0:00:01.000,0:00:03.000 मुझे पता है कि आपको क्या लग रहा है। 0:00:03.000,0:00:05.000 आप सोच रहे हैं कि मैं रास्ता भूल गयी हूँ, 0:00:05.000,0:00:07.000 और अभी कोई मंच पर आयेगा और 0:00:07.000,0:00:09.000 मुझे चुपचाप वापस अपनी सीट तक पहुँचा जाएगा। 0:00:09.000,0:00:15.000 (ठहाका) 0:00:15.000,0:00:18.000 दुबई में ये अक्सर मेरे साथ होता है। 0:00:18.000,0:00:20.000 "छुट्टी में आयी हैं?" 0:00:20.000,0:00:22.000 (हँसी) 0:00:22.000,0:00:25.000 "बच्चों से मिलने आयी हैं?" 0:00:25.000,0:00:27.000 "कितने दिन रुकेंगी?" 0:00:27.000,0:00:30.000 असल में, मैं काफ़ी दिन और रुकना चाहती हूँ। 0:00:30.000,0:00:33.000 मैं खाडी में रह रही हूँ और पढा रही हूँ 0:00:33.000,0:00:35.000 करीब पिछले तीस साल से भी ज्यादा से। 0:00:35.000,0:00:39.000 (ठहाका) 0:00:39.000,0:00:43.000 और इतने समय में, मैनें बहुत सारे बदलाव देखे हैं। 0:00:43.000,0:00:45.000 और इसकी संख्या 0:00:45.000,0:00:47.000 काफ़ी चौंकाने वाली है। 0:00:47.000,0:00:49.000 और आज मैं आपसे बात करना चाहती हूँ 0:00:49.000,0:00:51.000 भाषाओं के खोने के बारे में 0:00:51.000,0:00:54.000 और इंग्लिश के सारी दुनिया में फ़ैलने के बारे में। 0:00:54.000,0:00:56.000 मैं आपको अपने एक दोस्त के बारे में बताना चाहती हूँ 0:00:56.000,0:00:59.000 जो कि अबु धाबी में व्यस्कों को इंग्लिश पढाते हैं। 0:00:59.000,0:01:01.000 और एक दिन, 0:01:01.000,0:01:03.000 उन्होंने सोचा कि उन सब को बगीचे में ले जा कर 0:01:03.000,0:01:05.000 प्राकृतिक वस्तुओं के नाम आदि सिखायेंगी। 0:01:05.000,0:01:07.000 मगर असल में उन्हें ही सीखने को मिले 0:01:07.000,0:01:09.000 तमाम अरब शब्द उन सब स्थानीय पौधों के, 0:01:09.000,0:01:11.000 और उनके इस्तेमाल भी -- 0:01:11.000,0:01:14.000 दवाई के रूप में, सौंदर्य प्रसाधन के रूप में, 0:01:14.000,0:01:17.000 खाने में, आदि। 0:01:17.000,0:01:19.000 इन विद्यार्थियों को ये जानकारी कहाँ से मिली थी? 0:01:19.000,0:01:21.000 ज़ाहिर है, अपने दादा-दादी, नाना-नानी से 0:01:21.000,0:01:24.000 और परदादा, परनाना से भी। 0:01:24.000,0:01:27.000 अलग से ये बताना ज़रूरी नहीं कि कितना महत्वपूर्ण है कि 0:01:27.000,0:01:29.000 हम बातचीते करें 0:01:29.000,0:01:31.000 पीढियों के बीच। 0:01:31.000,0:01:33.000 मगर दुखद है कि, आज, 0:01:33.000,0:01:35.000 भाषाओं मर रही हैं 0:01:35.000,0:01:37.000 बहुत तेज़ दर से। 0:01:37.000,0:01:40.000 हर १४ दिन में एक भाषा लुप्त हो जाती है। 0:01:41.000,0:01:43.000 और ठीक वहीं, 0:01:43.000,0:01:45.000 इंग्लिश विश्व-भाषा बन कर उभर रही है। 0:01:45.000,0:01:47.000 क्या ये बातें संबंधित हैं? 0:01:47.000,0:01:49.000 मुझे नहीं पता। 0:01:49.000,0:01:52.000 मगर मैं ये जानती हूँ कि मैनें बहुत सारे बदलाव देखे हैं। 0:01:52.000,0:01:55.000 जब मैं पहली बार खाडी में आई, तो मैं कुवैत गयी 0:01:55.000,0:01:58.000 उन दिनों में जब वहाँ जाना कठिन था। 0:01:58.000,0:02:00.000 असल में, उतनी पुरानी बात नहीं है। 0:02:00.000,0:02:03.000 थोडा ही पहले की बात है। 0:02:03.000,0:02:05.000 मगर फ़िर भी, 0:02:05.000,0:02:07.000 मुझे ब्रिटिश काउंसिल ने नौकरी दी थी 0:02:07.000,0:02:09.000 २५ और अध्यापकों के साथ। 0:02:09.000,0:02:11.000 और हम पहले गैर-इस्लामी लोग थे 0:02:11.000,0:02:14.000 जिन्होने कुवैत के सरकारी स्कूलों में पढाया। 0:02:14.000,0:02:16.000 हमें इंग्लिश पढाने के लिये लाया गया था 0:02:16.000,0:02:20.000 क्योंकि सरकार देश को आधुनिक बनाना चाहती थी 0:02:20.000,0:02:23.000 और नागरिको को क्षमता देना चाहती थी, शिक्षा के ज़रिये। 0:02:23.000,0:02:25.000 और बिलकुल ही, यू.के. ने फ़ायदा उठाया 0:02:25.000,0:02:28.000 तमाम सारे तेल के संसाधनों का। 0:02:28.000,0:02:30.000 ओके। 0:02:30.000,0:02:33.000 और जो बदलाव मैने देखा है वो ये है कि- 0:02:33.000,0:02:35.000 कैसे इंगलिश पढाना 0:02:35.000,0:02:37.000 बदला है 0:02:37.000,0:02:41.000 दोनो ओर को फ़ायदे देने वाली क्रिया से 0:02:41.000,0:02:44.000 इतने बडे वैश्विक व्यापार में, जो आज वो है। 0:02:44.000,0:02:48.000 वो सिर्फ़ स्कूल के कोर्स में पढायी जाने वाली विदेशी भाषा नहीं रह गयी है। 0:02:48.000,0:02:50.000 न ही वो बपौती रह गयी है 0:02:50.000,0:02:52.000 इंग्लैण्ड की। 0:02:52.000,0:02:54.000 वो ऐसी पार्टी बन गयी है जिसमें 0:02:54.000,0:02:57.000 इंग्लिश बोलने वाले हर राष्ट्र को शामिल होना ही है। 0:02:57.000,0:02:59.000 और क्यों न हो? 0:02:59.000,0:03:02.000 आखिरकार, सबसे बढिया शिक्षा -- 0:03:02.000,0:03:05.000 विश्व के विद्यालयों की लिस्ट के हिसाब से --- 0:03:05.000,0:03:07.000 उन विश्वविद्यालयों में -- 0:03:07.000,0:03:11.000 जो कि यू.के. और यू.एस. में हैं। 0:03:11.000,0:03:15.000 तो हर कोई इंग्लिश की पढाई करना चाहता है, ज़ाहिर तौर पर। 0:03:15.000,0:03:17.000 मगर यदि आप इंगलिश के मूल-वक्ता नहीं हैं, 0:03:17.000,0:03:19.000 तो आपको एक परीक्षा देनी होती है। 0:03:19.000,0:03:21.000 क्या यह सही हो सकता है कि 0:03:21.000,0:03:23.000 कि किसी विद्यार्थी को इसलिये दाखिला न मिले 0:03:23.000,0:03:25.000 कि उसकी भाषा पर पकड ठीक नही है? 0:03:25.000,0:03:27.000 शायद कोई ऐसा कम्प्यूटर वैज्ञानिक हो 0:03:27.000,0:03:29.000 जो जीनियास हो। 0:03:29.000,0:03:32.000 क्या उसे भाषा-कौशल की उतनी ही ज़रूरत पडेगी, जितनी कि, एक वकील को? 0:03:32.000,0:03:35.000 देखिये, मुझे तो ऐसा नहीं लगता। 0:03:36.000,0:03:39.000 हम इंग्लिश के अध्यापक अक्सर ऐसे लोगों को हटा देते हैं। 0:03:39.000,0:03:41.000 उनके सामने रुको का साइन-बोर्ड लगा कर, 0:03:41.000,0:03:43.000 और उन्हें हम उनके रास्ते में ही रोक देते हैं। 0:03:43.000,0:03:45.000 वो अपने सपनों को साकार नहीं कर सकते, 0:03:45.000,0:03:48.000 जब तक कि वो इंग्लिश न सीख लें। 0:03:49.000,0:03:52.000 चलिये, दूसरी तरह से कहती हूँ, 0:03:52.000,0:03:56.000 अगर मुझे सिर्फ़ एक भाषा बोलने वाल डच व्यक्ति मिले, 0:03:56.000,0:03:58.000 जिसके पास कैंसर का इलाज है, 0:03:58.000,0:04:01.000 तो क्या मैं उसे ब्रिटिश विश्वविद्यालय में आने से रोकूँगी? 0:04:01.000,0:04:03.000 मैं तो बिलकुल भी नहीं रोकूँगी। 0:04:03.000,0:04:06.000 मगर सच मे, हम बिलकुल यही कर रहे हैं। 0:04:06.000,0:04:09.000 हम इंग्लिश अध्यापक वो चौकीदर हैं। 0:04:09.000,0:04:12.000 और पहली आपको हमें संतुष्ट करना होगा 0:04:12.000,0:04:15.000 कि आपकी अंग्रेजी ठीक-ठाक है। 0:04:16.000,0:04:18.000 ये बहुत खतरनाक हो सकता है 0:04:18.000,0:04:21.000 कि हम बहुत ज्यादा ताकत दे दें 0:04:21.000,0:04:23.000 समाज के एक छोटे से हिस्से को। 0:04:23.000,0:04:26.000 शायद ये रुकावट सारे विश्व में फ़ैल जाये। 0:04:26.000,0:04:28.000 है न? 0:04:28.000,0:04:31.000 मगर, आप कहेंगे, 0:04:31.000,0:04:33.000 कि "शोध के बारे में मेरी क्या राय है? 0:04:33.000,0:04:35.000 वो तो पूरा ही अंग्रेजी में है।" 0:04:35.000,0:04:37.000 तो सारी किताबें इंग्लिश में हैं, 0:04:37.000,0:04:39.000 सारे जर्नल इंग्लिश में हैं, 0:04:39.000,0:04:42.000 मगर ये खुद को ही स्थापित करते जाने वाली बात है। 0:04:42.000,0:04:44.000 ये तर्क और भी ज्यादा अंग्रेजी जानने को बढावा देता है। 0:04:44.000,0:04:46.000 और ये इसी तरह बढता जाता है। 0:04:46.000,0:04:49.000 मैं आपसे पूछती हूँ, अनुवाद का क्या हुआ? 0:04:49.000,0:04:53.000 अगर आप इस्लाम के स्वर्ण काल के बारे में सोचें, 0:04:53.000,0:04:56.000 तो आप पायेंगे कि तब बहुत अनुवाद होता था। 0:04:56.000,0:04:59.000 वो लेटिन और ग्रीक से अनुवाद करते थे, 0:04:59.000,0:05:01.000 अरबी मे, फ़ारसी में, 0:05:01.000,0:05:03.000 और फ़िर वहाँ से आगे, 0:05:03.000,0:05:05.000 यूरोप की जर्मन मूल की भाषाओं मे, 0:05:05.000,0:05:07.000 और रोमन भाषाओं में। 0:05:07.000,0:05:11.000 और इस तरह से ही यूरोप का अँधकार-युग ख्त्म हुआ। 0:05:12.000,0:05:14.000 देखिये, मुझे गलत मत समझिये; 0:05:14.000,0:05:16.000 मैं इंग्लिश पठन-पाठन के ख़िलाफ़ नहीं हूँ, 0:05:16.000,0:05:18.000 अँग्रेज़ी अध्यापक ध्यान दें। 0:05:18.000,0:05:20.000 मुझे ये बात बहुत अच्छी लगती है हमारे पास एक वैश्विक भाषा है। 0:05:20.000,0:05:23.000 आज हमें ऐसी वैश्विक भाषा की ज़रूरत है। 0:05:23.000,0:05:25.000 मगर मैं उसके 0:05:25.000,0:05:27.000 रुकावट के रूप में विकसित होने के ख़िलाफ़ हूँ। 0:05:27.000,0:05:30.000 क्या हम सच में चाहते हैं कि केवल ६०० भाषाएँ हों 0:05:30.000,0:05:33.000 और मुख्य भाषा इंग्लिश हो, या चीनी हो? 0:05:33.000,0:05:36.000 हमें उस से ज्यादा चाहिये। हम कहाँ पर लाइन खींचें? 0:05:36.000,0:05:38.000 आज का सिस्टम 0:05:38.000,0:05:41.000 बुद्धिमत्ता को 0:05:41.000,0:05:44.000 इंगलिश की जानकारी से कनफ़्यूज़ करता है, 0:05:44.000,0:05:46.000 जो कि बिल्कुल ही गलत है। 0:05:46.000,0:05:52.000 (अभिवादन) 0:05:52.000,0:05:54.000 और मैं आपको याद दिलाना चाहती हूँ 0:05:54.000,0:05:57.000 कि उन महान हस्तियों को, जिनके कंधों 0:05:57.000,0:05:59.000 पर आज के ज्ञान और बुद्धि टिकी है, 0:05:59.000,0:06:01.000 इंगलिश नहीं पढनी पडती थी, 0:06:01.000,0:06:03.000 न हि उन्हें इंग्लिश की कोई परीक्षा पास करनी होती थी। 0:06:03.000,0:06:06.000 मिसाल के तौर पर, आइंस्टाइन। 0:06:07.000,0:06:10.000 और उन्हें तो स्कूल में बुद्धू समझा जाता था 0:06:10.000,0:06:12.000 क्योंकि असल में, वो डिस्लेक्सिक थे। 0:06:12.000,0:06:14.000 मगर ये संसार का सौभाग्य ही था, 0:06:14.000,0:06:17.000 कि उन्हें अँग्रेज़ी की परीक्षा नहीं देनी पडी। 0:06:17.000,0:06:20.000 क्योंकि सन १९६४ तक 0:06:20.000,0:06:22.000 टोफ़ेल (TOEFL) परीक्षा की शुरुवात ही नहीं हुई थी, 0:06:22.000,0:06:24.000 जो कि अमरीकी परीक्षा है अंग्रेज़ी की। 0:06:24.000,0:06:26.000 और अब तो उसके बिना कुछ होता ही न। 0:06:26.000,0:06:29.000 इंग्लिश-कौशल मापने के आज तमाम तरीके हैं 0:06:29.000,0:06:31.000 और कई लाख विद्यार्थी उनमें शरीक हो रहे है, 0:06:31.000,0:06:33.000 साल दर साल। 0:06:33.000,0:06:35.000 और आपको और मुझे लग सकता है, 0:06:35.000,0:06:37.000 कि उनमें लगने वाली फ़ीस, ठीक ही है, बहुत महँगी नहीं,. 0:06:37.000,0:06:39.000 मगर वो रुकावट पैदा करती है 0:06:39.000,0:06:41.000 करोंडों गरीब लोगों की राह में। 0:06:41.000,0:06:43.000 तो इसलिये, उन्हें तो हम बिना परीक्षा के ही भगा दे रहे हैं। 0:06:43.000,0:06:46.000 (अभिवादन) 0:06:46.000,0:06:49.000 मुझे एक खबर याद आ रही है, हाल ही की: 0:06:49.000,0:06:51.000 शिक्षा: विभाजन का ज़रिया 0:06:51.000,0:06:53.000 अब मुझे समझ आया है। 0:06:53.000,0:06:56.000 मैं समझती हूँ कि क्यों लोग इंग्लिश पर इतना ध्यान देते हैं 0:06:56.000,0:06:59.000 वो अपने बच्चों को सफ़लता प्राप्त करने लायक बनाना चाहते हैं। 0:07:00.000,0:07:03.000 और वो करने के लिये, उन्हें पाशचात्य शिक्षा की आवश्यकता है। 0:07:03.000,0:07:05.000 क्योंकि, ज़ाहिर है, सबसे अच्छी नौकरियाँ 0:07:05.000,0:07:08.000 उन्हीं को मिलती हैं जो पश्चिमी विश्वविद्यालयॊं में पढ्ते है, 0:07:08.000,0:07:10.000 जैसा मैने पहले कहा था। 0:07:10.000,0:07:12.000 ये एक घुमावदार मृग-मरीचिका है । 0:07:12.000,0:07:14.000 ठीक है? 0:07:14.000,0:07:16.000 चलिये मैं आपको दो वैज्ञानिकों की कहानी सुनाती हूँ, 0:07:16.000,0:07:18.000 दो इंग्लिश वैज्ञानिकों की।\ 0:07:18.000,0:07:20.000 वो एक प्रयोग कर रहे थे 0:07:20.000,0:07:22.000 जैनेटिक्स पर, 0:07:22.000,0:07:25.000 जानवरो के अगले पाँवों और पिछले पाँवो पर आधारित। 0:07:25.000,0:07:27.000 मगर उन्हें वो निष्कर्श नहीं मिल रहे थे जो वो चाहते थे। 0:07:27.000,0:07:29.000 उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि वो आखिर क्या करें, 0:07:29.000,0:07:32.000 जब तक कि एक जर्मन साइंसदान नही आया, 0:07:32.000,0:07:35.000 जिसने ये देखा कि वो लोग दो अलग अलग शब्दों से 0:07:35.000,0:07:37.000 अगले और पिछले पाँवो के बारे में बात कर रह थे. 0:07:37.000,0:07:41.000 जबकि जैनेटिक्स को पाँवो के अगले या पिछले होने से फ़र्क नहीं पडता, 0:07:41.000,0:07:43.000 और न ही जर्मन भाषा को। 0:07:43.000,0:07:45.000 बस धडाके से 0:07:45.000,0:07:47.000 समस्या हल हो गयी। 0:07:47.000,0:07:49.000 यदि आप कोई विचार सोच नहीं पायेंगे, 0:07:49.000,0:07:52.000 तो आप अटक जायेंगे। 0:07:52.000,0:07:54.000 मगर यदि दूसरी भाषा वो विचार सोच सके, 0:07:54.000,0:07:56.000 तो साझेदारी से 0:07:56.000,0:07:59.000 बहुत कुछ पाया जा सकता है, और सीखा जा सकता है। 0:08:01.000,0:08:03.000 मेरी बेटी, 0:08:03.000,0:08:06.000 इंगलैंड से कुवैत यी थी। 0:08:06.000,0:08:09.000 उसने विज्ञान और गणित अरबी भाषा में सीखा है। 0:08:09.000,0:08:12.000 एक अरबी विद्यालय में। 0:08:12.000,0:08:15.000 और उसे उस ज्ञान को अंग्रेजी में अनुवादित करना पडा अपने व्याकरण विद्यालय में। 0:08:15.000,0:08:17.000 और वो कक्षा में अव्वल थी 0:08:17.000,0:08:19.000 इन विषयों में। 0:08:19.000,0:08:21.000 जिस से ये पता चलता है कि 0:08:21.000,0:08:23.000 जब विद्यार्थी विदेश से हमारे पास आता है, 0:08:23.000,0:08:25.000 हम शायद उनके ज्ञान को 0:08:25.000,0:08:27.000 यथोचित सम्मान नहीं दे रहे है, 0:08:27.000,0:08:30.000 और उन्हें ज्ञान अपनी भाषा में होता है। 0:08:30.000,0:08:32.000 जब एक भाषा की मृत्यु होती है, 0:08:32.000,0:08:35.000 हमें नहीं पता चलता है कि उस भाषा के साथ हम क्या खो रहे हैं। 0:08:35.000,0:08:39.000 पता नहीं आपने सी.एन.एन पर देखा या नहीं -- 0:08:39.000,0:08:41.000 वो हीरो पुरस्कार देते हैं- 0:08:41.000,0:08:44.000 एक कीन्या के चरवाहे लडके को 0:08:44.000,0:08:47.000 जो कि अपने गाँव में रात को पढ नही पाता था, 0:08:47.000,0:08:49.000 क्यों तमाम और बच्चों की तरह ही 0:08:49.000,0:08:51.000 उसका मिट्टी तेल का दिया, 0:08:51.000,0:08:53.000 धुँआ करता था, और आँखें खराब करता थी। 0:08:53.000,0:08:56.000 और ऐसे भी, उस के पास पर्याप्त तेल नहीं होता थी, 0:08:56.000,0:08:59.000 क्योंकि एक डालर प्रतिदिन में आप क्या क्या खरीद सकते हैं? 0:08:59.000,0:09:01.000 तो उसने अविष्कार किया 0:09:01.000,0:09:04.000 एक मुफ़्त सौर-लालटेन का। 0:09:04.000,0:09:06.000 और अब, उसके गाँव के बच्चे, 0:09:06.000,0:09:08.000 वही नंबर लाते है, जो कि वो बच्चे 0:09:08.000,0:09:12.000 जिनके घरों में बिजली है। 0:09:12.000,0:09:18.000 (अभिवादन) 0:09:18.000,0:09:20.000 जब उसे वो पुरस्कार मिला, 0:09:20.000,0:09:22.000 उसने ये प्यारे शब्द कहे: 0:09:22.000,0:09:25.000 "बच्चे अफ़्रीक को बदल सकते हैं - 0:09:25.000,0:09:27.000 एक अंधकार-युक्त महाद्वीप से, 0:09:27.000,0:09:29.000 एक रोशनी भरे महाद्वीप में" 0:09:29.000,0:09:31.000 एक छोटा सा आयडिया, 0:09:31.000,0:09:34.000 मगर उसके कितने बडा असर हो सकता है। 0:09:35.000,0:09:37.000 जिन लोगों के पास रोशनी नहीं है, 0:09:37.000,0:09:40.000 चाहे दिये की या फ़िर ज्ञान की, 0:09:40.000,0:09:43.000 वो हमारे अंग्रेजी की परीक्षाओं को पास नहीं कर सकते हैं, 0:09:43.000,0:09:46.000 और हमें कभी पता नहीं लगेगा कि उनके पास क्या ज्ञान है। 0:09:46.000,0:09:49.000 आइये उन्हें और स्वयं को 0:09:49.000,0:09:51.000 अँधकार से निकालें। 0:09:51.000,0:09:54.000 विविधता का सम्मान करें। 0:09:54.000,0:09:57.000 अपनी जुबान पर काबू करें। 0:09:57.000,0:10:01.000 उसे महान विचारों को फ़ैलाने में इस्तेमाल करें। 0:10:01.000,0:10:08.000 (अभिवादन) 0:10:08.000,0:10:10.000 धन्यवाद। 0:10:10.000,0:10:13.000 (अभिवादन)