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अल्झायमर से लडने की पूर्वतयारी

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    मैं अपनी पिता के बारे में
    बात करना चाहती हूं|
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    वह अल्झ्यामार से पिडीत थे .
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    १२ साल पहले इसके संकेत मिले थे.
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    निदान हुआ २००५ मे
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    वह इतने असहाय्य थे बिमारी से की उनको
    खाना खिलाना पडता था .
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    उनको कपडे पहनाने पडते थे
    वास्तव में नहीं जानता कि वह कहां है
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    यह वास्तव में कठिन है.
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    मेरे पिताजी मेरे नायक और मेरे अधिकांश
    जीवन के लिए मेरे सलाहकार थे,
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    मैंने पिछला दशक
    उन्हें गायब होने के दौरान बिताया है।
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    मेरे पिता अकेले नही थे विश्व मे
    ३५ मिलियन लोक स्मृतिभ्रंश से पीडित हैं|
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    जिनकी संख्या २०३० तक दुगनी याने
    ७० मिलियन होगी.
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    बहुत बडी संख्या है .
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    भ्रमित चेहरे उनके कम्पित
    हात हम मे डर पैदा करता है .
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    इनकी बडी संख्या डरा देती है
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    इस डर के कारण
    हम एक या दो काम कर देते है.
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    मै इसका शिकार नही बन सकता .
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    हम तय करते है कि
    स्मृतिभ्रंश को रोकेंगे .
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    हमारा स्वास्थ्य ठीक है
    हम उसका शिकार नही होंगे.
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    मैं एक तीसरा रास्ता तलाश कर रही हूँ|
    मैं अल्जाइमेरस पाने की तैयारी कर रही हूं|
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    प्रतिरक्षा रास्ता ठीक है और मैं भी कर रही हूँ
    जो अल्जाइमेरस को रोकने के लिए सब करते हैं
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    मै उचित आहार लेती हुं .कसरत करती हुं .
    मन को क्रियाशील रखती हुं .
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    संशोधन यही कहता है
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    लेकीन यह भी बताता है कि ऐसा कुछ
    भी नहीं है जो 100 प्रतिशत आपकी रक्षा करेगा।
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    यदि राक्षस आपको पकड़ना चाहता है
    तो कभी न कभी तो वह आपको पकड़ ही लेगा |
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    मेरे पापा के साथ यही हुआ थाम |
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    पिताजी द्विभाषी कॉलेज के प्रोफेसर थे ।
    उनका शौक शतरंज, सेतु और संपादकीय लिखना था ।
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    (हंसी)
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    उन्हे तो मनोभ्रंश हो ही गया |
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    यदि राक्षस आपको पकड़ना चाहता है
    तो कभी न कभी तो वह आपको पकड़ ही लेगा|
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    खासकर अगर तुम मेरे जैसे हो तो क्यूंकि
    यह बिमारी वंशानुगत है|
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    तो मैं अल्जाइमेरस रोग पाने की
    तैयारी कर रही हूँ |
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    मैंने अपने पिता की देखभाल से सीखा और
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    और सीखने के बाद कैसे डिमेंशिया के साथ रहना है,
    मैं अपनी तैयारी तीन चीजों पर आधारित कर रही हूं
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    मैं मस्ती के लिए जो कर रहा हूं वह बदल रही हूं|
    मैं अपनी शारीरिक शक्ति बढ़ा रही हूं
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    अगला सबसे कठिन था|
    मैं एक बेहतर इन्सान बनने की कोशिश कर रही हूँ |
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    एक शौक से शुरू करते हैं|डीमेंशिया के शिकार होंगे तो
    अपने आप को खुश रखना कठिन हो जाती हैं |
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    लंबे समय दोस्तो के साथ बैठकर बाते नही कर सकते
    क्योकी आप उसे नही पहचान पायेंगे |
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    टीवी देखना भ्रम का कारण बनता है|
    यह स्थिती भयावह है|
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    किताबे पढना तो नामुमकिन होगा|
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    जब आप डिमेंशिया वाले किसी की देखभाल करते हैं
    और जब आप प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं
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    वे आपको परिचित गतिविधियों में संलग्न करने
    के लिए प्रशिक्षित करते हैं|
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    मैने मेरे पिता को
    फोर्म भरने के कामों मे व्यस्त किया|
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    वह कॉलेज के प्रोफेस थे और उनको कागजी कार्रवाई
    बहुत अछि तरह मालूम था|
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    हर पंक्ती पर ववह अपने हस्ताक्षर करते थे,
    सभी रकाने जाचे थे|
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    वह जिदर भी अंक डालना चाहिए,
    वहां पे अंक भर देते था|
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    तो मैंने सोचा कि मेरी देखभाल
    करने वाले मेरे साथ क्या करेंगे?
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    मैं अपने पिता की बेटी हूँ| में लिखती हूँ और
    स्वास्थ्य के बारे में बहुत चिंता भी करती हूँ
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    क्या वह मुझे पुस्तिका दे
    जिसपर मै लिख सकू
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    क्या वो मुझे रंग आलेख दे सकेंगे?
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    उसके बारे मे मैं पढने लगी .
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    चित्रकला में माहिर नहीं हूँ पर फिर भी
    में अब चित्रकला कर रही हूँ|
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    मै कुछ बुनियादी ओरिगामी सीख रही हूँ|
    मैं एक अछि बॉक्स भी बना सकती हूँ |
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    (हसी)
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    मैं खुद बुनाई भी सीख रही हूँ
    अब तक मैं एक गुट्टा बुनाया है|
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    मुझे इसकी जानकारी थी
    यह बात मायने रखती है
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    जितनी बाते आप पहलेसे जानते है
    उससे आप आगे भालीभाती सीख सकते है
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    इस प्रकारकी जानकारी आपके दिमाग को व्यस्त
    रख सकती है खाली रखने के बजाय .
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    कहा जाता है की जो लोक व्यस्त रहते है
    उनके जीवन में ख़ुशी आती है |
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    सेवा करने वालोको आसन होता है|
    यह बीमारी की प्रगति को धीमा भी कर सकता है|
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    यह मेरे लिए विजयी होने के संकेत देते थे|
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    मै जिताना भी हो सके व्यस्त रहूंगी
    ताकी मै ख़ुशी प्राप्त कर सकू |
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    बहुत कम लोग जानते है कि अल्ज़्हेइमेरस के
    कुछ शारीरिक लक्षण भी होते है
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    साथ ही संज्ञानात्मक लक्षण भी होते है|
    अपने संतुलन खो बेटते है|
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    मांसपेशियों में कंपन होते है जिसके कारण
    आप चल नही सकते|
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    उनको चलके जगह जगह जाने पर डर लगते है|
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    मै इसी लिये पहलेसे क्रियाशील रहती हु ताकि
    मै अपना संतुलन कायम रख सकू|
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    मै उसके लिए योगा ,तथा
    ताइ ची का अभ्यास करती हु
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    जिससे मै चलना फिरना कर सकू
    जब मुझे बिमारी हो जायेगी
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    स्नायु को शक्तिमान बनाने के लिए
    मै भर उठाने की कसरत भी कर रही हु.
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    जिससे मै जब बीमार पड़ूँगी
    तब चलने फिरने में मुझे ज़्यादा समय मिलेंगी|
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    आखरी और तीसरी बात यह है की
    मै अच्छी इन्सान बनू|
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    मेरे पिता अल्ज़्हेइमेरस का शिकार होने से पहले
    एक दयालु , प्रेम करने वाले इन्सान थे|
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    मैंने देखा उनके भाषा कौशल्य ,विद्वत्ता ,
    मजाकिया स्वभाव गायब होते हुए
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    पर मैंने यह भी देखा कि आजभी वह
    मुझसे प्यार करते हैं|
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    मेरे बेटे, भाई और मेरी माँ, उसके
    देखबाल करने वाले, सभी को प्यार करते है|
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    यही कारन है हम उनके बीच रहना चाहते है
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    भले ही साथ रहना आसान नही.
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    हलाकि उनसे चुरा लिया गया था
    जो भी उन्होंने सिखा था इस दुनिया में
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    उसका दिल अभी भी चमकता है।
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    मै मेरे पिता जैसी दयालु
    प्यार करने वाली नही थी|
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    मुझे अब जरुरत है ऐसे होने की
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    इसलिए की जब मैं बीमार पड़ूँगी तब
    भी मेरा दिल ऐसा ही रहे प्यार भरा ,दयालु
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    मै नही चाहती की मै अल्झायमेरस का शिकार बनू
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    अगले 20 वर्षों में एक इलाज आये ताकि तब जाके
    वह मेरी रक्षा कर सके इस बीमारी से|
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    लेकिन अगर यह मेरे लिए आता है,
    तो में तैयार रहूंगी|
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    शुक्रिया
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    (तालिया )
Title:
अल्झायमर से लडने की पूर्वतयारी
Speaker:
अलांना शेख
Description:

हमारे मत पिता जब अल्झायमर से ग्रस्त होते है हम सोचते है हम इसका शिकार नही बन सकते हम उसे रोकेंगे .लेकीन विश्वभर के स्वास्थ्य चिकित्सक एवम ted वक्ता इसे ऐसा नही मानती
वह तीन रास्ते बताती है प्रतिरक्षा के| क्या इससे वह बचाव कर सकती है|

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
06:26
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for How I'm preparing to get Alzheimer's
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for How I'm preparing to get Alzheimer's
Ayyappadas Vijayakumar accepted Hindi subtitles for How I'm preparing to get Alzheimer's
Ayyappadas Vijayakumar edited Hindi subtitles for How I'm preparing to get Alzheimer's
Ayyappadas Vijayakumar edited Hindi subtitles for How I'm preparing to get Alzheimer's
Ayyappadas Vijayakumar edited Hindi subtitles for How I'm preparing to get Alzheimer's
Ayyappadas Vijayakumar edited Hindi subtitles for How I'm preparing to get Alzheimer's
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