0:00:06.828,0:00:11.292 ए, सी, ई, डी, बी, के. 0:00:11.292,0:00:14.600 नहीं, यह कोई क्रमरहित,[br]बेतरतीब अक्षर नहीं है 0:00:14.600,0:00:18.092 ये विटामिन (पोषक पदार्थ) है[br]और जैसे शब्द बनाते है वाक्य 0:00:18.092,0:00:21.903 उसी तरह विटामिन भी कर्म करते है[br]जो कि शरीर को चलायमान रखता है 0:00:21.903,0:00:25.619 विटामिन आर्गेनिक पदार्थ (जैविक) है, [br]जिसे हमे कम मात्रा में सेवन करना आवश्यक है 0:00:25.619,0:00:27.598 ताकी कार्य चलते रहे 0:00:27.598,0:00:30.510 वे है शरीर के बनाने वाले, बचाने वाले[br]और उसकी मरम्मत करने वाले, 0:00:30.510,0:00:34.200 जो मदद करते है मॉस एवं हड्डीयों को बनाने में,[br]पोषक तत्वों को काम में लेने में, 0:00:34.200,0:00:37.820 उर्जा को संजोने और काम में लेने में,[br]घाव ठीक करने में. 0:00:37.820,0:00:40.243 अगर आपको विटामिन की ज़रूरत [br]की सत्यता पे शक है , 0:00:40.243,0:00:43.279 तो एक दृश्य की कलपना करे [br]जिसमे एक नाविक हो 0:00:43.279,0:00:46.319 जिसके पास कोई पहुँच न हो[br]ताज़ा फल, सब्जी इत्यादि की (पोषक से भरी) 0:00:46.319,0:00:48.018 उन्हें स्कर्वी नमक रोग हो जाता था। 0:00:48.018,0:00:50.691 लेकिन विटामिन सी,[br]जो कि पाया जाता है फल, सब्जी में, 0:00:50.691,0:00:53.504 वह एक आसान उपाय था इस रोग से बचने का. 0:00:53.504,0:00:57.062 हलाकि बैक्टीरिया, फंगस, पेड़[br]खुद के विटामिन बना सकते है, 0:00:57.062,0:01:01.468 पर हमारा शरीर इसमें सक्षम नहीं है, तो हमे[br]यह किसी दुसरे स्रोत से लेना होगा. 0:01:01.468,0:01:05.131 मगर हमारा शरीर बाहर से अन्दर विटामिन [br]आखिर लाता कैसे है? 0:01:05.131,0:01:08.379 यह निर्भर करता है [br]आपके खाद्य पे. 0:01:08.379,0:01:09.790 विटामिन २ प्रकार के होते है: 0:01:09.790,0:01:12.601 लिपिड-सोलुबल (चर्बी में घुलने वाले), और[br]पानी में घुलने वाले, 0:01:12.601,0:01:14.933 और यहाँ अंतर तय करता है [br]कि कैसे शरीर 0:01:14.933,0:01:19.252 इन्हें में जाएगा, संजोयेगा[br]और अत्यधिक मात्रा से केसे निपटेगा 0:01:19.252,0:01:21.739 वाटर-सोलुबल में आते है[br]विटामिन सी 0:01:21.739,0:01:25.235 और बी-काम्प्लेक्स-विटामिन[br]जोकि ८ विभिन्न पदार्थ से बने होते है 0:01:25.235,0:01:27.410 जिसमे से हर कोई , [br]कोई विशेष कार्य करता है. 0:01:27.410,0:01:31.532 यह फल, सब्जी और अनाज के [br]पानी से भरे हिस्सों में घुले रहते है, 0:01:31.532,0:01:35.090 अर्थात, इनके शरीर से गुजरने का रास्ता [br]बड़ा सीधा-साधा होता है. 0:01:35.090,0:01:37.659 एक बार शरीर के अन्दर आने पर,[br]यह खाना पच जाता है 0:01:37.659,0:01:41.546 और इसके अंदर के पोषक पदार्थ[br]को खून द्वारा संचारित किया जाता है, 0:01:41.546,0:01:43.876 क्यूंकि खून का प्लाज्मा पानी पर आधारित[br]होता है, तो 0:01:43.876,0:01:48.194 वाटर-सोलुबल विटामिन सी और बी[br]वहा से हट सकते है 0:01:48.194,0:01:50.867 और पूरी आजादी से शरीर में भ्रमण [br]कर सकते है. 0:01:50.867,0:01:53.448 लिपिड-सोलुबल विटामिन,[br]जोकि चर्बी में घुल जाता है 0:01:53.448,0:01:56.933 और पाया जाता है खाद्य पदार्थ में, जिसमे [br]शामिल है दूधके सामान, मक्खन, तेल, 0:01:56.933,0:01:59.951 इनका खून से होता हुआ रास्ता ज़रा ज्यादा [br]रोमांचक होता है 0:01:59.951,0:02:02.938 येह विटामिन स्टोमक (पेट) और इंतेसटीन (आत)[br]से हो के गुज़रते है, 0:02:02.938,0:02:06.423 जहा एक अम्लीय पदार्थ जो लीवर[br]से निकलता है जिसे 'बाइल' कहते है, बहता है, 0:02:06.423,0:02:11.133 यह फैट को तोड़ता है और तैयार करता है[br]आत द्वारा अवशोषित कर लिए जाने का 0:02:11.133,0:02:14.943 क्यों-की फैट-सोलुबल विटामिन, खून के[br]पानी तत्त्व को इस्तेमाल नहीं कर पाते 0:02:14.943,0:02:17.338 तो उन्हें किसी और चीज़ की सहायता की[br]आवश्यकता होती है 0:02:17.338,0:02:21.740 और ये ज़रूरत पूरी करते है 'प्रोटीन',[br]जोकी एक कौरिएर की तरह कम करते है, 0:02:21.740,0:02:26.314 जेसे की फैट-सोलुबल को ब्लड में ले जाना [br]और पुरे शरीर मे, 0:02:26.314,0:02:29.708 तो, वाटर-सोलुबल और[br]फैट-सोलुब्ले विटामिन के बीच का अंतर 0:02:29.708,0:02:31.913 तय करता है कि यह कैसे खून में जाते है, 0:02:31.913,0:02:35.401 और साथ ही इनकी संजोयाँ और[br]शरीर से निकासी का भी 0:02:35.401,0:02:38.443 शरीर वाटर-सोलुबल विटामिन को [br]खून में फ़ैलाने में 0:02:38.443,0:02:40.100 अत्यधिक सक्षम है 0:02:40.100,0:02:45.156 मतलब यह कि, ज्यादातर तत्व किडनी से [br]बड़ी आसानी से बाहर निकासित हो जाते है. 0:02:45.156,0:02:47.725 जिसके कारण,[br]इन वाटर-सोलुबल विटामिन को 0:02:47.725,0:02:51.897 हर दिन पुनः अवशोषित करना [br]आवश्यक है, उस खाने से जिसे हम खाते है. 0:02:51.897,0:02:54.636 लेकिन फैट-सोलुबल में [br]रुकने की क्षमता होती है 0:02:54.636,0:02:58.464 क्यूकी यह लीवर और फैट कोशिकाओं में [br]घुल जाती है. 0:02:58.464,0:03:00.642 शरीर इन चीजों को एक तैखाने की तरह [br]रखता है, 0:03:00.642,0:03:04.274 जहा वो विटामिन को संजोता और[br]ज़रूरत के समय इस्तेमाल में लाता है. 0:03:04.274,0:03:06.772 अर्थात, हमे इन्हें ज़रूरत से अधिक नहीं[br]संजोना चाहिए 0:03:06.772,0:03:09.674 क्यूकी, मूल रूप से शरीर इनसे काफी[br]भरा रहता है 0:03:09.674,0:03:12.642 एक बार हम शरीर के यातायात नियंत्रण [br]और संजोयन को समझ जाए, 0:03:12.642,0:03:16.513 तो बस विटामिन के पास वही कार्य बचता है[br]जिसके लिए वे खाए गए थे 0:03:16.513,0:03:20.510 कुछ, जेसे की बी-काम्प्लेक्स-विटामिन[br]कोएन्झायेम्स बनता है, 0:03:20.510,0:03:24.848 जिसका कार्य होता है, एन्ज्य्म की मदद करना [br]खाने से उर्जा निकलने में. 0:03:24.848,0:03:28.271 कुछ और बी-विटामिन उस उर्जा को [br]इस्तेमाल करने में सहायता करता है. 0:03:28.271,0:03:32.793 विटामिन सी से, आपको इन्फेक्शनसे(संक्रमण) लड्ने[br]और कोलेजन (श्लेषजन) बनाने की शमता मिलती है 0:03:32.793,0:03:37.568 कोलेजन, एक तरह का ऊतक होता है, जिससे हड्डी[br], दांत बनते हैं और घाव ठीक होते है. 0:03:37.568,0:03:41.767 विटामिन ए, से सफ़ेद खून की कोशिका बनी है,[br]जोकि शरीर की प्रतिरोधक शमता होती है, 0:03:41.767,0:03:47.666 और साथ ही हड्डियों को आकार देती है[br]और आँखों की सेहत भी बनाए रखती है. 0:03:47.666,0:03:51.299 विटामिन डी, कैल्शियम और फॉस्फोरस[br]एकत्र करता है, जिससे हड्डी बनती है, 0:03:51.299,0:03:54.479 और विटामिन ई, एक एंटी-ऑक्सीडेंट[br](प्रतिउपचायक) के तरह काम करता है, 0:03:54.479,0:03:57.767 जिससे शरीर के हानिकारक चीजों को दूर करने [br]का तरीका मिलता है 0:03:57.767,0:04:01.568 आखिर में विटामिन के,[br]खून के थक्के बनाने में मदद करता है 0:04:01.568,0:04:04.369 जो यह प्रोटीन को [br]यह काम करने में सहायता करते है 0:04:04.369,0:04:06.338 विटामिन की भिन्नता के बिना 0:04:06.338,0:04:10.147 इन्सान को कमियों का सामना करना पड़ता है,[br]जो की बड़ी सारी परेशानी पेश कर सकता है, 0:04:10.147,0:04:13.036 जेसे की फटीग(थकान) , नर्व डैमेज,[br]हार्ट डिसऑर्डर, 0:04:13.036,0:04:15.956 और बिमारिया जेसे की बालवक्र और रूसीदार. 0:04:15.956,0:04:19.489 दूसरी तरफ, अत्यधिक विटामिन शरीर के लिए[br]विषैला / घातक हो सकते है, 0:04:19.489,0:04:23.291 जिससे उस अंध-विश्वास की हवा निकल जाती है [br]जो कहता है 'ढेर सरे विटामिन से लादना, 0:04:23.291,0:04:26.431 अच्छा सुझाव है, असलियत में यह पूरा खेल है [br]सही तालमेल बनाने का, 0:04:26.431,0:04:28.814 और विटामिन का खज़ाना पाने का |