मैं इस वीडियो में दो पदार्थों के मांग वक्र के बारे में सोचना चाहता हूँ तो यह कोई लैपटॉप है, जो किसी बाजार में है। और यह , मान लीजिये , सबसे सस्ती कार है जो बाजार में है। यह वास्तव में १९८५ का दृश्य है, जब यह सबसे सस्ती कार थी। तो आओ हम उनके काल्पनिक मांग वक्रों के बारे में सोचें। तो एक बार फिर, लंबवत अक्ष , पर हम कीमत दर्शाएंगे , और क्षेतिज अक्ष पर मांग की मात्रा । और फिर यहां मुझे फिर से करने दो। तो यह है कीमत, और ठीक यहां मात्रा। और दोनों मांग के नियम को संतुष्ट करते हैं। यदि कीमत सच में अधिक है , तो लैपटॉप की मांग बहुत कम होगी। और शायद ऐसा ही हो,ठीक वहाँ यदि कीमत कम हो, तो लैपटॉप की मांग बहुत ज्यादा होगी। तो मांग वक्र कुछ ऐसा दिखेगा। और यह ज़रूरी नहीं की वक्र हो, या एक रेखा हो , वक्र या उसके जैसा कुछ भी हो सकता है। तो लैपटॉप की यह प्रचलित मांग है अन्य बातें सामान रहने पर। तो हम उन तत्वों को बदलने की बात नहीं कर रहे जैसा की हम पीछे के कुछ वीडियोस में कर रहे थे। अब हम एक ऐसा ही मांग वक्र बना सकते हैं इस सस्ती गाडी के लिए। यदि कीमत अधिक है, तो बहुत कम लोग इसे खरीदेंगे। और मैं यह नहीं बताऊंगा की कीमत क्या है। परन्तु यह एक आम विचार है यदि कीमत अधिक है , तो कम लोग उसको खरीदना चाहेंगे। यदि कीमत कम है, तो ज़्यादा लोग उसको खरीदना चाहेंगे। तो इस मांग वक्र का भी वही आकार होगा , बायीं और ऊपर से नीचे दायीं तरफ , यह मांग के नियम को संतुष्ट करता है। एक बार फिर, यह प्रचलित मांग है। आओ अब सोचें , आय में होने वाले परिवर्तन के द्वारा , , इन पदार्थों की मांग कैसे बदलेगी। तो हम इस वीडियो के लिए आय तत्व, आय प्रभाव पर ध्यान देंगे। और देखेंगे की इन दोनों पदार्थों की मांग कैसे बदलती हैं। तो हम मान लेते हैं साधारण जनसँख्या की आय में वृद्धि होती है। तो लैपटॉप जैसी किसी वस्तु के लिए,वाह, यदि ज़्यादा लोग ज़्यादा पैसे कमाते हैं , ख़ास कर वास्तविक रूप में उनके पास अधिक पैसा होता है खर्च करने के लिए, किसी कीमत बिंदु के लिए। किसी कीमत बिंदु पर पदार्थ की मात्रा की अधिक मांग की जाएगी। किसी दिए हुए कीमत बिंदु पर, अधिक मांग की मात्रा। और ,इसलिए, यदि आय में वृद्धि होती है,इस लैपटॉप के लिए, उसकी मांग में वृद्धि होगी। मांग की वृद्धि दिखने के लिए पूरा वक्र दायीं तरफ खिसका दिया जायेगा। तो ठीक यहां मांग में वृद्धि हुई, मांग बढ़ी जब आय में वृद्धि हुई। यह एक दम ठीक बात है,. और यदि आय में कमी हो जाती , मांग भी कम हो जाती क्यूंकि लोगों के पास कम पैसे होते, लैपटॉप जैसी वस्तु खरीदने के लिए. अधिकतर पदार्थों की ऐसी स्थिति होती है , हम ऐसे पदार्थों को सामान्य पदार्थ कहते हैं जब आय में वृद्धि होती है,मांग बढ़ जाती है, पूरा मांग वक्र दायीं तत्रफ् खिसक जाता है। आय में कमी होती है, मांग कम हो जाती है , पूरा वक्र बायीं तरफ खिसक जाता है। यह एक सामान्य पदार्थ है। तो यह यहां पर एक सामान्य पदार्थ है। आओ अब सोचें, बाजार में सबसे सस्ती कार के साथ कया होता है। और हम मानते हैं की हम एक विकसित देश में हैं। जहां हर व्यक्ति के पास किसी न किसी किस्म की कोई कार है। अब क्या होगा, जब आय में वृद्धि होती है ? तो,लोगों के पास ज़्यादा पैसा आ जाता है , पर क्या वह यह पैसा खर्चेंगे बाजार में सबसे सस्ती कार खरीदने के लिए ? अधिकतर स्थितियों में, यदि साधारणतया आय बढ़ती है , लोग कहते हैं, की मेरे पास कुछ अधिक पैसा है, तो क्यों न मैं इस से बेहतर कार खरीदूं। तो, और शायद इस स्थिति में खास कर, जो व्यक्ति किसी भी कीमत बिंदु पर इस कार को खरीदना चाहते थे। अब इस कीमत बिंदु पर वह लोग कहेंगे , रुको!मैं एक बेहतर कार खरीद सकता हूँ। मैं क्यों खरींदूं यह , यह सुरक्षित नहीं है , शायद और कारों जैसी सुरक्षित नहीं, और मैं अपने दोस्तों को प्रभावित करना चाहता हूँ, उच्च विद्यालय से और सब कुछ , तो इस कार के लिए कुछ बहुत आश्चर्य जनक होगा। इस कार की मांग , वह वास्तव में कम हो जाएगी , तो पूरा वक्र बायीं तरफ खिसक जायेगा। तो आय इस पदार्थ के लिए एक विचित्र तत्व है , क्यंकि आय बढ़ते ही,शायद लोग कहें , अरे तुम्हे पता है क्या , मैं इस वस्तु के व्यापर से बाहर निकल जाता हूँ , मैं बल्कि एक ऐसा पदार्थ लेता हूँ , जो इस पदार्थ की अधिक मात्रा लेने से बेहतर हो। मांग गिर गयी , और ऐसे पदार्थों को हम असामान्य पदार्थ कहते हैं। और साधारण शब्दों में असामान्य पदार्थ वे पदार्थ हैं जिनको लोग खरीदना नहीं चाहेंगे ,यदि उनके पास अधिक पैसा हो। मेरा विचार है की वह कम असामान्य पदार्थों को खरीदना चाहेंगे। या अन्य शब्दों में यदि आय में कमी हो जाती है और अधिक लोग बजट में बंध जाते हैं, और वह मर्सेडेस बेंज यi, BMW या मध्यम आकiर की सेडान भी नहीं खरीद सकते, तो यदि आय कम हो जाती है लोगों को तंगी महसूस होती है ज़्यादा लोग इस कार की मांग करेंगे ज़्यादा लोग इसके व्यापार करेंगे, क्यूंकि वह तंगी में हैं , वह अपना खर्च कम करना चाहते हैं , तो आपके पास यह विचित्र स्थिति होगी , जहां आय के कम होने पर इस वस्तु की मांग बढ़ेगी। तो आय के कम होने पर मांग बढ़ जाती है। याद रखिये,हम मांग की बात कर रहे हैं, हम पूरे वक्र की खिसकने की बात कर रहे हैं। किसी भी दिए हुए कीमत बिंदु पर, मांग की मात्रा बढ़ जाएगी। क्यूंकि यह बाजार में सबसे सस्ती कार है , या हम ऐसा मान रहे हैं। तो और इसी प्रकार यदि सामान्य वस्तु के लिए आय कम हो जाती , वो वैसा ही करेगा जैसी आपकी उम्मीद है , मांग कम हो जाएगी तो, यह, एक असामान्य पदार्थ सामान्य पदार्थ का बिलकुल उल्टा करता है जब हम आय प्रभाव की बात करते हैं। असामान्य पदार्थ उल्टा करेगा क्यूंकि लोग उसके व्यापर से बाहर निकलना चाहते है जब उनकी आय बढ़ती है या वह उसको नहीं खरीदना चाहते या वह कुछ बेहतर खरीदना चाहते हैं। और जब उनकी आय गिर जाती है तब वह कहेंगे , मुझे यह वस्तु खरीदनी है , तो,आपको पता है ,मुझे ऐसा करने दीजिये।