केवल शरणार्थी का बचाव ना करे अच्छी जिंदगी भी दे|
-
0:01 - 0:02मैंने शरणार्थियों के साथ
-
0:02 - 0:04काम करना शुरू किया क्यूंकि मैं
-
0:04 - 0:07कुछ कर दिखाना चाहती थी,
-
0:07 - 0:08और कुछ अलग करना शुरू किया
-
0:08 - 0:10उनकी कहानियां सुनाकर।
-
0:10 - 0:12जब मैं शरणार्थियों
को मिलती हूँ, -
0:12 - 0:15मैं हमेशा उन्हें सवाल पूछती हूँ।
-
0:15 - 0:17तुम्हारे घर पर बम किसने फेंका?
-
0:17 - 0:20तुम्हारे बेटे को किसने मारा?
-
0:20 - 0:24क्या तुम्हारे परिवार के बाकी सदस्य
जीवित बच पाए? -
0:24 - 0:26तुम कैसे सामना कर रहे हो
-
0:26 - 0:28देशसे निष्कासित की इस ज़िन्दगी का?
-
0:28 - 0:31किन्तु एक प्रश्न है जो मुझे सबसे ज़्यादा
-
0:31 - 0:34सारगर्भित लगता है, और वह है:
-
0:34 - 0:36तुम अपने साथ क्या ले कर आए?
-
0:36 - 0:38जब तुम्हारे शहर में बम
विस्फोटित हो रहे थे, -
0:38 - 0:41और शस्त्रधारियों की टोली
तुम्हारे घर के नज़दीक आ रही थी, -
0:41 - 0:44वह कौन सी सबसे महत्वपूर्ण वस्तु थी
-
0:44 - 0:48जो तुम्हे अपने साथ लेनी थी।
-
0:48 - 0:51एक सीरियाई शरणार्थी लड़का है
जिसे मैं जानती हूँ, -
0:51 - 0:53उसने मुझे बताया कि उसने कोई
हिचकिचाहट नहीं दिखाई -
0:53 - 0:57जब उसका जीवन खतरे में था।
-
0:57 - 1:00उसने अपना उच्च विद्यालय
का प्रमाणपत्र उठाया -
1:00 - 1:02और बाद में उसने मुझे बताया कि
उसने ऐसा क्यों किया। -
1:02 - 1:05वह बोला,"मैंने अपना
उच्च विद्यालय प्रमाणपत्र -
1:05 - 1:08इसलिए उठाया क्यूंकि मेरी पूरी ज़िन्दगी
उसपर निर्भर थी।" -
1:08 - 1:10और उस प्रमाणपत्र को पाने के लिए वह अपनी
-
1:10 - 1:12ज़िन्दगी को भी जोखिम में डाल सकता था।
-
1:12 - 1:15स्कूल के रास्ते में वह छिप कर गोली
चलाने वालों को चकमा दे कर निकल जाता था। -
1:15 - 1:18उसकी कक्षा कभी हिल जाती थी
-
1:18 - 1:21गोलाबारी और बम की आवाज़ से,
-
1:21 - 1:24और उसकी माता ने मुझे बताया,
-
1:24 - 1:27"मैं हर रोज़ उसको यह कहती थी,
प्रत्येक सुबह, -
1:27 - 1:30"प्यारे, कृपया स्कूल मत जाओ,"
-
1:30 - 1:33और जब वह दृढ रहता, वह बोली,
-
1:33 - 1:37"मैं उसे सीने से लगा लेती जैसे
वह आखरी बार हो। " -
1:37 - 1:39परन्तु वह अपनी माँ से बोला,
-
1:39 - 1:41"हम सब डरे हुए हैं,
-
1:41 - 1:44किन्तु हमारा परीक्षा पास करने का निश्चय
-
1:44 - 1:47डर से अधिक शक्तिशाली है। "
-
1:47 - 1:51किन्तु एक दिन, परिवार को
बहुत बुरी खबर मिली। -
1:51 - 1:54हैनी की चाची, उसके चाचा और उसके चचेरे भाई
-
1:54 - 1:56का क़त्ल कर दिया गया क्यूंकि वह
-
1:56 - 1:57घर छोड़ने को तैयार नहीं थे।
-
1:57 - 2:00उनकी गर्दनें काट दी गईं।
-
2:00 - 2:03पलायन का वक़्त आ गया था
-
2:03 - 2:06वे उसी दिन,उसी समय,
अपनी कार में बैठ कर चल दिए, -
2:06 - 2:08हैनी पीछे छुपा हुआ था
क्यूंकि उन्हें चौकियों -
2:08 - 2:11पर डरावने सैनिकों का सामना करना था।
-
2:11 - 2:15और वह सीमा पार करके लेबनान पहुँच जाते
-
2:15 - 2:18जहां उन्हें शान्ति मिलती।
-
2:18 - 2:22किन्तु वह उनके लिए भीषण कष्ट और नीरसता
-
2:22 - 2:25भरी ज़िन्दगी का आरम्भ होता।
-
2:25 - 2:27उनके पास कोई चारा नहीं था, इसलिए उन्होंने
-
2:27 - 2:29कीचड भरे खेत के पास
एक झोंपड़ी बनाई, -
2:29 - 2:31और यह है हैनी का भाई अशरफ,
-
2:31 - 2:33जो बाहर खेल रहा है।
-
2:33 - 2:35और उस दिन वह संसार की सबसे बड़ी
-
2:35 - 2:40शरणार्थियों की जनसँख्या के साथ जुड़ गए,
-
2:40 - 2:43लेबनान के छोटे से देश में।
-
2:43 - 2:46उसके केवल चालीस लाख नागरिक हैं,
-
2:46 - 2:50और वहां दस लाख सीरियाई शरणार्थी
निवास कर रहे हैं। -
2:50 - 2:54कोई ऐसा क़स्बा, शहर या गाँव नहीं है वहां
-
2:54 - 2:58जहां सीरियाई शरणार्थोयों को
सहारा न मिला हो। -
2:58 - 3:02यह है उल्लेखनीय उदारता
-
3:02 - 3:06और मानवता।
-
3:06 - 3:09इसके बारे में ऐसे सोचिये, अनुपात में।
-
3:09 - 3:11यह कुछ ऐसा होगा जैसे
-
3:11 - 3:14जर्मनी की सारी जनसँख्या,
-
3:14 - 3:16८ करोड़ व्यक्ति,
-
3:16 - 3:21तीन वर्षों में संयुक्त राज्य
की ओर पलायन कर दे। -
3:21 - 3:24सीरिया की आधी जनसँख्या
-
3:24 - 3:27अब अवरोपित हो चुकी है,
-
3:27 - 3:28अधिकतर देश के अंदर ही।
-
3:28 - 3:31साठ लाख से भी ज्यादा लोग
-
3:31 - 3:33अपनी जान बचने के लिए भाग रहे हैं।
-
3:33 - 3:36तीस लाख से ज्यादा लोग
-
3:36 - 3:38सीमा पार कर
-
3:38 - 3:41और पडोसी देशों में शरण पाचुके हैं
-
3:41 - 3:44और केवल एक छोटे अनुपात में
-
3:44 - 3:49लोग यूरोप की तरफ जा रहे हैं।
-
3:49 - 3:51मुझे सबसे चिंताजनक विषय यह लगता है कि
-
3:51 - 3:55आधे से ज़्यादा सीरियाई शरणार्थी बच्चे हैं।
-
3:55 - 3:57मैंने इस नन्ही बच्ची की तस्वीर ली थी।
-
3:57 - 4:00जब केवल दो घंटे पहले वह सीरिया से
-
4:00 - 4:05लम्बा सफर करके जॉर्डन पहुंची थी।
-
4:05 - 4:08और सबसे दुखदाई है कि
-
4:08 - 4:12इनमें से केवल २० फीसदी शरणार्थी बच्चे
-
4:12 - 4:15लेबनान में स्कूल जा रहे हैं।
-
4:15 - 4:18और फिर भी, सीरियाई शरणार्थी बच्चे,
-
4:18 - 4:21सभी शरणार्थी बच्चे हमें बताते हैं
-
4:21 - 4:26कि शिक्षा ही उनकी ज़िन्दगी की
सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है। -
4:26 - 4:30क्यों? क्यूंकि वह उन्हें भविष्य
की ओर ले जाती है -
4:30 - 4:33न कि भूतकाल के डरावने सपने की ओर।
-
4:33 - 4:39वह उन्हें आशा की किरण दिखाती है,
न कि नफरत। -
4:39 - 4:41मुझे याद आ रहा है मेरा उत्तरी इराक में
-
4:41 - 4:44एक सीरियाई शरणार्थी कैंप
-
4:44 - 4:46में इस लड़की से मिलना,
-
4:46 - 4:48और मैंने सोचा, "यह खूबसूरत है,"
-
4:48 - 4:50और मैंने उसके पास जाकर पुछा,
-
4:50 - 4:52'क्या मैं तुम्हारी तस्वीर ले सकती हूँ?"
-
4:52 - 4:53और उसने कहा हाँ,
-
4:53 - 4:56परन्तु उसने हंसने से मना कर दिया।
-
4:56 - 4:59मुझे लगता है की वह हंस ही नहीं पाती
-
4:59 - 5:03क्यूंकि उसे मालूम है कि
वह सीरियाई शरणार्थी -
5:03 - 5:07बच्चों की एक खोई हुई पीढ़ी
का प्रतिनिधित्व करती है, -
5:07 - 5:12एक पीढ़ी जो अलग थलग और निराश हो चुकी है।
-
5:12 - 5:15और फिर भी, वह किससे भागे:
-
5:15 - 5:17पूर्ण तबाही,
-
5:17 - 5:23इमारतें, उद्योग, स्कूल, सड़कें, घर।
-
5:23 - 5:26हनी का घर भी नष्ट हो गया था।
-
5:26 - 5:29इस सब का पुनर्निर्माण होना होगा
-
5:29 - 5:34वास्तुकारों, अभियंताओं,
विद्युत्कारों द्वारा। -
5:34 - 5:37समुदायों को आवश्यकता होगी
अध्यापकों और वकीलों की -
5:37 - 5:42और राजनीतोज्ञों की जो पुनर्मिलप
में रूचि लेने वाले हों -
5:42 - 5:44न कि बदले में।
-
5:44 - 5:46क्या इसका पुनर्निर्माण
-
5:46 - 5:47नही किया जाना चाहिए
-
5:47 - 5:50उन लोगों के द्वारा जिनका
-
5:50 - 5:52इसमें सब कुछ दांव पर लगा है
-
5:52 - 5:55निर्वासन में रह रहे यह शरणार्थी?
-
5:55 - 5:58शरणार्थियों के पास बहुत समय है
-
5:58 - 6:00अपनी वापसी की तैयारी करने का।
-
6:00 - 6:03आपको लगता होगा की एक शरणार्थी होना
-
6:03 - 6:05एक अस्थायी स्थिति है।
-
6:05 - 6:08यह उससे बहुत दूर है।
-
6:08 - 6:12एक शरणार्थी औसत रूप से
-
6:12 - 6:15१७ वर्ष निर्वासन में बिता देता है
-
6:15 - 6:19क्यूंकि युद्ध तो चलते ही रहते हैं।
-
6:19 - 6:22हैनी को आधार में लटके दो साल हो चुके थे
-
6:22 - 6:25जब मैं हाल ही में उसको मिलने गयी,
-
6:25 - 6:29और हमने अपना सारा वार्तालाप
अंग्रेजी में किया जो -
6:29 - 6:30उसने मुझे बताया की उसने
-
6:30 - 6:34डॅन ब्राउन के नॉवेल पढ़ कर सीखी
-
6:34 - 6:38और अमरीकी रैप सुनकर।
-
6:38 - 6:41हमने कुछ अच्छे हंसी और
मस्ती के पल भी बिताए -
6:41 - 6:45उसके प्यारे छोटे भाई अशरफ के साथ।
-
6:45 - 6:47पर मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी
जो उसने मुझे बताया -
6:47 - 6:51जब हमने अपना वार्तालाप समाप्त किया उस दिन
-
6:51 - 6:53उसने मुझसे कहा,
-
6:53 - 6:59"यदि मैं विद्यार्थी नहीं,
तो मैं कुछ भी नहीं।" -
6:59 - 7:03हनी संसार के उन ५० करोड़ लोगों में से है
-
7:03 - 7:06जो आज अपनी जड़ों से उखड चुके हैं
-
7:06 - 7:09दुसरे विश्व युद्ध के बाद
यह पहली बार है कि इतने -
7:09 - 7:14सारे लोग ज़बरदस्ती बेपनाह कर दिए गए हैं।
-
7:14 - 7:17जहां हम मानव स्वास्थ्य में बहुत
-
7:17 - 7:19तरक्की कर रहे हैं ,
-
7:19 - 7:24और तकनीक में, शिक्षा में और प्रारूप में,
-
7:24 - 7:27हम पीड़ितों के लिए
-
7:27 - 7:31बहुत कम कर रहे हैं
-
7:31 - 7:33और उस से भी कम उन युद्धों
-
7:33 - 7:35को रोकने के लिए जो इन्हें
-
7:35 - 7:39अपने घरों से भागने पर मजबूर कर रहे हैं।
-
7:39 - 7:43और पीड़ितों की संख्या बढ़ती चली जा रही है।
-
7:43 - 7:46प्रत्येक दिन, औसतन रूप से
-
7:46 - 7:48इस दिन के अंत तक
-
7:48 - 7:52३२,००० लोग मजबूरन अपने घरों से
-
7:52 - 7:54विस्थापित हो जायेंगे-
-
7:54 - 7:59३२,००० लोग
-
7:59 - 8:03वे सीमाओं के पार जाते हैं,
बिलकुल इसकी तरह। -
8:03 - 8:07हमने सीरियाई सीमा पर
जॉर्डन जाते हुए यह पकड़ा, -
8:07 - 8:14और यह एक आम दिन है।
-
8:14 - 8:18या फिर वे समुद्री यात्रा के अयोग्य,
भीड़ से भरी नावों पर सवार हो जाते हैं, -
8:18 - 8:20अपनी ज़िन्दगी को जोखिम में डालते हुए
-
8:20 - 8:23केवल यूरोप में सुरक्षित पहुँचने के लिए।
-
8:23 - 8:25यह सीरियाई नव युवक
-
8:25 - 8:27उन नावों से बच गया जो उलट गयी थीं----
-
8:27 - 8:29ज्यादातर लोग डूब गए थे----
-
8:29 - 8:31और इसने हमें बताया,
-
8:31 - 8:35"सीरियाई लोग केवल एक शांत जगह
की तलाश में हैं -
8:35 - 8:38जहाँ आपको कोई तंग नहीं करेगा
-
8:38 - 8:41कोई आपकी बेइज़्ज़ती नहीं करेगा
-
8:41 - 8:44और जहां कोई आपको मारेगा नहीं। "
-
8:44 - 8:47मेरे हिसाब से यह न्यूनतम है।
-
8:47 - 8:50एक ऐसी जगह के बारे में क्या विचार है
-
8:50 - 8:52जो स्वास्थयप्रद हो, जहां विद्या हो,
-
8:52 - 8:57और अवसर भी?
-
8:57 - 8:59अमरीकियों और यूरोपीयों
-
8:59 - 9:02का यह मत है
-
9:02 - 9:04कि अधिकतम शरणार्थी
-
9:04 - 9:06उनके देश में आ रहे हैं,
-
9:06 - 9:09किन्तु सच्चाई कुछ और है।
-
9:09 - 9:12शरणार्थियों की अधिकांश संख्या, ८६ प्रतिशत,
-
9:12 - 9:15विकासशील देशों में रह रही है,
-
9:15 - 9:20उन देशों में जो अपनी ही
असुरक्षा से जूझ रहे हैं, -
9:20 - 9:24अपनी ही जनसँख्या के मुद्दे
-
9:24 - 9:26और गरीबी के साथ।
-
9:26 - 9:29तो संसार के धनी देशों को पहचानना चाहिए
-
9:29 - 9:33उन देशों की मानवता और उदारता को
-
9:33 - 9:37जो इतने सारे शरणार्थियों के मेज़बान हैं।
-
9:37 - 9:40और सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए
-
9:40 - 9:43कि युद्ध और उत्पीड़न से भाग रहे किसी
-
9:43 - 9:47व्यक्ति को भी बंद सीमाओं
का सामना न करना पड़े। -
9:47 - 9:49(तालियां)
-
9:49 - 9:54धन्यवाद।
-
9:54 - 9:57केवल शरणार्थियों को जीवित रखने के आलावा
-
9:57 - 10:01कुछ और भी कर सकते हैं।
-
10:01 - 10:04हम उन्हें फलने फूलने दे सकते हैं।
-
10:04 - 10:08हमें शरणार्थी कैंपों और समुदायों
-
10:08 - 10:12को केवल ऐसे अस्थायी जनसँख्या केंद्र
नहीं समझना चाहिए -
10:12 - 10:14जहाँ लोग युद्ध के अंत होने तक
-
10:14 - 10:17दिन काट रहे हैं।
-
10:17 - 10:21बल्कि, श्रेष्ठता के केंद्र के रूप में,
-
10:21 - 10:24जहां शरणार्थी अपने मानसिक क्षति को भूल कर
-
10:24 - 10:28उस दिन के लिए तैयार हो सकें जब वह घर जाकर
-
10:28 - 10:31सामाजिक सुधार और
-
10:31 - 10:35सकारात्मक परिवर्तन के कर्ता बन सकें।
-
10:35 - 10:38यह सब समझ में आता है,
-
10:38 - 10:42किन्तु मुझे सोमालिया में घट रहे
भयानक युद्ध की याद आती है -
10:42 - 10:46जो पिछले २२ वर्षों से चला आ रहा है।
-
10:46 - 10:48और सोचिये इस कैंप में रहना।
-
10:48 - 10:50मैं इस कैंप में गयी थी।
-
10:50 - 10:52यह जिबूती में है, सोमालिया के पास,
-
10:52 - 10:54और यह इतना दूर था कि हमें
-
10:54 - 10:57वहां पहुँचने के लिए
हेलीकॉप्टर में जाना पड़ा। -
10:57 - 11:00वहां बहुत गर्मी और धूल थी।
-
11:00 - 11:02हम एक स्कूल में गए
-
11:02 - 11:04और बच्चों से बात करने लगे,
-
11:04 - 11:07और फिर मैंने कमरे के उस पार
एक लड़की को देखा -
11:07 - 11:09जो मुझे मेरी बेटी की उम्र की लगी
-
11:09 - 11:12और मैं उसके पास बात करने गयी।
-
11:12 - 11:14और मैंने उसे वह प्रशन पूछे
-
11:14 - 11:16जो आम लोग बच्चों से पूछते हैं,
-
11:16 - 11:18जैसे, "आपका पसंदीदा विषय कौन सा है?"
-
11:18 - 11:20और, "आप बड़े हो कर क्या बनना चाहते हो?"
-
11:20 - 11:24और यह सुनकर वह हक़्क़ी बक्की रह गयी,
-
11:24 - 11:26और मुझे बोली,
-
11:26 - 11:28"मेरा कोई भविष्य नहीं है।
-
11:28 - 11:31मेरे स्कूल के दिन खत्म।"
-
11:31 - 11:32और मैंने सोचा कि ज़रूर
-
11:32 - 11:34कोई गलतफहमी है,
-
11:34 - 11:35मैंने अपने सहयोगी से पूछा
-
11:35 - 11:37और उसने इस बात की पुष्टि की
-
11:37 - 11:40कि इस कैंप में माध्यमिक शिक्षा के लिए
-
11:40 - 11:42कोई फण्ड नहीं हैं।
-
11:42 - 11:44और मेरा मन किया की काश मैं
-
11:44 - 11:46इस बच्ची को बोल सकती,
-
11:46 - 11:48"हम तुम्हारे लिए स्कूल बनाएंगे। "
-
11:48 - 11:53और मैंने यह भी सोचा की कैसा क्षय।
-
11:53 - 11:56वह सोमालिया का भविष्य है
-
11:56 - 12:00और उसे होना भी चाहिए।
-
12:00 - 12:03जैकब आतम नाम के एक लड़के
-
12:03 - 12:06के पास एक और मौका था, किन्तु एक भयानक
-
12:06 - 12:08त्रासदी के बाद।
-
12:08 - 12:11उसने देखा --यह सूडान में है ---
-
12:11 - 12:13वह केवल सात वर्ष का था -- उसका गाँव ---
-
12:13 - 12:16जला दिया गया, और उसे पता चला
-
12:16 - 12:17कि उसके माता पिता
-
12:17 - 12:19और उसका पूरा परिवार
-
12:19 - 12:21उस दिन मार दिए गए।
-
12:21 - 12:23केवल उसका एक चचेरा भाई बचा,
-
12:23 - 12:24और वह दोनों
-
12:24 - 12:25सात महीने चलते रहे --
-
12:25 - 12:27यह उसके जैसे लड़के हैं ---
-
12:27 - 12:30जिनका पीछा जंगली जानवर और
शस्त्रधारी गिरोह करते रहे, -
12:30 - 12:33और वह अंत में शरणार्थी कैंप पहुंचे
-
12:33 - 12:34जहां उन्हें सुरक्षा मिली,
-
12:34 - 12:36और उसने अगले सात वर्ष
-
12:36 - 12:40केनिया के शरणार्थी कैंप में बिताए।
-
12:40 - 12:42किन्तु उसका जीवन बदल गया जब उसे
-
12:42 - 12:44अमेरिका में
-
12:44 - 12:46दोबारा बसने का मौका मिला,
-
12:46 - 12:49और उसे पालक परिवार से प्यार मिला
-
12:49 - 12:52और वह स्कूल जाने लगा,
-
12:52 - 12:54जब उसे विश्विद्यालय से
स्नातक की उपाधि मिली, -
12:54 - 12:56वह चाहता था कि मैं
-
12:56 - 12:58आपको यह गर्व की बात बताऊँ।
-
12:58 - 13:04(तालियां)
-
13:04 - 13:06मैंने एक दिन उसके साथ स्काइप पर बात की,
-
13:06 - 13:11वह फ्लोरिडा में अपने
नए विश्विद्यालय में था -
13:11 - 13:14सार्वजनिक स्वास्थ्य में
पी एच डी कर रहा था, -
13:14 - 13:17और उसने गर्व से मुझे बताया कि
-
13:17 - 13:20कैसे उसने अपने गाँव में
क्लिनिक खोलने के लिए -
13:20 - 13:25अमरीकी जनता से
-
13:25 - 13:28काफी धन एकत्रित किया।
-
13:28 - 13:31तो मैं आपको वापिस
हनी के पास ले जाना चाहती हूँ। -
13:31 - 13:33जब मैंने उसे बताया कि मुझे आपके सामने
-
13:33 - 13:36TED प्रदर्शन मंच पर बोलने का मौका मिलेगा,
-
13:36 - 13:38उसने मुझे एक कविता पढ़ने की इजाज़त दी
-
13:38 - 13:42जो उसने मुझे ईमेल में भेजी थी।
-
13:42 - 13:45उसने लिखा था:
-
13:45 - 13:48"मुझे कमी महसूस होती है अपनी,
-
13:48 - 13:50मेरे दोस्तों की,
-
13:50 - 13:55किताबें पढ़ने और कवितायेँ लिखने
में बिताए समय की, -
13:55 - 14:00पक्षियों और सुबह की चाय की।
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14:00 - 14:04मेरा कमरा, मेरी किताबें, मैं स्वयं,
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14:04 - 14:10और वह सब जो मुझे खुश कर देता था।
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14:10 - 14:14ओह, ओह, मेरे कितना सारे सपने थे
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14:14 - 14:19जो साकार होने वाले थे। "
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14:19 - 14:22तो मेरा कहना है:
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14:22 - 14:24शरणार्थियों में निवेश नहीं करके
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14:24 - 14:29हम एक बहुत बड़ा अवसर खो रहे हैं।
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14:29 - 14:31उनका परित्याग कर दो,
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14:31 - 14:36तो वे शोषण और दुर्व्यवहार से पीड़ित होंगे,
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14:36 - 14:40उन्हें अशिक्षित और अकुशल छोड़ दें,
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14:40 - 14:42और उनके देश में शांति और समृद्धि
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14:42 - 14:48को कई वर्षों पीछे धकेल देंगे।
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14:48 - 14:51मैं यह मानती हूँ कि जिस तरह हम
अवरोपितों के साथ बर्ताव करते हैं -
14:51 - 14:56वैसे ही हम संसार के भविष्य
को रूप दे सकेंगे। -
14:56 - 14:59युद्ध से पीड़ित लोग
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14:59 - 15:01स्थायी शांति की कुंजी हैं,
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15:01 - 15:03और यह शरणार्थी ही
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15:03 - 15:07हिंसा के चक्र को रोक सकते हैं।
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15:07 - 15:08हैनी एक ऐसे मोड़ पर है
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15:08 - 15:09जहां एक छोटा सा परिवर्तन
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15:09 - 15:10उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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15:10 - 15:12हम उसे विशवविद्यालय जाने में और
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15:12 - 15:15इंजीनियर बनने में मदद करना चाहते हैं,
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15:15 - 15:19किन्तु हमारी निधि जीवन की
मूलभूत आवश्यकताओं के लिए हैं: -
15:19 - 15:23तम्बू, कम्बल, और गद्दे और रसोई का सामान,
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15:23 - 15:28खाने का राशन और कुछ दवाईयें।
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15:28 - 15:31विष्वविद्यालय विलासिता है।
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15:31 - 15:35किन्तु मिटटी के मैदान में छोड़ दिया गया,
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15:35 - 15:37वह एक खोयी हुई पीढ़ी
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15:37 - 15:41का सदस्य बनकर रह जायेगा।
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15:41 - 15:45हैनी की कहानी एक त्रासदी है,
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15:45 - 15:49किन्तु ज़रूरी नहीं की
उसका अंत भी वैसा ही हो। -
15:49 - 15:51धन्यवाद।
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15:51 - 15:55(तालियां)
- Title:
- केवल शरणार्थी का बचाव ना करे अच्छी जिंदगी भी दे|
- Speaker:
- मेलिस्सा फ्लेमिंग
- Description:
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आज संसार में ५० लाख लोग अपने घरों से जबरदस्ती विस्थापित किये जा रहे हैं ---दुसरे विश्व युद के बाद यह पहली बार हो रहां है। अभी ३० लाख से भी ज्यादा सीरियाई शरणार्थी पडोसी देशों में शरण ले रहे हैं। लेबनॉन में आधे से ज्यादा ऐसे शरणार्थी बच्चे हैं; केवल २०% स्कूल जाते हैं। यू एन की शरणार्थी संस्था की मेलिस्सा फ्लेमिंग हमें आह्वाहन करती हैं कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शरणार्थी कैंप उपचार के ऐसे केंद्र बनें जहाँ लोग अपने कौशल विकसित कर सकें जो उन्हें अपने स्वस्थल के पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक हों।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 16:08
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for Let’s help refugees thrive, not just survive | ||
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Arvind Patil accepted Hindi subtitles for Let’s help refugees thrive, not just survive | ||
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