इस वीडियो में हम मांग के नियम के बारे में
बात करेंगे,
जो माइक्रो अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण
भाग है।
सौभग्यवश यह एक बहुत ही सहज ज्ञान से
सम्बंधित विचार है.
यह सिर्फ हमें यह बताता है की, जब हम किसी
उत्पाद की कीमत बढ़ा देते हैं
तब वह मांगी गयी मात्रा को कम कर देगा .
मांगी गयी मात्रा कम हो जाएगी,
और आप कल्पना कीजिये उसका दूसरा पहलू .
यदि हम किसी उत्पाद की कीमत कम करते हैं ,
वह उस उत्पाद की मांगी गयी मात्रा में
वृद्धि कर देगा.
और मांग का नियम यह बताता है ,आम तौर पर ,
जैसा की हम कुछ वीडियोस में ,अब से कुछ
देर में देखेंगे ,
की इसके कुछ अपवाद भी हैं .
किन्तु इसे थोड़ा साकार बनाने के लिए
किसी विशेष उत्पाद की मांग के बारे
में सोचिये।
और एक बात मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ यहां
और मैं बहुत कष्ट उठा कर कोशिश करूंगा की
कोई गलती न हो इसमें
वह यह की, जब हम मांग की बात करते हैं
औपचारिक आर्थिक रूप में,
हम एक मात्रा की बात नहीं कर रहे
हम वास्तव में बात करेंगे "बाकि सब बराबर "
"सेट्रिस परिबस" .."अन्य बातें समान "
केवल कीमत और मांगी गयी मात्रा के बीच
सम्बन्ध.
यदि हम वास्तविक मात्रा के बारे में बात
करते हैं ,
हमें कहना चाहिए मांगी गयी मात्रा।
इसलिए , मांग तथा मांगी गयी मात्रा
यह दो अलग चीज़ें हैं.
यदि आपके लिए यह थोड़ा अस्पष्ट है अभी
आशा है की वीडियो क अंत तक ,
मांग और मांगी गयी मात्रा के
बीच अंतर
थोड़ा स्पष्ट हो जायेगा,
और आगे के कुछ वीडियोस में निश्चय ही.
क्यूंकि हम इस वीडियो में बात करेंगे
मांग की मात्रा कैसे बदलती है ,
कीमत के सम्बन्ध मे
आगे के वीडियोस में बात करेंगे सम्पूर्ण
सम्बन्ध के बारे में
कैसे मांग में परिवर्तन आता है विभिन
तत्वों के द्वारा।
किन्तु बात को स्पष्ट करने के लिए
मान लीजिये मैं अपनी वैज्ञानिक काल्पनिक
पुस्तक का विमोचन करने जा रहा हूँ
अंतरिक्ष ,कुछ भी , मुझे पता नहीं ,जिस
पुस्तक का मैं विमोचन करने जा रहा हूँ.
तो मैं कोई इ पुस्तक का विमोचन करने
जा रहा हूँ,
हमने कोई बाजार का अध्यन किया है
या हमें ऐसे ही पता है की कीमत क्या है
या मांग कीमत से कैसे सम्बंधित है,
या कीमत मांग से कैसे सम्बंधित है,
और हम यह दिखाने जा रहे हैं एक मांग
तालिका में,
जो केवल एक सारिणी है
जो यह दिखiती है
की कीमत ...और मैंने वास्तव में अपनी
पहली गलती की..
मैंने अभी कहा की कीमत मांग से कैसे
सम्बंधित है.
मुझे कहना चाहिए की कीमत मांग की मात्रा
से कैसे सम्बंधित है,
और मांग की मात्रा कीमत से कैसे सम्बंधित है
तो एक मांगतालिका ,यह दिखाती है
कीमत और मांग की मात्रा का सम्बन्ध .
अन्य बातें समान रहने पर.
तो हमारे पास यहां बहुत से परिदृश्य
सामने आएंगे।
तो यह कॉलम परिदृश्यों का है
इस कॉलम में मैं कीमत रखता हूँ.
यह कॉलम मांग की मात्रा का है.
तो एक परिदृश्य..
मान लीजिये यह परिदृश्य अ है।
मैं अपनी किताब की कीमत $२ रखता हूँ ,
और मुझे हज़ारों लोग मिलेंगे जो उस कीमत
पर उसको डाउनलोड करेंगे.
तो मुझे 60,000 लोग मिलेंगे
जो मेरी इ-बुक को डाउनलोड करेंगे उस
कीमत पर.
परिदृश्य बी ,मैं कीमत बढ़ा सकता हूँ $२से
तो अब यह $ ४ पर है, जो बहुत सी मांग को
कम कर देगा
अब मांग की मात्रा गिर जाती है ,
४०,००० लोग डाउनलोड कर रहे हैं।
तो फिर मैं परिदृश्य च पर जाता हूँ,
जहां मैं कीमत $2 और बढ़ा देता हूँ .
तो मैं अब $६ पर हूँ,
जो माँगा की मात्रा को ३०,००० तक गिरा
देता है.
मैं कुछ और ऐसे करूंगा
परिदृश्य डी, $२ और बढ़ा देता हूँ
तो अब मैं $8 पर हूँ
मांग की मात्रा कम होकर 25,000 हो
जाती है.
और मैं एक और ऐसा करूंगा
देखो, मैंने कौन सा रंग प्रयोग
नहीं किया है
मैंने पीला नहीं इस्तेमाल किया अभी तक.
परिदृश्य इ,मैं इसको $10 तक बढ़ा देता हूँ
अब मांग की मात्रा ,मान लीजिये 26000 है।
तो यह सम्बन्ध ,
यह दिखाता है मांग का नियम एकदम यहाँ पर
और यह तालिका दिखाती है,
कैसे मांग की मात्रा सम्बंधित है कीमत के
साथ,
और इसके विपरीत .
इसको हम मांग तालिका कहते हैं .
अब ,इस मांग तालिका के आधार पर
हम मांग वक्र भी बना सकते हैं.
हम केवल इन बिन्दुओं को ग्राफ पर चित्रित
करेंगे,
और इन बिन्दुओं को मिलाने वाला वक्र
बनाएंगे ,
क्यूंकि केवल यही परिदृश्य नहीं हैं।
इनके बीच भी अनेक संभावनाएं हो सकती हैं.
हम किताब के लिए $2.01 भी मांग सकते हैं .
हम पुस्तक के लिए $4.50 भी मांग सकते हैं।
और यही बात मांग वक्र बतलाता है कुछ
बेहतर तरीके से,
क्यूंकि वह केवल पांच बिंदु नहीं ,बल्कि
एक लगातार वक्र है .
तो आओ हम यह करते हैं।
हम इसको ग्राफ में परिवर्तित करें।
और यह अर्थशास्त्र की वह परंपरा है
जो मुझे पसंद नहीं,
क्यूंकि लोग अक्सर बात करते हैं कीमत
बदलने की
और ऐसा करने से मांग की मात्रा कैसे
परिवर्तित होती है।
और पारम्परिक तरीके में ,अधिकतर हिसाब
और विज्ञान में, ..
जिस वस्तु को आप बदल रहे हैं
आप उसे आम तौर पर क्षेतिज अक्ष पर दिखाते
हैं.
तो अगर मुझे अर्थशास्त्र की परम्पराओं
का अध्यक्ष बनाया जाता ,
मैं कीमत को क्षेतिज अक्ष पर दिखाता
ठीक यहां पर।
किन्तु विशिष्ट रूप से यह किया
जाता है
कीमत को लंबवत अक्ष पर दिखाते हुए.
तो जैसा आप अभ्यस्त होंगे ,
परंपरागत कक्षा के वातावरण में देखते हुए
मैं भी वैसा ही करूंगा.
तो हम कीमत को लंबवत अक्ष पर रखेंगे ,
और माँगा की मात्रा को क्षेतिज अक्ष पर
रखेंगे।
और अब मांग की मात्रा 60000 तक जाती है ,
तो वह है 10..20..30..40..50..60
तो यह है 10…हज़ारों में ...
20..30..माफ़ किजिये…45..40..50 और 60
और यह है हज़ारों में.
और कीमत जाती है $10 तक
$2 से $10 तक।
मान लीजिये, यह है 2..4...6..8 और 10 .
तो आओ हम परिदृश्यों को चित्रित करें।
तो परिदृश्य A ,कीमत है $2
60,000 इकाइयों की मांग की जाती है।
वह रहा परिदृश्य A ठीक वहाँ पर।
परिदृश्य बी,जब कीमत है $2
४०,००० इकाइयों की मांग की जा रही है।
$४,४०,००० इकाइयां ठीक वहां पर है।
वह है परदृश्य बी।
परिदृश्य च,$6, 30,000 इकाइयां।
परिदृश्य D,$8 ,25,000 इकाइयां।
$8, २५ ठीक वहाँ पर है।
वह लगता है 25,000, ठीक बीच में. वह
काफी नज़दीक है।
तोह वह वहां पर है परिदृश्य डी।
और फिर अंत में परिदृश्य इ।
$10 ,23,000 इकाइयां।
तो वह कुछ ऐसे होगा।
वह है परिदृश्य इ।
तोह वास्तव में कीमतें उनके बीच कहीं भी
हो सकती हैं ,
और शायद हम उस से आगे भी जा सकते हैं।
तोह यह, ठीक यहां पर.
तो अगर मुझे मांग वक्र बनाना होता ,
वह कुछ ऐसे दिखाई देता।
मांग वक्र कुछ ऐसा दिखता,
मैं अपनी भरपूर कोशिश कर रहा हूँ की मैं
एक सीधी लगातार रेखा खींचू-
कुछ ऐसा दिख सकता है
यह लगातार ऐसे ही आगे भी चल सकता है।
तो मांग को दर्शाने के यह दो तरीके हैं।
तोह मैं वापिस जा रहा हूँ, जो मैंने
पहले बात की थी ,
अन्य बातें सामान रहने पर, एक दी हुई कीमत
पर पुस्तक
किकितनी इकाइयां डाउनलोड हुई या
खरीदी गयी,
मांग की मात्रा कहलाएगी।
जब हम मांग के बारे में बात करते हैं ,
हम इस पूर्ण सम्बन्ध के बारे में ही बात
करते हैं।
तोह यह जो मांग है ,
यह सम्पूर्ण मांग तालिका है।
या सोचने का एक और तरीका है,
यह सम्पूर्ण मांग वक्र है।
यदि मांग में परिवर्तन आता ,
तो वास्तव में हमारे पास एक नया
मांग वक्र होता।
यह वक्र खिसक जाता,
या तालिका के आंकड़े बदल जाते।
यदि मांग की मात्रा में परिवर्तन आता है,
तो , हम इस वक्र पर ही चलते हैं।
अन्य बातें समान रहने पर
और केवल कीमत में परिवर्तन होने पर।
तो आशा है की यह स्पष्ट हो गया।
जब अन्य सब बातें सामान रहती हैं ,
और आप केवल कीमत में परिवर्तन करते हैं ,
आप मांग में कोई परिवर्तन नहीं कर रहे।
आप केवल मांग की मात्रा में परिवर्तन
ला रहे हैं।
मांग,क्यूंकि अन्य बातें सामान हैं ,
केवल यह सम्बन्ध है।
आगे के कुछ वीडियोस में ,
हम सोचेंगे की क्या होता है ,
जब आप उनमे से कुछ तत्वों को बदलते हैं।