WEBVTT 00:00:00.465 --> 00:00:03.722 केन्या में, सन १९८४ 00:00:03.722 --> 00:00:06.333 'कटोरे-वाला साल' कहके पहचाना जाता है, 00:00:06.333 --> 00:00:08.753 या गोरो-गोरो-वाला साल. 00:00:08.753 --> 00:00:11.671 गोरो-गोरो उस बर्तन का नाम है, जिससे 00:00:11.671 --> 00:00:14.981 बाज़ार में दो किलोग्राम मकई का आटा मापा जाता है, 00:00:14.981 --> 00:00:18.121 और इस मकई के आटे से बनती है 'उगाली', 00:00:18.121 --> 00:00:22.078 एक तरह की टिक्की (यूरोपी 'पोलेंटा' जैसी) जो सब्ज़ियों के साथ खाई जाती है. 00:00:22.078 --> 00:00:24.393 मकई और सब्ज़ियाँ दोनों ही 00:00:24.393 --> 00:00:26.518 केन्या के ज़्यादातर खेतों में उगाई जाती हैं, 00:00:26.518 --> 00:00:28.791 जिसका मतलब यह निकला कि ज़्यादातर परिवार 00:00:28.791 --> 00:00:30.972 अपने ही खेतों से खुद को खिला सकते हैं. 00:00:30.972 --> 00:00:34.900 एक गोरो-गोरो तीन वक्त के खाने के बराबर है, 00:00:34.900 --> 00:00:36.881 एक सामान्य परिवार के लिए, 00:00:36.881 --> 00:00:39.970 और सन १९८४ में पूरी फसल 00:00:39.970 --> 00:00:43.142 बस एक गोरो-गोरो को भर पाई. 00:00:43.142 --> 00:00:45.992 वह जो सुखा पड़ा था, तब और अब भी सबसे बुरे अकालों में गिना जाता है 00:00:45.992 --> 00:00:48.635 जो अब याददाश्त में हैं. 00:00:48.635 --> 00:00:51.594 अब आज, मैं किसानों को उस कटोरे-वाले साल जैसे 00:00:51.594 --> 00:00:53.655 सूखे के ख़िलाफ़ बीमा दिलाती हूँ, 00:00:53.655 --> 00:00:58.641 या ख़ास तौर पर, वर्षा-बीमा दिलाती हूँ. NOTE Paragraph 00:00:58.641 --> 00:01:01.090 मैं जिस परिवार से आती हूँ, वह धर्म-प्रचारकों का है, 00:01:01.090 --> 00:01:03.241 जिन्होंने इंडोनेशिया में अस्पताल बनवाए, 00:01:03.241 --> 00:01:05.518 और मेरे पिताजी ने एक मनोवैज्ञानिक अस्पताल बनवाया 00:01:05.518 --> 00:01:06.774 तंज़ानिया में. 00:01:06.774 --> 00:01:09.875 यह मैं हूँ, पाँच साल की उम्र में, उस अस्पताल के सामने. 00:01:09.875 --> 00:01:12.196 मुझे नहीं लगता कि उन्होने सोचा होगा कि मैं बड़ी होकर 00:01:12.196 --> 00:01:15.162 बीमा बेचूंगी. (हंसी) 00:01:15.162 --> 00:01:18.203 तो मुझे बताने दीजिये कि यह हुआ कैसे. NOTE Paragraph 00:01:18.203 --> 00:01:19.920 सन २००८ में, 00:01:19.920 --> 00:01:22.204 मैं रवांडा के कृषि मंत्रालय में काम कर रही थी, 00:01:22.204 --> 00:01:24.200 और तब ही जो मुझसे उच्च-पद पर थीं, वे पद-वृद्धि पाकर 00:01:24.200 --> 00:01:25.607 मंत्री बनीं थीं. 00:01:25.607 --> 00:01:27.495 उन्होंने एक महत्त्वाकांक्षी योजना शुरू की, 00:01:27.495 --> 00:01:29.824 अपने देश में एक हरित क्रांति के आरंभ के लिए, 00:01:29.824 --> 00:01:31.444 और बस मानिए हम तुरंत ही कई टनों की भारी मात्रा में 00:01:31.444 --> 00:01:33.737 खाद और बीज का आयात कराने लगे थे, 00:01:33.737 --> 00:01:36.462 और किसानों को बता रहे थे कि उस खाद को 00:01:36.462 --> 00:01:37.997 बोने में कैसे अपनाया जाए. 00:01:37.997 --> 00:01:39.890 दो हफ़्ते बाद, 00:01:39.890 --> 00:01:42.603 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सदस्य हमारे पास आए, 00:01:42.603 --> 00:01:44.133 और उन्होंने मेरी मंत्री से पूछा, 00:01:44.133 --> 00:01:46.945 "मंत्रीजी, यह तो बड़ी ही अच्छी बात है कि आप किसानों को 00:01:46.945 --> 00:01:51.118 खाद्य-सुरक्षा पाने की ओर सहायता दे रही हैं, मगर बारिश नहीं हुई तो ?" 00:01:51.118 --> 00:01:53.267 मेरी मंत्री ने गर्व से 00:01:53.267 --> 00:01:55.281 और ज़रा ललकार के स्वर में कहा, 00:01:55.281 --> 00:01:59.871 "मैं बारिश की दुआ करूंगी!" 00:01:59.871 --> 00:02:03.071 उसी से बहस ख़त्म हो गयी. 00:02:03.071 --> 00:02:05.225 जब हम गाड़ी में मंत्रालय लौट रहे थे, 00:02:05.225 --> 00:02:07.306 तब वे मेरी तरफ मुड़कर कहीं, 00:02:07.306 --> 00:02:09.376 "रोस, पूंजी के मामलों में हमेशा तुम्हें दिलचस्पी रही है. 00:02:09.376 --> 00:02:12.515 जाकर हमारे लिए कुछ बीमा ढूंढकर लाओ." NOTE Paragraph 00:02:12.515 --> 00:02:14.552 तबसे छह साल बीते हैं, 00:02:14.552 --> 00:02:16.542 और पिछले साल मेरा यह सौभाग्य था 00:02:16.542 --> 00:02:18.048 कि मैं एक ऐसी मंडली का भाग रही, 00:02:18.048 --> 00:02:21.953 जिसने केन्या और रवांडा में एक लाख पचासी हज़ार से अधिक किसानों को 00:02:21.953 --> 00:02:23.890 सूखे के ख़िलाफ़ बीमा दिलवाई. 00:02:23.890 --> 00:02:25.970 उनके पास औसतन आधे एकर की ज़मीन थी, 00:02:25.970 --> 00:02:29.423 और उन्होंने औसतन दो यूरो का बीमा-किस्त (प्रीमियम ) चुकाया. 00:02:29.423 --> 00:02:31.800 यह लघु-बीमा है. NOTE Paragraph 00:02:31.800 --> 00:02:33.855 अब, व्यावहारिक तौर पर चली आ रही बीमा-पद्धति तो 00:02:33.855 --> 00:02:35.768 दो या तीन यूरो के बीमा-क़िस्त से तो नहीं चलेगी, 00:02:35.768 --> 00:02:38.675 क्योंकि परम्परागत बीमा खेतों की जांच के दौरों पर निर्भर है. 00:02:38.675 --> 00:02:40.617 यहां जर्मनी के किसान के यहां खेत की जांच के दौरे आते हैं, 00:02:40.617 --> 00:02:43.102 ऋतु के आरम्भ में, मध्य में, 00:02:43.102 --> 00:02:45.589 और अंत में, और फिर एक बार अगर नुकसान हुआ हो तो, 00:02:45.589 --> 00:02:48.995 घाटे का जायज़ा लेने. 00:02:48.995 --> 00:02:52.130 अफ्रीका के मध्य में एक लघु-स्तरीय किसान के मामले में, 00:02:52.130 --> 00:02:53.959 ऐसे दौरों का हिसाब 00:02:53.959 --> 00:02:57.030 संभाला नहीं जा सकता. 00:02:57.030 --> 00:03:00.871 इसलिए इसके बदले, हम तकनीक और आंकड़ों का सहारा लेते हैं. 00:03:00.871 --> 00:03:03.077 यह उपग्रह यह पता लगवाता है कि 00:03:03.077 --> 00:03:05.239 बादल थे या नहीं, 00:03:05.239 --> 00:03:06.407 क्योंकि, ज़रा सोचिये: 00:03:06.407 --> 00:03:11.109 अगर बादल हैं, तो थोड़ी वर्षा हो सकती है, 00:03:11.109 --> 00:03:12.808 लेकिन अगर बादल नहीं हैं, 00:03:12.808 --> 00:03:15.659 तो वास्तव में वर्षा असंभव है. 00:03:15.659 --> 00:03:17.939 यह तसवीरें केन्या में इस साल के 00:03:17.939 --> 00:03:19.794 बारिश के मौसम की शुरुआत दिखाती हैं. 00:03:19.794 --> 00:03:21.830 आप देख सकते हैं कि ६ मार्च के आस-पास, 00:03:21.830 --> 00:03:24.935 बादल प्रवेश करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं, 00:03:24.935 --> 00:03:26.963 और फिर ११ मार्च के आस-पास, 00:03:26.963 --> 00:03:30.213 बादल सचमुच में आने लगते हैं. 00:03:30.213 --> 00:03:33.140 वे, और वे बादल, 00:03:33.140 --> 00:03:36.028 ही इस साल के बारिश के मौसम की शुरुआत हैं. 00:03:36.028 --> 00:03:38.715 इस उपग्रह की दृष्टि पूरी अफ्रीका पर है 00:03:38.715 --> 00:03:41.632 और इसके द्वारा सन १९८४ से लेकर के मौसम की जानकारी उपलब्ध है, 00:03:41.632 --> 00:03:43.980 और यह बहुत अहम है, क्योंकि जब आप जानते हैं 00:03:43.980 --> 00:03:46.421 कि किसी जगह में पिछले तीस सालों में 00:03:46.421 --> 00:03:48.370 कितने बार सुखा पड़ा था, 00:03:48.370 --> 00:03:50.200 तब आप काफी अच्छा अनुमान लगा सकते हैं 00:03:50.200 --> 00:03:52.957 कि भविष्य में अकाल की संभावनाएं क्या हैं, 00:03:52.957 --> 00:03:55.070 और इसका मतलब यह है कि आप सूखे की जोखिम को 00:03:55.070 --> 00:03:57.760 आर्थिक हानि के रूप में तोल सकते हैं. NOTE Paragraph 00:03:57.760 --> 00:04:00.156 सिर्फ आँकड़े काफी नहीं हैं. 00:04:00.156 --> 00:04:02.641 हम कृषि-शास्त्र पर आधारित संगणकीय कलन विधियों की युक्ति करते हैं, 00:04:02.641 --> 00:04:06.335 जो हमें बताती हैं कि किसी फसल को कितने बारिश की ज़रुरत है और किस समय में. 00:04:06.335 --> 00:04:08.749 मिसाल के तौर पर, मकई को बोते समय, 00:04:08.749 --> 00:04:11.144 आपको दो दिन की बारिश चाहिए 00:04:11.144 --> 00:04:13.000 ताकि किसान बो सकें, 00:04:13.000 --> 00:04:15.194 और उसके बाद हर दो हफ्ते बारिश की ज़रुरत है 00:04:15.194 --> 00:04:17.673 ताकि फसल ठीक से उगे. 00:04:17.673 --> 00:04:20.998 उसके बाद, हर तीन हफ्ते में बारिश होनी चाहिए 00:04:20.998 --> 00:04:23.901 ताकि फसल के पत्ते निकलें, 00:04:23.901 --> 00:04:26.667 और कलियाने के समय, और अक्सर बारिश होनी चाहिए 00:04:26.667 --> 00:04:30.527 लगभग १० दिन में एक बार, ताकि पसल में भुट्टे बन सके. 00:04:30.527 --> 00:04:32.032 और ऋतु के अंत में, 00:04:32.032 --> 00:04:34.244 आप असल में बारिश नहीं चाहेंगे, 00:04:34.244 --> 00:04:37.795 क्योंकि तब बारिश फसल को नुक्सान पहुंचा सकती है. NOTE Paragraph 00:04:37.795 --> 00:04:41.150 ऐसे बीमा आवरण की रचना तो कठिन है ही, 00:04:41.150 --> 00:04:43.046 मगर असली चुनौती यह निकली की बीमा को कैसे बेचा जाए. 00:04:43.046 --> 00:04:47.574 बीमा को कैसे बेचा जाए. 00:04:47.574 --> 00:04:50.061 हमने खुद के सामने बहुत ही सामान्य लक्ष्य रखे, 00:04:50.061 --> 00:04:54.061 कि ५०० किसान बीमा द्वारा सुरक्षित हों, हमारी पहली ऋतु के बाद. 00:04:54.061 --> 00:04:56.631 दो महीनों के ज़ोरदार विज्ञापन के बाद, 00:04:56.631 --> 00:04:58.450 हमनें कुल-मिलाकर 00:04:58.450 --> 00:05:02.108 १८५ किसान भरती करवाए थे. 00:05:02.108 --> 00:05:05.030 मैं निराशा और असमंजस में थी. 00:05:05.030 --> 00:05:06.684 सब मुझे बताते रहे कि किसान 00:05:06.684 --> 00:05:09.267 बीमा चाहते हैं, 00:05:09.267 --> 00:05:12.264 मगर हमारे प्रमुख ग्राहक तो खरीद ही नहीं रहे थे. 00:05:12.264 --> 00:05:14.928 वे रुके थे यह देखने कि होता क्या है, 00:05:14.928 --> 00:05:17.677 बीमा उद्योगों पर भरोसा नहीं करते थे, 00:05:17.677 --> 00:05:19.963 या सोचते थे, "इतने सालों से तो मैं संभालता रहा. 00:05:19.963 --> 00:05:23.720 अब क्यों मैं बीमा खरीदूंगा?" NOTE Paragraph 00:05:23.720 --> 00:05:26.102 अब आप में से काफी लोग लघु-उधार (micro-credit) से परिचित हैं, 00:05:26.102 --> 00:05:29.596 जो गरीब लोगों को छोटे क़र्ज़ प्रदान करने की प्रक्रिया है 00:05:29.596 --> 00:05:31.598 जिसका आविष्कार किया था मोहम्मद यूनुस ने, 00:05:31.598 --> 00:05:33.119 जिन्होंने नोबेल शान्ति पुरस्कार जीता था 00:05:33.119 --> 00:05:35.268 ग्रामीण बैंक के साथ अपने काम के लिए. 00:05:35.268 --> 00:05:37.752 वास्तव में, लघु-उधार बेचना 00:05:37.752 --> 00:05:41.153 और बीमा बेचना एक जैसी बातें नहीं हैं. 00:05:41.153 --> 00:05:45.038 उधार के लिए, एक किसान को बैंक के भरोसे को कमाने की ज़रुरत है, 00:05:45.038 --> 00:05:48.982 और अगर कामयाबी मिली, तो बैंक उसे अग्रिम राशि देगी. 00:05:48.982 --> 00:05:51.091 यह एक आकर्षक प्रस्ताव है. 00:05:51.091 --> 00:05:54.337 बीमा के लिए, किसान को बीमा निगम पर 00:05:54.337 --> 00:05:55.879 भरोसा करना पड़ता है, और बीमा निगम को 00:05:55.879 --> 00:05:59.103 अग्रिम राशि के रूप में पैसा देना पड़ता है. 00:05:59.103 --> 00:06:02.470 यह बहुत अलग मूल्यों पर आधारित प्रस्ताव है. 00:06:02.470 --> 00:06:05.159 और इसलिए बीमा का जमाव काफी धीमा रहा है, 00:06:05.159 --> 00:06:07.735 जिसमें अब तक सिर्फ ४.४ प्रतिशत अफ्रीकियों ने 00:06:07.735 --> 00:06:10.288 सन २०१२ में बीमा को अपनाया, 00:06:10.288 --> 00:06:12.280 और इस संख्या में से आधे एक ही देश से हैं, 00:06:12.280 --> 00:06:14.323 दक्षिण अफ्रीका. NOTE Paragraph 00:06:14.323 --> 00:06:15.970 हमनें कुछ साल 00:06:15.970 --> 00:06:18.421 बीमा को सीधे किसानों को बेचने की कोशिश की, 00:06:18.421 --> 00:06:20.420 जिसके विज्ञापन के खर्च बहुत ज़्यादा थे 00:06:20.420 --> 00:06:23.506 और सफलता बहुत सीमित थी. 00:06:23.506 --> 00:06:25.460 फिर हमारे ध्यान में आया कि ऐसे कई संगठन हैं 00:06:25.460 --> 00:06:28.169 जो किसानों के साथ काम कर रहे थे, 00:06:28.169 --> 00:06:31.606 जैसे बीज उद्योग, लघु-उधार संस्थाएं, 00:06:31.606 --> 00:06:33.552 मोबाइल फ़ोन उद्योग, 00:06:33.552 --> 00:06:34.874 सरकारी संस्थाएं. 00:06:34.874 --> 00:06:37.624 वे सब किसानों को क़र्ज़ प्रदान कर रहे थे, 00:06:37.624 --> 00:06:40.246 और अक्सर, क़र्ज़ को पक्का करने से ठीक पहले, 00:06:40.246 --> 00:06:42.346 किसान कहते, 00:06:42.346 --> 00:06:44.498 "मगर बारिश नहीं हुई तो? 00:06:44.498 --> 00:06:47.965 आप कैसे उम्मीद रख सकते हैं कि मैं क़र्ज़ चुका पाऊंगा?" 00:06:47.965 --> 00:06:50.042 ज़्यादातर संस्थाएं 00:06:50.042 --> 00:06:51.660 जोखिम खुद ही उठाए थे, 00:06:51.660 --> 00:06:53.628 और बस इस उम्मीद पर कायम थे, 00:06:53.628 --> 00:06:55.990 कि उस साल की हालत सबसे बदतर नहीं होगी. 00:06:55.990 --> 00:06:57.996 मगर ज़्यादातर संस्थाएं 00:06:57.996 --> 00:07:00.319 कृषि-क्षेत्र में अपना विस्तार सीमित ही रख रहे थे. 00:07:00.319 --> 00:07:02.991 वे ऐसे जोखिम उठा नहीं सकते थे. 00:07:02.991 --> 00:07:06.714 यही संस्थाएं हमारे ग्राहक बने, 00:07:06.714 --> 00:07:09.913 और जब उधार और बीमा का समावेश किया जाए, 00:07:09.913 --> 00:07:12.632 तो दिलचस्प चीज़ें होने लगती हैं. 00:07:12.632 --> 00:07:16.020 मुझे आप एक कहानी सुनाने दीजिये. NOTE Paragraph 00:07:16.020 --> 00:07:19.870 फ़रवरी २०१२ की शुरुआत में पश्चिम केन्या में, 00:07:19.870 --> 00:07:22.869 बारिश शुरू हुई, और जल्दी शुरू हुई, 00:07:22.869 --> 00:07:25.940 और जब बारिश जल्दी शुरू होती है, तो किसानों को बढ़ावा मिलता है, 00:07:25.940 --> 00:07:29.506 क्योंकि आम तौर पर इसका मतलब यह है कि मौसम अच्छा होने वाला है. 00:07:29.506 --> 00:07:32.262 इसलिए वे क़र्ज़ निकालकर बोए. 00:07:32.262 --> 00:07:33.752 अगले तीन हफ़्तों में, 00:07:33.752 --> 00:07:36.060 एक बूँद बारिश भी नहीं हुई, 00:07:36.060 --> 00:07:38.624 और जो फसल इतनी अच्छी तरह उगे थे, 00:07:38.624 --> 00:07:41.937 मुरझाकर मर गए. 00:07:41.937 --> 00:07:44.692 हमने कर्ज़ों पर बीमा लागू की थी, उस लघु-उधार संस्था के 00:07:44.692 --> 00:07:45.812 जिसने क़र्ज़ दिए थे 00:07:45.812 --> 00:07:49.360 उस इलाके के ६००० किसानों को, 00:07:49.360 --> 00:07:50.650 और हमने उन्हे फ़ोन करके कहा, 00:07:50.650 --> 00:07:52.350 "देखिए, हमें सुखे के बारे में पता है. 00:07:52.350 --> 00:07:54.014 हम आपका साथ देंगे. 00:07:54.014 --> 00:07:58.327 हम आपको इस ऋतु के अंत में २००,००० यूरो देंगे." 00:07:58.327 --> 00:08:00.126 उन्होंने कहा, "वाह, बढ़िया है, 00:08:00.126 --> 00:08:02.252 मगर ऐसे तो बहुत देर हो जाएगी. 00:08:02.252 --> 00:08:04.435 क्या आप हमें अभी पैसे दे सकते हैं? 00:08:04.435 --> 00:08:06.865 अगर ऐसा हो, तो किसान अभी भी वापस बीज बो सकते हैं 00:08:06.865 --> 00:08:10.442 और इस ऋतु की फसल पा सकते हैं." 00:08:10.442 --> 00:08:12.523 इसलिए हमने अपने बीमा-साझेदारों को राज़ी करवाया, 00:08:12.523 --> 00:08:15.898 और कुछ समय बाद उस अप्रैल में, इन किसानों ने पुनः बीजारोपण किया. 00:08:15.898 --> 00:08:18.692 इस वापस बीज बोने के सुझाव को हम एक बीज उद्योग के पास ले गए, 00:08:18.692 --> 00:08:20.802 और उन्हे मनवाया कि वे बीमा के दाम को 00:08:20.802 --> 00:08:22.941 बीज के एक बोरे के दाम में जोड़ लें, 00:08:22.941 --> 00:08:24.920 और हर एक बोरे में हमने जमा किया एक कार्ड 00:08:24.920 --> 00:08:26.494 जिसमे एक अंक था, 00:08:26.494 --> 00:08:28.476 और जब किसान वह कार्ड खुलवाते थे, 00:08:28.476 --> 00:08:30.477 वे उस अंक को SMS द्वारा भेजते थे, 00:08:30.477 --> 00:08:31.850 और वह अंक असल में हमारे काम आता 00:08:31.850 --> 00:08:33.225 उस किसान के ठिकाने का पता लगाने में, 00:08:33.225 --> 00:08:36.349 और उन्हें उपग्रह-चित्र के उचित बिंदु में दर्ज करने में. 00:08:36.349 --> 00:08:38.891 एक उपग्रह फिर आनेवाले तीन हफ़्तों की 00:08:38.891 --> 00:08:40.424 वर्षा का अनुमान करता, 00:08:40.424 --> 00:08:42.154 और अगर बारिश नहीं हुई, 00:08:42.154 --> 00:08:45.560 तो हम उन्हें नए बीज मुआवज़े में दे देते थे. NOTE Paragraph 00:08:45.560 --> 00:08:46.800 पहले ही के कुछ --- 00:08:46.800 --> 00:08:52.023 (तालियां) --- ज़रा रुकिए, मैं आखिर तक नहीं पहुँची! NOTE Paragraph 00:08:52.023 --> 00:08:55.180 इस पुनः बीजारोपण आश्वासन के पहले लाभ-भोगियों में से 00:08:55.180 --> 00:08:57.396 एक थे बॉस्को म्विन्यि. 00:08:57.396 --> 00:09:00.087 हमने उनके खेत का दौरा किया उसी अगस्त में कुछ समय बाद, 00:09:00.087 --> 00:09:03.643 और काश मैं आपको उनके चहरे की मुस्कान दिखा पाती 00:09:03.643 --> 00:09:06.107 जब उन्होंने हमें अपनी फसल दिखाई, 00:09:06.107 --> 00:09:07.740 क्योंकि यह मुस्कान मेरे दिल को छू गयी 00:09:07.740 --> 00:09:09.678 और मुझे यह एहसास दिलवाई कि बीमा बेचना 00:09:09.678 --> 00:09:12.388 कितनी अच्छी चीज़ हो सकती है. 00:09:12.388 --> 00:09:13.936 मगर आप देखिए, उन्होंने आग्रह किया कि 00:09:13.936 --> 00:09:16.890 हम उनके पूरे फसल को तस्वीर में लाएं, 00:09:16.890 --> 00:09:20.753 और इसलिए हमें काफी दूर से तस्वीर खींचनी पडी. 00:09:20.753 --> 00:09:23.982 इस ऋतु में बीमा ने उनके फसल को सुरक्षित रखा, 00:09:23.982 --> 00:09:26.502 और मैं मानती हूँ कि आज, 00:09:26.502 --> 00:09:29.685 हमारे पास सभी साधन हैं जिनके सहयोग से अफ़्रीकी किसान 00:09:29.685 --> 00:09:32.452 खुद के तक़दीर के मालिक बन सकते हैं. 00:09:32.452 --> 00:09:33.951 फिर कभी 'कटोरे-वाले साल' नहीं आने चाहिए. 00:09:33.951 --> 00:09:37.289 उसके बदले मैं, राह देख रही हूँ, किसी तरह, 00:09:37.289 --> 00:09:39.945 'बीमा-वाले साल' की, 00:09:39.945 --> 00:09:42.648 या 'शानदार फसल-वाले साल' की. NOTE Paragraph 00:09:42.648 --> 00:09:45.850 धन्यवाद. NOTE Paragraph 00:09:45.850 --> 00:09:47.464 (तालियां)