WEBVTT 00:00:07.990 --> 00:00:10.191 किसी भी शारीरिक कौशल में माहिर होने के लिये, 00:00:10.191 --> 00:00:12.001 चाहे वो घिरनी खाना हो, 00:00:12.001 --> 00:00:13.080 कोई साज़ बजाना हो, 00:00:13.080 --> 00:00:14.671 या गेंदबाज़ी करना हो, 00:00:14.671 --> 00:00:16.100 अभ्यास करना पड़ता है। 00:00:16.100 --> 00:00:20.371 सुधर करने के लक्ष्य से एक क्रिया को बार-बार करने को अभ्यास करना कहते हैं, 00:00:20.371 --> 00:00:24.580 जो हमें उसे ज़्यादा आसानी, गति, और आत्मविश्वास से करने में मदद करता है। 00:00:24.580 --> 00:00:29.870 तो अभ्यास हमारे दिमाग में ऐसा क्या करता है जिससे हम और कुशल होते जाते हैं? 00:00:29.870 --> 00:00:32.550 हमारे दिमाग में दो तरह के तंत्रिका ऊतक होते हैं: 00:00:32.550 --> 00:00:33.443 धूसर पदार्थ 00:00:33.443 --> 00:00:35.070 और श्वेत पदार्थ। 00:00:35.070 --> 00:00:37.881 धूसर पदार्थ संकेतों और संवेदी उत्तेजनाओं को 00:00:37.881 --> 00:00:41.671 तंत्रिका कोशिकाओं की ऒर निर्देशित करते हुए मस्तिष्क मे जानकारी नियंत्रित करता है 00:00:41.671 --> 00:00:46.701 जबकि श्वेत पदार्थ ज़्यादातर वसीय ऊतक और स्नायु तंत्रों से बना होता है। 00:00:46.701 --> 00:00:48.650 हमारे शरीर को चलाने के लिये, 00:00:48.650 --> 00:00:51.551 जानकारी को मस्तिष्क के धूसर पदार्थ से 00:00:51.551 --> 00:00:52.948 रीढ़ की हड्डी से होते हुए, 00:00:52.948 --> 00:00:56.191 अक्षतंतु कहलाने वाले स्नायु तंत्र की श्रृंखला के माध्यम से 00:00:56.191 --> 00:00:58.193 मांसपेशियों तक का सफर तय करना होता है। 00:00:58.193 --> 00:01:04.113 तो अभ्यास या पुनरावृत्ति हमारे मस्तिष्क के आंतरिक कार्य को कैसे प्रभावित करता है? 00:01:04.113 --> 00:01:06.262 श्वेत पदार्थ में मौजूद अक्षतंतु 00:01:06.262 --> 00:01:09.262 एक वसीय तत्व में लिपटे होते हैं जिसे माइलिन कहते हैं। 00:01:09.262 --> 00:01:14.721 और ये माइलिन आवरण, या म्यान है, जो अभ्यास से बदलता है। 00:01:14.721 --> 00:01:18.422 माइलिन बिजली के तारों पर रोधन के समान है। 00:01:18.422 --> 00:01:22.612 ये मस्तिष्क द्वारा प्रयोग किये जाने वाले विद्युत संकेतों में से ऊर्जा हानि रोकता है 00:01:22.612 --> 00:01:26.243 जिससे वो तंत्रिका मार्ग पर ज़्यादा कुशलता से चलते हैं। 00:01:26.243 --> 00:01:30.653 चूहों पर हुए हाल ही के कुछ शोध कहते हैं कि किसी शारीरिक गति का दोहराव 00:01:30.653 --> 00:01:36.013 माइलिन म्यान की उन परतों को बढ़ा देता है जो अक्षतंतु का रोधन करती हैं। 00:01:36.013 --> 00:01:40.453 और जितनी ज़्यादा परतें, उतना ज़्यादा अक्षतंतु श्रृंख्ला के आस-पास रोधन होता है 00:01:40.453 --> 00:01:43.313 जिससे जानकारी के लिये एक तरह का उत्तम हाईवे बन जाता है 00:01:43.313 --> 00:01:46.163 जो आपके मस्तिष्क को आपकी मांसपेशियों से जोड़ देता है। 00:01:46.163 --> 00:01:48.112 तो जहाँ बहुत से खिलाड़ी और कलाकार 00:01:48.112 --> 00:01:50.893 अपनी सफलता का श्रेय अपनी मांसपेशियों की स्मृति को देते हैं 00:01:50.893 --> 00:01:54.003 दरअसल, मांसपेशियों की कोई स्मरणशक्ति होती ही नहीं है। 00:01:54.003 --> 00:01:57.263 वो तो तंत्रिका मार्ग का माइलिनीकरण हो सकता है 00:01:57.263 --> 00:02:00.215 जो इन खिलाड़ियों और कलाकारों को ज़्यादा तेज़ और कुशल 00:02:00.215 --> 00:02:04.743 तंत्रिका मार्ग के द्वारा उनकी श्रेष्ठता प्रदान करता है। 00:02:04.743 --> 00:02:06.593 बहुत से सिद्धान्त उन घंटों, दिनों, 00:02:06.593 --> 00:02:10.715 यहाँ तक कि उन वर्षों की मात्रा निर्धारित करने की कोशिश करते हैं, 00:02:10.715 --> 00:02:13.318 जो किसी कौशल में निपुणता हासिल करने के लिये लगते हैं। 00:02:13.318 --> 00:02:15.747 हमारे पास वो निर्धारित मात्रा तो अभी तक नहीं है, 00:02:15.747 --> 00:02:20.368 लेकिन हम ये जानते हैं कि निपुणता केवल कुछ घंटो के अभ्यास के बारे में नहीं है। 00:02:20.368 --> 00:02:24.268 उस अभ्यास की गुणवत्ता और प्रभावशीलता के बारे में भी है। 00:02:24.268 --> 00:02:26.083 प्रभावशाली अभ्यास नियमित होता है, 00:02:26.083 --> 00:02:27.596 अत्यधिक केंद्रित होता है, 00:02:27.596 --> 00:02:29.947 और उन चीज़ों या कमज़ोरियों पर वार करता है 00:02:29.947 --> 00:02:34.153 जो किसी व्यक्ति की वर्तमान क्षमताओं को श्रेष्ठ बनने से रोक रही होती हैं। 00:02:34.153 --> 00:02:36.244 तो अगर प्रभावशाली अभ्यास मुख्य है, 00:02:36.244 --> 00:02:39.315 क्या हम अपने अभ्यास के समय से अधिकतम परिणाम प्राप्त कर सकते हैं? 00:02:39.315 --> 00:02:41.085 इन सुझावों को आज़मा कर देखिये। 00:02:41.085 --> 00:02:43.305 अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित कीजिये। 00:02:43.305 --> 00:02:47.175 जो चीज़ें संभवतः ध्यान भटका सकती हैं, उनको कम से कम कीजिये, कंप्यूटर या टीवी बन्द 00:02:47.175 --> 00:02:49.844 और अपने मोबाइल फ़ोन को एयरप्लेन मोड पर रखिये। 00:02:49.844 --> 00:02:54.304 एक शोध में शोधकर्ताओं ने पढ़ते हुए २६० छात्रों पर गौर किया। 00:02:54.304 --> 00:02:55.364 औसतन, 00:02:55.364 --> 00:03:00.275 वो छात्र एक बार में छह मिनट ही अपने काम पर लगे रह पाए। 00:03:00.275 --> 00:03:03.155 लैपटॉप, स्मार्टफोन, और विशेष रूप से फेसबुक 00:03:03.155 --> 00:03:05.655 सबसे ज़्यादा ध्यान भटकने की जड़ थे। 00:03:05.655 --> 00:03:07.855 धीरे-धीरे या धीमी गति में शुरुआत कीजिये। 00:03:07.855 --> 00:03:12.865 सामंजस्य पुनरावृत्ति से बनता है, चाहे वह सही हो या गलत। 00:03:12.865 --> 00:03:16.465 अगर आप धीरे-धीरे गुणी पुनरावृत्ति की गति बढ़ायेंगे, 00:03:16.465 --> 00:03:18.985 तो उसको सही तरह से करने का बेहतर संयोग होगा। 00:03:18.985 --> 00:03:23.796 फिर, नियमित अन्तराल के साथ अक्सर पुनरावृत्ति, अन्यन्त श्रेष्ठ कलाकारों के 00:03:23.796 --> 00:03:26.186 अभ्यास का सामान्य तरीका होता है। 00:03:26.186 --> 00:03:29.606 शोध दिखाते हैं कि बहुत से शीर्ष खिलाड़ी, संगीतकार, और नर्तक 00:03:29.606 --> 00:03:34.816 अपनी कला से जुड़ी गतिविधियों पर हर सप्ताह ५०-६० घंटे व्यतीत करते हैं। 00:03:34.816 --> 00:03:37.637 कई लोग, प्रभावशाली अभ्यास में प्रयोग होने वाले समय को 00:03:37.637 --> 00:03:41.906 रोज़ाना सीमित अवधि के कई अभ्यास सत्रों में विभाजित करते हैं। 00:03:41.906 --> 00:03:45.457 और अन्त में, सुस्पष्ट विस्तार में अपने मस्तिष्क में अभ्यास कीजिये। 00:03:45.457 --> 00:03:48.148 ये थोड़ा आश्चर्यजनक है, लेकिन बहुत से शोध ये बताते हैं 00:03:48.148 --> 00:03:50.898 कि किसी शारीरिक गति के कायम होने के बाद, 00:03:50.898 --> 00:03:54.304 मात्र उसकी कल्पना करके उसे सुदृढ़ बनाया जा सकता है। 00:03:54.304 --> 00:03:59.917 एक शोध में, बास्केटबॉल के १४४ खिलाड़ियों को दो समूहों में विभाजित किया गया। 00:03:59.917 --> 00:04:03.577 समूह अ ने एक हाथ से बॉल फेंकने का शारीरिक अभ्यास किया, 00:04:03.577 --> 00:04:06.857 जबकि समूह ब ने केवल मानसिक अभ्यास किया। 00:04:06.857 --> 00:04:09.816 जब दो सप्ताह के इस परीक्षण के अन्त में उनका इम्तेहान लिया गया, 00:04:09.816 --> 00:04:13.247 तो दोनों समूहों के माध्यम व अनुभवी खिलाड़ी 00:04:13.247 --> 00:04:16.977 लगभग समान रूप से ही उन्नत हुए थे। 00:04:16.977 --> 00:04:20.287 जैसे-जैसे वैज्ञानिक हमारे मस्तिष्क के रहस्यों को सुलझाने के करीब जायेंगे, 00:04:20.287 --> 00:04:24.458 प्रभावशाली अभ्यास की हमारी समझ केवल सुधरेगी ही। 00:04:24.458 --> 00:04:27.788 इतने, प्रभावशाली अभ्यास ही हमारा सबसे अच्छा तरीका है, 00:04:27.788 --> 00:04:29.698 अपनी व्यक्तिगत सीमाओं से आगे बढ़ने, 00:04:29.698 --> 00:04:31.198 नई ऊँचाइयों को प्राप्त करने, 00:04:31.198 --> 00:04:35.188 और अपनी क्षमता को अधिकतम बनाने के लिये।