शरीरमे चरबी अन्नसंचय का काम करती है
ऐसे जिवोमें उत्क्रांति हुई
जिन्हें प्रकृतीने चुना
जो बदतर हालातमे चरबी
का संचय करके जीने में यशस्वी हुए
मानवी इतिहासमे दीर्घकालीन
कुपोषण की समस्या थी|
जिससे चरबी संचय की क्षमता उत्क्रांत हुई|
लेकिन यह चरबीसंचय समस्या भी बनती है|
जिससे श री र का वजन बढ़ जाता है जिसका
जिक्र मेडिकल सायन्स में पहले नहीं था
१८ वी शताब्दितक|
तांत्रिक विकास के साथ
सार्वजनिक स्वास्थ के उपाय ढूंढे गए|
जिससे अन्न की राशी गुणवत्ता विविधता में
सुधार हुआ|
ऐसे आहार उपलब्ध होनेसे
लोग स्वास्थ पूर्ण हुए है|
ऐसे लोग आर्थिक कर्नोसे मजबूत होनेसे हुई
आज आर्थिक सुबत्ता की वजह
तथा कमर मोटी होनेसे
उन्नीसवी शताब्धि के मध्य मे
ज्यादा भार होना
बीमारी का कारण मानने जाने लगा|
इस शताब्दीमे तो उसे बीमारी करार दिया गया|
क्या फरक है मोटा होना और् भारी होना
इसके लिये जानिए BMI
समजो किसीका भर है ६५ किलोग्राम
उचाई है १०५ मीटर
तो उनका बमी होगा लगभग २९
मोटापन याने ओबिसिटी का मतलब
शरीर में ज्यादा चर्बी होना
जब किसिका BMI ३० के उपर होता है
ओव्हर वेट उसे कहते है जिनका BMI होता है
२५ से २९.९ दरम्यान
BMI अंक स्वस्थ शारीर भर दिखाता है|
चरबी का प्रतिशत जानने के लिये
कमर की जाडी भी महत्व रखती है|
ओंर स्नायुपेशी का संचय मसल मास
जो खिलाडी होते है
उनका BMI ज्यादा होता है
तो मोटा किसे कहे ?
मूल तव है मोटापा उर्जा के
असंतुलन कारण होता है
शरीर अगर ज्यादा उष्मांक लेता है
ओर कम व्यतीत करता है अपने शारीरिक
हलचसे
तभी ज्यादा उष्मांक जमा रहता है|
यह असंतुलन कभी कभी अनेक
परिस्थितिसे जुड़े होनेपर भी होता है
अन्न के चुनाव परभी यह निर्भर है|
वयस्क लोगोने हर सप्ताह
2|5 घंटोकी कसरत करनी चाहिए|
बच्चोने हरदिन एक घंटा कसरत करनी चाहिए
चार मेसे एक वयस्क दस मेसे आठ
बच्चे
सक्रीय नहीं रहते|
ज्यद उष्मांक पदार्थ जिंक आकर बढ़ता है
ओंर आक्रमक विज्ञापन से
ये ज्यादा खानेमे आते|
स्वास्थ पूर्ण आहारके स्त्रोत न होनेसे
सस्ते स्वाथ्यर्ण आहार मिल नाही पता|
जीससे ज्यादा हानी होती है|
अपनी जेनेटिक रचना भी
इसमे महत्व राखती है
जुडवा बच्चोपर किये गये अभ्याससे
यह बात साबित होती है वजन बढ़ना
अनुवंशिक भी है|
नये अध्ययन से पता चला है
मोटापेका रिश्ता होता है अपने पाचन संस्था
मी रह नेवाले जीवाणू से
मोटापा जगभर बढ रहा है
जीससे अन्य बिमारी होनेका खतरा बढा है
जैसे मधुमेह
दिलकी बिमारी|
पक्षाघात
उच्च रक्तदाब
कर्करोग
बिमारी सभी उम्र्के|
स्त्री पुरुष गरीब धनवान ओ होती है|
विकसित अविकसित देशोमेभी|
पिछले दो दशक मे बच्चो मे
इनकी वृद्धी ६०% हुई है|
जो नजर अंदाज नाही किया जा सकता|
एक बार मोटापा हो गाय तो उससे
मियाद पाना मिश्कील होता है
हार्मोन्स तथा चयापचय क्रिया मी होने वाले
बदलाव ज्यादा खान पचा नही सकते|
भर काम किया तो भी मोटापा जो पहले था
उस व्यक्ती कम उष्मांक खर्च करती है
उतनीही कसरत करके|
जितना प्राकृतिक भर वाली व्यक्ती करती है
जिसे ज्यादा भर काम करणा मुश्कील होता है
जैसे जैसे वजन बधत है
संवेदमा खराब होणे लागती है जीससे
लिया गया आहार तथा जमा होनेवाला आहार
मेंदू नही ठीक से समज सकता
लेकीन यह जन गया है
अपनी खानपान मी दीर्घकालीन बदलावसे
अपने स्वस्थ मी सुधार हो सकता है|
जीवन शैलीमे बदलाव भी जरुरी है|
बरीअत्रिक`सर्जरी
इन्सुलिन प्रतिरोध मी सुधार होता है
आहार स्टोअर होना मानव मे
अपने बचाव का वरदान था आज शाप बना
जनसंख्या बढती जा राही है
|बिमारी बढती जायेगी
इसलिये स्वस्थ आहार के प्रती
सजग होणा चाहिये
अपने लिये यह महत्व राखती है
हर देशमे यह बीमारी बढ रही है|
इसके सामाजिक आर्थिक आयाम है|
यह कोई अकेलेकी समस्या नही|
वैश्विक सत्र परउसे प्रतिबंध करणा पडेगा|
सभीको अपना भार नियंत्रित रखना होगा|