्था चाहते हैं। -
5:23 - 5:25इसीलिए हम वहाँ हैं, जहाँ हैं।
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5:25 - 5:29तो आगे चल कर होगा क्या?
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5:29 - 5:31आसान जगह पर शुरुआत करते हैं,
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5:31 - 5:32मध्यपूर्व में।
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5:33 - 5:35(खिलखिलाहट)
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5:37 - 5:39मैंने थोड़ा कम दिखाया है,
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5:39 - 5:43लेकिन आपको समझ तो
आ ही रहा होगा। -
5:43 - 5:44देखिये, मध्यपूर्व की
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5:44 - 5:49ऐसी स्थिरता के
तीन कारण हैं। है ना? -
5:49 - 5:53एक तो इसलिए क्योंकि
अमेरिका और मित्र-राष्ट्रों में -
5:53 - 5:57कुछ हद तक सैन्य सुरक्षा
प्रदान करने की चाह थी। -
5:57 - 6:01दूसरा क्योंकि ज़मीन से बहुत सारा
पैसा सस्ते में निकालना आसान था, -
6:01 - 6:03क्योंकि तेल महँगा था।
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6:03 - 6:04और तिसरा
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6:04 - 6:10क्योंकि नेता कितने भी बुरे क्यों ना हों,
जनता अपेक्षाकृत मौन थी। -
6:10 - 6:12ना तो उनके पास योग्यता थी
और न चाह, -
6:12 - 6:14उनके विरुद्ध खड़े हो पाने की।
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6:14 - 6:16पर मैं आपको यह बता सकता हूँ
कि एक जी० विश्व में, -
6:16 - 6:20ये तीनों ही कारण
बहुत ज़्यादा दिन सच नहीं रहेंगे, -
6:20 - 6:22और इसी तरह असफल देश,
-
6:22 - 6:26आतंकवाद, शरणार्थी
और बाकी सब भी। -
6:26 - 6:28तो क्या पूरा मध्यपूर्व बिखर जायेगा?
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6:28 - 6:31नहीं, समय के साथ कुर्दों का हाल
अच्छा होगा, और इराक, इजराइल, ईरान का। -
6:31 - 6:34पर आम तौर पर बात करें तो
यह एक अच्छा नज़ारा नहीं है। -
6:34 - 6:37अच्छा इस आदमी का क्या होगा?
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6:37 - 6:40यह एक बुरी पारी को
बहुत अच्छे से खेल रहा है। -
6:40 - 6:43इसमें कोई दो राय नहीं, कि ये
उच्च स्तर का प्रदर्शन कर रहा है। -
6:43 - 6:46लेकिन लम्बे समय में --
मेरा मतलब वो नहीं था। -
6:46 - 6:50लेकिन लम्बे समय में, लम्बे समय में,
-
6:50 - 6:52अगर आपको लगता है कि रूसी
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6:52 - 6:58उनकी सीमा तक अमेरिका और यूरोप के द्वारा
नाटो बढ़ाने के कारण विरोधी बने, -
6:58 - 6:59ये कहने के बाद
कि वो नहीं करेंगे, -
6:59 - 7:02और यूरोप के अतिक्रमण के कारण,
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7:02 - 7:05तो आप तब तक इंतज़ार कीजिये
जब तक चीनी सैंकडों करोड़ डॉलर -
7:05 - 7:08रूस के आस-पास हर उस देश में नहीं डाल देते
जिनमें उनकी पहुँच है। -
7:08 - 7:12चीनी इसमें सबसे आगे होंगे।
रूसी टुकड़े समेट रहे होंगे। -
7:12 - 7:18एक जी० विश्व में, यह श्री पुतिन के लिए
बहुत तनाव भरे १० वर्ष होंगे। -
7:21 - 7:24यह उतना भी बुरा नहीं है। है ना?
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7:24 - 7:26एशिया असल में बेहतर दिखता है।
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7:26 - 7:29एशिया में असली नेता हैं,
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7:29 - 7:32उनके पास काफी राजनीतिक स्थिरता है।
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7:32 - 7:33वो अभी वहाँ और रहेंगे।
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7:33 - 7:35भारत में श्री मोदी,
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7:35 - 7:39श्री आबे, जिनको सम्भवतः जापान की
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में -
7:39 - 7:41तीसरी अवधि मिलने वाली है,
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7:41 - 7:44बेशक शी जिनपिंग, जो अत्यधिक
ताकत संगठित कर रहे हैं, -
7:44 - 7:47माओ के बाद चीन के
-
7:47 - 7:48सबसे शक्तिशाली नेता।
-
7:48 - 7:52यह एशिया की तीन
सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाएँ हैं। -
7:52 - 7:53अब देखिये, एशिया में समस्याएँ है।
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7:53 - 7:56हम दक्षिण चीन सागर पर विवाद देखते हैं।
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7:56 - 7:59हम देखते हैं की किम जोंग उन
ने पिछले कुछ दिनों में ही -
7:59 - 8:02एक और परमाणु अस्त्र का परिक्षण किया है।
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8:02 - 8:06लेकिन एशिया के नेताओं को
झंडा लहराने की -
8:06 - 8:08ज़रूरत नहीं महसूस होती,
-
8:08 - 8:10विदेशी लोगों को नापसन्द करने की,
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8:10 - 8:13आंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक
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8:13 - 8:15और सीमा पर, तनाव
की वृद्धि करने की। -
8:15 - 8:21वो लम्बे समय में आर्थिक स्थिरता और
विकास पर ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं। -
8:21 - 8:23और वो कर भी वही रहे हैं।
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8:24 - 8:25अब यूरोप की ओर देखते हैं।
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8:26 - 8:29यूरोप ऐसे वातावरण में
थोड़ा डरा सा दिखता है। -
8:29 - 8:31मध्यपूर्व में जो हो रहा है
वो बहुत कुछ -
8:31 - 8:36वस्तुतः यूरोप पर असर कर रहा है।
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8:36 - 8:40चाहे वो ब्रेग्जिट हो
या यूरोप के सभी देशों में चल रहा -
8:40 - 8:43लोकलुभावनवाद पर विवाद।
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8:43 - 8:46मैं आपको बता देना चाहता हूँ
कि लम्बे समय में, -
8:46 - 8:48एक जी० विश्व में,
-
8:48 - 8:52यूरोप का विस्तार कुछ ज़्यादा ही लगेगा।
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8:53 - 8:56यूरोप ऊपर रूस तक चला गया,
और नीचे मध्यपूर्व तक, -
8:56 - 9:01और अगर संसार सच में ज़्यादा समतल
और ज़्यादा अमेरिकी बन रहा होता -
9:01 - 9:02तो यह छोटी समस्या होती,
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9:02 - 9:06लेकिन एक जी० विश्व में,
रूस के और मध्यपूर्व के -
9:06 - 9:07सबसे पास वाले देशों की
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9:07 - 9:11आर्थिक सक्षमता असल में भिन्न होंगी,
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9:11 - 9:13भिन्न सामाजिक स्थिरता होगी
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9:13 - 9:17और भिन्न राजनितिक पसन्द
और व्यवस्था होगी, मूल यूरोप के मुकाबले। -
9:17 - 9:20तो यूरोप सच में जी७ के अन्दर
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9:20 - 9:22विस्तार कर पाया,
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9:22 - 9:24लेकिन जी० के अन्दर
यूरोप छोटा होता जायेगा। -
9:24 - 9:28जर्मनी और फ्रांस और बाकियों के
आसपास का मूल यूरोप -
9:29 - 9:33तब भी काम करेगा, क्रियाशील होगा,
स्थिर, धनवान, एकीकृत। -
9:33 - 9:34लेकिन उसकी परिधि,
-
9:34 - 9:36ग्रीस, तुर्की जैसे बाकी देश,
-
9:37 - 9:39उतने अच्छे बिलकुल नहीं दिखेंगे।
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9:40 - 9:44लैटिन अमेरिका, जहाँ
बहुत लोकलुभावनवाद ने -
9:44 - 9:46अर्थव्यवस्थाओं को
अच्छी तरह चलने नहीं दिया। -
9:46 - 9:48वो दशकों तक अमेरिका के विरुद्ध थे।
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9:49 - 9:50लेकिन अब वो बदल रहे हैं।
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9:50 - 9:52हमने ऐसा अर्जेंटाइन में देखा।
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9:52 - 9:54हमने ऐसा क्यूबा के खुलेपन में देखा।
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9:54 - 9:57हम इसे वेनेजुएला में तब देखेंगे
जब मादुरो का पतन होगा। -
9:57 - 10:00हम इसे ब्राज़ील में देखेंगे,
दोषारोपण के बाद -
10:00 - 10:04और जब हम वहाँ अन्ततः एक नया
वैध राष्ट्रपति चुने हुए देखेंगे। -
10:05 - 10:08वह एकमात्र जगह जहाँ आप
इसे दूसरी दिशा में चलते हुए देखते हैं, -
10:08 - 10:11वो मेक्सिकौ के राष्ट्रपति पेना नियतो की
अलोकप्रियता में है। -
10:11 - 10:15उसे शायद आप आने वाले वर्षों में
सच में अमेरिका से -
10:15 - 10:17दूर जाता हुआ देख पाएँ।
-
10:17 - 10:20अमेरिका में हो रहा चुनाव
उसके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। -
10:20 - 10:21(खिलखिलाहट)
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10:22 - 10:23अफ्रीका?
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10:23 - 10:27बहुत लोगों का कहना है कि
अन्ततः अफ्रीका का दशक आएगा। -
10:27 - 10:30एक जी० विश्व में,
कुछ अफ़्रीकी देशों के लिए -
10:30 - 10:32यह पूर्णतः अद्भुद समय है,
-
10:32 - 10:35जिनका शहरीकरण के साथ
अच्छी तरह शासन किया जाता है, -
10:35 - 10:38जहाँ चतुर लोग बहुत हैं,
स्त्रियाँ काम पर जा रही हैं, -
10:38 - 10:40व्यवसाय बढ़ रहा है।
-
10:40 - 10:43लेकिन अफ्रीका के ज़्यादातर देशों के लिये
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10:43 - 10:45यह ज़्यादा संदिग्ध होगा:
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10:45 - 10:48चरम जलवायु परिस्थितियाँ,
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10:48 - 10:52इस्लाम और ईसाई धर्म दोनों की उग्रता,
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10:52 - 10:54बहुत घटिया शासन,
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10:54 - 10:57सीमा जिसकी आप रक्षा नहीं कर पाते,
मजबूरी में होता अत्यधिक पलायन। -
10:57 - 10:59ऐसे देश नक़्शे से
ख़त्म हो सकते हैं। -
10:59 - 11:03तो आप सच में चरम सीमा पर
पूरे अफ़्रीका में -
11:03 - 11:06विजेता और पराजितों के बीच
होता हुआ अलगाव देखेंगे। -
11:06 - 11:10अन्ततः, अमेरिका पर वापस आते हैं।
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11:10 - 11:12हमारे बारे में मेरी क्या सोच है?
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11:12 - 11:15क्योंकि यहाँ बहुत लोग परेशान हैं,
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11:15 - 11:18यहाँ टेडएक्स में नहीं,
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11:18 - 11:20लेकिन अमेरिका में। हे ईश्वर,
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11:20 - 11:22१५ महीने के प्रचालान के बाद
हमें दुख़ी होना भी चाहिए। -
11:22 - 11:24यह मैं समझता हूँ।
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11:24 - 11:27पर बहुत लोग परेशान हैं
क्योंकि वो कहते हैं, "वॉशिंगटन खंडित है, -
11:27 - 11:30हमें स्थापन में विश्वास नहीं,
हमे जनसंचार पसंद नहीं।" -
11:30 - 11:34मेरे जैसे वैश्वीकरण को मानने वाले लोग भी
इसको बिना शिकायत स्वीकार करते हैं। -
11:34 - 11:39देखिये, मेरे हिसाब से
हमें यह समझना ज़रूरी है, -
11:39 - 11:41मेरे साथियों,
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11:41 - 11:45कि जब आपके पीछे भालू पड़ा हो,
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11:45 - 11:50वैश्विक सन्दर्भ में, तो आपको भालू को
पीछे छोड़ने की ज़रूरत नहीं है, -
11:50 - 11:52आपको सिर्फ अपने साथियों
को पीछे छोड़ने की ज़रूरत है। -
11:52 - 11:55(खिलखिलाहट)
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11:56 - 11:58तो मैंने अभी-अभी आपको
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11:58 - 12:00साथियों को पीछे छोड़ने के बारे में बताया।
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12:00 - 12:03है ना? और उस दृष्टिकोण से
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12:03 - 12:05हम ठीक दिखते हैं।
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12:05 - 12:07इस सन्दर्भ में बहुत लोगों का कहना है,
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12:07 - 12:11"डॉलर में भरोसा रखो,
न्यू यॉर्क की ज़मीन जायदाद में भरोसा रखो। -
12:11 - 12:14अपने बच्चों को अमेरिकी
विश्वविद्यालयों में भेजो।" -
12:14 - 12:16हमारे पड़ोसी बहुत अच्छे हैं:
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12:16 - 12:19कनाडा, मेक्सिकौ और
२ बड़े बड़े जल श्रोत। -
12:19 - 12:23क्या आपको पता है कि तुर्की कितना
खुश होगा ऐसे पड़ोसी पा कर। -
12:23 - 12:25ये बहुत अच्छे पड़ोसी हैं।
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12:26 - 12:29अमेरिका में एक समस्या आतंकवाद है।
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12:29 - 12:32भगवान जानता है कि हमने यहाँ
न्यू यॉर्क में उसे बहुत झेला है। -
12:32 - 12:35लेकिन वो यूरोप में अमेरिका से
ज़्यादा बड़ी समस्या है। -
12:35 - 12:37और यूरोप से भी बड़ी
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12:37 - 12:38मध्यपूर्व में।
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12:38 - 12:41यह विशालता के कारक हैं।
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12:41 - 12:46हमने अभी १०००० सीरियाई शरणार्थी स्वीकार
किये, और हम इसकी कड़वी शिकायतें कर रहे हैं। -
12:46 - 12:48पता है क्यों?
क्योंकि वो यहाँ तैर कर नहीं आ सकते। -
12:48 - 12:53है ना? तुर्की खुश होंगे बस १००००
सीरियाई शरणार्थी ले कर। -
12:53 - 12:56जोरदान के लोग, जर्मनी के,
ब्रिटैन के, है ना? -
12:57 - 12:58पर ऐसी स्थिति है नहीं।
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12:58 - 13:01यह अमेरिका की सच्चाई है।
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13:01 - 13:04अब यह तो काफी अच्छा दिखता है।
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13:04 - 13:07पर चुनौती यह है,
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13:07 - 13:10एक जी० विश्व में, आपको उदाहरण
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13:11 - 13:12से नेतृत्व करना पड़ता है।
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13:12 - 13:15अगर हम जानते हैं कि हम और ज़्यादा
वैश्विक रक्षक नहीं बनना चाहते, -
13:15 - 13:18अगर हमें पता है कि हम
वैश्विक व्यापार के निर्माता नहीं बनेंगे, -
13:18 - 13:21हम सांसारिक मूल्यों की
जयकार नहीं करेंगे, -
13:21 - 13:23हम वो नहीं करेंगे जो
हम करते आये हैं, -
13:23 - 13:24इक्कीसवी सदी बदल रही है,
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13:24 - 13:27हमें उदाहरण द्वारा नेतृत्व करना होगा,
इतना सम्मोहक होना होगा -
13:27 - 13:30कि ये सब बाकी लोग फिर भी कहेंगे,
-
13:30 - 13:32ऐसा नही है कि ये सिर्फ तेज़ हैं।
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13:32 - 13:35अगर भालू इनके पीछे न भी पड़ा हो,
तब भी ये अच्छी जगह पर हैं। -
13:35 - 13:36हम इनका अनुसरण करना चाहते है
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13:37 - 13:41इस वर्ष की चुनावी प्रक्रिया,
उदाहरण द्वारा नेतृत्व करने के लिये -
13:42 - 13:44एक अच्छा विकल्प सिद्ध नहीं हो रही।
-
13:45 - 13:47हिलेरी क्लिंटन कहती है,
कि ९० के दशक जैसा समय आएगा। -
13:47 - 13:50हम अब भी मूल्यों की जयकार
करने वाले बन सकते हैं। -
13:50 - 13:53हम अब भी वैश्विक व्यापार
के निर्माता बन सकते हैं। -
13:53 - 13:54हम अब भी संसार के
रक्षक बन सकते हैं। -
13:54 - 13:57और डोनाल्ड ट्रम्प हमें वापस
३० के दशक में ले जाना चाहता है। -
13:59 - 14:02वो कहता है, "मेरा रास्ता स्वीकार करो
या भाड़ में जाओ।" है ना? -
14:03 - 14:06दोनों ही जी० के इस मौलिक सच
को नहीं मान रहे, -
14:06 - 14:10कि चाहे अमेरिका
पतन की ओर अग्रसर नहीं है, -
14:10 - 14:13अमेरिका के लोगों के लिये
-
14:13 - 14:16अपनी इच्छा थोपना
कठिन होता जा रहा है, -
14:16 - 14:18और वैश्विक व्यवस्था पर
-
14:18 - 14:20ज़्यादा प्रभाव डालना भी।
-
14:20 - 14:24क्या हम सच में उदाहरण द्वारा
नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं? -
14:24 - 14:27नवम्बर के बाद
इसे ठीक करने के लिये -
14:27 - 14:28हमें क्या करना होगा,
-
14:29 - 14:31जब अगला राष्ट्रपति
अपनी जगह लेगा/लेगी? -
14:31 - 14:35या तो हम पर कोई ऐसा संकट आये
जो हमें प्रतिक्रिया करने पर मजबूर कर दे। -
14:35 - 14:37आर्थिक मंदी ऐसा कर सकती है।
-
14:37 - 14:39एक और वैश्विक आर्थिक
संकट ऐसा कर सकता है। -
14:39 - 14:41भगवान ना करे, पर एक और
९/११ ऐसा कर सकता है। -
14:41 - 14:44या फिर, संकट की अनुपस्थिति में,
-
14:44 - 14:50हमें देखना होगा कि
खोखली होती हुई असमानता, -
14:50 - 14:52अमेरिका में बढ़ती हुई चुनौतियाँ,
-
14:52 - 14:55खुद इतने आवश्यक हों,
-
14:55 - 14:57कि वो हमारे नेताओं को
बदलने पर मजबूर कर दें, -
14:57 - 14:59और हम वो आवश्यक आवाज़ें सुनें।
-
14:59 - 15:01अपने मोबाइल फ़ोन के ज़रिये, हमारे पास
-
15:01 - 15:04व्यक्तिगत रूप से वो आवाज़ें हों
जो उन्हें बदलने पर मजबूर कर दें। -
15:05 - 15:07और हाँ, एक तीसरा विकल्प भी है,
-
15:08 - 15:10शायद सबसे उपयुक्त,
-
15:10 - 15:13कि हम उनमे से कुछ भी न करें,
-
15:13 - 15:15और चार वर्ष बाद आप मुझे फिर से बुलाएं,
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15:15 - 15:18और मैं आपको यही भाषण दोबारा दूँ।
-
15:18 - 15:20आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
-
15:20 - 15:22(तालियाँ)
- Title:
- अमेरिका को अपने महाशक्तिशाली होने के पद का प्रयोग कैसे करना चाहिए
- Speaker:
- ईऐन ब्रेमर
- Description:
-
पिछली कुछ पीढ़ियों से अमेरिकीकरण और वैश्वीकरण का अर्थ समान ही रहा है। लेकिन अमेरिका का दुनिया पर दृष्टिकोण और दुनिया का अमेरिका पर दृष्टिकोण बदल रहा है। अंतरराष्ट्रीय राजनीती की वर्तमान स्थिति पर तेज़ी से चर्चा करते हुए, ईऐन ब्रेमर एक ऐसे संसार की चुनौतियों के बारे में बात करते हैं, जिसमें कोई एक देश या संधि वैश्विक नेतृत्व की चुनौतियों का सामना नहीं सकते, और पूछते हैं एक महत्वपूर्ण प्रश्न, कि क्या अमेरिका उदाहरण द्वारा, ना कि बल द्वारा, नेतृत्व करने के लिए तैयार है?
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 15:37
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for How the US should use its superpower status | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for How the US should use its superpower status | ||
Mihika Poddar accepted Hindi subtitles for How the US should use its superpower status | ||
Mihika Poddar edited Hindi subtitles for How the US should use its superpower status | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for How the US should use its superpower status | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for How the US should use its superpower status | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for How the US should use its superpower status | ||
Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for How the US should use its superpower status |