0:00:00.742,0:00:07.963 हम इंसानों के पास [br]अच्छाई की विशेष क्षमता है| 0:00:07.963,0:00:12.363 लेकिन हमारे पास नुकसान पहुचाने[br]की भी अत्यधिक शक्ति है| 0:00:12.363,0:00:18.029 किसी भी हथियार का उपयोग बनाने [br]या नष्ट करने के लिए किया जा सकता है| 0:00:18.036,0:00:21.217 ये सब हमारी प्रेरणा पर निर्भर करता है| 0:00:21.217,0:00:24.664 इसलिये स्वार्थी भावना के बदले [br]करुना की भावना को प्रोत्साहन देना 0:00:24.664,0:00:28.938 और भी ज़रूरी हो जाता है| 0:00:30.508,0:00:37.008 निस्संदेह हम आज के समय मे बहुत सी [br]मुश्किलों का सामना कर रहे हैं| 0:00:37.008,0:00:40.325 ये मुश्किलें निजी हो सकती है| 0:00:40.325,0:00:44.911 हमारा खुदका मन हमारा सबसे अच्छा दोस्त हो [br]सकता है या हमारा सबसे बड़ा दुश्मन| 0:00:46.341,0:00:49.225 मुश्किलें सामाजिक भी हो सकती है| 0:00:49.225,0:00:54.924 समृद्धि के बीच मे ग़रीबी, [br]असमानता, लड़ाई, और अन्याय| 0:00:54.924,0:00:59.120 और फिर ऐसी भी मुश्किलें है जो नई हैं, [br]जिनकी हमे बिलकुल भी उम्मीद नहीं होती| 0:00:59.120,0:01:03.763 दस हज़ार सालों पहले, धरती पे करीब [br]५० लाख लोग थे| 0:01:03.763,0:01:05.373 वो जो भी करते 0:01:05.373,0:01:10.559 धरती का पलटाव इंसान की गतिविधियों [br]को जल्द ही स्वस्थ कर देता| 0:01:10.559,0:01:13.775 औद्योगिक और प्रौद्योगिकीय आमूल [br]परिवर्तन के बाद, 0:01:13.775,0:01:16.008 ये स्तिथि पहले जैसी नहीं रही| 0:01:16.008,0:01:20.073 आज हम धरती पे होने वाले प्रभाव के [br]प्रमुख एजेंट हैं| 0:01:20.073,0:01:24.977 हम अन्थ्रोप्रोसिन मे प्रवेश कर रहे हैं, [br]मनुष्य का युग| 0:01:24.977,0:01:31.970 तो एक तरह से, अगर हम कहें कि, [br]हमे यह अनंत बढ़त और अनंत 0:01:31.970,0:01:35.616 भौतिक संसाधन का उपयोग जरी [br]रखने की ज़रूरत है, 0:01:35.616,0:01:38.514 तो वो यह कहने के बराबर है कि अगर यह इंसान- 0:01:38.514,0:01:43.386 और मैंने एक पूर्व राज्य के प्रधान को कहते [br]सुना है, में उनका नाम नहीं लूँगा कि 0:01:43.386,0:01:47.395 "पांच साल पहले हम खड़ी चट्टान की [br]कगार पर थे| 0:01:47.395,0:01:49.972 आज हमने एक बड़ा कदम आगे बढाया है|" 0:01:50.587,0:01:56.590 वैज्ञानिकों ने जो ग्रहों की सीमा की [br]परिभाषण दी है 0:01:56.590,0:01:59.244 वह इस कगार के सामान्य है| 0:01:59.244,0:02:03.705 और उन सीमओं के अंदर, [br]वे अनेक तत्व रखते हैं| 0:02:03.705,0:02:09.231 हम अभी भी उन्नति कर सकतें हैं, मानवजाति [br]अभी भी १५०००० सालों तक उन्नति कर सकती है, 0:02:09.231,0:02:12.563 यदि हम जलवायु स्थिरता वैसे ही बनाएं रखें 0:02:12.563,0:02:15.721 जैसेः पिछलें दस हजार सालों से है| 0:02:15.721,0:02:21.479 परंतु यह स्वैच्छिक सादगी, गुण-संबंधी बढ़त 0:02:21.479,0:02:24.160 नाकि परिमाण-संबंधी बढ़त को [br]चुनने पर निर्धारित है| 0:02:24.160,0:02:30.394 साल १९०० मे, जैसा कि आप देख सकतें हैं, [br]हम सुरक्षा की सीमा के बहुत अंदर थे| 0:02:30.394,0:02:35.793 फिर, साल १९५० मे ज़ोर की तेज़ी आई| 0:02:35.793,0:02:40.762 अब अपनी सासों को रोक कर रखें, ज्यादा देर [br]तक नहीं, यह सोचने के लिए कि आगे क्या होगा| 0:02:40.762,0:02:46.907 आज हम उन ग्रहों की सीमा के बहुत [br]आगे निकल चुकें हैं| 0:02:46.907,0:02:50.866 जैव विविधता को लें तो, इस तेज़ी से [br]अगर हम चलतें रहेंगे, 0:02:50.866,0:02:57.288 तो साल २०५० तक धरती से ३० प्रतिशत [br]जातियां गायब हों जायेंगी| 0:02:57.288,0:03:03.085 अगर हम उनका डीएनए फ्रिज मे भी रखें, [br]तब भी वह अपरिवर्तनीय रहेगा| 0:03:03.085,0:03:04.936 तो यहाँ में बेठा हूँ, 0:03:04.936,0:03:10.836 ७००० मीटर ऊंचाई पर, २१००० फुट [br]हिमानी के आगें, भूटान मे| 0:03:10.836,0:03:17.987 तीसरे पोल मे २००० हिमानी तेज़ी से [br]पिघल रहें हैं, उत्तरी ध्रुवी से भी तेज़| 0:03:17.987,0:03:20.994 तो इस स्थिति मे हम क्या कर सकतें हैं? 0:03:22.144,0:03:29.453 पर्यावरण का सवाल कितना भी कठिन हो, 0:03:29.453,0:03:31.851 राजनीतिक, आर्थिक या वैज्ञानिक रूप से, 0:03:31.851,0:03:38.678 अंत मे यह केवल एक सवाल पर रुक्ता है, [br]दूसरोँ के लाभ की इच्छा या अपने लाभ की? 0:03:38.678,0:03:42.287 में ग्रुचो झुकाव का मार्क्सिस्ट हूँ| 0:03:42.287,0:03:43.712 (हँसी) 0:03:43.712,0:03:47.121 ग्रुचो मार्क्स कहतें हैं, “में आने वालीं [br]पीढ़ी की चिंता क्यों करूँ? 0:03:47.121,0:03:49.151 उन्होंने मेरे लिए क्या किया?” 0:03:49.151,0:03:50.647 (हँसी) 0:03:50.647,0:03:55.430 दुर्भाग्य से मैंने लाखपति स्टीव फोर्ब्स 0:03:55.430,0:03:58.958 को बिलकुल यही चीज़ फॉक्स [br]न्यूज़ पे कहते सुना| 0:03:58.958,0:04:01.293 उन्हें सागर की अधिकता के [br]बारे मे बताया गया, 0:04:01.293,0:04:04.640 और उन्होंने कहा कि “जो घटना १०० साल [br]बाद होने वाली है, 0:04:04.640,0:04:07.695 उसके लिए आज अपना व्यवहार [br]बदलना मुझे बेतुका लगता है|” 0:04:07.695,0:04:10.593 तो अगर आपको आने वालीं [br]पीढ़ियों की चिंता नहीं हैं, 0:04:10.593,0:04:13.494 तो ठीक है| 0:04:13.494,0:04:16.420 हमारे ज़माने की एक विशेष चुनौती 0:04:16.420,0:04:19.538 ३ समय सीमा के बीच मेल-मिलाप कराना है: 0:04:19.538,0:04:21.683 तुरंत आने वाला अर्थव्यवस्था का समय, 0:04:21.683,0:04:25.915 शेयर बाजार का उतार-चढ़ाव, [br]साल के अंत का हिसाब-किताब; 0:04:25.915,0:04:28.621 मध्यावधि मे जीवन की गुणवत्ता -- 0:04:28.621,0:04:33.945 अगले १०-२० सालों में, हमारे जीवन के हर पल [br]की क्या गुणवत्ता है? 0:04:33.945,0:04:37.554 और लंबे समय मे पर्यावरण| 0:04:37.554,0:04:39.903 जब पर्यावरणविद् लोंग अर्थशास्त्रियोंसे 0:04:39.903,0:04:42.982 बातें करतें हैं, वह संवाद पागलपन के [br]बराबर है, पूरी तरह से बेमेल| 0:04:42.982,0:04:45.814 वे अलग भाषओं मे बात करतें हैं| 0:04:45.814,0:04:49.354 अभ, पिछले १० सालों मे मैंने [br]दुनिया के चक्कर कटे| 0:04:49.354,0:04:53.452 र्थशास्त्रीयो , वैज्ञानिकों, [br]तंत्रिका वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों, 0:04:53.452,0:04:57.912 दार्शनिकों, विचारकों सें मिला, [br]हिमालय मे, सभी जगहों में| 0:04:57.912,0:05:01.834 मुझे लगता है कि, एक ही ऐसा विचार है, 0:05:01.834,0:05:04.794 जो उन ३ समय सीमाओं का बीच[br]मेल-मिलाप ला सकता है| 0:05:04.794,0:05:09.198 जो सीधे सभ्दों मे है कि ‘दूसरो का [br]ज्यादा ख्याल करना’| 0:05:09.198,0:05:14.099 अगर आप दूसरों का ज्यादा ख्याल करतें हैं [br]तो आपकी अर्थव्यवस्था बेहतर होगी, 0:05:14.099,0:05:17.051 जहाँ वित्त, समाज की सेवा मे होगी, 0:05:17.051,0:05:20.319 नाकि समाज वित्त की सेवा मे| 0:05:20.319,0:05:22.187 आप कैसिनो जाके वे पैसे 0:05:22.187,0:05:25.073 खर्च नहीं करेंगें, जो लोगों ने विश्वास से [br]आपकों सोंपे हैं| 0:05:25.073,0:05:27.919 अगर आप अन्य लोगों का[br]ज़्यादा ख्याल करतें हैं, 0:05:27.919,0:05:31.396 तब आप यह निश्चित करेंगें कि आप [br]असमानता का उपाय निकाले, 0:05:31.396,0:05:34.396 कि आप समझ, शिक्षा, 0:05:35.136,0:05:37.176 नौकरी में भलाई लायें| 0:05:37.176,0:05:40.599 वरना ऐसे देश का क्या मतलब होगा, जो सबसे [br]शक्तिशाली और अमीर हो 0:05:40.599,0:05:43.686 पर वहां के लोंग दुखी हों| 0:05:43.686,0:05:45.973 और अगर आपको ऑरों का ख्याल है, 0:05:45.973,0:05:49.369 तो आप धरती को नहीं लूटेंगे 0:05:49.369,0:05:53.703 और आज के गत्ती से चलें तो हमारे [br]पास रहने के लिए ३ और गृह नहीं हैं| 0:05:53.703,0:05:56.056 सवाल यह है , 0:05:56.056,0:06:00.387 माना कि अल्त्रुइस्म सिर्फ एक [br]अच्छा सुझाव ही नहीं 0:06:00.387,0:06:03.611 पर क्या वह एक वास्तविक और उपयोगी [br]हल बन सकता है? 0:06:03.611,0:06:06.469 पर उससे भी पहले, क्या सच्चा अल्त्रुइस्म[br]मौजूद है? 0:06:06.469,0:06:10.213 या हम सभी स्वार्थी है? 0:06:10.213,0:06:15.553 कुछ दार्शनिक लोंग सोचते है कि, [br]हम सब अपूरणीय स्वार्थी लोंग है| 0:06:15.553,0:06:20.765 पर क्या हम सच मे सिर्फ दुष्ट हैं? 0:06:20.765,0:06:23.579 क्या यह अच्छी बात है? 0:06:23.579,0:06:26.108 होब्बस जैसे कईं दार्शनिकों ने ऐसा कहाँ है| 0:06:26.108,0:06:29.429 पर हर इंसान दुष्ट नहीं दीखता| 0:06:29.429,0:06:32.262 या क्या एक इंसान बाकी इंसानों [br]के लिए भेदिये जैसा है? 0:06:32.262,0:06:35.150 यह इंसान ज़्यादा बुरा नहीं लगता| 0:06:35.150,0:06:38.073 यह मेरा तिबेट का एक दोस्त है| 0:06:38.073,0:06:40.312 वो बहुत सज्जनतापूर्ण है| 0:06:40.312,0:06:43.937 हम सबको साथ मिलाकर काम [br]करना अच्छा लगता है| 0:06:43.937,0:06:48.275 साथ मिलाकर काम करने से जो आनंद आता है, [br]उससे अच्छा कोई और आनंद है क्या? 0:06:48.275,0:06:52.350 यह भाव सिर्फ इंसानों मे नहीँ है| 0:06:52.350,0:06:54.837 बेशक जिंदगी मे संघर्ष भी है, 0:06:54.837,0:06:59.178 सबसे योग्य का ही जीवित रह पाना,[br]‘सोशल दार्विनिस्म’| 0:06:59.178,0:07:05.015 परंतु विकास मे, जबकि औरो के [br]साथ मुक़ाबला होगा, 0:07:05.015,0:07:10.732 सहयोग को और भी रचनात्मक बनना होगा जो [br]ऊंचे स्तर के उलझन तक पहुँच सके| 0:07:10.732,0:07:15.414 हम सहयोग मे अव्वल हैं, पर हमे [br]और भी आगे बढ़ना चाहिए| 0:07:15.414,0:07:21.443 उसके ऊपर आती है मानव संबंध की गुणवत्ता| 0:07:21.443,0:07:25.925 ‘ओईसीडी’ ने दस कारकों का सर्वेक्षण [br]किया जैसे, आमदनी, इत्यादि| 0:07:25.925,0:07:29.268 लोगों के हिसाब से, उनकीं ख़ुशी का [br]सबसे पहले उच्च कारण 0:07:29.268,0:07:32.621 सामाजिक रिश्ते है| 0:07:32.621,0:07:35.498 यह कारण सिर्फ इंसानों के लिए [br]ही सच नहीं हैं| 0:07:35.498,0:07:38.844 इन परदादीयों को ही देख लिजिएं| 0:07:38.846,0:07:44.000 तो अब देखा जाए तो यह सोच की अगर [br]हम गहराई से अपने अंदर देखें, 0:07:44.000,0:07:46.570 तो हम स्वार्थी हैं, 0:07:46.570,0:07:49.224 यह सोच मे कोई सचाई नहीं हैं| 0:07:49.224,0:07:51.491 ऐसी एक भी समाजशास्त्रीय या [br]मनोवैज्ञानिक 0:07:51.491,0:07:54.737 जाँच नहीं है जो इस बात को [br]सिद्ध कर सकती है| 0:07:54.737,0:07:56.697 बल्कि उसका उल्टा है| 0:07:56.697,0:08:00.355 मेरे दोस्त, डेनियल बॅट्सन ने अपनी [br]सारी ज़िन्दगी निकाल दी, 0:08:00.355,0:08:03.118 लोगों को प्रयोगशाला मे डालने मे, [br]बहुत जटिल स्तिथिओं मे| 0:08:03.118,0:08:07.487 हाँ, कभीकभार हम स्वार्थी होतें हैं, कुछ [br]लोंग बाकि लोगों से ज़्यादा होतें हैं| 0:08:07.487,0:08:10.149 पर मेरे दोस्त ने पाया कि, [br]चाहे कुछ भी हो जाएँ, 0:08:10.149,0:08:13.149 ऐसे काफी लोंग हैं 0:08:13.149,0:08:16.504 जो परोपकारिता से पेश आतें हैं, [br]चाहे जो हो जाए| 0:08:16.504,0:08:19.696 अगर आप किसी को गहरी चोंट मे [br]तड़पते हुए देखतें हैं, 0:08:19.696,0:08:22.318 तो शायद आप, उस पर दया खा कर, [br]उसकी मदद कर दें -- 0:08:22.318,0:08:26.468 आपसे वह दृश्य देखा नहीं जाएगा, तो आप उससे [br]देखने से बेहतर उसकी मदद करना चाहेंगें| 0:08:26.468,0:08:32.344 हमनें इस सब की जांच की और अंत मे, मेरे [br]दोस्त ने कहा की बेशक इंसान परोपकारी है| 0:08:32.344,0:08:34.284 तो यह एक अच्छी खबर है| 0:08:34.284,0:08:39.896 उससे आगे बढ़कर, हमे अच्छाई की [br]साधारणता भी देखनी चाहिए| 0:08:39.896,0:08:41.600 आप यहाँ ही देख लीजिये| 0:08:41.600,0:08:44.370 जब हम बहार निलेंगे, हम यह नहीं कहेंगे कि [br]कितना अच्छा है, 0:08:44.370,0:08:48.937 जब लोंग परोपकारिता के बारे मे सोच रहे थे [br]तब कोई मारा-मारी नहीं हुई| 0:08:48.937,0:08:51.099 नहीं,वह तो अपेक्षित है ना? 0:08:51.099,0:08:54.278 अगर लड़ाई होती तो हम उसके बारे [br]मे महीनो तक बात करते| 0:08:54.278,0:08:57.949 अच्छाई की साधारणता ऐसी चीज़ है जो आपका[br]ध्यान अपनी तरफ आकर्षित नहीं करती, 0:08:57.949,0:08:59.437 पर वो मौजूद है| 0:08:59.437,0:09:04.913 अब इसको देखिये| 0:09:09.253,0:09:12.054 जब में मनोवैज्ञानिकों से कहता हूँ 0:09:12.054,0:09:15.291 के में हिमालय मे १४० मानवीय [br]परियोजनओं को चलता हूँ, 0:09:15.291,0:09:17.545 जिससे मुझें बहुत ख़ुशी मिलती हैं, 0:09:17.545,0:09:20.799 तब वे कहतें है कि, “अच्छा तो आप अपनी [br]ख़ुशी के लिए यह करते हैं, 0:09:20.799,0:09:23.703 यह भावना परोपकारीक नहीं, हैं, [br]आपको ख़ुद अच्छा लगता है|” 0:09:23.703,0:09:26.991 क्या आपको लगता है कि जब यह इंसान ट्रेन के [br]आगे कूदा तब उसने सोचा, 0:09:26.991,0:09:29.277 “जब यह ख़तम हो जाएगा [br]तब मुझे कितना अच्छा लगेगा?" 0:09:29.277,0:09:30.277 (हँसी) 0:09:31.563,0:09:33.849 बात यहीं ख़तम नहीं होती| 0:09:33.849,0:09:36.391 लोंग कहतें है, जब उससे पूछ-ताछ [br]की गईं तब उस्सने कहाँ, 0:09:36.391,0:09:39.526 “मेरे पास और कोई इंतिख़ाब नहीं था, [br]मुझें कूदना पड़ा|” 0:09:39.526,0:09:43.407 उसके पास और कोई विकल्प नहीं हाँ| स्वत: [br]व्यवहार| यह नाही स्वार्थी है ना परोप्करिक| 0:09:43.407,0:09:44.882 कोई विकल्प नहीं था? 0:09:44.882,0:09:47.844 हाँ, यह इंसान आधे घंटे तक नहीं सोचेगा, 0:09:47.844,0:09:49.881 “में मदद करूँ या ना करूँ?” 0:09:49.881,0:09:53.676 पर वो सोचता है, उसके पास विकल्प है, [br]बस वह स्पष्ट है, तुरंत है| 0:09:53.676,0:09:56.037 यहाँ भी उसके पास विकल्प है| 0:09:56.037,0:09:58.738 (हँसी) 0:09:58.738,0:10:02.500 ऐसे लोंग हैं जिनके पास विकल्प थे, जैसे [br]पॅस्टर आंद्रे त्रोक्मे और उनकी पत्नी, 0:10:02.500,0:10:05.187 और फ्रांस के Le Chambon-sur-Lignon [br]का पूरा गाँव| 0:10:05.187,0:10:09.135 दुसरे महायुद्ध के समय इन लोगों ने अनेक [br]बाधाओं के बावजूद ३५०० यहूदीयों को बचाया, 0:10:09.135,0:10:11.792 उनकों शरण दी, उनकों[br]स्विट्जरलैंड लेके आयें, 0:10:11.792,0:10:15.237 अपनीं और अपनें परिवार की जान [br]को जोखिम मे डाल के| 0:10:15.237,0:10:17.394 परोपकारिता लोगों मे मौजूद है| 0:10:17.394,0:10:19.119 तो परोपकारिता क्या है? 0:10:19.119,0:10:23.021 वे एक इच्छा है कि, अन्य लोग ख़ुश रहें और [br]ख़ुशी का कारण ढूंड सकें| 0:10:23.021,0:10:28.266 सहानुभूति एक भावात्मक या संज्ञानात्मक [br]प्रतिध्वनि है जो आपको बताती है कि, 0:10:28.266,0:10:30.977 यह इंसान ख़ुश है,[br]यह इंसान दुखी है| 0:10:30.977,0:10:34.463 किन्तु सहानुभूति अकेले ही काफी नहीं| 0:10:34.463,0:10:36.686 अगर आपका ओंरों की पीड़ा से सामना होता रहा, 0:10:36.686,0:10:39.447 तो आपके लिए वो पीड़ा सहन [br]करना मुश्किल हो जाएगा, 0:10:39.447,0:10:43.507 इसलिए आपको सहानुभूति से बढ़कर [br]प्यार और करुणा की ज़रूरत पड़ेगी| 0:10:43.507,0:10:46.234 तानिया सिंगर के साथ हमनें[br]मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट 0:10:46.234,0:10:52.335 ऑफ़ लेइप्ज़िग मे दिखाया कि, हमारा दिमागी [br]नेटवर्क, सहानुभूति और करुणा के लिए अलग है| 0:10:52.335,0:10:54.416 यहाँ तक सब ठीक है, 0:10:54.416,0:10:59.790 हमे यह भाव हमारी उत्क्रांति से, ममता से, [br]माता पिता के प्यार से मिला है, 0:10:59.790,0:11:01.625 पर हमे इस भाव का विस्तार करना है| 0:11:01.625,0:11:04.968 यह भाव और जाति के प्राणियों की ओर [br]भी बढ़ाया जा सकता है| 0:11:04.968,0:11:09.375 अगर हम ज़्यादा परोपकारी समाज चाहतें है, [br]तो उसके लिए हमें २ चीज़ें लगेंगीं, 0:11:09.375,0:11:12.592 व्यक्तिगत बद्लाव और सामाजिक बद्लाव| 0:11:12.592,0:11:15.150 क्या व्यक्तिगत बद्लाव मुमकिन है? 0:11:15.150,0:11:18.349 २००० सालों की मननशील अध्ययन [br]कहता है कि यह मुमकिन है| 0:11:18.349,0:11:21.951 तंत्रिका विज्ञान और एपिजेनेटिक्स के साथ [br]१५ सालों का संबंध कहता है 0:11:21.951,0:11:26.435 हाँ, हमारा दिमाग बदल सकता है जब [br]हम परोपकारिता का प्रशिक्षण करते है| 0:11:26.435,0:11:30.707 मैंने १२० घंटे एक एमआरआई मशीन मे गुज़ारे| 0:11:30.707,0:11:33.493 यह मेरे पहली बार जाने के २.५ [br]घंटे बाद की तस्वीर है| 0:11:33.493,0:11:37.167 इसका नतीजा कईं [br]वैज्ञानिक पत्रिकों मे छप्पा है| 0:11:37.167,0:11:40.749 ये बिना किसी शंका के दिखाता है कि कैसे, [br]परोपकारिता का प्रशिक्षण करने से 0:11:40.749,0:11:44.502 हमारे दिमाग मे संरचनात्मक और [br]कार्यात्मक बद्लाव आता है| 0:11:44.502,0:11:46.252 एक नमूना दिखाऊँ तो, 0:11:46.252,0:11:49.073 ध्यानी जो बाएं ओर बेठा है, विश्रांत में 0:11:49.073,0:11:52.776 सहानुभूतिपूर्वक ध्यान लगते हुए, [br]आप यहाँ हलचल देख सकतें हैं, 0:11:52.776,0:11:55.330 दूसरी तरफ आम इंसान, [br]विश्रांत में और ध्यान लगते हुए, 0:11:55.330,0:11:57.272 यहाँ कुछ नहीं होता| 0:11:57.272,0:11:59.250 वे लोंग प्रशिक्षित नहीं है| 0:11:59.250,0:12:03.671 तो क्या आपको ५०००० घंटे ध्यान लगाने की[br]ज़रूरत है?, नहीं| 0:12:03.671,0:12:07.837 ४ हफ़्तों के लिया, रोज़ २० मिनट का[br]करुणा और सचेतन का ध्यान भी 0:12:07.838,0:12:14.141 दिमाग मे संरचनात्मक बद्लाव ला सकता है,[br]आम इंसान के साथ तुलना हो तो| 0:12:14.141,0:12:17.879 सिर्फ रोज़ के २० मिनट, ४ हफ़्तों के लिए| 0:12:17.879,0:12:21.217 छोटे बचों पर भी काम करता है,[br]रिचर्ड डेविडसन ने यह मैडिसन मे किया था| 0:12:21.217,0:12:27.627 ८ हफ़्तों के लिए, कृतज्ञता, करुणा, [br]सहयोग, जागरूकता से सांस लेना| 0:12:27.627,0:12:29.882 शायद आप कहें, “पर वे तो सिर्फ बच्चें है|” 0:12:29.882,0:12:31.508 ८ हफ़्तों के बाद देखिए, 0:12:31.508,0:12:33.958 नीली रेखा उनके सामाजिक व्यव्हार में[br]सुधर दिखाती है| 0:12:33.958,0:12:39.402 और फिर आती है सबसे परम वैज्ञानिक जाँच, [br]‘द स्टिकर टेस्ट’| 0:12:39.402,0:12:43.350 पहले आप सारें बच्चों के सबसे करीबी दोस्त, [br]सबसे कम पसंदीदा दोस्त, 0:12:43.350,0:12:47.425 अंजान बच्चा एक बीमार[br]बच्चा निर्धारित कर लीजिये, 0:12:47.425,0:12:50.129 और बच्चों को स्टिकर बांटने है| 0:12:50.129,0:12:54.181 प्रशिक्षण से पहले, बच्चें ज़्यादातर स्टिकर [br]अपने सबसे अच्छे दोस्त को देते हैं| 0:12:54.181,0:12:57.640 ४-५ साल के बच्चें, २० मिनट हफ्ते मे ३ [br]बार प्रशिक्षण करतें हैं| 0:12:57.640,0:13:01.123 प्रशिक्षण के बाद कोई भेद भाव नहीं था : 0:13:01.123,0:13:05.048 सबसे करीबी दोस्त और सबसे कम पसंदीदा दोस्त,[br]दोनों को एक समान स्टीकर दिएँ गए| 0:13:05.048,0:13:08.436 यह हमे दुनिया के सारे [br]स्कूलों मे करना चाहिए| 0:13:08.436,0:13:10.430 अब आगे क्या? 0:13:10.430,0:13:14.678 (तालियाँ) 0:13:14.678,0:13:17.359 जब दलाई लामा ने यह सुना, उन्होंने रिचर्ड [br]डेविडसन से कहाँ 0:13:17.359,0:13:20.815 "तुम १० स्कूल, १०० स्कूल, यूएन मे, [br]पुरे देश मे जाओ| 0:13:20.815,0:13:22.499 फिर उसके आगे क्या? 0:13:22.499,0:13:24.762 व्यक्तिगत बद्लाव मुमकिन है| 0:13:24.762,0:13:29.378 अब क्या हम परोप्करिक जीन का इंसान मे पैदा[br]होने का इंतज़ार करें? 0:13:29.378,0:13:33.132 उसमे, ५०००० साल लग जायेंगे,[br]वातावरण के लिए इतनी देर रुकना मुमकिन नहीं| 0:13:33.132,0:13:37.567 सैभाग्यवश, संस्कृति का विकास हो रहा है| 0:13:37.567,0:13:43.301 विशेषज्ञों ने कहा है की संस्कृति मे इंसान[br]की जीन से ज्यादा तेज़ी से बद्लाव आता है| 0:13:43.301,0:13:44.829 यह एक अच्छी खबर है| 0:13:44.829,0:13:48.189 पिछले कुछ सालों मे युद्ध के प्रति हमारे[br]रवैया मे दूरतम बद्लाव आया है| 0:13:48.189,0:13:53.370 व्यक्तिगत बद्लाव और सांस्कृतिक परिवर्तन [br]एक साथ चलते हैं, 0:13:53.370,0:13:56.146 हम एक ज्यादा परोप्कारी समाज बना सकतें हैं| 0:13:56.146,0:13:57.888 अब इसके भी आगे क्या? 0:13:57.888,0:14:00.137 में वापस पूर्व देश मे चला जाऊँगा| 0:14:00.137,0:14:03.597 अपने परियोजनाओं से हम साल मे [br]१००००० रोगियों का इलाज करतें हैं| 0:14:03.597,0:14:07.346 हमारें स्कूलों मे २५००० बच्चें पढ़ते हैं| 0:14:07.346,0:14:09.921 कुछ लोंग कहते हैं, [br]"आपका काम वास्तव मे चलता है, 0:14:09.921,0:14:11.945 पर क्या सिद्धांत मे चलता है?" 0:14:11.945,0:14:15.287 सकारात्मक विचलन हमेशा मौजूद है| 0:14:15.287,0:14:17.706 में वापस अपने आश्रम मे जाऊँगा 0:14:17.706,0:14:20.995 आंतरिक संसाधनों ढूँढने, जिसकी मदद से मे [br]औरों की बेहतर सेवा कर सकूँ| 0:14:20.995,0:14:24.182 लेकिन हम वैश्विक स्तर पर [br]क्या कर सकतें हैं? 0:14:24.182,0:14:25.973 हमे तीन चींज़े चाहिए| 0:14:25.973,0:14:28.325 सहयोग बढ़ाने: 0:14:28.325,0:14:32.041 पाठशाला में सहयोग की भावना के साथ [br]सीखना नाकि मुकाबले की भावना से| 0:14:32.041,0:14:35.612 कंपनियों के भीतर बेहद सहयोग हो, 0:14:35.612,0:14:40.019 कंपनिया आपस मे थोड़ा मुकाबला [br]कर सकतें हैं, पर अपने भीतर नहीँ| 0:14:40.019,0:14:43.971 हमें सतत एकता बनाएँ रखने की ज़रूरत है,[br]मुझे यह शब्द बहुत पसंद है| 0:14:43.971,0:14:45.914 नाकि सतत विकास| 0:14:45.914,0:14:49.500 सतत एकता मतलब असमानता [br]को कम करेंगे| 0:14:49.500,0:14:53.826 आगे से हम कम साधनो से ज़्यादा काम चलाएँगे, 0:14:53.826,0:14:58.310 हम गुणात्मकता से बढ़ते रहेंगें, [br]नाकि मात्रात्मकता से| 0:14:58.310,0:15:00.615 हमें ध्यान रखने वाली [br]अर्थशास्त्र की ज़रूरत है| 0:15:00.615,0:15:06.446 होमो एकोनोमिकस समृद्धि के बीच [br]जीवित ग़रीबी, 0:15:06.446,0:15:08.798 साधारण सामान की दिकत, [br]वातावरण, महासागर, 0:15:08.798,0:15:11.096 इन सब से नहीं जूज सकती|[br]हमें ध्यान रखने वाली 0:15:11.096,0:15:12.679 अर्थशास्त्र की ज़रूरत है| 0:15:12.679,0:15:14.788 अगर आप बोलो किअर्थशास्त्र [br]करुणामय होनी चाहिए 0:15:14.788,0:15:16.273 वो कहेंगे यह हमारा काम नहीं हैं 0:15:16.273,0:15:19.588 अगर आप कहें की उन्हें कोई [br]परवा नहीं,वह सही नहीं होगा| 0:15:19.588,0:15:22.967 हमे, स्थानीय प्रतिबद्धता, [br]वैश्विक जिम्मेदारी की ज़रूरत है| 0:15:22.967,0:15:28.307 हमे सरे १६ लाख़ जाति की ओर [br]सहानुभूति बढ़ाने की ज़रूरत है| 0:15:28.307,0:15:31.732 सारे जीवित प्राणी इस दुनिया [br]के सह नागरिक है, 0:15:31.732,0:15:34.724 और हमे परोपकारिता दिखने की[br]हिम्मत करनी पड़ेगी| 0:15:34.724,0:15:38.605 परोपकारीक क्रांति की जय हो| 0:15:38.605,0:15:43.155 क्रांति की जय हो| 0:15:43.155,0:15:48.515 (तालियाँ) 0:15:48.515,0:15:50.496 शुक्रिया| 0:15:50.496,0:15:52.448 (तालियाँ)