0:00:26.348,0:00:27.938 त्रिमंत्र तो आता है न सबको ? 0:00:28.470,0:00:29.080 आता है | 0:00:33.795,0:00:34.905 नमो अरिहंताणम 0:00:37.326,0:00:38.516 यानि अरिहंत यानि कौन ? 0:00:39.237,0:00:40.047 अरि मतलब दुश्मन | 0:00:41.467,0:00:45.009 दुश्मनों का जिसने नाश कर दिया है ऐसे पुरुष, उन्हें नमस्कार करता हूँ | 0:00:45.446,0:00:46.406 लेकिन कौन से दुश्मन ? 0:00:47.475,0:00:48.395 व्यक्ति रूपी नहीं | 0:00:50.084,0:00:50.746 षड् रिपु | 0:00:52.483,0:00:53.993 क्रोध-मान-माया-लोभ, राग-द्वेष | 0:00:56.003,0:00:58.743 व्यक्तियों को मारकर वे तो बहुत बार जीते लेकिन फिर भी हारे के हारे | 0:01:00.072,0:01:02.232 इन षड् रिपु को जिसने मार दिया वह जीता | 0:01:05.747,0:01:07.577 बड़े से बड़े दुश्मन यही है, अंदर बैठे हुए | 0:01:12.278,0:01:18.038 आपकी दुश्मनी है क्या इनके साथ ? नहीं है क्या ? पहले थी ? 0:01:18.348,0:01:19.648 हाँ, अभी भी है थोड़ी थोड़ी | 0:01:19.648,0:01:20.308 अभी नहीं ? नहीं ? 0:01:20.418,0:01:21.358 हाँ, थोड़ी रही है | 0:01:24.262,0:01:25.672 इन्हें जीते तो हो गया | 0:01:27.009,0:01:28.249 ऐसे लोगों को नमस्कार करता हूँ | 0:01:30.377,0:01:32.307 फिर दूसरा नमो सिद्धाणम | 0:01:33.977,0:01:37.447 जिन्होने षड रिपु जीत लिए, और जो देह मे भी नहीं है आज 0:01:38.258,0:01:42.502 और सिद्धगति में विराजमान है सम्पूर्णरूप से, उन्हें नमस्कार करता हूँ | 0:01:43.744,0:01:45.384 तब कहेंगे सबमें बड़े से बड़े तो यही कहलाता है | 0:01:46.404,0:01:47.794 क्यों उनको नमस्कार नहीं किए ? 0:01:48.653,0:01:50.253 तो केहता है, ये हमारे, कुछ काम नहीं आएगे | 0:01:51.497,0:01:53.823 जो प्रत्यक्ष है वे ही काम आयेंगे | 0:01:54.722,0:01:57.012 वे हमारा सब काम कर देते है 0:01:58.096,0:01:59.166 और भूल हो तो दिखाते है | 0:02:00.928,0:02:03.428 इसलिए पहला उपकार उनका | ये ज्यादा उपकारी है | 0:02:04.692,0:02:06.682 इसलिए पहले उन्हें रखा | समझ में आया न ? 0:02:09.434,0:02:10.464 तो कितने अरिहंत है ? 0:02:12.600,0:02:12.920 छ: | 0:02:14.703,0:02:15.033 क्या ? 0:02:15.175,0:02:15.535 छ: | 0:02:29.763,0:02:30.243 चौबीस | 0:02:30.507,0:02:30.897 चौबीस | 0:02:31.271,0:02:33.911 हाँ, अब इन चौबीस को जगत के सभी 0:02:35.281,0:02:37.631 जैनो और साधु अरिहंत कहते है | 0:02:38.640,0:02:43.610 अब इन लोगों को समझाता हूँ, कि ये चौबीस अभी अरिहंत है या सिद्ध है ? 0:02:45.684,0:02:46.654 तो कहते है, ये तो सिद्ध कहलाते है | 0:02:46.770,0:02:49.800 तब मैंने कहा मुए अरिहंत किसलिए कहते हो जो सिद्ध हो गये उन बेचारों को ? 0:02:51.228,0:02:56.748 हाँ , एक बार प्रधानमंत्री बन गये, फिर उन्हें गवर्नर किसलिए कहते हो ? 0:02:57.175,0:02:57.595 क्या कहा ? 0:02:57.657,0:02:58.487 हाँ, हाँ, ठीक है | 0:02:59.471,0:03:01.371 फिर बुरा नहीं लगेगा प्रधानमंत्री को | 0:03:01.451,0:03:02.811 गवर्नर थे फिर प्रधानमंत्री बने, 0:03:02.911,0:03:04.761 फिर हम उन्हें गवर्नर कहेंगे, तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा ? 0:03:06.890,0:03:09.160 उनको अरिहंत कहतें है, इसलिए उन्हें बुरा लगता है | 0:03:09.906,0:03:12.106 जबकि खराब किसी को नहीं लगता लेकिन उसका नुकसान इनको होता है | 0:03:13.063,0:03:16.063 इन्हें अरिहंत दिखते नहीं, और अरिहंत के लिए बोला हुआ व्यर्थ जाता है, 0:03:16.533,0:03:18.253 इसलिए नवकार मंत्र, पूरा फल नहीं देता | 0:03:20.100,0:03:21.881 यह तो मैंने भूल दिखाई, मैंने कहा क्या भूल ? 0:03:22.654,0:03:24.264 यह, यह तो सिद्धगति में है | 0:03:24.373,0:03:25.843 वे सिद्ध को हमें अरिहंत नहीं कहना चाहिए | 0:03:25.853,0:03:29.263 अभी कौन अरिहंत है ? अरिहंत यानि देहधारी होने चाहिए | 0:03:29.992,0:03:31.752 और केवलज्ञान सहित होने चाहिए, 0:03:31.878,0:03:36.179 और लोगों का कल्याण करतें होंगें वे अरिहंत | 0:03:38.030,0:03:39.420 तो कहते है, अभी तो ऐसा कोई है नहीं | 0:03:39.480,0:03:43.680 मैंने कहा, यह महावीर आखरी थे वे बताकर गये कि सीमंधर स्वामी को नमस्कार करना | 0:03:45.105,0:03:45.625 क्या कहते है ? 0:03:46.845,0:03:48.015 वह आपके अरिहंत कहलाते है | 0:03:48.035,0:03:52.815 दूसरे, वहां पर है, लेकिन आपको दूसरे का नाम लेना हो तो लेना, नहीं तो फिर यह एक तो करना | 0:03:54.217,0:03:58.267 क्या गलत है ? क्या, गलत बात है यह कोई ? 0:03:58.267,0:03:58.647 नहीं | 0:03:59.623,0:04:01.293 तो यह सीमंधर स्वामी आपके अरिहंत | 0:04:01.707,0:04:04.427 नमो अरिहंताणम | नमो सिद्धाणं | 0:04:04.437,0:04:06.417 इसलिए यह देरासर बनवाना है, 0:04:07.447,0:04:09.497 इन लोगों की गलतियाँ तोड़ने के लिए करना पड़ता है न | 0:04:09.586,0:04:09.986 हाँ | 0:04:13.141,0:04:15.761 गलतियों से निकालना पड़ेगा न जब-तब ? नही तो लोग मिस यूज़ करेंगे | 0:04:17.196,0:04:18.686 साधुओ के कषाय खमत नहीं होते है | 0:04:19.508,0:04:21.388 संसारियो के कषाय खमत नहीं होते है ऐसी क्या भूल है ? 0:04:21.388,0:04:23.118 तो कहते है वही की वही भूलें, हर प्रकार की भूले | 0:04:25.389,0:04:26.729 अरिहंत पूरा उड़ा दिया, मुए ! 0:04:28.745,0:04:30.250 छोटे-छोटे बच्चे समझते है ऐसी बात !!! 0:04:32.647,0:04:33.917 तो कहता है मुझे कौन दिखाएगा यह भूल ? 0:04:37.852,0:04:39.334 भूल दिखी, तो आपको समझ मे आया कि नहीं आया ? 0:04:39.732,0:04:40.442 हाँ, समझ में आया | 0:04:40.602,0:04:42.782 वे साधु, आचार्य कहते है न, कि आपने समझा दिया तो मुझें समझ में आया | 0:04:42.891,0:04:44.182 अब हम नहीं, अब हम नहीं भूलेंगे | 0:04:44.632,0:04:45.952 तो मुए! पर पहले समझ क्यों नहीं पडी | 0:04:45.962,0:04:48.082 तो कहता है, हमारा दिमाग इतना बड़ा कहाँ से होगा 0:04:49.228,0:04:50.498 जो पीछे का भी देख सके ? 0:04:51.365,0:04:53.355 हमे तो सामने का ही नहीं दिखता तो यह कहाँ ? 0:04:56.602,0:04:58.332 यह तो विज्ञानी हो, उनका काम है | 0:04:58.985,0:05:02.991 वे तो सामने का भी देख सकते है, पीछे का भी देख सकते है, पूरे द्रष्टिकोण को देख सकते है | 0:05:02.991,0:05:04.251 सब कुछ देख सकते है | 0:05:04.377,0:05:04.897 ठीक है | 0:05:06.038,0:05:06.648 यह उनका काम है | 0:05:08.443,0:05:10.093 नमो सिद्धाणं आपको समझ में आया न ?