फ्री अमेरिका के एक दौरे में हमने सुना और सीखा। हम न केवल अभियोक्ताओं से या वकीलों से मिले, बल्कि हमारे राज्य और स्थानीय जेलों के कैदियों से भी मिले। हम आव्रजन हिरासत केंद्रों में गये। हम बहुत से लोगों से मिले। और हमने पाया कि मोचन और परिवर्तन संभव है हमारे बन्दी गृहों, जेलों और आव्रजन हिरासत केंद्रों में, उनमें उम्मीद जगायी जा सकती है जो बेहतर ज़िन्दगी जीना चाहते हैं अपनी सज़ा पूरी होने के बाद। सोचिये अगर हम जेल के कैदियों के लिये प्रयास करते तो क्या होता। क्या होता अगर हम हस्तक्षेप करते, जिसमें पुनर्वास मूल मूल्य होता-- प्रेम और करुणा मूल मूल्य होते? हमारे पास एक ऐसा समाज होता जो सुरक्षित होता, स्वस्थ होता और हमारे बच्चों को बड़ा करने लायक होता। मैं आपको जेम्स कैविट से मिलाना चाहता हूं। जेम्स ने सैन क्वांटिन राज्य जेल में 12 साल की सज़ा काटी है और 18 महीनों में रिहा होने वाला है। जेम्स, मेरी और आपकी तरह ही, अपने किये बुरे काम के अलावा भी कुछ है। वह एक पिता, एक पति, एक बेटा और एक कवि है। उसने अपराध किया; वह उसका दण्ड भुगत रहा है, और हुनर सीखने के लिये कड़ी मेहनत कर रहा है ताकि फिर से एक उत्पादक जीवन जी सके जब वह सामान्य लोगों के बीच जाये। जेम्स, सलाखों के पीछे रहने वाले लाखों लोगों की तरह, इस बात की मिसाल है कि अगर हम मानें हमारी गलतियाँ यह तय नहीं करती कि हम कौन हैं, और हम सभी मोचन के योग्य हैं और अगर हम इन प्रभावित लोगों का बड़े पैमाने पर समर्थन करें, तो हमारे घाव साथ में भर सकते हैं। मैं आपको जेम्स से मिलाना चाहूँगा अभी इसी वक़्त, और वह आपको अपनी मोचन यात्रा के बारे में बतायेगा शब्दों के माध्यम से। जेम्स कैविट: शुक्रिया, जॉन। टेड, सैन क्वांटिन में आपका स्वागत है। जेल की दीवारों के पीछे भरपूर प्रतिभा मौजूद है। भविष्य का सॉफ्टवेयर इंजीनियर, उद्यमी, शिल्पकार, संगीतकार, और कलाकार। यह रचना प्रेरित है उस कठिन परिश्रम से जो महिला और पुरुष जेल के भीतर करते हैं ताकि आने वाले वक़्त में अपनी ज़िन्दगी बेहतर बना सकें जब वे अपनी सज़ा पूरी कर लें। इस रचना का शीर्षक है, "जहाँ मैं रहता हूँ।" मैं उस दुनिया में रहता हूँ जहाँ ज़्यादातर लोग जाने से डरते हैं। कंकरीट की ऊँची दीवारों से घिरी हुई, लोहे की सलाखें जिन पर काँटेदार तार लगे हैं जो उज्ज्वल कल की आशाओं पर पानी फेर देते हैं। मैं वहाँ रहता हूँ जो मारने वाले को मार डालती है ताकि उसे सबक सिखा सके कि लोगों को मारना ग़लत है। कल्पना करो। बेहतर की, उस दुनिया की सोचो जहाँ ठीक लोग आहत लोगों को ठीक होने में मदद करें और मज़बूत बनायें। शायद तब हम सब मिलकर गायेंगे "मोचन गीत।" मैं उस दुनिया में रहता हूँ जिसे "धरती का नर्क" कहते हैं वो लोगों जो जहाँ फँसे हुये हैं। पर मुझे एक दृढ़ अनुभूति हुई है कि जेल-- वह है, जो आप इसे बनाते हैं। देखिये, मेरी कठोर वास्तविकता के बाद भी आशा की किरण बाकी है। मैं जानता था मुझे आज़ादी मिलने वाली है, बस कुछ वक़्त की बात है। इसलिये मैंने अपने पहले कदमों को ऐसे देखा जैसे मेरा आख़िरी कदम हो, और मैंने महसूस किया कि आपका आज़ाद होना ज़रूरी नहीं आज़ादी का अनुभव करने के लिये। और आप आज़ाद हैं, इसका मतलब यह नहीं आपके पास आज़ादी है। हममें से कई, सालों से, हमारे भीतर के राक्षसों से जूझ रहे हैं। हम मुस्कुराते हुए घूमते हैं जबकि भीतर हम चिल्ला रहे होते हैं ': आज़ादी! क्या आपको समझ नहीं आता? हम सब सज़ा काट रहे हैं; हम सिर्फ़ अलग-अलग जगह पर हैं। जहाँ तक मेरी बात है, मैंने उन जेलों से मुक्त होना चुना जो मैंने बनाये हैं। समाधान: क्षमा। काम ही मेरा गवाह है। अगर हमें आज़ादी चाहिये, तो हमें अलग ढंग से सोचना होगा। क्योंकि आज़ादी... जगह से नहीं जुड़ी होती। यह मानसिकता है। धन्यवाद। (तालियों की आवाज़) (पियानो) जॉन लीजेंड: पुराने समुद्री डाकूओं ने, हाँ, मुझे लूटा। खुद को व्यापारिक जहाजों को बेचा। जैसे ही वो मुझे उठा ले गये बहुत गहरे गड्ढे से। मेरे हाथ मज़बूत बना दिये गये सर्वशक्तिमान के हाथ से। हमने इसे इस पीढ़ी को दिया विजयी होकर। क्या आप गाने में मदद नहीं करेंगे आज़ादी के ये गीत? क्योंकि मेरे पास बस यही थे-- मोचन गीत। मोचन गीत। अपने आप को मानसिक दासता से मुक्त करो। हमारे मन को केवल हम ही आज़ाद कर सकते हैं। परमाणु ऊर्जा का कोई डर नहीं है क्योंकि कुछ भी समय को नहीं रोक सकता है। वे हमारे पैगम्बरों को कब तक मारते रहेंगे कब तक हम एक तरफ खड़े होकर देखते रहेंगे? कुछ कहते हैं यह सिर्फ़ इसका एक हिस्सा है, हमें किताब पूरी करनी होगी। क्या आप गाने में मदद नहीं करेंगे आज़ादी के ये गीत? क्योंकि मेरे पास बस यही थे-- मोचन गीत। मोचन गीत। (पियानो) अपने आप को मानसिक दासता से मुक्त करो। हमारे मन को केवल हम ही आजाद कर सकते हैं। परमाणु ऊर्जा का कोई डर नहीं है क्योंकि कुछ भी समय को नहीं रोक सकता है। वे हमारे पैगम्बरों को कब तक मारते रहेंगे कब तक हम एक तरफ खड़े होकर देखते रहेंगे? कुछ कहते हैं यह सिर्फ़ इसका एक हिस्सा है, हमें किताब पूरी करनी होगी। क्या आप गाने में मदद नहीं करेंगे आज़ादी के ये गीत? क्योंकि मेरे पास बस यही थे-- मोचन गीत। मोचन गीत। आज़ादी के ये गीत। क्योंकि मेरे पास बस यही थे-- मोचन गीत। मोचन गीत। मोचन गीत। (पियानो) (तालियों की आवाज़) शुक्रिया। शुक्रिया। (तालियों की आवाज़)