WEBVTT 00:00:00.000 --> 00:00:02.000 तो सुरक्षा दो अलग बातें हैं : 00:00:02.000 --> 00:00:04.000 ये एक तरफ एहसास है और दूसरी तरफ सच्चाई 00:00:04.000 --> 00:00:06.000 और वो अलग अलग हैं 00:00:06.000 --> 00:00:08.000 आप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं 00:00:08.000 --> 00:00:10.000 भले ही आप ना हो 00:00:10.000 --> 00:00:12.000 और आप सुरक्षित हो सकते हैं 00:00:12.000 --> 00:00:14.000 भले ही आप ऐसा महसूस ना करें 00:00:14.000 --> 00:00:16.000 सच में हमारे पास दो अलग धारणाये हैं 00:00:16.000 --> 00:00:18.000 जो कि एक ही शब्द से जुड़े हैं 00:00:18.000 --> 00:00:20.000 और मैं इस व्याख्यान में इन्हें 00:00:20.000 --> 00:00:22.000 अलग अलग करना चाहता हूँ 00:00:22.000 --> 00:00:24.000 ये पता लगाऊं कि वो कब अलग अलग होते हैं 00:00:24.000 --> 00:00:26.000 और कैसे मिल जाते हैं 00:00:26.000 --> 00:00:28.000 और भाषा यहाँ पे एक समस्या है| 00:00:28.000 --> 00:00:30.000 बहुत सारे शब्द उपलब्ध नहीं हैं उन धारणाओ 00:00:30.000 --> 00:00:33.000 के लिए जिनके बारे में हम बातें करने वाले है| NOTE Paragraph 00:00:33.000 --> 00:00:35.000 तो अगर आप सुरक्षा के बारे में सोचें 00:00:35.000 --> 00:00:37.000 आर्थिक रूप में 00:00:37.000 --> 00:00:39.000 यह चीज़ो को चुनने की दुविधा हैं 00:00:39.000 --> 00:00:41.000 हर बार जब आपको सुरक्षा मिलेगी, 00:00:41.000 --> 00:00:43.000 उसके बदले में आप कुछ और दे रहे होंगे 00:00:43.000 --> 00:00:45.000 चाहे ये आपका व्यक्तिगत निर्णय हो 00:00:45.000 --> 00:00:47.000 चाहे आप अपने घर में चोरी से बचने वाला अलार्म लगवाने वाले हो, 00:00:47.000 --> 00:00:50.000 या फिर राष्ट्रीय फैसला जहाँ आप दुसरे देश पे आक्रमण करने वाले हो, 00:00:50.000 --> 00:00:52.000 उसके बदले में आप कुछ न कुछ दे रहे होंगे | 00:00:52.000 --> 00:00:55.000 चाहे पैसा हो, समय हो, सहूलियत हो या योग्यता हो 00:00:55.000 --> 00:00:58.000 या शायद आधारभूत स्वतंत्रता 00:00:58.000 --> 00:01:01.000 और जो सवाल हमे पूछना चाहिए जब हम सुरक्षा के बारे में सोचते हैं, 00:01:01.000 --> 00:01:04.000 ये नहीं कि ये हमे सुरक्षित बनाएगा, 00:01:04.000 --> 00:01:07.000 पर ये कि क्या ये इस लायक हैं कि हम इसके बदले किसी दूसरी चीज़ को दे दे | 00:01:07.000 --> 00:01:09.000 आपने सुना होगा पिछले कई सालो में, 00:01:09.000 --> 00:01:11.000 दुनिया सुरक्षित हो गई है क्यूंकि सद्दाम हुस्सेन सत्ता में नहीं हैं 00:01:11.000 --> 00:01:14.000 ये सच हो सकता है लेकिन पूरी तरह से तर्क संगत नहीं है| 00:01:14.000 --> 00:01:17.000 सवाल यह कि क्या यह इस योग्य था? 00:01:17.000 --> 00:01:20.000 और आप खुद के निर्णय ले सकते हैं, 00:01:20.000 --> 00:01:22.000 और उसके बाद फैसला कर सकते हैं कि क्या ये आक्रमण सही था 00:01:22.000 --> 00:01:24.000 आप सुरक्षा के बारे में ऐसे सोचते हैं 00:01:24.000 --> 00:01:26.000 व्यापारिक लेन देन के रूप में NOTE Paragraph 00:01:26.000 --> 00:01:29.000 अब यहाँ सामान्यत: कोई सही या गलत नहीं होता 00:01:29.000 --> 00:01:31.000 हमसे कुछ लोगों के यहाँ चोर अलार्म होता हैं 00:01:31.000 --> 00:01:33.000 कुछ के यहाँ पर नहीं| 00:01:33.000 --> 00:01:35.000 और ये निर्भर करता है हम कहाँ रहते हैं, 00:01:35.000 --> 00:01:37.000 क्या हम अकेले रहते हैं या फिर परिवार के साथ, 00:01:37.000 --> 00:01:39.000 हमारे पास कितने अच्छे अच्छे सामान हैं, 00:01:39.000 --> 00:01:41.000 हम किस हद तक तैयार हैं 00:01:41.000 --> 00:01:43.000 चोरी का खतरा उठाने को 00:01:43.000 --> 00:01:45.000 राजनीति में भी 00:01:45.000 --> 00:01:47.000 अलग अलग विचार हैं, 00:01:47.000 --> 00:01:49.000 ज्यादातर समय विनिमय की ये दुविधा 00:01:49.000 --> 00:01:51.000 सुरक्षा के अलावा दुसरे कारणों से होते हैं, 00:01:51.000 --> 00:01:53.000 और मैं ये सोचता हूँ कि ये बहुत जरुरी हैं| 00:01:53.000 --> 00:01:55.000 अब लोगों के पास पाकृतिक ज्ञान हैं 00:01:55.000 --> 00:01:57.000 इस विनिमय का, 00:01:57.000 --> 00:01:59.000 हम ये हर दिन करते हैं जैसे कि, 00:01:59.000 --> 00:02:01.000 कल रात जब मैंने अपने होटल रूम 00:02:01.000 --> 00:02:03.000 के दरवाजे को दुबारा बंद किया, 00:02:03.000 --> 00:02:05.000 या आपने अपनी कार में किया जब आप यहाँ पर पहुंचे, 00:02:05.000 --> 00:02:07.000 या जब हम खाना खाने जाते हैं 00:02:07.000 --> 00:02:10.000 और सोचते हैं की खाना अच्छा है तो हम खा लेंगे | 00:02:10.000 --> 00:02:12.000 हम ये विनिमय बार बार करते हैं 00:02:12.000 --> 00:02:14.000 दिन में कई बार| 00:02:14.000 --> 00:02:16.000 हम कई बार इन पर ध्यान भी नहीं देते हैं| 00:02:16.000 --> 00:02:18.000 ये तो बस एक हिस्सा है जीवित होने का, हम सब करते हैं| NOTE Paragraph 00:02:18.000 --> 00:02:21.000 हर प्रजाति करती हैं| 00:02:21.000 --> 00:02:23.000 कल्पना कीजिये एक खरगोश मैदान में घास खा रहा हैं, 00:02:23.000 --> 00:02:26.000 अब अगर खरगोश लोमड़ी को देखता है| 00:02:26.000 --> 00:02:28.000 तो वो तुरंत एक सुरक्षा विनिमय करेगा, 00:02:28.000 --> 00:02:30.000 "मैं यहाँ रुकूं?" या "मै यहाँ से भाग जाऊ?" 00:02:30.000 --> 00:02:32.000 और अगर आप इस बारें में सोचे 00:02:32.000 --> 00:02:35.000 तो वो खरगोश जो अच्छे होते हैं इस तरह के विनिमय में वो 00:02:35.000 --> 00:02:37.000 ज्यादा समय तक जिन्दा रहते हैं और प्रजनन करते हैं| 00:02:37.000 --> 00:02:39.000 और वो खरगोश जो अच्छे नहीं होते हैं वो 00:02:39.000 --> 00:02:41.000 या तो शिकार बन जाते हैं या भूख से मर जाते हैं| 00:02:41.000 --> 00:02:43.000 तो अब आप सोचेंगे, 00:02:43.000 --> 00:02:46.000 कि हम, सफल प्रजाति होने के नाते, 00:02:46.000 --> 00:02:48.000 आप, मैं, हम सब 00:02:48.000 --> 00:02:51.000 इस तरह के विनिमय में बहुत अच्छे हैं | 00:02:51.000 --> 00:02:53.000 ऐसा होने पर भी बार बार प्रतीत होता है, 00:02:53.000 --> 00:02:56.000 कि हम लोग निराशापूर्ण रूप से अच्छे नहीं हैं| 00:02:56.000 --> 00:02:59.000 और मैं ये सोचता हूँ कि ये एक आधारभूत रोचक सवाल है| NOTE Paragraph 00:02:59.000 --> 00:03:01.000 मैं आपको बहुत ही छोटा सा जवाब दूंगा| 00:03:01.000 --> 00:03:03.000 जवाब यह है कि हम लोग प्रतिक्रिया करते है सुरक्षा की भावना पर 00:03:03.000 --> 00:03:06.000 ना कि सुरक्षा की सच्चाई पर | 00:03:06.000 --> 00:03:09.000 हाँ ज्यादातर समय ये काम करती हैं | 00:03:10.000 --> 00:03:12.000 क्यूंकि ज्यादातर समय 00:03:12.000 --> 00:03:15.000 सुरक्षा की भावना और सुरक्षा की सच्चाई एक सी ही होती हैं | 00:03:15.000 --> 00:03:17.000 निश्चित तौर पे ये सच हैं 00:03:17.000 --> 00:03:20.000 ज्यादातर प्रागतिहासिक मानव के लिए | 00:03:20.000 --> 00:03:23.000 हमने ये योग्यता विकसित की हैं 00:03:23.000 --> 00:03:25.000 क्यूंकि ये हमारे विकसित होने से जुड़ी हुई है | 00:03:25.000 --> 00:03:27.000 एक तरीका ऐसे सोचने का हैं 00:03:27.000 --> 00:03:29.000 कि हम लोग बहुत ही ज्यादा परिष्कृत हैं 00:03:29.000 --> 00:03:31.000 ऐसे खतरों से भरे निर्णय लेने में 00:03:31.000 --> 00:03:34.000 जो छोटे परिवारों में रहने वालो के लिए रोजमर्रा की बात होती थी 00:03:34.000 --> 00:03:37.000 १०००० इ पूर्व, पूर्वी अफ्रीकन मैदोनो में -- 00:03:37.000 --> 00:03:40.000 २०१० में न्यू योर्क इस तरह का नहीं हैं | NOTE Paragraph 00:03:41.000 --> 00:03:44.000 अब खतरे को समझना बहुत तरह से पक्षपात पूर्ण है | 00:03:44.000 --> 00:03:46.000 बहुत सारे अच्छे प्रयोग हुए हैं| 00:03:46.000 --> 00:03:49.000 और आप देख सकते हैं इस पक्षपात ( झुकाव ) को बार बार आते हुए | 00:03:49.000 --> 00:03:51.000 तो मैं आपको चार प्रयोग बताऊंगा | 00:03:51.000 --> 00:03:54.000 हमारा झुकाव होता हैं असाधारण और विरले खतरों को बढ़ा चढ़ा कर बताने की ओर 00:03:54.000 --> 00:03:56.000 और सामान्य खतरों की अहमियत कम करने की ओर, 00:03:56.000 --> 00:03:59.000 जैसे हवाई जहाज की अपेक्षा कार का सफ़र | 00:03:59.000 --> 00:04:01.000 अनजाने खतरों को हम परिचित खतरों से 00:04:01.000 --> 00:04:04.000 ज्यादा खतरनाक समझते हैं 00:04:05.000 --> 00:04:07.000 एक उदाहरण हो सकता है 00:04:07.000 --> 00:04:10.000 कि लोग अनजान लोगो के द्वारा अपहरण से डरते हैं, 00:04:10.000 --> 00:04:13.000 जबकि आंकड़े बतलाते हैं कि रिश्तेदारों के द्वारा अपहरण होना ज्यादा सामान्य है | 00:04:13.000 --> 00:04:15.000 यह आंकड़े बच्चो के लिए हैं| 00:04:15.000 --> 00:04:18.000 तीसरा, खतरे जिन्हें चेहरे दिए गए हो 00:04:18.000 --> 00:04:21.000 गुमनाम खतरे की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक लगते हैं 00:04:21.000 --> 00:04:24.000 तो बिन लादेन डरावना है क्यूंकि उसका नाम है| 00:04:24.000 --> 00:04:26.000 और चौथा, 00:04:26.000 --> 00:04:28.000 लोग खतरों को कम कर के आंकते हैं 00:04:28.000 --> 00:04:30.000 उन परिस्थितिओ में जिनको वो नियंत्रित कर सकते हैं 00:04:30.000 --> 00:04:34.000 और बढ़ा चढ़ा कर आंकते है उन परिस्थितिओ में जिनको वो नियंत्रित नहीं कर सकते हैं | 00:04:34.000 --> 00:04:37.000 तो जब आप स्काय डाइविंग या धुम्रपान के लिए जाते हैं 00:04:37.000 --> 00:04:39.000 आप खतरों को कम कर के आंकते हैं | 00:04:39.000 --> 00:04:42.000 अगर आप पर कोई खतरा थोपा जाता हैं जैसे कि आतंकवाद एक अच्छा उदहारण हैं 00:04:42.000 --> 00:04:45.000 तो आप बढ़ा चढ़ा कर प्रतिक्रिया देते हैं, क्युकि आपको ये आपके नियंत्रण में नहीं लगता हैं | NOTE Paragraph 00:04:47.000 --> 00:04:50.000 ऐसे ही बहुत सारे पक्षपात करते हैं विशेषतः दिमागी पक्षपात 00:04:50.000 --> 00:04:53.000 जो हमारे खतरों से जुड़े निर्णयों पर प्रभाव डालते हैं | 00:04:53.000 --> 00:04:55.000 हमारे पास अपने अनुभव की उपलब्धता हैं 00:04:55.000 --> 00:04:57.000 जिसका असल में मतलब हैं कि, 00:04:57.000 --> 00:05:00.000 हम किसी चीज़ के होने की प्रायिकता का अनुमान 00:05:00.000 --> 00:05:04.000 इस बात से लगाते हैं कि उससे जुड़ी घटनाओ को कितनी सरलता से हम सोच सकते हैं 00:05:04.000 --> 00:05:06.000 तो आप ये कल्पना कर सकते हैं कि ये कैसे काम करती हैं, 00:05:06.000 --> 00:05:09.000 जैसे कि अगर आपने बाघों के आक्रमण के बारे में बहुत सुना हैं तो बहुत सारे बाघ आस पास ही होंगे 00:05:09.000 --> 00:05:12.000 अगर आपने शेरो के आक्रमण के बारे में नहीं सुना है तो बहुत सारे शेर आस पास नही होंगे | 00:05:12.000 --> 00:05:15.000 यह काम करता हैं जब तक समाचार पत्र इजाद नहीं हुए थे | 00:05:15.000 --> 00:05:17.000 क्यूंकि समाचार् पत्र जो करते हैं वो ये 00:05:17.000 --> 00:05:19.000 कि वो बार बार दुहराते हैं 00:05:19.000 --> 00:05:21.000 विरले खतरों को| 00:05:21.000 --> 00:05:23.000 मैं लोगो से कहता हूँ कि अगर ये समाचार हैं तो इससे डरने की जरुरत नहीं 00:05:23.000 --> 00:05:25.000 क्यूंकि परिभाषा से 00:05:25.000 --> 00:05:28.000 समाचार वो हैं जो ज्यादातर कभी भी घटित नहीं होता| 00:05:28.000 --> 00:05:30.000 ( हंसी ) 00:05:30.000 --> 00:05:33.000 जब चीज़े इतनी सामान्य हो जाये तो वो समाचार नहीं रह जाती, 00:05:33.000 --> 00:05:35.000 कार का टकराना, घरेलु हिंसा 00:05:35.000 --> 00:05:38.000 ये सारे खतरें हैं जिनकी आपको चिंता करनी चाहिए | NOTE Paragraph 00:05:38.000 --> 00:05:40.000 हम भी कहानी बताने वालों की प्रजाति हैं, 00:05:40.000 --> 00:05:43.000 हम आंकड़ो की अपेक्षा कहनियों पर ज्यादा प्रतिक्रिया देते हैं 00:05:43.000 --> 00:05:45.000 और कुछ मूलभूत अज्ञानता अभी भी चल रही हैं | 00:05:45.000 --> 00:05:48.000 मेरा मतलब हैं कि चुटकुला "एक, दो, तीन और कई" कुछ हद तक सही हैं 00:05:48.000 --> 00:05:51.000 हम छोटे संख्याओ पर बहुत अच्छे हैं, 00:05:51.000 --> 00:05:53.000 एक आम, दो आम, तीन आम, 00:05:53.000 --> 00:05:55.000 १०००० आम, १००००० आम, 00:05:55.000 --> 00:05:58.000 अभी भी बहुत से आम हैं जिन्हें ख़राब होने के पहले खाया जा सकता है 00:05:58.000 --> 00:06:01.000 तो १/२ , १/४, १/५ हम इनमे अच्छे हैं | 00:06:01.000 --> 00:06:03.000 लाखो में एक, करोड़ो में एक 00:06:03.000 --> 00:06:06.000 ये दोनों लगभग कभी नहीं होते | 00:06:06.000 --> 00:06:08.000 तो हमे उन खतरों से परेशानी होती हैं 00:06:08.000 --> 00:06:10.000 जो इतने सामान्य नहीं हैं | NOTE Paragraph 00:06:10.000 --> 00:06:12.000 और ये दिमागी पक्षपात हमारे और सच्चाई के 00:06:12.000 --> 00:06:15.000 बीच में छलनी की तरह कार्य करता हैं | 00:06:15.000 --> 00:06:17.000 और परिणाम ये कि 00:06:17.000 --> 00:06:19.000 जब अचानक अहसास और सच्चाई बाहर आते हैं 00:06:19.000 --> 00:06:22.000 तो वो अलग अलग होते हैं| 00:06:22.000 --> 00:06:25.000 तो अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होने का अहसास हो सकता हैं 00:06:25.000 --> 00:06:27.000 सुरक्षित होने का एक झूठा भाव 00:06:27.000 --> 00:06:29.000 या फिर दूसरी तरफ 00:06:29.000 --> 00:06:31.000 असुरक्षित होने का एक झूठा भाव 00:06:31.000 --> 00:06:34.000 मैंने "सुरक्षित थेअटर" के बारे में बहुत लिखा है 00:06:34.000 --> 00:06:37.000 जो ऐसे उत्पाद हैं जो लोगों को महसूस कराते हैं कि वो सुरक्षित हैं, 00:06:37.000 --> 00:06:39.000 जबकि वास्तविकता में वो कुछ नहीं करते | 00:06:39.000 --> 00:06:41.000 ऐसी चीज़ के लिए कोई भी शब्द नहीं हैं जो हमे सुरक्षित तो करे 00:06:41.000 --> 00:06:43.000 लेकिन सुरक्षित होने का अहसास ना कराये | 00:06:43.000 --> 00:06:46.000 शायद हमारे लिए सी. आई. ऐ. का यही काम हैं NOTE Paragraph 00:06:48.000 --> 00:06:50.000 तो वापस चलते हैं अर्थशास्त्र की तरफ 00:06:50.000 --> 00:06:54.000 यदि अर्थशास्त्र, यदि बाज़ार, चलाते हैं सुरक्षा को 00:06:54.000 --> 00:06:56.000 और यदि लोग विनिमय करते हैं 00:06:56.000 --> 00:06:59.000 अपने सुरक्षित होने के अहसास के आधार पर, 00:06:59.000 --> 00:07:01.000 तब जो समझदारी भरा काम जो कंपनियां कर सकती हैं, 00:07:01.000 --> 00:07:03.000 आर्थिक फायदों के लिए 00:07:03.000 --> 00:07:06.000 वो ये कि वो लोगों को सुरक्षित महसूस कराये | 00:07:06.000 --> 00:07:09.000 और ये करने के दो तरीके हैं 00:07:09.000 --> 00:07:11.000 पहला कि आप लोगों को असलियत में सुरक्षित रखे 00:07:11.000 --> 00:07:13.000 और उम्मीद रखे कि उन्हें पता चले | 00:07:13.000 --> 00:07:16.000 या दूसरा कि आप लोगों को बस सुरक्षित महसूस कराये 00:07:16.000 --> 00:07:19.000 और ये उम्मीद रखे कि उन्हें पता नहीं चले | 00:07:20.000 --> 00:07:23.000 तो ऐसा क्या हैं जिससे लोग को पता चलता हैं? 00:07:23.000 --> 00:07:25.000 कई चीज़ों से : 00:07:25.000 --> 00:07:27.000 सुरक्षा की समझ, 00:07:27.000 --> 00:07:29.000 खतरों की समझ, आतंक की समझ, 00:07:29.000 --> 00:07:32.000 और उपायों की, वो कैसे काम करते हैं| 00:07:32.000 --> 00:07:34.000 लेकिन अगर आप चीज़ों को समझते हैं 00:07:34.000 --> 00:07:37.000 तब ज्यादा सम्भावना हैं कि आपके अहसास सच्चाई के जैसे ही होंगे | 00:07:37.000 --> 00:07:40.000 पर्याप्त वास्तविक उदहारण मदद करेंगे| NOTE Paragraph 00:07:40.000 --> 00:07:43.000 अभी हम सब अपने आस पड़ोस में जुर्म की दर जानते हैं, 00:07:43.000 --> 00:07:46.000 क्यूंकि हम वहां रहते हैं और हमे वहां का अहसास है 00:07:46.000 --> 00:07:49.000 जो सच्चाई के साथ बिलकुल सही बैठता है | 00:07:49.000 --> 00:07:52.000 तो सुरक्षा के थेअटर का तब पर्दाफाश हो जाता हैं 00:07:52.000 --> 00:07:55.000 जब ये साफ़ हो जाये कि ये ठीक से काम नहीं कर रहा | 00:07:55.000 --> 00:07:59.000 अच्छा तो ऐसा क्या हैं जिससे लोगों को पता नहीं चलता, 00:07:59.000 --> 00:08:01.000 तंत्र की कम समझ 00:08:01.000 --> 00:08:04.000 यदि आप खतरों को नहीं समझेंगे तो आप कीमत नहीं समझेंगे 00:08:04.000 --> 00:08:06.000 और संभवत: गलत विनिमय करेंगे | 00:08:06.000 --> 00:08:09.000 और आपका अहसास सच्चाई के जैसा नहीं होगा | 00:08:09.000 --> 00:08:11.000 ज्यादा पर्याप्त उदहारण नहीं हैं | 00:08:11.000 --> 00:08:13.000 ये कम प्रायिकता वाली घटनायो के साथ 00:08:13.000 --> 00:08:15.000 एक अंदरूनी समस्या हैं | 00:08:15.000 --> 00:08:17.000 उदहारण के लिए, 00:08:17.000 --> 00:08:19.000 आतंकवाद लग भग नहीं के बराबर ही घटित होता है, 00:08:19.000 --> 00:08:21.000 तो आतंकवाद विरोधी उपायों 00:08:21.000 --> 00:08:24.000 के प्रभाविकता का आंकलन करना बहुत ही कठिन है | 00:08:25.000 --> 00:08:28.000 इसीलिए तो आप virgins का बलिदान देते आ रहे हैं 00:08:28.000 --> 00:08:31.000 और इसीलिए तो आपका unicorn पे आधारित बचाव बहुत अच्छा काम कर रहा है | 00:08:31.000 --> 00:08:34.000 यहाँ असफलता के बहुत पर्याप्त उदहारण नहीं हैं| 00:08:35.000 --> 00:08:38.000 साथ ही साथ भावनाए जो धुंधला कर रही हैं, जैसे की , 00:08:38.000 --> 00:08:40.000 दिमागी पक्षपात, जिसके बारे में मैंने पहले बात की, 00:08:40.000 --> 00:08:43.000 डर, स्थानीय विश्वास, 00:08:43.000 --> 00:08:46.000 वो असल में सच्चाई का एक अपर्याप्त नमूना है | NOTE Paragraph 00:08:47.000 --> 00:08:50.000 तो मुझे चीज़ों को जटिल बनाने दे | 00:08:50.000 --> 00:08:52.000 मेरे पास अहसास और सच्चाई हैं | 00:08:52.000 --> 00:08:55.000 अब मैं एक तीसरा अवयव जोड़ना चाहता हूँ | मैं "नमूना" जोड़ना चाहूँगा | 00:08:55.000 --> 00:08:57.000 अहसास और नमूना हमारे दिमाग में और 00:08:57.000 --> 00:08:59.000 सच्चाई बाहर दुनिया में | 00:08:59.000 --> 00:09:02.000 ये नहीं बदलती हैं, ये सच हैं | 00:09:02.000 --> 00:09:04.000 तो अहसास हमारे सहज ज्ञान पर आधारित हैं| 00:09:04.000 --> 00:09:06.000 नमूना तर्क पर आधारित हैं | 00:09:06.000 --> 00:09:09.000 इन दोनों के बीच में यही मूल भिन्नता हैं | 00:09:09.000 --> 00:09:11.000 आदिम और सरल दुनिया में 00:09:11.000 --> 00:09:14.000 नमूने के लिए वास्तविकता में कोई तर्क नहीं है | 00:09:14.000 --> 00:09:17.000 क्यूंकि अहसास सच्चाई के बहुत करीब है | 00:09:17.000 --> 00:09:19.000 तो आपको नमूने की जरुरत नहीं है | 00:09:19.000 --> 00:09:21.000 लेकिन एक नए और जटिल दुनिया में 00:09:21.000 --> 00:09:23.000 आपको नमूनों की जरुरत हैं - 00:09:23.000 --> 00:09:26.000 उन खतरों को समझने के लिए जिनका हम सामना करते हैं | 00:09:27.000 --> 00:09:29.000 जीवाणुओं के लिए हममे कोई अहसास नहीं होता | 00:09:29.000 --> 00:09:32.000 आपको एक नमूने की जरुरत होगी उन्हें समझने के लिए | 00:09:32.000 --> 00:09:34.000 तो ये नमूना 00:09:34.000 --> 00:09:37.000 सच्चाई का एक समझदारी भरा प्रस्तुतीकरण है | 00:09:37.000 --> 00:09:40.000 ये, बिलकुल बंधा हुआ है विज्ञान से, 00:09:40.000 --> 00:09:42.000 तकनीक से | 00:09:42.000 --> 00:09:45.000 जीवाणुओं को देखने के लिए, माइक्रोस्कोप का इजाद होने से पहले 00:09:45.000 --> 00:09:48.000 हमारे पास बीमारियों के लिए जीवाणु का सिद्धांत नहीं हो सकता था 00:09:49.000 --> 00:09:52.000 ये बंधा हुआ है हमारे दिमागी पक्षपात से | 00:09:52.000 --> 00:09:54.000 लेकिन इसके पास योग्यता है कि 00:09:54.000 --> 00:09:56.000 ये हमारे अहसासों को रद्द कर सकता है | NOTE Paragraph 00:09:56.000 --> 00:09:59.000 तो ये नमूने हमको कहाँ से मिलेंगे? हमको ये दूसरो से मिलते हैं | 00:09:59.000 --> 00:10:02.000 हमे धर्मं, संस्कृति, शिक्षक और बड़े बुजुर्गो 00:10:02.000 --> 00:10:04.000 से ये नमूने मिलते हैं | 00:10:04.000 --> 00:10:06.000 कुछ साल पहले 00:10:06.000 --> 00:10:08.000 मैं द. अफ्रीका में जंगल की सैर पर था, 00:10:08.000 --> 00:10:11.000 मैं जिस शिकारी के साथ था वो क्रूगर राष्ट्रीय पार्क में बड़ा हुआ था, 00:10:11.000 --> 00:10:14.000 उसके पास जंगल में जीवन को बचाने के बहुत ही जटिल नमूने थे 00:10:14.000 --> 00:10:16.000 और ये निर्भर करते हैं कि अगर आप पर हमला 00:10:16.000 --> 00:10:18.000 किसी शेर ने या तेंदुआ ने या गेंडे ने या एक हाथी ने किया हैं -- 00:10:18.000 --> 00:10:21.000 और कब आपको भागना होगा और कब आपको किसी पेड़ पे चढ़ना होगा | 00:10:21.000 --> 00:10:23.000 जब आप पेड़ पर कभी चढ़ ही नहीं सकते 00:10:23.000 --> 00:10:26.000 तो मैं वहां एक दिन में मर गया होता, 00:10:26.000 --> 00:10:28.000 लेकिन वो वहां पैदा हुआ था 00:10:28.000 --> 00:10:30.000 और वो समझता था कि कैसे जीवित रहा जाए 00:10:30.000 --> 00:10:32.000 मै न्यू योर्क शहर में पैदा हुआ था, 00:10:32.000 --> 00:10:35.000 अगर मै उसे अपने साथ यहाँ ले आया होता और वो यहाँ एक दिन में मर गया होता | 00:10:35.000 --> 00:10:37.000 (हंसी) 00:10:37.000 --> 00:10:39.000 क्यूंकि हमारे नमूने अलग अलग हैं, 00:10:39.000 --> 00:10:42.000 जो हमारे अलग अलग अनुभवों पर आधारित है | NOTE Paragraph 00:10:43.000 --> 00:10:45.000 नमूने संचार के माध्यम से आ सकते हैं 00:10:45.000 --> 00:10:48.000 हमारे चुने हुए अधिकारीयों से | 00:10:48.000 --> 00:10:51.000 सोचें जरा आतंकवाद के नमूने को, 00:10:51.000 --> 00:10:54.000 बच्चो के अपहरण के नमूने को, 00:10:54.000 --> 00:10:56.000 हवाई जहाज सुरक्षा, कार सुरक्षा, 00:10:56.000 --> 00:10:59.000 नमूने आ सकते हैं उद्योग से | 00:10:59.000 --> 00:11:01.000 जो दो मै सोच रहा हूँ वो हैं निगरानी कैमरा 00:11:01.000 --> 00:11:03.000 और आई. डी. कार्ड्स , 00:11:03.000 --> 00:11:06.000 बहुत सारे कंप्यूटर सुरक्षा के नमूने यही से आये हुए हैं | 00:11:06.000 --> 00:11:09.000 कई नमूने विज्ञान से आये हुए हैं | 00:11:09.000 --> 00:11:11.000 स्वास्थ्य के नमूने अच्छे उदाहरण हैं | 00:11:11.000 --> 00:11:14.000 कैंसर, बर्ड फ्लू, स्वीन फ्लू, स.अ.र.स. के बारे में सोचिए | 00:11:14.000 --> 00:11:17.000 इन बीमारियों के बारे में हमारे 00:11:17.000 --> 00:11:19.000 सुरक्षा के सारे अहसास 00:11:19.000 --> 00:11:21.000 उन नमूनों से आते हैं, 00:11:21.000 --> 00:11:24.000 जो हमे दिए जाते हैं, असल में संचार माध्यम के द्वारा छान हुए विज्ञान से | 00:11:25.000 --> 00:11:28.000 तो नमूने बदल सकते हैं | 00:11:28.000 --> 00:11:30.000 नमूने स्थायी नहीं है 00:11:30.000 --> 00:11:33.000 जैसे जैसे हम अपने वातावरण में ज्यादा आरामदायक महसूस करते हैं, 00:11:33.000 --> 00:11:37.000 हमारा नमूना हमारे अहसासों के और करीब होता जाता है | NOTE Paragraph 00:11:38.000 --> 00:11:40.000 तो एक उदहारण हो सकता है, 00:11:40.000 --> 00:11:42.000 अगर आप १०० साल पीछे जाएँ 00:11:42.000 --> 00:11:45.000 जब पहली बार बिजली सामान्य हो रही थी, 00:11:45.000 --> 00:11:47.000 तब इसके बारे में कई डर थे | 00:11:47.000 --> 00:11:49.000 मेरा मतलब, कई लोग डरते थे दरवाजे की घंटी बजाने से 00:11:49.000 --> 00:11:52.000 क्यूंकि उसमे बिजली थी और उनके लिए वो खतरनाक थी 00:11:52.000 --> 00:11:55.000 हमारे लिए बिजली से जुड़ी चीजे बहुत आसान हैं 00:11:55.000 --> 00:11:57.000 हम बिजली के बल्ब बदलते हैं 00:11:57.000 --> 00:11:59.000 बिजली के बारे में बिना सोचे हुए | 00:11:59.000 --> 00:12:03.000 बिजली के लिए हमारा सुरक्षा नमूना 00:12:03.000 --> 00:12:06.000 कुछ ऐसा है जिसमे हम पैदा हुए हैं | 00:12:06.000 --> 00:12:09.000 हमारे बड़े होने के साथ यह बदला नहीं है 00:12:09.000 --> 00:12:12.000 और हम इसमें अच्छे हैं| 00:12:12.000 --> 00:12:14.000 या सोचिये इन्टरनेट के 00:12:14.000 --> 00:12:16.000 विभिन्न पीढियों के लिए खतरे के बारे में -- 00:12:16.000 --> 00:12:18.000 आपके परेंट्स इन्टरनेट सुरक्षा के बारे में कैसे सोचते हैं, 00:12:18.000 --> 00:12:20.000 और आप कैसे सोचते हैं 00:12:20.000 --> 00:12:23.000 और आपके बच्चे कैसे सोचेंगे | 00:12:23.000 --> 00:12:26.000 पृष्टभूमि में नमूने आख़िरकार गायब हो जायंगे 00:12:27.000 --> 00:12:30.000 सहज ज्ञान का दूसरा नाम परिचित होना है| NOTE Paragraph 00:12:30.000 --> 00:12:32.000 तो अगर नमूना सच्चाई के करीब है 00:12:32.000 --> 00:12:34.000 और ये हमारे अहसासों से मिल जायेंगे, 00:12:34.000 --> 00:12:37.000 और जयादातर समय आपको पता भी नहीं चलेगा | 00:12:37.000 --> 00:12:39.000 तो एक अच्छा उदहारण इसका आता है 00:12:39.000 --> 00:12:42.000 पिछले साल स्वीन फ्लू से | 00:12:42.000 --> 00:12:44.000 जब स्वेन फ्लू पहली बार आया 00:12:44.000 --> 00:12:48.000 तब पहले पहले समाचार ने जरुरत से ज्यादा प्रतिक्रिया पैदा की | 00:12:48.000 --> 00:12:50.000 अब इसका नाम है 00:12:50.000 --> 00:12:52.000 जिसने इसको और डरावना बना दिया 00:12:52.000 --> 00:12:54.000 सामान्य फ्लू से भले ही ये ज्यादा घातक था | 00:12:54.000 --> 00:12:58.000 और लोगों ने सोचा डाक्टर्स इस लायक है कि वो इसका उपाय ढूंढ़ लेंगे| 00:12:58.000 --> 00:13:00.000 तो यहाँ पे एक अहसास था की स्थिति नियंत्रण से बाहर है | 00:13:00.000 --> 00:13:02.000 और इन दोनों चीज़ों 00:13:02.000 --> 00:13:04.000 ने खतरों को वास्तविकता से बड़ा बना दिया | 00:13:04.000 --> 00:13:07.000 जैसे जैसे अनूठापन गया, महीने बीतें, 00:13:07.000 --> 00:13:09.000 सहन करने की क्षमता बढ़ी, 00:13:09.000 --> 00:13:11.000 और लोगों को इसकी आदत हो गयी 00:13:11.000 --> 00:13:14.000 अब कोई नए आंकड़े नहीं थे, लेकिन फिर भी डर कम था | 00:13:14.000 --> 00:13:16.000 शरद ऋतू के आते 00:13:16.000 --> 00:13:18.000 तक लोंगो ने सोचा कि 00:13:18.000 --> 00:13:20.000 डाक्टर्स ने इसे सुलझा लिया होगा | 00:13:20.000 --> 00:13:22.000 और यहाँ एक प्रकार का द्वि विभाजन है, 00:13:22.000 --> 00:13:24.000 लोगों को चुनना था 00:13:24.000 --> 00:13:28.000 डर और सच को स्वीकार करने में 00:13:28.000 --> 00:13:30.000 असल में डर और उदासीनता के बीच में, 00:13:30.000 --> 00:13:33.000 उन्होंने एक प्रकार से संदेह चुना | 00:13:33.000 --> 00:13:36.000 और जब पिछले ठण्ड में टीका आया, 00:13:36.000 --> 00:13:39.000 बहुत से लोग ऐसे थे - बहुत ज्यादा - 00:13:39.000 --> 00:13:42.000 जिन्होंने टीका लेने से मना कर दिया -- 00:13:43.000 --> 00:13:45.000 एक अच्छा उदहारण 00:13:45.000 --> 00:13:48.000 लोगों के अहसास कैसे बदलते हैं, नमूने कैसे बदलते हैं, 00:13:48.000 --> 00:13:50.000 अजीबोगरीब रूप से, 00:13:50.000 --> 00:13:52.000 कोई नयी सूचना ना होने के बाद भी, 00:13:52.000 --> 00:13:54.000 कोई नयी सूचना नहीं, 00:13:54.000 --> 00:13:57.000 ये अक्सर होता है | NOTE Paragraph 00:13:57.000 --> 00:14:00.000 मैं एक नयी जटिलता देने वाला हूँ, 00:14:00.000 --> 00:14:03.000 हमारे पास अहसास है, नमूने हैं, सच्चाई हैं | 00:14:03.000 --> 00:14:05.000 मेरे पास सुरक्षा का परस्पर दृश्य है | 00:14:05.000 --> 00:14:08.000 मैं सोचता हूँ ये देखने वाले पर निर्भर करता है | 00:14:08.000 --> 00:14:10.000 और जयादा सुरक्षा निर्णयों में 00:14:10.000 --> 00:14:14.000 बहुत से लोग शामिल रहते हैं | 00:14:14.000 --> 00:14:16.000 और भागीदार 00:14:16.000 --> 00:14:19.000 जिनकी अपनी विनिमय शर्ते हैं 00:14:19.000 --> 00:14:21.000 निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश करते है | 00:14:21.000 --> 00:14:23.000 और मैं इसके उनका अजेंडा कहता हूँ | 00:14:23.000 --> 00:14:25.000 और आप देख सकते हैं कि उनका अजेंडा , 00:14:25.000 --> 00:14:28.000 ये दुकानदारी, ये राजनीति 00:14:28.000 --> 00:14:31.000 कोशिश करती रहती है कि आप एक नमूने के ऊपर दुसरे को चुने | 00:14:31.000 --> 00:14:33.000 कोशिश करते है कि आप एक नमूने को नजर अंदाज करें 00:14:33.000 --> 00:14:36.000 और अपनी भावनाओं का भरोसा करें, 00:14:36.000 --> 00:14:39.000 उन लोगों प्रभावहीन करना जो उस नमूने का समर्थन करते हैं जिनको आप नहीं पसंद करते | 00:14:39.000 --> 00:14:42.000 ये बहुत अनोखा नहीं है | 00:14:42.000 --> 00:14:45.000 एक उदाहरण, एक बहुत बढ़िया उदाहरण है, धुम्रपान का खतरा | 00:14:46.000 --> 00:14:49.000 पिछले ५० सालों के इतिहास में, धुम्रपान का खतरा 00:14:49.000 --> 00:14:51.000 बतलाता है एक नमूना कैसे बदलता है , 00:14:51.000 --> 00:14:54.000 और ये भी कि एक उद्योग कैसे लड़ता है 00:14:54.000 --> 00:14:56.000 एक नमूने से जिसको वो पसंद नहीं करता | 00:14:56.000 --> 00:14:59.000 उसी पुरानी धूम्रपान की बहस की तुलना में -- 00:14:59.000 --> 00:15:02.000 शायद लगभग २० साल पहले | 00:15:02.000 --> 00:15:04.000 सीट बेल्ट के बारे में सोचें | 00:15:04.000 --> 00:15:06.000 जब मैं बच्चा था तब कोई भी सीट बेल्ट नहीं पहनता था | 00:15:06.000 --> 00:15:08.000 आज कल कोई बच्चा आपको गाडी चलाने नहीं देगा 00:15:08.000 --> 00:15:10.000 अगर आपने सीट बेल्ट ना लगायी हो तो | 00:15:11.000 --> 00:15:13.000 एयर बैग की बहस की तुलना में -- 00:15:13.000 --> 00:15:16.000 शायद लग भग ३० साल पहले | NOTE Paragraph 00:15:16.000 --> 00:15:19.000 सारे उदाहरण नमूनों के बदल रहे है | 00:15:21.000 --> 00:15:24.000 हमने ये सीखा कि नमूनों को बदलना कठिन है | 00:15:24.000 --> 00:15:26.000 नमूनों को शक्ति से हटाना कठिन है | 00:15:26.000 --> 00:15:28.000 अगर वो आपकी भावनाओं के करीब है तो 00:15:28.000 --> 00:15:31.000 आपको पता भी नहीं चलेगा की आपके पास एक नमूना है| 00:15:31.000 --> 00:15:33.000 और यहाँ पे एक और दिमागी पक्षपात है, 00:15:33.000 --> 00:15:35.000 जिसे मैं कहूँगा " सुनिश्चित पक्षपात " 00:15:35.000 --> 00:15:38.000 जहाँ हम उन आंकड़ो को स्वीकार करते हैं 00:15:38.000 --> 00:15:40.000 जो हमारे विशवास से मिलते हैं 00:15:40.000 --> 00:15:43.000 और उन आंकड़ों को अस्वीकार कर देते हैं 00:15:44.000 --> 00:15:46.000 जो हमारे विश्वासों के खिलाफ होते हैं | 00:15:46.000 --> 00:15:49.000 संभवत: हम इन्हें नज़र अंदाज़ कर देंगे भले ही वो बहुत सही हो 00:15:49.000 --> 00:15:52.000 इसको बहुत ही जयादा अकाट्य होना पड़ेगा इसके पहले की हम ध्यान देना शुरू करें | 00:15:53.000 --> 00:15:55.000 नए नमूने जो इतने लम्बे समय तक चलते हैं वो कठिन होते हैं | 00:15:55.000 --> 00:15:57.000 ग्लोबल वार्मिंग एक अच्छा उदाहरण है | 00:15:57.000 --> 00:15:59.000 हम लोग बहुत ही भयानक है 00:15:59.000 --> 00:16:01.000 ऐसे नमूने में जो ८० साल का है | 00:16:01.000 --> 00:16:03.000 हम लोग अगली फसल तक ये कर सकते है | 00:16:03.000 --> 00:16:06.000 हम तब तक ये कर सकते है जब तक हमारे बच्चे बड़े नहीं होते | 00:16:06.000 --> 00:16:09.000 लेकिन फिर भी ८० सालों के बाद भी हम लोग इसमें अच्छे नहीं है | 00:16:09.000 --> 00:16:12.000 तो स्वीकार करने के लिए ये एक बहुत ही कठिन नमूना है | 00:16:12.000 --> 00:16:16.000 हम दोनों नमूनों को अपने दिमाग में एक साथ रख सकते हैं, 00:16:16.000 --> 00:16:19.000 या उस समस्या को 00:16:19.000 --> 00:16:22.000 जहाँ हम अपने विश्वास या दिमागी असंगति को 00:16:22.000 --> 00:16:24.000 एक साथ रख रहे हैं, 00:16:24.000 --> 00:16:26.000 आखिरकार, 00:16:26.000 --> 00:16:29.000 नया नमूना पुराने की जगह ले लेगा | NOTE Paragraph 00:16:29.000 --> 00:16:32.000 मजबूत अहसास एक नमूना बना सकते है | 00:16:32.000 --> 00:16:35.000 सितम्बर ११ ने एक सुरक्षा नमूना बनाया 00:16:35.000 --> 00:16:37.000 बहुत सारे लोगों के दिमाग में | 00:16:37.000 --> 00:16:40.000 जुर्म के साथ खुद के अनुभव भी ये काम कर सकते हैं | 00:16:40.000 --> 00:16:42.000 खुद के स्वास्थ्य का डर , 00:16:42.000 --> 00:16:44.000 समाचारों में स्वास्थ्य का डर | 00:16:44.000 --> 00:16:46.000 आप देखेंगे की ये "फ्लेश बल्ब " घटनाये कहलाती हैं 00:16:46.000 --> 00:16:48.000 मनोचिक्त्सिक की भाषा में | 00:16:48.000 --> 00:16:51.000 वे तुरंत नमूने बना सकते है 00:16:51.000 --> 00:16:54.000 क्यूंकि वे बहुत ही भावोत्तेजक होते है NOTE Paragraph 00:16:54.000 --> 00:16:56.000 तो इन तकनिकी दुनिया में 00:16:56.000 --> 00:16:58.000 हमारे पास अनुभव नहीं होते 00:16:58.000 --> 00:17:00.000 ताकि हम नमूनों का आंकलन कर सके | 00:17:00.000 --> 00:17:02.000 और हम दूसरों पे निर्भर रहते हैं | हम प्रतिनिधि पे भरोसा करते हैं | 00:17:02.000 --> 00:17:06.000 मेरा मतलब ये तब तक काम करता है जब तक ये दूसरो को ठीक करे | 00:17:06.000 --> 00:17:08.000 हम शासकीय संस्थाओ पे भरोसा करते हैं 00:17:08.000 --> 00:17:13.000 ये बताने के लिए कि pharmaceuticals सुरक्षित है | 00:17:13.000 --> 00:17:15.000 मैं कल ही यहाँ हवाई जहाज से आया, 00:17:15.000 --> 00:17:17.000 मैंने हवाई अड्डे पे जांच नहीं की, 00:17:17.000 --> 00:17:19.000 मैंने दुसरे समूह पे भरोसा किया, 00:17:19.000 --> 00:17:22.000 ये पता लगाने के लिए की क्या मेरा जहाज उड़ने के लिए सुरक्षित है | 00:17:22.000 --> 00:17:25.000 हम लोग यहाँ है, हम में से किसी को भी डर नहीं है कि ये छत हमपे गिर सकती है | 00:17:25.000 --> 00:17:28.000 इसलिए नहीं की हमने जांच की है 00:17:28.000 --> 00:17:30.000 लेकिन हम लोग बिलकुल ये जानते है 00:17:30.000 --> 00:17:33.000 की इमारतों के मानक यहाँ अच्छे है 00:17:33.000 --> 00:17:35.000 ये एक नमूना है जो हम स्वीकार करते हैं 00:17:35.000 --> 00:17:37.000 बहुत कुछ बस अपने विश्वास से | 00:17:37.000 --> 00:17:40.000 और ये सही है | NOTE Paragraph 00:17:42.000 --> 00:17:44.000 अब हम जो चाहते है 00:17:44.000 --> 00:17:46.000 वो ये की लोग परिचित हो जाए 00:17:46.000 --> 00:17:48.000 अच्छे नमूनों से 00:17:48.000 --> 00:17:50.000 और ऐसे की वो प्रतिबिम्बित हो उनके अहसासों में 00:17:50.000 --> 00:17:54.000 ताकि वो सुरक्षा के विनिमय कर सके | 00:17:54.000 --> 00:17:56.000 और जब ऐसा होता है 00:17:56.000 --> 00:17:58.000 तब आपके पास दो विकल्प होते हैं 00:17:58.000 --> 00:18:00.000 पहला, आप लोगों के अहसासों को ठीक करें , 00:18:00.000 --> 00:18:02.000 सीधे उनके अहसासों पर काम करें | 00:18:02.000 --> 00:18:05.000 ये हेराफेरी है लेकिन ये काम करती है 00:18:05.000 --> 00:18:07.000 दूसरी, ज्यादा इमानदार तरीका, 00:18:07.000 --> 00:18:10.000 ये की आप अपना नमूना ठीक करें | 00:18:11.000 --> 00:18:13.000 बदलाव धीरे धीरे होता है | 00:18:13.000 --> 00:18:16.000 धुम्रपान की बहस ने ४० साल लिए 00:18:16.000 --> 00:18:19.000 और जबकि वो आसान थी | 00:18:19.000 --> 00:18:21.000 इसमें से कुछ चीज़ें कठिन हैं, 00:18:21.000 --> 00:18:23.000 मेरा मतलब सच में कठिन, 00:18:23.000 --> 00:18:25.000 ऐसा लगता है कि सूचना हमारी सबसे बढ़िया उम्मीद है | NOTE Paragraph 00:18:25.000 --> 00:18:27.000 और मैंने झूठ बोला | 00:18:27.000 --> 00:18:29.000 याद है जब मैंने कहा भावनाएं, नमूने, सच्चाई | 00:18:29.000 --> 00:18:32.000 और मैंने कहा था सच्चाई नहीं बदलती है| असल में ये बदलती है | 00:18:32.000 --> 00:18:34.000 हम तकनिकी दुनिया में रहते हैं ; 00:18:34.000 --> 00:18:37.000 सच्चाई हर समय बदलती रहती है | 00:18:37.000 --> 00:18:40.000 तो हम शायद -- पहली बार इस प्रजाति में -- 00:18:40.000 --> 00:18:43.000 भावनाए पीछा करती हैं नमूने का, नमूने पीछा करते हैं सच्चाई का, और सच्चाई भाग रही है -- 00:18:43.000 --> 00:18:46.000 तो वो कभी ना मिल पायें | 00:18:47.000 --> 00:18:49.000 हम नहीं जानते | 00:18:49.000 --> 00:18:51.000 लेकिन लम्बे समय में 00:18:51.000 --> 00:18:54.000 दोनों अहसास और सच्चाई महत्वपूर्ण है | 00:18:54.000 --> 00:18:57.000 और मैं दो छोटी कहानियों के साथ इसे समाप्त करना चाहूँगा | NOTE Paragraph 00:18:57.000 --> 00:18:59.000 १९८२ - मैं नहीं जनता लोगों को ये याद भी है या नहीं -- 00:18:59.000 --> 00:19:02.000 एक tylenol विष की छोटी महामारी 00:19:02.000 --> 00:19:04.000 अमेरिका में फैली थी 00:19:04.000 --> 00:19:07.000 ये एक भयानक कहानी है| किसी ने एक बोतल ली tylenol 00:19:07.000 --> 00:19:10.000 की उसमे विष भर दिया, उसे बंद किया, और उसे दराज में वापस रख दिया | 00:19:10.000 --> 00:19:12.000 किसी और ने उसे खरीदा और मर गया | 00:19:12.000 --> 00:19:14.000 इसने लोगों को डरा दिया | 00:19:14.000 --> 00:19:16.000 उसके बाद कई नक़ल हमले हुए | 00:19:16.000 --> 00:19:19.000 उसमे कोई भी असली खतरा नहीं था लेकिन लोग डरे हुए थे 00:19:19.000 --> 00:19:21.000 और इस तरह 00:19:21.000 --> 00:19:23.000 छेड़ छाड़ सुरक्षित drug उद्योग इजाद हुई | 00:19:23.000 --> 00:19:25.000 छेड़ छाड़ सुरक्षित ढक्कन इसी से आये | 00:19:25.000 --> 00:19:27.000 ये एक सम्पूर्ण सुरक्षा थेअटर है | 00:19:27.000 --> 00:19:29.000 गृहकार्य के रूप में इसको हराने के १० तरीके सोचिये | 00:19:29.000 --> 00:19:32.000 मैंने आपको एक बताता हूँ, एक सुई 00:19:32.000 --> 00:19:35.000 लेकिन इसने लोगों को सुरक्षित महसूस कराया | 00:19:35.000 --> 00:19:37.000 इसने उनके सुरक्षित होने के अहसास को 00:19:37.000 --> 00:19:39.000 और करीब लाया सच्चाई के | NOTE Paragraph 00:19:39.000 --> 00:19:42.000 आखिरी कहानी, कुछ साल पहले, मेरी एक दोस्त ने बच्चे को जन्म दिया | 00:19:42.000 --> 00:19:44.000 मैं उससे मिलने हॉस्पिटल गया, 00:19:44.000 --> 00:19:46.000 मुझे पता चला कि जब बच्ची का जन्म हो गया है तो, 00:19:46.000 --> 00:19:48.000 उन्होंने एक आर. अफ. आई. दी. कंगन पहना दिया बच्ची को, 00:19:48.000 --> 00:19:50.000 और एक वैसा ही बच्ची की माँ को 00:19:50.000 --> 00:19:52.000 ताकि उसको माँ को छोड़कर और कोई बच्ची को बाहर ले जाये तो 00:19:52.000 --> 00:19:54.000 एक अलार्म बज जायेगा | 00:19:54.000 --> 00:19:56.000 मैंने कहा अच्छा, ये बढ़िया है | 00:19:56.000 --> 00:19:58.000 मैं सोचा बच्ची को चुराना नियंत्रण से कितना बाहर है 00:19:58.000 --> 00:20:00.000 हास्पिटल के बाहर ? 00:20:00.000 --> 00:20:02.000 मैं घर गया और देखा इसके बारे में | 00:20:02.000 --> 00:20:04.000 ये असल में कभी हुआ ही नहीं | 00:20:04.000 --> 00:20:06.000 लेकिन अगर आप इसके बारे में सोचें , 00:20:06.000 --> 00:20:08.000 आप हास्पिटल में हैं 00:20:08.000 --> 00:20:10.000 और आपको बच्ची को माँ से दूर ले जाना हैं 00:20:10.000 --> 00:20:12.000 दुसरे कमरे में ताकि आप कोई परिक्षण कर सके तो 00:20:12.000 --> 00:20:14.000 या तो आपके पास कोई अच्छा बेहतर सुरक्षा थेअटर होना चाहिए 00:20:14.000 --> 00:20:16.000 नहीं तो उसे आपका हाथ काटना पड़ेगा | NOTE Paragraph 00:20:16.000 --> 00:20:18.000 (हंसी ) NOTE Paragraph 00:20:18.000 --> 00:20:20.000 तो ये हमारे लिए जरुरी हैं, 00:20:20.000 --> 00:20:22.000 उन लोगों के लिए जो सुरक्षा की रचना करते हैं, 00:20:22.000 --> 00:20:25.000 जो सुरक्षा के नियमो को देखते हैं , 00:20:25.000 --> 00:20:27.000 या बल्कि जो जनता के नियमो को देखते हैं 00:20:27.000 --> 00:20:29.000 उन तरीको से जिससे ये सुरक्षा पर प्रभाव डालते हैं | 00:20:29.000 --> 00:20:32.000 ये केवल सच्चाई नहीं हैं ये अहसास और सच्चाई हैं | 00:20:32.000 --> 00:20:34.000 जो जरुरी हैं वो ये 00:20:34.000 --> 00:20:36.000 वे एक से रहे | 00:20:36.000 --> 00:20:38.000 ये जरुरी है अगर हमारे अहसास सच्चाई से मिले 00:20:38.000 --> 00:20:40.000 तो हम अच्छे सुरक्षा विनिमय कर सकते हैं | NOTE Paragraph 00:20:40.000 --> 00:20:42.000 धन्यवाद NOTE Paragraph 00:20:42.000 --> 00:20:44.000 (अभिवादन)