WEBVTT 00:00:00.000 --> 00:00:02.000 जब मुझे यह करने के लिए कहा गया तब मैंने फैसला किया, 00:00:02.000 --> 00:00:04.000 कि मैं सच में जिस बारे में बोलना चाहता था 00:00:04.000 --> 00:00:06.000 वह मेरे दोस्त रिचर्ड फेय्न्मन के बारे में था | 00:00:06.000 --> 00:00:08.000 मै उन सौभाग्यशाली व्यक्तियों में से हूँ 00:00:08.000 --> 00:00:10.000 जो वाकई उन्हें जानते थे 00:00:10.000 --> 00:00:12.000 और उनके साथ में आनादित होते थे 00:00:12.000 --> 00:00:15.000 मै उस रिचर्ड फेय्न्मन के बारे में बताऊंगा जिन्हें मैं जानता था 00:00:15.000 --> 00:00:17.000 मुझे पता है यहाँ ऐसे और लोग होंगे 00:00:17.000 --> 00:00:19.000 जो उस रिचर्ड फेय्न्मन्न के बारे में बता सकते हैं जिन्हें वो जानते थे 00:00:19.000 --> 00:00:21.000 और शायद वो अलग रिचर्ड फेय्न्मन्न हो NOTE Paragraph 00:00:21.000 --> 00:00:24.000 रिचर्ड फेय्न्मनएक जटिल आदमी थे 00:00:24.000 --> 00:00:26.000 उनके कई, कई अंश थे 00:00:26.000 --> 00:00:28.000 सबसे पहले वो 00:00:28.000 --> 00:00:31.000 एक बहुत, बहुत महान वैज्ञानिक थे 00:00:31.000 --> 00:00:34.000 वो एक अभिनेता थे, उनके अभिनय आपने देखे हैं. 00:00:34.000 --> 00:00:37.000 मैं उन व्याख्यानों में भी भी सौभाग्य से शामिल था. 00:00:37.000 --> 00:00:39.000 ऊपर बालकनी में. 00:00:39.000 --> 00:00:41.000 वह विलक्षण थे 00:00:41.000 --> 00:00:43.000 वह एक दार्शनिक थे 00:00:43.000 --> 00:00:45.000 वो ड्रम बजाया करते थे 00:00:45.000 --> 00:00:48.000 उनके पढ़ाने का ढंग अत्युत्तम था 00:00:48.000 --> 00:00:50.000 रिचर्ड फेय्न्मन एक शोमैन भी थे 00:00:50.000 --> 00:00:52.000 एक बड़ा शोमैन 00:00:52.000 --> 00:00:56.000 वह ढीठ था, असभ्य 00:00:56.000 --> 00:00:58.000 वह काफी शक्तिशाली थे , 00:00:58.000 --> 00:01:01.000 वो किसी से अकेले ही भिड ले इस प्रकार के यौवनशील थे | 00:01:01.000 --> 00:01:05.000 उसे बौद्धिक लड़ाई से प्यार था. 00:01:05.000 --> 00:01:09.000 उसका अहंकार विशाल था 00:01:09.000 --> 00:01:12.000 मगर किसी तरह उस आदमी में 00:01:12.000 --> 00:01:14.000 खुद से कम लोगों के लिए बहुत जगह थी 00:01:14.000 --> 00:01:16.000 मेरा कहने का मतलब यह है 00:01:16.000 --> 00:01:19.000 बहुत सारी जगह, मेरे किस्से में, 00:01:19.000 --> 00:01:21.000 मैं किसी और के लिए बोल नहीं सकता 00:01:21.000 --> 00:01:23.000 लेकिन मेरे सिलसिले में 00:01:23.000 --> 00:01:26.000 एक और विशाल अहंकारी के लिए जगह थी 00:01:26.000 --> 00:01:28.000 उनके जीतनी बड़ी नहीं, 00:01:28.000 --> 00:01:30.000 मगर काफी बड़ी. 00:01:30.000 --> 00:01:33.000 दिक फेय्न्मन के सांथ मुझे हमेशा अच्चा लगता था. NOTE Paragraph 00:01:33.000 --> 00:01:35.000 उनके साथ हमेशा मजा आता था. 00:01:35.000 --> 00:01:37.000 उनके साथ मैं अपने आप को होनहार महसूस करता था. 00:01:37.000 --> 00:01:39.000 ऐसा आदमी आपको कैसे बुद्धिमान महशूस करा सकता है ? 00:01:39.000 --> 00:01:41.000 किसी तरह उनमे यह क्षमता थी. 00:01:41.000 --> 00:01:43.000 उन्होंने मुझे बुद्धिमान महसूस कराया | उन्होंने मझे महशूस कराया कि वो बुद्धिमान थे | 00:01:43.000 --> 00:01:45.000 उन्होंने मुझे अहसास कराया कि हम दोनों बुद्धिमान थे | 00:01:45.000 --> 00:01:49.000 और हम दोनों किसी भी समस्या का समाधान कर सकते थे | 00:01:49.000 --> 00:01:52.000 और कभी-कभी हमने साथ में भौतिक विज्ञानं पर काम किया | 00:01:52.000 --> 00:01:54.000 हमने कभी कोई शोध कार्य सांथ में प्रकाशित नहीं किया 00:01:54.000 --> 00:01:57.000 मगर हमने सांथ में काफी मजे किये | 00:01:58.000 --> 00:02:00.000 उनको जीतना बहुत पसंद था. 00:02:00.000 --> 00:02:03.000 कही-कभी हम शक्ति प्रदर्शन के खेल खेला करते थे , 00:02:03.000 --> 00:02:06.000 सिर्फ मेरे साथ नहीं, हर प्रकार के लोगों के संग - 00:02:06.000 --> 00:02:08.000 तो वो हमेशा जीता करते थे | 00:02:08.000 --> 00:02:11.000 जब नहीं जीतते थे , जब हार जाते थे 00:02:11.000 --> 00:02:14.000 तो हंस देते, जैसे उतना ही मजा आ रहा हो 00:02:14.000 --> 00:02:16.000 जैसे वो जीत गए हों | NOTE Paragraph 00:02:16.000 --> 00:02:18.000 मुझे याद है एक बार उन्होंने मुझे एक कहानी सुनाई थी, 00:02:18.000 --> 00:02:21.000 एक मजाक के बारे में, जो उनके छात्रों ने उनके सांथ किया था | 00:02:21.000 --> 00:02:23.000 वो उन्हें ले गए - शायद उनके जनम दिन पर - 00:02:23.000 --> 00:02:25.000 बाहर भोजन के लिए | 00:02:25.000 --> 00:02:27.000 वो उनको भोजन के लिए लेकर गए 00:02:27.000 --> 00:02:29.000 पासादेना में किसी सेंडविच की दुकान पर 00:02:29.000 --> 00:02:31.000 मुझे नहीं मालूम शायद वह दुकान अभी भी हो | 00:02:31.000 --> 00:02:34.000 सेलिब्रिटी सैंडविच उनकी खासियत थी | 00:02:34.000 --> 00:02:36.000 आप मर्लिन मुनरो सेंडविच ले सकते थे | 00:02:36.000 --> 00:02:39.000 हम्फ्रे बोगार्ट सेंडविच ले सकते थे. 00:02:39.000 --> 00:02:41.000 उनके छात्र पहले से ही वंहा थे | 00:02:41.000 --> 00:02:44.000 उन्होंने तय किया था की वे सब फेय्न्मन सेंडविच लेंगे. 00:02:44.000 --> 00:02:47.000 एक के बाद एक वे अन्दर आये और उन्होंने फेय्न्मन सेंडविच माँगा | 00:02:47.000 --> 00:02:49.000 फेय्न्मन को यह कहानी बहुत पसंद थी | 00:02:49.000 --> 00:02:53.000 उन्होंने मुझे यह कहानी सुनाई, और वो काफी खुश थे | 00:02:53.000 --> 00:02:56.000 जब कहानी ख़तम हुई तब मैंने कहा 00:02:56.000 --> 00:02:58.000 डिक, फेय्न्मन संविच और सुसस्किंद संविच 00:02:58.000 --> 00:03:02.000 में क्या अंतर होगा? 00:03:02.000 --> 00:03:04.000 और तुरंत उन्होंने कहा 00:03:04.000 --> 00:03:07.000 लगभग एक जैसे ही होंगे 00:03:07.000 --> 00:03:10.000 फर्क सिर्फ इतना है की सुस्स्किंद संविच में बहुत ज्यादा हैंम होगा 00:03:10.000 --> 00:03:12.000 हैंम, जैसे बुरा अभिनेता 00:03:12.000 --> 00:03:14.000 (हंसी) 00:03:14.000 --> 00:03:17.000 उस दिन मैं बहुत तेज था 00:03:17.000 --> 00:03:20.000 और मैंने कहा ' हाँ, पर बहुत कम बलोनी!' (बलोनी याने बकवास) NOTE Paragraph 00:03:20.000 --> 00:03:23.000 (हंसी) NOTE Paragraph 00:03:23.000 --> 00:03:27.000 सच तो यह है 00:03:27.000 --> 00:03:29.000 की फेय्न्मन सेंडविच में 00:03:29.000 --> 00:03:31.000 बहुत हैम है, 00:03:31.000 --> 00:03:34.000 बलोनी बिलकुल नहीं. 00:03:35.000 --> 00:03:37.000 फेय्न्मन को सबसे बुरी चीज़ 00:03:37.000 --> 00:03:39.000 बौद्धिक दिखावा लगती थी. 00:03:39.000 --> 00:03:41.000 ढोंग, 00:03:41.000 --> 00:03:44.000 झूठी परिष्कार, शब्दजाल. 00:03:44.000 --> 00:03:47.000 मुझे याद है, कही अस्सी के दशक में 00:03:47.000 --> 00:03:49.000 मध्य अस्सी 00:03:49.000 --> 00:03:51.000 डिक, मैं और सिडनी कालेमन, 00:03:51.000 --> 00:03:53.000 कई बार मिले 00:03:53.000 --> 00:03:56.000 संफ्रंसिस्को के किसी अमीर आदमी के घर में 00:03:56.000 --> 00:03:58.000 खाना खाने के लिए 00:03:58.000 --> 00:04:01.000 और पिछली बार जब उसने बुलाया था 00:04:01.000 --> 00:04:03.000 तो उसने दो दार्शनिकों को भी बुलाया था. 00:04:03.000 --> 00:04:06.000 वो मन के दार्शनिक थे. 00:04:06.000 --> 00:04:09.000 उनकी खासियत थी चेतना. 00:04:09.000 --> 00:04:11.000 वो हर प्रकार के शब्दजाल इस्तेमाल करते 00:04:11.000 --> 00:04:14.000 मैं शब्द याद करने की कोशिश कर रहा हूँ 00:04:14.000 --> 00:04:17.000 वेदांत, द्वैतवाद, हर प्रकार की श्रेणियाँ 00:04:17.000 --> 00:04:19.000 मैं उनका मायने नहीं जनता था, ना दिक जनता था 00:04:19.000 --> 00:04:21.000 और सिडनी भी नहीं NOTE Paragraph 00:04:21.000 --> 00:04:23.000 तो हम क्या बोलते? 00:04:23.000 --> 00:04:26.000 खैर, मन के बारे में बात करो तो क्या बोलो? 00:04:26.000 --> 00:04:28.000 एक बात तो स्पष्ट है 00:04:28.000 --> 00:04:30.000 क्या मशीन मन बन सकती है? 00:04:30.000 --> 00:04:32.000 क्या आप कोई ऐसी मशीन बना सकते हैं 00:04:32.000 --> 00:04:34.000 जो मनुष्य जैसे सोचे? 00:04:34.000 --> 00:04:36.000 जो सचेत हो? 00:04:36.000 --> 00:04:39.000 बैठ कर हमने यह बातें कीं, कोई निष्कर्ष पर नहीं पंहुचे 00:04:39.000 --> 00:04:41.000 पर दार्शनिकों के साथ यह दिक्कत है 00:04:41.000 --> 00:04:43.000 की वो इसे भी दर्शन शास्त्र की तरह देख रहे थे 00:04:43.000 --> 00:04:45.000 जबकी उन्हें विज्ञानं के बारे में विचार करना चाहिए 00:04:45.000 --> 00:04:48.000 आखिर यह विज्ञान का सवाल है 00:04:48.000 --> 00:04:50.000 ऐसा करना एक बहुत, बहुत ख़तरनाक काम था 00:04:50.000 --> 00:04:53.000 वो भी दिक् फेय्न्मन की सामने. 00:04:55.000 --> 00:04:58.000 फेय्न्मन ने उनको दे दिया - दोनों बैरल, ठीक आँखों के बीच 00:04:58.000 --> 00:05:01.000 क्रूर था, बहुत मजे का था...ओह क्या मजे का था! 00:05:01.000 --> 00:05:03.000 मगर था क्रूर 00:05:03.000 --> 00:05:05.000 उनका गुब्बारा फट गया NOTE Paragraph 00:05:05.000 --> 00:05:07.000 लेकिन कमाल की बात यह है 00:05:07.000 --> 00:05:09.000 फेय्न्मन को थोड़े जल्दी जाना था 00:05:09.000 --> 00:05:12.000 उनकी तबियत ठीक नहीं थी, थो उन्हें जल्दी जाना था 00:05:12.000 --> 00:05:15.000 और सिडनी और मैं उन दो दार्शनिकों के साथ छूट गए 00:05:15.000 --> 00:05:18.000 और कमाल की बात यह है की वो तो हवा में उड़ रहे थे 00:05:18.000 --> 00:05:20.000 इतने खुश 00:05:20.000 --> 00:05:23.000 कि जैसे किसी महान आदमी से मिल रहे हों 00:05:23.000 --> 00:05:25.000 किसी महान व्यक्ति ने जैसे उन्हें निर्देश दिए हों 00:05:25.000 --> 00:05:27.000 उन्हें बहुत मजा आया था 00:05:27.000 --> 00:05:30.000 अपना मुह काला करके 00:05:30.000 --> 00:05:33.000 यह कुछ ख़ास था 00:05:33.000 --> 00:05:36.000 मुझे महसूस हुआ कितने असाधारण थे फेय्न्मन 00:05:36.000 --> 00:05:39.000 ऐसे समय भी जब उन्होंने ऐसा किया NOTE Paragraph 00:05:43.000 --> 00:05:46.000 दिक् मेरा दोस्त था, मैं उसे दिक् कहता था 00:05:46.000 --> 00:05:48.000 दिक् और मेरा मेल था 00:05:48.000 --> 00:05:51.000 हो सकता है डिक्क और मेरा ख़ास संबंध था 00:05:51.000 --> 00:05:54.000 हम एक दूसरे को पसंद थे, हमे एक सी चीजें पसंद थीं. 00:05:54.000 --> 00:05:58.000 मुझे बौद्धिक खेल भी पसंद थे 00:05:58.000 --> 00:06:00.000 कभी मै जीतता था , ज्यादा तर वो ही जीता करता था 00:06:00.000 --> 00:06:02.000 पर मजा दोनों को आता था 00:06:02.000 --> 00:06:04.000 किसी समय दिक् आश्वस्त हो गया 00:06:04.000 --> 00:06:08.000 की हममें व्यक्तित्व समानता है 00:06:08.000 --> 00:06:10.000 मुझे नहीं लगता की वो सही था. 00:06:10.000 --> 00:06:12.000 मुझे लगता है हम दोनों में सिर्फ इतनी समानता है 00:06:12.000 --> 00:06:15.000 की हमे अपने बारे में बात करना पसंद है! 00:06:15.000 --> 00:06:17.000 मगर वो इस के प्रति आश्वस्त थे 00:06:17.000 --> 00:06:19.000 और वह उत्सुक था 00:06:19.000 --> 00:06:21.000 वो आदमी बेहद उत्सुक था 00:06:21.000 --> 00:06:24.000 उनको समझना था क्या है, क्यों है 00:06:24.000 --> 00:06:28.000 की ऐसा अजीब संबंध था NOTE Paragraph 00:06:28.000 --> 00:06:30.000 एक दिन हम साथ चल रहे थे, फ्रांस में. 00:06:30.000 --> 00:06:32.000 हम ला जौचे में थे 00:06:32.000 --> 00:06:34.000 ऊपर पहाड़ों में थे हम, 1976. 00:06:34.000 --> 00:06:37.000 पहाड़ों में ऊपर थे और फेय्न्मन ने मुझसे कहा 00:06:37.000 --> 00:06:39.000 लेओनार्दो 00:06:39.000 --> 00:06:41.000 लेओनार्दो बुलाने की वजह यह थी, 00:06:41.000 --> 00:06:43.000 की हम यूरोप में थे 00:06:43.000 --> 00:06:46.000 और वह फ्रेंच अभ्यास कर रहा था 00:06:46.000 --> 00:06:49.000 उन्होंने कहा, "लेओनार्दो, 00:06:49.000 --> 00:06:52.000 तुम अपने माता या पिता, किसके ज्यादा करीब थे 00:06:52.000 --> 00:06:54.000 बचपन में? 00:06:54.000 --> 00:06:57.000 और मैंने कहा "मेरे असली हीरो पिताजी थे". 00:06:57.000 --> 00:06:59.000 वह एक काम करने वाले आदमी थे 00:06:59.000 --> 00:07:02.000 पांचवी कक्षा तक पढ़े थे | 00:07:02.000 --> 00:07:05.000 वह एक मास्टर मैकेनिक था और उसने मुझे सिखाया कि उपकरणों का उपयोग कैसे हो. 00:07:05.000 --> 00:07:09.000 उन्होंने मुझे औजार उपयोग करना सिखाया. 00:07:09.000 --> 00:07:11.000 उन्होंने मुझे पयेथागोरस प्रमेय भी सिखाया. 00:07:11.000 --> 00:07:13.000 उन्होंने उसे कर्ण नहीं कहा 00:07:13.000 --> 00:07:16.000 उन्होंने उसे शॉर्टकट बुलाया". 00:07:16.000 --> 00:07:18.000 और फेय्न्मन की आँखें एकदम खुल गयीं 00:07:18.000 --> 00:07:20.000 एक प्रकाश बल्ब की तरह 00:07:20.000 --> 00:07:23.000 उन्होंने कहा कि 00:07:23.000 --> 00:07:25.000 बिलकुल वैसे ही सम्बन्ध उनका 00:07:25.000 --> 00:07:27.000 अपने पिता से था | 00:07:27.000 --> 00:07:30.000 एक समय वो आश्वस्त हो गए थे 00:07:30.000 --> 00:07:33.000 कि अच्छा भौतिक विज्ञानी होने के लिए 00:07:33.000 --> 00:07:35.000 यह बहुत महत्वपूर्ण था 00:07:35.000 --> 00:07:38.000 कि आप के पिता से आपके वैसे सम्बन्ध हों | 00:07:38.000 --> 00:07:41.000 मैं सेक्सिस्ट बातचीत के लिए माफी माँगता हूँ,, 00:07:41.000 --> 00:07:43.000 मगर ऐसा ही हुआ था | NOTE Paragraph 00:07:43.000 --> 00:07:47.000 उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह आश्वस्त थे कि यह जरूरी था - 00:07:47.000 --> 00:07:51.000 एक युवा भौतिक विज्ञानी के बचपन का आवश्यक हिस्सा. 00:07:51.000 --> 00:07:54.000 और क्योंकि वो दिक् थे इसलिए वो इसे परखना चाहते थे | 00:07:54.000 --> 00:07:56.000 वो एक प्रयोग करना चाहते थे | 00:07:56.000 --> 00:07:58.000 तो ऐसा ही किया 00:07:58.000 --> 00:08:00.000 उन्होंने एक प्रयोग किया 00:08:00.000 --> 00:08:03.000 उन्होंने अपने सभी अच्छे भौतिक विज्ञानियों से पूछा 00:08:03.000 --> 00:08:06.000 तुम्हारी माँ या पिता तुम किससे प्रभावित थे? 00:08:06.000 --> 00:08:08.000 और हर आदमी - सब आदमी ही थे - 00:08:08.000 --> 00:08:10.000 हर एक आदमी 00:08:10.000 --> 00:08:12.000 ने कहा "माँ" 00:08:12.000 --> 00:08:15.000 (हंसी) 00:08:15.000 --> 00:08:19.000 यह ख्याल सीधे एतिहास के कचरे के डब्बे में गया | 00:08:20.000 --> 00:08:23.000 मगर वो उत्तेजित थे कि आखीर कोई मिला 00:08:23.000 --> 00:08:26.000 जिसका वैसा ही सम्बन्ध रहा अपने पिता से 00:08:26.000 --> 00:08:28.000 जैसा उनका था | 00:08:28.000 --> 00:08:30.000 और कुछ समय तक वो आश्वस्त थे 00:08:30.000 --> 00:08:32.000 की इस वजह से ही हमारी दोस्ती थी 00:08:32.000 --> 00:08:34.000 मुझे नहीं पता, शायद, कौन जानता है ? NOTE Paragraph 00:08:34.000 --> 00:08:36.000 पर मैं आप को कुछ बताता हूँ 00:08:36.000 --> 00:08:39.000 भौतकी विज्ञानी फेय्न्मन के बारे में | 00:08:40.000 --> 00:08:42.000 फेय्न्मन का इस्टाइल 00:08:42.000 --> 00:08:44.000 - नहीं इस्टाइल सही शब्द नहीं है - 00:08:44.000 --> 00:08:46.000 इस्टाइल से आपको लगता होगा वो जिस प्रकार टाई पहनते थे 00:08:46.000 --> 00:08:48.000 या जिस प्रकार का सूट पहनते थे | 00:08:48.000 --> 00:08:50.000 इससे कंही अहम् बात है, 00:08:50.000 --> 00:08:52.000 मगर मैं दूसरा शब्द नहीं सोच पा रहा हूँ 00:08:52.000 --> 00:08:55.000 फेय्न्मन का वैज्ञानिक ढंग 00:08:55.000 --> 00:08:57.000 हमेशा किसी समस्या के समाधान के लिए सबसे प्रारंभिक 00:08:57.000 --> 00:09:02.000 तरीके पर कार्य करने का था 00:09:02.000 --> 00:09:05.000 अगर उससे मुमकिन न था, तो किसी जटिल समाधान के बारे में सोचते थे . 00:09:05.000 --> 00:09:08.000 बेशक इसमें 00:09:08.000 --> 00:09:11.000 उन्हें यह दिखाने में बहूत ख़ुशी होती थी 00:09:11.000 --> 00:09:15.000 कि कैसे वो दूसरों से अधिक सरलता से सोच सकते थे 00:09:15.000 --> 00:09:18.000 उन्हें गहरा विश्वास था, सच में विश्वास था 00:09:18.000 --> 00:09:20.000 कि अगर कुछ सरलता से नहीं समझा सकते 00:09:20.000 --> 00:09:23.000 तो फिर आप ने उसे समझा ही नहीं | 00:09:23.000 --> 00:09:26.000 १९५० में लोग यह पता लगा रहे थे 00:09:26.000 --> 00:09:28.000 की सुपेर्फ्लुइड हेलियम कैसे काम करता है NOTE Paragraph 00:09:28.000 --> 00:09:30.000 एक सिद्धांत था 00:09:30.000 --> 00:09:32.000 रूस के गणितीय भौतिक विज्ञानी द्वारा दिया हुआ 00:09:32.000 --> 00:09:34.000 एक जटिल सिद्धांत 00:09:34.000 --> 00:09:36.000 वह मैं अभी आप को बताता हूँ 00:09:36.000 --> 00:09:38.000 बहुत जटिल सिद्धांत था 00:09:38.000 --> 00:09:41.000 बहुत मुश्किल सूत्रों से भरा 00:09:41.000 --> 00:09:43.000 और गणित वगरह 00:09:43.000 --> 00:09:46.000 थोडा काम करता था, मगर पूरी तरह से नहीं 00:09:46.000 --> 00:09:48.000 काम सिर्फ तब करता था, 00:09:48.000 --> 00:09:51.000 जब हेलियम परमाणुओं में बहुत दूरी हो 00:09:51.000 --> 00:09:53.000 हेलियम परमाणुओं में बहुत दूरी जरूरी थी 00:09:53.000 --> 00:09:55.000 मगर अफसोस की तरल हेलियम परमाणु 00:09:55.000 --> 00:09:57.000 बिलकुल एक के ऊपर एक हैं NOTE Paragraph 00:09:57.000 --> 00:10:00.000 फेय्न्मन ने सोचा की एक शौकिया हेलियम भौतिक विज्ञानी 00:10:00.000 --> 00:10:03.000 होकर वे उसे समझना चाहेंगे 00:10:03.000 --> 00:10:05.000 उनका विचार था, एकदम साफ विचार, 00:10:05.000 --> 00:10:07.000 कि वो यह समझने का प्रयत्न करेंगे कि 00:10:07.000 --> 00:10:09.000 इतने सारे एक जैसे परमाणुओं का 00:10:09.000 --> 00:10:11.000 क्वांटम समारोह क्या है 00:10:11.000 --> 00:10:13.000 वो इसकी कल्पना 00:10:13.000 --> 00:10:16.000 कुछ सिद्धांतों के द्वारा निर्देशित 00:10:16.000 --> 00:10:19.000 कुछ बहूत ही सरल सिधान्तों द्वारा करने का प्रयत्न करेंगे | 00:10:19.000 --> 00:10:21.000 पहला था कि 00:10:21.000 --> 00:10:24.000 जब हीलियम अणु एक दुसरे के संपर्क में आते ही दूर चले जाते हैं 00:10:24.000 --> 00:10:27.000 निष्कर्ष यह था कि उनका wave function शुन्य होगा जब 00:10:27.000 --> 00:10:30.000 हीलियम अणु एक दुसरे को स्पर्श करते हैं | 00:10:30.000 --> 00:10:32.000 अन्य तथ्य यह था 00:10:32.000 --> 00:10:35.000 की सबसे काम ऊर्जा की स्थिति में 00:10:35.000 --> 00:10:39.000 wave function शुन्य नहीं होता | 00:10:39.000 --> 00:10:41.000 उसमे सबसे कम हलचल होता है . NOTE Paragraph 00:10:41.000 --> 00:10:43.000 तो वो बैठे - 00:10:43.000 --> 00:10:45.000 मेरे ख्याल में उनके पास सिर्फ 00:10:45.000 --> 00:10:47.000 एक कागज का टुकड़ा और कलम थे जिससे 00:10:47.000 --> 00:10:49.000 उन्होंने लिखने की कोशिश की, और लिखा 00:10:49.000 --> 00:10:52.000 सबसे सरल प्रमेय जो वह सोच सकते थे 00:10:52.000 --> 00:10:54.000 जिसमे कुछ सीमा शर्ते थी | 00:10:54.000 --> 00:10:56.000 wave function शुन्य हो जाता है जब चीजें स्पर्श करती हैं 00:10:56.000 --> 00:10:58.000 पर उसके पहले यह समतल होता है 00:10:58.000 --> 00:11:00.000 उन्होंने एक साधारण बात लिखी 00:11:00.000 --> 00:11:02.000 वह बहूत सरल था 00:11:02.000 --> 00:11:04.000 जिसे एक हाई स्कूल का विद्यार्थी भी 00:11:04.000 --> 00:11:06.000 बिना किसी गणना के 00:11:06.000 --> 00:11:09.000 समझ लेता जो उन्होंने लिखा. 00:11:09.000 --> 00:11:12.000 उन्होंने जो लिखा वह इतना सरल था 00:11:12.000 --> 00:11:15.000 कि उससे तरल हीलियम के बारे में उस समय जो भी मालूम था 00:11:15.000 --> 00:11:17.000 सब स्पस्ट हो जाता था | NOTE Paragraph 00:11:17.000 --> 00:11:19.000 में हमेशा सोचता था 00:11:19.000 --> 00:11:22.000 कि जिनका भौतिकीय वैज्ञानिक जो तरल हीलियम पर कार्य करते थे 00:11:22.000 --> 00:11:25.000 क्या वो शर्मिंदा हुए होंगे | 00:11:25.000 --> 00:11:27.000 उनके पास उनकी सबसे शक्तिशाली तकनीक थी , 00:11:27.000 --> 00:11:29.000 और वो इससे बेहतर नहीं कर पाए 00:11:29.000 --> 00:11:33.000 संयोग से, में आपको बता दूँ वह तकनीक क्या थी 00:11:33.000 --> 00:11:36.000 वेह थे फेय्न्मन तकनीकी चित्र थे NOTE Paragraph 00:11:36.000 --> 00:11:38.000 (हंसी) NOTE Paragraph 00:11:38.000 --> 00:11:41.000 उन्होंने १९६८ में फिर दोहराया 00:11:41.000 --> 00:11:43.000 १९६८ में, मेरे ही विश्वविद्यालय में, 00:11:43.000 --> 00:11:46.000 उस समय मैं वंहा नहीं था, १९६८ में, 00:11:46.000 --> 00:11:49.000 वो लोग प्रोटॉन की संरचना की खोज कर रहे थे 00:11:49.000 --> 00:11:51.000 प्रोटॉन तो साफ है कि 00:11:51.000 --> 00:11:53.000 कई छोटी चीजों से बना है. 00:11:53.000 --> 00:11:55.000 इतना तकरीबन पता था. 00:11:55.000 --> 00:11:58.000 और उसका विश्लेषण फेय्न्मन चित्र से होता था. 00:11:58.000 --> 00:12:01.000 उसी के लिए फेय्न्मन चित्र बने थे 00:12:01.000 --> 00:12:03.000 कण को समझने के लिए 00:12:03.000 --> 00:12:05.000 प्रयोग जो हो रहे थे वो बहूत ही सरल थे 00:12:05.000 --> 00:12:07.000 आप सिर्फ एक प्रोटान लेकर 00:12:07.000 --> 00:12:09.000 उसे एक इलेक्ट्रॉन के साथ तेजी से टकराते हैं | 00:12:09.000 --> 00:12:12.000 उसके लिए थे फेय्न्मन चित्र थे | 00:12:12.000 --> 00:12:14.000 सिर्फ एक कठिनाई थी 00:12:14.000 --> 00:12:16.000 कि फेय्न्मन चित्र बहुत जटिल हैं 00:12:16.000 --> 00:12:18.000 उसमे काफी जटिलता है | 00:12:18.000 --> 00:12:21.000 अगर आप उन्हें कर सकते थो आप के पास एक सटीक ज्ञान होगा | 00:12:21.000 --> 00:12:24.000 मगर यह संभव नहीं था, वो बहुत जटिल थे 00:12:24.000 --> 00:12:26.000 लोग कोशिश कर रहे थे 00:12:26.000 --> 00:12:29.000 आप एक पाश चित्र कर सकते थे, 00:12:29.000 --> 00:12:32.000 एक, दो, या तीन पाश चित्र कर सकते थे 00:12:32.000 --> 00:12:34.000 मगर उनके आगे कुछ नहीं कर सकते थे | NOTE Paragraph 00:12:34.000 --> 00:12:36.000 फेय्न्मन ने कहा "भूल जाओ उसको, 00:12:36.000 --> 00:12:38.000 सिर्फ प्रोटान के बारे में सोचो 00:12:38.000 --> 00:12:40.000 एक छोटे कणों की जमघट के रूप में 00:12:40.000 --> 00:12:42.000 छोटे कणों का एक झुंड 00:12:42.000 --> 00:12:45.000 उन्होंने उसे प्रोटान कहा | 00:12:45.000 --> 00:12:47.000 उन्होंने कहा "बस सोचो यह प्रोटान का झुण्ड है 00:12:47.000 --> 00:12:49.000 जो तेजी से बढ़ रहे" 00:12:49.000 --> 00:12:53.000 क्योंकि वह तेजी से बढ़ रहे हैं 00:12:53.000 --> 00:12:57.000 सापेक्षता का कहना है कि आंतरिक गति बहुत धीमी गति से चलते हैं. 00:12:57.000 --> 00:12:59.000 इलेक्ट्रॉन इसे अचानक टकराता है 00:12:59.000 --> 00:13:02.000 यह एक प्रोटॉन की एक बहुत ही अचानक स्नैपशॉट लेने की तरह है 00:13:02.000 --> 00:13:04.000 आप क्या देखते हो ? 00:13:04.000 --> 00:13:09.000 परतों में जमा हुआ प्रोटान का एक गुच्छा | 00:13:09.000 --> 00:13:11.000 वो हिलते नहीं हैं , और क्योंकि हिलते नहीं हैं 00:13:11.000 --> 00:13:13.000 तो प्रयोग के दौरान 00:13:13.000 --> 00:13:15.000 आपको इस बात की फ़िक्र करने की जरुरत नहीं की वो हिलते कैसे हैं | 00:13:15.000 --> 00:13:17.000 आप को उनके बीच के तनाव के बारे में सोचने की जरुरत नहीं है | 00:13:17.000 --> 00:13:19.000 आप इसे सिर्फ इस तरह सोचो 00:13:19.000 --> 00:13:21.000 कि यह समूह है 00:13:21.000 --> 00:13:24.000 जमे हुए परतों की 00:13:24.000 --> 00:13:27.000 यह इन प्रयोंगो के विश्लेषण की महत्वपूर्ण बात थी | 00:13:27.000 --> 00:13:30.000 अत्यंत प्रभावी 00:13:30.000 --> 00:13:32.000 किसी ने कहा क्रांति बुरा शब्द है. 00:13:32.000 --> 00:13:35.000 शायद हो, तो में क्रांति नहीं कहूँगा 00:13:35.000 --> 00:13:38.000 पर निश्चित रूप से इससे 00:13:38.000 --> 00:13:41.000 हमारी प्रोटोन की समझ में बहूत ज्यादा विकास हुआ 00:13:41.000 --> 00:13:43.000 और उससे भी छोटे कणों को समझने में | NOTE Paragraph 00:13:43.000 --> 00:13:45.000 वैसे मेरे पास और भी कुछ था जो मैं बताने वाला था 00:13:45.000 --> 00:13:47.000 मेरे और फेय्न्मन के रिश्तों के बारे में 00:13:47.000 --> 00:13:49.000 वो कैसे थे, 00:13:49.000 --> 00:13:51.000 मगर हमारे पास ठीक आधा मिनट है 00:13:51.000 --> 00:13:53.000 मै अब समाप्त करता हूँ यह कह कर 00:13:53.000 --> 00:13:57.000 कि मुझे नहीं लगता फेय्न्मन को ऐसा समारोह अच्छा लगता 00:13:57.000 --> 00:14:00.000 मेरे ख्याल में वो कहते 00:14:00.000 --> 00:14:03.000 " मुझे इसकी जरूरत नहीं है" 00:14:03.000 --> 00:14:06.000 पर हम फेय्न्मन का आदर कैसे करें? 00:14:06.000 --> 00:14:08.000 सच में उनका आदर सम्मान कैसे करें? 00:14:08.000 --> 00:14:11.000 मेरे ख्याल में फेय्न्मन का आदर करने के लिए 00:14:11.000 --> 00:14:13.000 हमें बहूत सारा बलोनी (बकवास) 00:14:13.000 --> 00:14:16.000 अपने सेंडविच से निकाल देना चाहिए | NOTE Paragraph 00:14:16.000 --> 00:14:18.000 धन्यवाद NOTE Paragraph 00:14:18.000 --> 00:14:21.000 (तालियाँ)