WEBVTT 00:00:09.880 --> 00:00:11.480 पीरियड्स| 00:00:11.500 --> 00:00:12.596 खून| 00:00:12.856 --> 00:00:14.016 मासिक धर्म| 00:00:14.840 --> 00:00:16.416 गन्दा| 00:00:16.440 --> 00:00:17.826 गुप्त| 00:00:18.080 --> 00:00:19.280 छुपा कर| 00:00:19.760 --> 00:00:21.000 क्यों? 00:00:22.120 --> 00:00:24.016 यह एक ऐसी स्वाभाविक घटना है, 00:00:24.040 --> 00:00:27.856 जो सभी औरतों को हर महीने सामना करना पड़ता है, 00:00:27.880 --> 00:00:30.096 तकरीबन अपनी आधी ज़िन्दगी भर I 00:00:30.120 --> 00:00:32.776 यह एक ऐसी महत्वपूर्ण घटना है, 00:00:32.800 --> 00:00:37.000 की हमारी नस्ल का प्रजनन इसपर निर्भर है 00:00:37.840 --> 00:00:39.680 फिर भी हम इसे निषिद्ध मानते हैं| 00:00:40.520 --> 00:00:43.400 इसके बारे में बात करने से कतराते हैं| 00:00:45.240 --> 00:00:47.056 मेरी पहली बार माहवारी के होने पर, 00:00:47.080 --> 00:00:49.440 मुझे यह बात सबसे छुपा कर रखने को कहा गया था, 00:00:50.160 --> 00:00:52.040 मेरे पिता और भाई से भी| 00:00:53.040 --> 00:00:55.656 फिर जब स्कूल में यह अध्याय हमें पढ़ाने की बारी आई... 00:00:55.680 --> 00:00:58.016 तो विज्ञान के टीचर ने यह विषय पढ़ाया ही नहीं! 00:00:58.040 --> 00:01:00.720 (हंसी) 00:01:01.400 --> 00:01:03.080 जानते हैं इन बातों से मैं क्या सीखी 00:01:03.760 --> 00:01:06.920 मैं यह सीखी की इसके बारे में बात करना बहुत शर्मनाक है| 00:01:07.480 --> 00:01:10.136 मैंने अपने शरीर की वजह से शर्मिंदा होना सीखा 00:01:10.160 --> 00:01:13.216 मैंने सभय रहना की वजह से, 00:01:13.240 --> 00:01:15.200 मासिक धर्म के बारे में अनजान रहना सीखा। 00:01:15.700 --> 00:01:18.016 भारत के कई हिस्सों में की हुई रिसर्च ये बताती है, 00:01:18.040 --> 00:01:22.776 की हर १० में से तीन लड़कियों इस बात से अनभिज्ञ हैं, जब तक की वह खुद पहली बार 00:01:22.800 --> 00:01:24.560 मासिक धर्म में नहीं हुईं। 00:01:25.200 --> 00:01:26.816 और राजस्थान के कुछ हिस्से ऐसे भी 00:01:26.840 --> 00:01:31.680 हैं, जहाँ १० में से ९ लड़कियां इस बात से अवगत नहीं हैं| 00:01:32.960 --> 00:01:34.616 आपको यह जानकार आश्चर्य होगा 00:01:34.640 --> 00:01:36.856 की जिन लड़कियों से मैंने बात की है 00:01:36.880 --> 00:01:40.696 उनमें से अधिकतर अपनी पहली माहवारी तक इसके बारे में नहीं जानती थीं; 00:01:40.720 --> 00:01:43.096 सोचती थीं की उन्हें ब्लड कैंसर है 00:01:43.120 --> 00:01:44.720 और वे जल्दी ही मर जाएँगी। 00:01:46.960 --> 00:01:49.856 मासिक धर्म के दौरान सफाई से रहना बहुत आवश्यक है 00:01:49.880 --> 00:01:52.480 ताकि जननांगों में कोई इन्फेक्शन न हो| 00:01:53.240 --> 00:01:56.416 लेकिन भारत में केवल १२ प्रतिशत महिलाओं के पास यह सुविधा है की 00:01:56.440 --> 00:02:00.200 वे माहवारी के दौरान स्वच्छ तरीके से रह सके 00:02:01.040 --> 00:02:02.536 यदि हिसाब लगाया जाये तो, 00:02:02.560 --> 00:02:07.656 ८८ प्रतिशत औरतें माहवारी के दौरान स्वत्छ तरीके से अपनी देखभाल नहीं करतीं 00:02:07.680 --> 00:02:08.880 मैं भी उनमें से एक थी। 00:02:10.080 --> 00:02:13.016 मैं झारखंड के एक छोटे से शहर गढ़वा में बड़ी हुई, जहाँ 00:02:13.040 --> 00:02:16.160 एक सेनेटरी नैपकिन खरीदना भी एक शर्मनाक बात मानी जाती है। 00:02:17.040 --> 00:02:19.096 तो फिर हर महीने माहवारी के दौरान 00:02:19.120 --> 00:02:20.880 मैं कपडे के टुकड़े इस्तेमाल करने लगी। 00:02:22.760 --> 00:02:25.416 हर बार मैं वह कपडे धो कर फिर से इस्तेमाल करती 00:02:25.440 --> 00:02:26.696 और जब ज़रूरत न हो तब किसी 00:02:26.720 --> 00:02:29.336 अँधेरे कोने में छुपा कर रखती, 00:02:29.360 --> 00:02:31.960 ताकि किसी को भी मेरी माहवारी के बारे में पता न चले 00:02:32.720 --> 00:02:35.336 बार बार धोने केे वजह से वह कपडे खुरदुरे हो जाते 00:02:35.360 --> 00:02:38.360 जिसकी वजह मुझे रैश और इन्फेक्शन हो जाता। 00:02:39.080 --> 00:02:43.360 लगभग पांच सालों तक मैंने यही नियम अपनाया जब तक की मैं उस शहर में रही। 00:02:45.800 --> 00:02:47.936 एक और बात मैंने जो मैंने सीखी , वोह थी NOTE Paragraph 00:02:47.960 --> 00:02:50.456 कई तरह के सामाजिक बंधन 00:02:50.480 --> 00:02:54.816 जो की हमारी लड़कियों और महिलाओं को इन दिनोंके दौरान सहने पड़ते हैं। 00:02:54.840 --> 00:02:57.136 शायद आप सभी जानते होंगे, 00:02:57.160 --> 00:03:00.120 लेकिन जो नहीं जानते, उनके लिए मैं बता दूँ 00:03:00.920 --> 00:03:03.400 मुझे आचार छूने और खाने की मनाही थी 00:03:04.040 --> 00:03:08.896 मैं सोफे पर या किसी भी परिवारजन के बिस्तर पर नहीं बैठ सकती थी। 00:03:08.920 --> 00:03:11.376 हर महीने मुझे अपने बिस्तर की चद्दरें धोनी पड़ती, 00:03:11.400 --> 00:03:13.336 भले ही उनपर कोई दाग ना लगा हो। 00:03:13.360 --> 00:03:15.176 मुझे अशुद्ध मानकर पूजा करने और 00:03:15.200 --> 00:03:20.000 किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य करने की मनाही थी। 00:03:21.080 --> 00:03:23.296 कई मंदिरों के बाहर आप यह सूचना लिखी पाएंगे जो 00:03:23.320 --> 00:03:25.760 महिलाओं को मासिक धरम के दौरान को मंदिर के अन्दर 00:03:28.360 --> 00:03:29.736 आने से मना करता हैऔर 00:03:29.760 --> 00:03:32.576 विडम्बना इस बात की है की लड़कियों पर ऐसी पाबंदियां 00:03:32.600 --> 00:03:37.040 अधिकतर घर की बुज़ुर्ग महिलओं द्वारा ही लगाई जाती हैं। 00:03:37.640 --> 00:03:41.816 आख़िरकार, वे भी ऐसी ही नियम सीख कर बड़ी हुई हैं। 00:03:41.840 --> 00:03:44.856 और कोई भी रोक टोक के बिना 00:03:44.880 --> 00:03:46.896 यही भ्रम और वहम 00:03:46.920 --> 00:03:49.520 पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ते गए। 00:03:51.120 --> 00:03:52.976 मेरे कई सालों के इस काम के दौरान 00:03:53.000 --> 00:03:54.496 कई लड़कियों के वृतांत सुने हैं 00:03:54.520 --> 00:03:58.136 जहाँ लड़कियों का कहना और बर्तन भी अलग रखे जाते हैं। 00:03:58.160 --> 00:04:00.496 उन्हें इन दिनों में नहाने की भी मनाही होती है, 00:04:00.520 --> 00:04:04.600 और कई घरों में तो इन्हे परिवार के सभी सदस्यों से अलग रख जाता था। 00:04:06.680 --> 00:04:10.696 भारत की लगभग ८५ प्रतिशत लड़कियां और महिलाएं हर महीने ऐसी ही किसी प्रकार 00:04:10.720 --> 00:04:16.040 की प्रथा का पालन करती चली आ रहीं हैं। 00:04:16.839 --> 00:04:18.375 क्या आप सोच सकते हैं की यह किसी 00:04:18.399 --> 00:04:21.360 भी लड़की के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर क्या असर करता है ? 00:04:22.240 --> 00:04:24.976 उसपर जो मानसिक आघात पहुँचता है 00:04:25.000 --> 00:04:27.576 वह उसकी शख्सियत पर, उसकी पढ़ाई पर और 00:04:27.600 --> 00:04:29.336 उसके प्रारंभिक वर्षों के हर पहलु पर 00:04:29.360 --> 00:04:34.000 क्या असर कर सकता है ? 00:04:35.280 --> 00:04:39.320 मैंने यह सभी प्रतिबंधक नियम १३ वर्षों तक निभाए, 00:04:39.920 --> 00:04:42.296 फिर मेरे पार्टनर तुहिन से हुई मेरे एक वार्तालाप 00:04:42.320 --> 00:04:44.880 ने मासिक धर्म के बारे में मेरा नजरिया बदल दिया। 00:04:45.800 --> 00:04:51.256 २००९ में जब तुहिन और मैं डिज़ाइन में पोस्ट ग्रेजुएट कर रहे थे, 00:04:51.280 --> 00:04:52.936 हमें एक दूसरे से प्यार हो गया 00:04:52.960 --> 00:04:55.400 और मैं उससे इस बारे में बेझिजक बात कर पाती थी 00:04:56.160 --> 00:04:58.080 तुहिन को भी इस बारे में काम पता था 00:04:59.040 --> 00:05:01.320 (हंसी) 00:05:05.280 --> 00:05:08.936 वह यह जानकर हैरान हो गया की लड़कियों को मरोड़ उठती है 00:05:08.960 --> 00:05:10.376 और हमें हर महीने खून आता है। 00:05:10.400 --> 00:05:12.456 (हंसी) 00:05:12.480 --> 00:05:14.056 हां। 00:05:14.080 --> 00:05:15.816 वो यह जानकर बेहद हैरान हुआ की 00:05:15.840 --> 00:05:21.016 मासिक धर्म में होने पर औरतों पर इतनी सारी पाबंदियां लगाई जाती हैं 00:05:21.040 --> 00:05:23.616 और वो भी अपने हे परिवार और समाज द्वारा। 00:05:23.640 --> 00:05:25.696 उन दिनों की मेरी तकलीफ कैसे कम हो, 00:05:25.720 --> 00:05:29.520 वह इंटरनेट पर इसके बारे में जानकारी लेता था। 00:05:30.120 --> 00:05:31.856 जब उसने अपनी जानकारी मुझे बताई, 00:05:31.880 --> 00:05:34.880 तो मुझे एहसास हुआ की मैं खुद इस बारे में बहुत काम जानती हूँ। 00:05:35.480 --> 00:05:38.600 और मेरी कई धारणाओं के पीछे कोई सच नहीं था। 00:05:39.530 --> 00:05:41.070 उस समय हम दोनों इस बात से विस्मित 00:05:41.070 --> 00:05:43.956 हुए, की इतने पड़े लिखे होने पर भी अगर हम पीरियड्स के बारे में 00:05:43.956 --> 00:05:45.896 इतना कम जानते हैं, तो दुनिया 00:05:45.920 --> 00:05:49.920 और भी में लाखों लड़कियां होंगी जो इस बारें में अनजान होंगी। 00:05:51.280 --> 00:05:52.496 इस समस्या को बेहतर 00:05:52.520 --> 00:05:54.296 जानने और समझने के लिए 00:05:54.320 --> 00:05:58.936 मैंने इस अनभिज्ञता की वजह पर 00:05:58.960 --> 00:06:00.560 एक साल तक शोध किया। 00:06:01.480 --> 00:06:03.216 हालांकि यह मना जाता है की पीरियड्स 00:06:03.240 --> 00:06:09.216 के बारे में अनभिज्ञता और मिथ्या धारणाएँ केवल ग्रामीण इलाकों की समस्या है, 00:06:09.240 --> 00:06:10.456 मैंने अपने शोध के दौरान 00:06:10.480 --> 00:06:13.456 यह पाया की बड़े शेहरों में भी उतनी ही अनभिज्ञता है 00:06:13.480 --> 00:06:17.840 और इसका अस्तित्व बड़े शहरों के सुशिक्षित वर्ग में भी पाया जाता है। 00:06:18.760 --> 00:06:21.296 कई माता-पिता और शिक्षकों से मैंने यह जाना की 00:06:21.320 --> 00:06:26.616 वे लड़कियों को पहले से ही इस बारे में 00:06:26.640 --> 00:06:29.280 शिक्षित करना चाहते हैं। 00:06:30.360 --> 00:06:31.576 और-- 00:06:31.600 --> 00:06:35.136 परन्तु पास उचित माध्यमों का आभाव था 00:06:35.160 --> 00:06:36.416 और चूंकि यह एक अनुचित बात 00:06:36.440 --> 00:06:39.480 मानी जाती है, वे इस बारे में बात करने से कतराते थे 00:06:40.360 --> 00:06:44.976 आजकल लड़कियां छठी या सातवीं कक्षा में मासिक धर्म में हो जाती है 00:06:45.000 --> 00:06:46.616 परन्तु हमारा पाठ्यक्रम लड़कियों 00:06:46.640 --> 00:06:50.440 को पीरियड्स के बारे में आठवी या नववी कक्षा में अवगत करता है 00:06:51.320 --> 00:06:52.880 और चूंकि यह एक निषिद्ध बात है 00:06:53.520 --> 00:06:56.960 शिक्षक इस विषय को पढाते ही नहीं। 00:06:58.360 --> 00:07:02.616 तो स्कूल में लड़कियों को इस बारे में नहीं सिखया जाता, 00:07:02.640 --> 00:07:04.776 माता-पिता इस बारे में बात नहीं करते 00:07:04.800 --> 00:07:06.200 लड़कियां कहाँ जायें? 00:07:07.200 --> 00:07:10.040 दो दशक पहले और आज-- 00:07:10.640 --> 00:07:11.920 कुछ भी नहीं बदला। 00:07:13.640 --> 00:07:16.455 मैंने यह तुहिन को बताया और हमने सोचा की अगर हम 00:07:16.480 --> 00:07:18.096 ऐसी कोई वस्तु बनाएं 00:07:18.120 --> 00:07:22.696 जो लड़कियों को मासिक धर्म के बारे में खुद समझने में मदद करे। 00:07:22.720 --> 00:07:26.936 कोई वस्तु जो माता-पिता और शिक्षकों को भी इस बारे में बेझिजक बात करने 00:07:26.960 --> 00:07:29.880 में सहायता करे? 00:07:31.360 --> 00:07:32.976 मैंने अपने शोध के दौरान 00:07:33.000 --> 00:07:34.976 कई किस्से जमा किये थे 00:07:35.000 --> 00:07:39.680 इनमें से कई कई लड़कियों के मासिक धर्म के अनुभवों के किस्से थे जो 00:07:40.320 --> 00:07:43.576 लड़कियों को पीरियड्स के बारे में उत्सुकता जगाते और अपने करीबी 00:07:43.600 --> 00:07:47.536 दोस्तों से बात करने में रुची जागृत करते 00:07:47.560 --> 00:07:49.016 हम भी यही चाहते थे। 00:07:49.040 --> 00:07:52.376 हम कोई ऐसी चीज़ चाहते थे जो लड़कियों को उत्सुक करें और 00:07:52.400 --> 00:07:54.576 उन्हें इस बारे में सीखने को बाध्य करे। 00:07:54.600 --> 00:07:57.760 हम इन कहानियों से लड़कियों को इस विषय में शिक्षित करना चाहते थे। 00:07:59.600 --> 00:08:02.696 इस लिए हमने हास्य-पुस्तिका बनाने का निश्चय किया 00:08:02.720 --> 00:08:05.936 जिसमें हास्य-किरदार इन कहानियों को अभिनीत करेंगे और 00:08:05.960 --> 00:08:09.880 लड़कियों को मासिक धर्म के बारे में मनोरंजक दिलचस्प तरीकें से अवगत करायेंगे 00:08:10.560 --> 00:08:13.616 लड़कियों की विभिन्न युवावास्थाओ को दर्शाने के लिए 00:08:13.640 --> 00:08:15.280 हमारे पास तीन किरदार हैं। 00:08:15.760 --> 00:08:18.896 पिंकी, जिसे अभी तक पीरियड्स नहीं हुए 00:08:18.920 --> 00:08:22.456 जिया जिसे इस चित्रकथा की कहानी के दौरान माह्वारी होती है 00:08:22.480 --> 00:08:25.696 और मीरा जिसे पहले से ही मासिक धर्म का अनुभव है 00:08:25.720 --> 00:08:28.136 और एक चौथा किरदार है, प्रिया दीदी। 00:08:28.160 --> 00:08:31.696 जिसके द्वारा, लड़कियों को युवावस्था के अनेक पहलुओं और माहवारी के दौरान 00:08:31.720 --> 00:08:33.520 सफाई से रहना सीखतीं हैं 00:08:34.600 --> 00:08:36.576 इस पुस्तक को बनाने वक़्त इस बात का ख्याल 00:08:36.600 --> 00:08:40.535 रखा की कोई भी चित्र किसी भी तरह से आपात्तिजनक न हों और 00:08:40.559 --> 00:08:42.520 साथ ही सांस्कृतिक रूप से सचेतन हो 00:08:43.760 --> 00:08:47.616 इस पुस्तक की प्राथमिक परिक्षण के दौरान हमने पाया की लड़कियों ने इसे खूब पसंद किया 00:08:47.640 --> 00:08:49.536 और पड़ने को काफ़ी इच्छुक रहीं 00:08:49.560 --> 00:08:52.560 और साथ ही पीरियड्स के बारे में आप ही अधिक से अधिक जानकारी पाई 00:08:53.200 --> 00:08:56.216 माता-पिता और शिक्षक इस पुस्तक के द्वारा पीरियड्स के बारे में 00:08:56.240 --> 00:08:57.936 लड़कियों से बझिजक बात कर पाए 00:08:57.960 --> 00:09:00.936 कई बार तो लडकों भी इस पुस्तक को पड़ने में रूचि दिखाई 00:09:00.960 --> 00:09:03.096 (हंसी) 00:09:03.120 --> 00:09:04.880 (तालियां) 00:09:07.000 --> 00:09:10.816 इस हास्य-पुस्तिका के ज़रिये एक ऐसा माहौल बन सका जहाँ मासिक धर्म 00:09:10.840 --> 00:09:13.440 निषेद नहीं था। 00:09:15.520 --> 00:09:19.576 कई वालंटियर्स ने इस पुस्तक के पप्रोटोटाइप के द्वारा लड़कियों को सिखाया और 00:09:19.600 --> 00:09:23.496 भारत के पांच अलग राज्यों में मासिक धर्म की जानकारी के वोर्क्शोप्स आयोजित किये 00:09:23.520 --> 00:09:26.936 एक वालंटियर ने इस पुस्तक के प्रोटोटाइप को लद्दाख के एक आश्रम में लाकर 00:09:26.960 --> 00:09:29.176 युवा म्हणतो को जानकारी दी 00:09:29.200 --> 00:09:32.496 इस पुस्तक का अंतिम संस्करण का नाम "मेंस्त्रुपेडिया कॉमिक" रखा गया और 00:09:32.520 --> 00:09:35.320 यह पिछले सितम्बर में लांच के गयी। 00:09:35.880 --> 00:09:37.256 और अब तक, 00:09:37.280 --> 00:09:41.616 भारत में ४००० से ज्यादा लड़कियों को इस पुस्तक के द्वारा शिक्षित किया गया है 00:09:41.640 --> 00:09:44.296 (तालियाँ) 00:09:44.320 --> 00:09:45.536 धन्यवाद। 00:09:45.560 --> 00:09:47.880 (तालियां) 00:09:51.040 --> 00:09:52.840 और दस अलग देशों में निरंतर 00:09:53.960 --> 00:09:56.976 इस पुस्तक का अलग अलग भाषाओँ में अनुवाद ज़ारी है, 00:09:57.000 --> 00:09:59.656 और स्थानिक संस्थाओं के सहयोग से इस पुस्तक को 00:09:59.680 --> 00:10:02.376 अनेक देशों में उपलब्ध कराया जा रहा है 00:10:02.400 --> 00:10:05.336 भारत के कई भागों में से १५ विद्यालयों ने 00:10:05.360 --> 00:10:08.816 इस पुस्तक को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बना दिया है जिससे की लड़कियों को 00:10:08.840 --> 00:10:10.616 मासिक धर्म के बारे में सिखाया जा सके 00:10:10.640 --> 00:10:13.040 (तालियाँ) 00:10:17.240 --> 00:10:22.576 मैं यह देख कर अचंभित हूँ की, 00:10:22.600 --> 00:10:26.736 माता-पिता, शिक्षक्जन, स्कूल के प्राध्यापक 00:10:26.760 --> 00:10:28.256 एक जुट होकर 00:10:28.280 --> 00:10:32.536 इस विषय की जागरूकता का अभियान अपने अपने समुदाय में ले जाकर 00:10:32.560 --> 00:10:36.256 यह कोशिश की है की लड़कियों को सही उम्र में मासिक धर्म की जानकारी मिले और 00:10:36.280 --> 00:10:38.440 साथ ही इसे निषेध न समझा जाये। 00:10:39.840 --> 00:10:44.136 मैं एक ऐसे भविष्य की आशा करती हूँ जहाँ मासिक धर्म एक शाप नहीं, 00:10:44.160 --> 00:10:45.696 ना ही कोई रोग मना जाये बल्कि, 00:10:45.720 --> 00:10:48.160 एक लड़की के जीवन में एक सुखद बदलाव है। 00:10:48.920 --> 00:10:50.136 और मैं-- 00:10:50.160 --> 00:10:52.280 (तालियाँ) 00:10:54.760 --> 00:10:56.136 और मैं समापन करना चाहूंगी 00:10:56.160 --> 00:11:00.056 सभी माताओं और पिताओं से एक छोटी सी दर्ख्वास्त करते हुए 00:11:00.080 --> 00:11:01.280 प्यारे माता-पिता, 00:11:02.040 --> 00:11:04.256 यदि आप पीरियड्स से शर्मिंदा होंगे, 00:11:04.280 --> 00:11:06.496 तो आपकी बेटियाँ भी शर्मिंदा होंगी। 00:11:06.520 --> 00:11:08.976 इसलिए प्लीज़ पीरियड पॉजिटिव रहिये। 00:11:09.000 --> 00:11:10.216 (हंसी) 00:11:10.240 --> 00:11:11.456 धन्यवाद। 00:11:11.480 --> 00:11:14.200 (तालियाँ)