किसी पर चीज बराबर ध्यान देना:
यह आसान नहीं है, है ना?
क्योंकि हमारा ध्यान
बहुत दिशाओं में जाता है
यदि आप अपना ध्यान केंद्रित रख पाएं
तो यह बहुत बढ़िया है l
बहुत से लोगो को लगता है कि अवधान सिर्फ
ध्यान केंद्रित करने के बारे में है
अवधान का सम्बन्ध इससे भी है
कि हमारा मस्तिष्क
क्या फ़िल्टर करने की कोशिश कर रहा है l
दो तरीकों से आप
अपना ध्यान निर्देशित करते हैं
सबसे पहले, अपरोक्ष ध्यान से l
इसमें आप अपनी आँखें
एक वस्तु पर ले जाते हैं l
उस वस्तु पर ध्यान देने के लिए l
दूसरे प्रकार का ध्यान, गुप्त ध्यान है।
गुप्त ध्यान में,
आप एक वस्तु पर ध्यान देते हैं,
अपनी आँखों को हिलाये बिना l
गाड़ी चलाने के बारे में सोचें l
आपका अपरोक्ष ध्यान, आपकी आँखों की दिशा,
सामने की तरफ हैं,
लेकिन यह आपका गुप्त ध्यान है
जो लगातार
आपके क्षेत्र का क्रमवीक्षण कर रहा है,
पर आप वास्तव में उन पर नहीं देखते हैं l
मैं कम्प्यूटेशनल तंत्रिकावैज्ञानिक हूं,
संज्ञानात्मक मस्तिष्क-मशीन जुड़ाव पर
काम करता हूं,
या मस्तिष्क और कंप्यूटर को एक साथ लाता हूँ
मुझे मस्तिष्क के प्रतिमान से प्यार है l
मस्तिष्क के प्रतिमान
हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं
क्योंकि उस आधार पर
कंप्यूटर नमूना बनाते है,
और इन नमूनों पर आधारित
कंप्यूटर बता सकते हैं कि
हमारा दिमाग कैसे काम कर रहा है l
और अगर यह अच्छे से काम नहीं करता,
तो कंप्यूटरों की सहायता ली जा सकती है
चिकित्सा के लिए l
लेकिन उसका भी कुछ मतलब है
क्योंकि गलत प्रतिरूप चुनने पर,
हमें गलत नमूना मिलेगा l
और इसलिए गलत उपचार होंगे l
है ना ?
ध्यान के मामले में,
तथ्य यह कि
हम केवल अपनी आंखों से ध्यान नहीं बदलते,
बल्कि हमारी सोच से भी --
और इसलिए गुप्त ध्यान
कंप्यूटर के लिए एक दिलचस्प नमूना है
मस्तिषक-तरंग प्रतिरूप कैसा होता है,
जब आप खुलकर या गुप्त रूप से देखते हैं l
मैंने इसके लिए एक प्रयोग किया l
इस प्रयोग में दो झिलमिलाते वर्ग हैं,
उनमें से एक धीमी गति से झिलमिला रहा है l
जिस झिलमिलाहट पर आप ध्यान देंगे,
आपके मस्तिष्क के कुछ भाग उसी
झिलमिलाहट के दर में गूंजेगे l
तो मस्तिष्क के संकेतों का विश्लेषण करके,
हम पता कर सकते हैं कि आप कहाँ देख रहे हैं
या आप कहाँ ध्यान दे रहे हैं।
अपरोक्ष ध्यान देते हुए
दिमाग में क्या होता है?
मैंने लोगों को एक वर्ग में सीधे देखने और
उसपर ध्यान देने को कहा ।
आश्चर्य की बात नहीं, के इस मामले में
हमने देखा कि ये झिलमिलाते वर्ग
उनके दिमाग के संकेत में दिखाई देते हैं
जो उनके सिर के उस पिछले भाग से आ रहा था,
जो आपकी दृश्य सूचना के लिए जिम्मेदार है l
लेकिन मेरी दिलचस्पी यह जानने में थी कि
गुप्त ध्यान के वक्त
आपके दिमाग में क्या होता है?
तो मैंने लोगों से
स्क्रीन के बीच में देखने कहा,
बिना उनकी आखें हिलाते हुए,
इन वर्गों में से एक पर ध्यान देने के लिए l
जब हमने ऐसा किया,
दोनों झिलमिलाहट दर
दिमाग के संकेत में दिखी,
लेकिन दिलचस्प यह है कि,
उनमें से केवल एक,
जिस पर ध्यान दिया गया था,
उसके संकेत मजबूत थे l
तो मस्तिष्क में कोई चीज़ थी
जो इस जानकारी को संभाल रहा थी ,
और वह थी मस्तिष्क के
ललाट क्षेत्र की सक्रियता
हमारे मस्तिष्क के आगे का
हिस्सा जिम्मेदार है
मानवरूप में
उच्च संज्ञानात्मक कार्यों के लिए l
ललाट भाग एक छन्नी के रूप में काम करता है
जो जानकारी को उसी झिलमिलाहट से आने देता है
जिसपर आप पर ध्यान दे रहे हैं
और अनदेखी वस्तु की जानकारी को
बाधित करता है।
दिमाग की छानने की क्षमता
ध्यान के लिए ज़रूरी है
जो कुछ लोगों में अनुपस्थित होती है,
उदाहरण के लिए एडीएचडी वाले लोगों में
जो ध्यान-भंग वाले विचारों को
बाधित नहीं कर पाते,
इसलिए वे एक ही कार्य में
ध्यान नही लगा पाते
पर सोचिये अगर यह व्यक्ति
विशिष्ट कंप्यूटर खेल के द्वारा,
जिसमें उसका मस्तिष्क कंप्यूटर से जुड़ा हो,
अपने दिमाग को प्रशिक्षित कर सके
इन विचारों को बाधित करने के लिए l
एडीएचडी सिर्फ एक उदाहरण है।
हम इन
संज्ञानात्मक मस्तिष्क-मशीन जुड़ाव का उपयोग
कई अन्य संज्ञानात्मक क्षेत्रों में
कर सकते हैं
कुछ साल पहले की ही बात है
मेरे दादाजी को मस्तिष्क-आघात हुआ था
वो फिर कभी बोल नहीं पाए
वह बात समझ पाते थे पर जवाब नही दे पाते थे
लिखित में भी नहीं, क्योंकि वह अशिक्षित थे
तो चुप्पी में ही उनका निधन हो गया l
मुझे याद है कि मैं उस समय सोचता था कि
कैसा होता अगर हमारे पास एक कंप्यूटर होता
जो उनके लिए बात कर सकता?
अब, सालों बाद
जब मैं इस क्षेत्र में काम कर रहा हूं,
मैं देखता हूं कि यह संभव हो सकता है।
सोचिए अगर
हम मस्तिषक-तरंग का प्रतिरूप पा सकें,
जब लोग छवियों,
पत्रों के बारे में सोचते हैं,
जैसे अक्षर 'अ' का मस्तिषक-तरंग प्रतिरूप,
अक्षर 'प' से अलग होता है
क्या एक दिन कंप्यूटर मूक लोगों के लिए
बोल सकेगा?
क्या होगा यदि कोई कंप्यूटर
हमें अचेत व्यक्ति के विचारों को
समझने में मदद करेगा ?
हम वहाँ अभी तक नहीं पहुँचे हैं,
लेकिन करीब से ध्यान देने पर,
हम जल्द ही वहां होंगे l
धन्यवाद।
(तालियां)